जम्मू, 7 अगस्त (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर के पुंछ सेक्टर में पुलिस और सेना के संयुक्त अभियान में मारे गए आतंकवादी की पहचान आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के स्वघोषित डिवीजनल कमांडर के रूप में की गई है। सुरक्षाबलों ने आतंकी उस समय मार गिया था जब उसने घुसपैठ की कोशिश की थी। एक रक्षा प्रवक्ता ने सोमवार को यह जानकारी दी।
पुलिस रिकॉर्ड के आधार पर मारे गए आतंकी की पहचान पुंछ के बाग्यलादरा निवासी मुनीर हुसैन के रूप में हुई है। वह एक खूंखार आतंकवादी और हिजबुल मुजाहिदीन डिवीजन कमांडर था।
रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल सुनील बर्तवाल ने कहा कि 1993 में वह पीओके गया, 1996 में वापस आए और 1998 में फिर पीओके लौट गया था। उसने सुरक्षाबलों पर कई हमलों की साजिश रची थी। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, दो पत्नियों और बच्चों वाला उसका परिवार पुंछ के सुरनकोट में रहता है।
मुनीर हुसैन मौलाना दाऊद कश्मीर (टीयूजे) का करीबी सहयोगी था, जो सैयद सलाउद्दीन (एचएम) का करीबी सहयोगी है। रक्षा प्रवक्ता ने कहा कि हाल ही में इस्लामाबाद में हिजबुल मुजाहिदीन (एचएम) की एक उच्च स्तरीय बैठक हुई जिसमें उसने भाग लिया था। बैठक का एजेंडा राजौरी और पुंछ में आतंकी संगठन को पुनर्जीवित करना था।
रक्षा प्रवक्ता ने आगे कहा कि मुनीर हुसैन एचएम का सबसे वरिष्ठ नेता था और पिछले 10 वर्षों में राजौरी और पुंछ में मारा गया सबसे खतरनाक आतंकवादी था।
यह स्पष्ट है कि पाकिस्तान युवाओं को प्रेरित करने और भर्ती करने के लिए जम्मू-कश्मीर में पुराने आतंकियों को भेजने की कोशिश कर रहा है। वह इस तरह आतंकवाद को पुनर्जीवित करने के लिए बेताब प्रयास कर रहा है।
इससे पहले सेना ने कहा था कि 6/7 अगस्त की तड़के भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस के संयुक्त अभियान में संयुक्त टीमों ने घुसपैठ कर रहे दो आतंकवादियों को मार गिराया था।
एक आतंकवादी तुरंत गिर गया, दूसरे आतंकवादी ने एलओसी पर वापस भागने की कोशिश की और एलओसी के पास गिरते हुए देखा गया।
–आईएएनएस
एफजेड/एबीएम
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जम्मू, 7 अगस्त (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर के पुंछ सेक्टर में पुलिस और सेना के संयुक्त अभियान में मारे गए आतंकवादी की पहचान आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के स्वघोषित डिवीजनल कमांडर के रूप में की गई है। सुरक्षाबलों ने आतंकी उस समय मार गिया था जब उसने घुसपैठ की कोशिश की थी। एक रक्षा प्रवक्ता ने सोमवार को यह जानकारी दी।
पुलिस रिकॉर्ड के आधार पर मारे गए आतंकी की पहचान पुंछ के बाग्यलादरा निवासी मुनीर हुसैन के रूप में हुई है। वह एक खूंखार आतंकवादी और हिजबुल मुजाहिदीन डिवीजन कमांडर था।
रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल सुनील बर्तवाल ने कहा कि 1993 में वह पीओके गया, 1996 में वापस आए और 1998 में फिर पीओके लौट गया था। उसने सुरक्षाबलों पर कई हमलों की साजिश रची थी। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, दो पत्नियों और बच्चों वाला उसका परिवार पुंछ के सुरनकोट में रहता है।
मुनीर हुसैन मौलाना दाऊद कश्मीर (टीयूजे) का करीबी सहयोगी था, जो सैयद सलाउद्दीन (एचएम) का करीबी सहयोगी है। रक्षा प्रवक्ता ने कहा कि हाल ही में इस्लामाबाद में हिजबुल मुजाहिदीन (एचएम) की एक उच्च स्तरीय बैठक हुई जिसमें उसने भाग लिया था। बैठक का एजेंडा राजौरी और पुंछ में आतंकी संगठन को पुनर्जीवित करना था।
रक्षा प्रवक्ता ने आगे कहा कि मुनीर हुसैन एचएम का सबसे वरिष्ठ नेता था और पिछले 10 वर्षों में राजौरी और पुंछ में मारा गया सबसे खतरनाक आतंकवादी था।
यह स्पष्ट है कि पाकिस्तान युवाओं को प्रेरित करने और भर्ती करने के लिए जम्मू-कश्मीर में पुराने आतंकियों को भेजने की कोशिश कर रहा है। वह इस तरह आतंकवाद को पुनर्जीवित करने के लिए बेताब प्रयास कर रहा है।
इससे पहले सेना ने कहा था कि 6/7 अगस्त की तड़के भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस के संयुक्त अभियान में संयुक्त टीमों ने घुसपैठ कर रहे दो आतंकवादियों को मार गिराया था।
एक आतंकवादी तुरंत गिर गया, दूसरे आतंकवादी ने एलओसी पर वापस भागने की कोशिश की और एलओसी के पास गिरते हुए देखा गया।
–आईएएनएस
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जम्मू, 7 अगस्त (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर के पुंछ सेक्टर में पुलिस और सेना के संयुक्त अभियान में मारे गए आतंकवादी की पहचान आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के स्वघोषित डिवीजनल कमांडर के रूप में की गई है। सुरक्षाबलों ने आतंकी उस समय मार गिया था जब उसने घुसपैठ की कोशिश की थी। एक रक्षा प्रवक्ता ने सोमवार को यह जानकारी दी।
पुलिस रिकॉर्ड के आधार पर मारे गए आतंकी की पहचान पुंछ के बाग्यलादरा निवासी मुनीर हुसैन के रूप में हुई है। वह एक खूंखार आतंकवादी और हिजबुल मुजाहिदीन डिवीजन कमांडर था।
रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल सुनील बर्तवाल ने कहा कि 1993 में वह पीओके गया, 1996 में वापस आए और 1998 में फिर पीओके लौट गया था। उसने सुरक्षाबलों पर कई हमलों की साजिश रची थी। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, दो पत्नियों और बच्चों वाला उसका परिवार पुंछ के सुरनकोट में रहता है।
मुनीर हुसैन मौलाना दाऊद कश्मीर (टीयूजे) का करीबी सहयोगी था, जो सैयद सलाउद्दीन (एचएम) का करीबी सहयोगी है। रक्षा प्रवक्ता ने कहा कि हाल ही में इस्लामाबाद में हिजबुल मुजाहिदीन (एचएम) की एक उच्च स्तरीय बैठक हुई जिसमें उसने भाग लिया था। बैठक का एजेंडा राजौरी और पुंछ में आतंकी संगठन को पुनर्जीवित करना था।
रक्षा प्रवक्ता ने आगे कहा कि मुनीर हुसैन एचएम का सबसे वरिष्ठ नेता था और पिछले 10 वर्षों में राजौरी और पुंछ में मारा गया सबसे खतरनाक आतंकवादी था।
यह स्पष्ट है कि पाकिस्तान युवाओं को प्रेरित करने और भर्ती करने के लिए जम्मू-कश्मीर में पुराने आतंकियों को भेजने की कोशिश कर रहा है। वह इस तरह आतंकवाद को पुनर्जीवित करने के लिए बेताब प्रयास कर रहा है।
इससे पहले सेना ने कहा था कि 6/7 अगस्त की तड़के भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस के संयुक्त अभियान में संयुक्त टीमों ने घुसपैठ कर रहे दो आतंकवादियों को मार गिराया था।
एक आतंकवादी तुरंत गिर गया, दूसरे आतंकवादी ने एलओसी पर वापस भागने की कोशिश की और एलओसी के पास गिरते हुए देखा गया।
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पुलिस रिकॉर्ड के आधार पर मारे गए आतंकी की पहचान पुंछ के बाग्यलादरा निवासी मुनीर हुसैन के रूप में हुई है। वह एक खूंखार आतंकवादी और हिजबुल मुजाहिदीन डिवीजन कमांडर था।
रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल सुनील बर्तवाल ने कहा कि 1993 में वह पीओके गया, 1996 में वापस आए और 1998 में फिर पीओके लौट गया था। उसने सुरक्षाबलों पर कई हमलों की साजिश रची थी। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, दो पत्नियों और बच्चों वाला उसका परिवार पुंछ के सुरनकोट में रहता है।
मुनीर हुसैन मौलाना दाऊद कश्मीर (टीयूजे) का करीबी सहयोगी था, जो सैयद सलाउद्दीन (एचएम) का करीबी सहयोगी है। रक्षा प्रवक्ता ने कहा कि हाल ही में इस्लामाबाद में हिजबुल मुजाहिदीन (एचएम) की एक उच्च स्तरीय बैठक हुई जिसमें उसने भाग लिया था। बैठक का एजेंडा राजौरी और पुंछ में आतंकी संगठन को पुनर्जीवित करना था।
रक्षा प्रवक्ता ने आगे कहा कि मुनीर हुसैन एचएम का सबसे वरिष्ठ नेता था और पिछले 10 वर्षों में राजौरी और पुंछ में मारा गया सबसे खतरनाक आतंकवादी था।
यह स्पष्ट है कि पाकिस्तान युवाओं को प्रेरित करने और भर्ती करने के लिए जम्मू-कश्मीर में पुराने आतंकियों को भेजने की कोशिश कर रहा है। वह इस तरह आतंकवाद को पुनर्जीवित करने के लिए बेताब प्रयास कर रहा है।
इससे पहले सेना ने कहा था कि 6/7 अगस्त की तड़के भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस के संयुक्त अभियान में संयुक्त टीमों ने घुसपैठ कर रहे दो आतंकवादियों को मार गिराया था।
एक आतंकवादी तुरंत गिर गया, दूसरे आतंकवादी ने एलओसी पर वापस भागने की कोशिश की और एलओसी के पास गिरते हुए देखा गया।
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जम्मू, 7 अगस्त (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर के पुंछ सेक्टर में पुलिस और सेना के संयुक्त अभियान में मारे गए आतंकवादी की पहचान आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के स्वघोषित डिवीजनल कमांडर के रूप में की गई है। सुरक्षाबलों ने आतंकी उस समय मार गिया था जब उसने घुसपैठ की कोशिश की थी। एक रक्षा प्रवक्ता ने सोमवार को यह जानकारी दी।
पुलिस रिकॉर्ड के आधार पर मारे गए आतंकी की पहचान पुंछ के बाग्यलादरा निवासी मुनीर हुसैन के रूप में हुई है। वह एक खूंखार आतंकवादी और हिजबुल मुजाहिदीन डिवीजन कमांडर था।
रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल सुनील बर्तवाल ने कहा कि 1993 में वह पीओके गया, 1996 में वापस आए और 1998 में फिर पीओके लौट गया था। उसने सुरक्षाबलों पर कई हमलों की साजिश रची थी। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, दो पत्नियों और बच्चों वाला उसका परिवार पुंछ के सुरनकोट में रहता है।
मुनीर हुसैन मौलाना दाऊद कश्मीर (टीयूजे) का करीबी सहयोगी था, जो सैयद सलाउद्दीन (एचएम) का करीबी सहयोगी है। रक्षा प्रवक्ता ने कहा कि हाल ही में इस्लामाबाद में हिजबुल मुजाहिदीन (एचएम) की एक उच्च स्तरीय बैठक हुई जिसमें उसने भाग लिया था। बैठक का एजेंडा राजौरी और पुंछ में आतंकी संगठन को पुनर्जीवित करना था।
रक्षा प्रवक्ता ने आगे कहा कि मुनीर हुसैन एचएम का सबसे वरिष्ठ नेता था और पिछले 10 वर्षों में राजौरी और पुंछ में मारा गया सबसे खतरनाक आतंकवादी था।
यह स्पष्ट है कि पाकिस्तान युवाओं को प्रेरित करने और भर्ती करने के लिए जम्मू-कश्मीर में पुराने आतंकियों को भेजने की कोशिश कर रहा है। वह इस तरह आतंकवाद को पुनर्जीवित करने के लिए बेताब प्रयास कर रहा है।
इससे पहले सेना ने कहा था कि 6/7 अगस्त की तड़के भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस के संयुक्त अभियान में संयुक्त टीमों ने घुसपैठ कर रहे दो आतंकवादियों को मार गिराया था।
एक आतंकवादी तुरंत गिर गया, दूसरे आतंकवादी ने एलओसी पर वापस भागने की कोशिश की और एलओसी के पास गिरते हुए देखा गया।
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जम्मू, 7 अगस्त (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर के पुंछ सेक्टर में पुलिस और सेना के संयुक्त अभियान में मारे गए आतंकवादी की पहचान आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के स्वघोषित डिवीजनल कमांडर के रूप में की गई है। सुरक्षाबलों ने आतंकी उस समय मार गिया था जब उसने घुसपैठ की कोशिश की थी। एक रक्षा प्रवक्ता ने सोमवार को यह जानकारी दी।
पुलिस रिकॉर्ड के आधार पर मारे गए आतंकी की पहचान पुंछ के बाग्यलादरा निवासी मुनीर हुसैन के रूप में हुई है। वह एक खूंखार आतंकवादी और हिजबुल मुजाहिदीन डिवीजन कमांडर था।
रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल सुनील बर्तवाल ने कहा कि 1993 में वह पीओके गया, 1996 में वापस आए और 1998 में फिर पीओके लौट गया था। उसने सुरक्षाबलों पर कई हमलों की साजिश रची थी। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, दो पत्नियों और बच्चों वाला उसका परिवार पुंछ के सुरनकोट में रहता है।
मुनीर हुसैन मौलाना दाऊद कश्मीर (टीयूजे) का करीबी सहयोगी था, जो सैयद सलाउद्दीन (एचएम) का करीबी सहयोगी है। रक्षा प्रवक्ता ने कहा कि हाल ही में इस्लामाबाद में हिजबुल मुजाहिदीन (एचएम) की एक उच्च स्तरीय बैठक हुई जिसमें उसने भाग लिया था। बैठक का एजेंडा राजौरी और पुंछ में आतंकी संगठन को पुनर्जीवित करना था।
रक्षा प्रवक्ता ने आगे कहा कि मुनीर हुसैन एचएम का सबसे वरिष्ठ नेता था और पिछले 10 वर्षों में राजौरी और पुंछ में मारा गया सबसे खतरनाक आतंकवादी था।
यह स्पष्ट है कि पाकिस्तान युवाओं को प्रेरित करने और भर्ती करने के लिए जम्मू-कश्मीर में पुराने आतंकियों को भेजने की कोशिश कर रहा है। वह इस तरह आतंकवाद को पुनर्जीवित करने के लिए बेताब प्रयास कर रहा है।
इससे पहले सेना ने कहा था कि 6/7 अगस्त की तड़के भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस के संयुक्त अभियान में संयुक्त टीमों ने घुसपैठ कर रहे दो आतंकवादियों को मार गिराया था।
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पुलिस रिकॉर्ड के आधार पर मारे गए आतंकी की पहचान पुंछ के बाग्यलादरा निवासी मुनीर हुसैन के रूप में हुई है। वह एक खूंखार आतंकवादी और हिजबुल मुजाहिदीन डिवीजन कमांडर था।
रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल सुनील बर्तवाल ने कहा कि 1993 में वह पीओके गया, 1996 में वापस आए और 1998 में फिर पीओके लौट गया था। उसने सुरक्षाबलों पर कई हमलों की साजिश रची थी। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, दो पत्नियों और बच्चों वाला उसका परिवार पुंछ के सुरनकोट में रहता है।
मुनीर हुसैन मौलाना दाऊद कश्मीर (टीयूजे) का करीबी सहयोगी था, जो सैयद सलाउद्दीन (एचएम) का करीबी सहयोगी है। रक्षा प्रवक्ता ने कहा कि हाल ही में इस्लामाबाद में हिजबुल मुजाहिदीन (एचएम) की एक उच्च स्तरीय बैठक हुई जिसमें उसने भाग लिया था। बैठक का एजेंडा राजौरी और पुंछ में आतंकी संगठन को पुनर्जीवित करना था।
रक्षा प्रवक्ता ने आगे कहा कि मुनीर हुसैन एचएम का सबसे वरिष्ठ नेता था और पिछले 10 वर्षों में राजौरी और पुंछ में मारा गया सबसे खतरनाक आतंकवादी था।
यह स्पष्ट है कि पाकिस्तान युवाओं को प्रेरित करने और भर्ती करने के लिए जम्मू-कश्मीर में पुराने आतंकियों को भेजने की कोशिश कर रहा है। वह इस तरह आतंकवाद को पुनर्जीवित करने के लिए बेताब प्रयास कर रहा है।
इससे पहले सेना ने कहा था कि 6/7 अगस्त की तड़के भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस के संयुक्त अभियान में संयुक्त टीमों ने घुसपैठ कर रहे दो आतंकवादियों को मार गिराया था।
एक आतंकवादी तुरंत गिर गया, दूसरे आतंकवादी ने एलओसी पर वापस भागने की कोशिश की और एलओसी के पास गिरते हुए देखा गया।
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पुलिस रिकॉर्ड के आधार पर मारे गए आतंकी की पहचान पुंछ के बाग्यलादरा निवासी मुनीर हुसैन के रूप में हुई है। वह एक खूंखार आतंकवादी और हिजबुल मुजाहिदीन डिवीजन कमांडर था।
रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल सुनील बर्तवाल ने कहा कि 1993 में वह पीओके गया, 1996 में वापस आए और 1998 में फिर पीओके लौट गया था। उसने सुरक्षाबलों पर कई हमलों की साजिश रची थी। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, दो पत्नियों और बच्चों वाला उसका परिवार पुंछ के सुरनकोट में रहता है।
मुनीर हुसैन मौलाना दाऊद कश्मीर (टीयूजे) का करीबी सहयोगी था, जो सैयद सलाउद्दीन (एचएम) का करीबी सहयोगी है। रक्षा प्रवक्ता ने कहा कि हाल ही में इस्लामाबाद में हिजबुल मुजाहिदीन (एचएम) की एक उच्च स्तरीय बैठक हुई जिसमें उसने भाग लिया था। बैठक का एजेंडा राजौरी और पुंछ में आतंकी संगठन को पुनर्जीवित करना था।
रक्षा प्रवक्ता ने आगे कहा कि मुनीर हुसैन एचएम का सबसे वरिष्ठ नेता था और पिछले 10 वर्षों में राजौरी और पुंछ में मारा गया सबसे खतरनाक आतंकवादी था।
यह स्पष्ट है कि पाकिस्तान युवाओं को प्रेरित करने और भर्ती करने के लिए जम्मू-कश्मीर में पुराने आतंकियों को भेजने की कोशिश कर रहा है। वह इस तरह आतंकवाद को पुनर्जीवित करने के लिए बेताब प्रयास कर रहा है।
इससे पहले सेना ने कहा था कि 6/7 अगस्त की तड़के भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस के संयुक्त अभियान में संयुक्त टीमों ने घुसपैठ कर रहे दो आतंकवादियों को मार गिराया था।
एक आतंकवादी तुरंत गिर गया, दूसरे आतंकवादी ने एलओसी पर वापस भागने की कोशिश की और एलओसी के पास गिरते हुए देखा गया।
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जम्मू, 7 अगस्त (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर के पुंछ सेक्टर में पुलिस और सेना के संयुक्त अभियान में मारे गए आतंकवादी की पहचान आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के स्वघोषित डिवीजनल कमांडर के रूप में की गई है। सुरक्षाबलों ने आतंकी उस समय मार गिया था जब उसने घुसपैठ की कोशिश की थी। एक रक्षा प्रवक्ता ने सोमवार को यह जानकारी दी।
पुलिस रिकॉर्ड के आधार पर मारे गए आतंकी की पहचान पुंछ के बाग्यलादरा निवासी मुनीर हुसैन के रूप में हुई है। वह एक खूंखार आतंकवादी और हिजबुल मुजाहिदीन डिवीजन कमांडर था।
रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल सुनील बर्तवाल ने कहा कि 1993 में वह पीओके गया, 1996 में वापस आए और 1998 में फिर पीओके लौट गया था। उसने सुरक्षाबलों पर कई हमलों की साजिश रची थी। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, दो पत्नियों और बच्चों वाला उसका परिवार पुंछ के सुरनकोट में रहता है।
मुनीर हुसैन मौलाना दाऊद कश्मीर (टीयूजे) का करीबी सहयोगी था, जो सैयद सलाउद्दीन (एचएम) का करीबी सहयोगी है। रक्षा प्रवक्ता ने कहा कि हाल ही में इस्लामाबाद में हिजबुल मुजाहिदीन (एचएम) की एक उच्च स्तरीय बैठक हुई जिसमें उसने भाग लिया था। बैठक का एजेंडा राजौरी और पुंछ में आतंकी संगठन को पुनर्जीवित करना था।
रक्षा प्रवक्ता ने आगे कहा कि मुनीर हुसैन एचएम का सबसे वरिष्ठ नेता था और पिछले 10 वर्षों में राजौरी और पुंछ में मारा गया सबसे खतरनाक आतंकवादी था।
यह स्पष्ट है कि पाकिस्तान युवाओं को प्रेरित करने और भर्ती करने के लिए जम्मू-कश्मीर में पुराने आतंकियों को भेजने की कोशिश कर रहा है। वह इस तरह आतंकवाद को पुनर्जीवित करने के लिए बेताब प्रयास कर रहा है।
इससे पहले सेना ने कहा था कि 6/7 अगस्त की तड़के भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस के संयुक्त अभियान में संयुक्त टीमों ने घुसपैठ कर रहे दो आतंकवादियों को मार गिराया था।
एक आतंकवादी तुरंत गिर गया, दूसरे आतंकवादी ने एलओसी पर वापस भागने की कोशिश की और एलओसी के पास गिरते हुए देखा गया।
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पुलिस रिकॉर्ड के आधार पर मारे गए आतंकी की पहचान पुंछ के बाग्यलादरा निवासी मुनीर हुसैन के रूप में हुई है। वह एक खूंखार आतंकवादी और हिजबुल मुजाहिदीन डिवीजन कमांडर था।
रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल सुनील बर्तवाल ने कहा कि 1993 में वह पीओके गया, 1996 में वापस आए और 1998 में फिर पीओके लौट गया था। उसने सुरक्षाबलों पर कई हमलों की साजिश रची थी। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, दो पत्नियों और बच्चों वाला उसका परिवार पुंछ के सुरनकोट में रहता है।
मुनीर हुसैन मौलाना दाऊद कश्मीर (टीयूजे) का करीबी सहयोगी था, जो सैयद सलाउद्दीन (एचएम) का करीबी सहयोगी है। रक्षा प्रवक्ता ने कहा कि हाल ही में इस्लामाबाद में हिजबुल मुजाहिदीन (एचएम) की एक उच्च स्तरीय बैठक हुई जिसमें उसने भाग लिया था। बैठक का एजेंडा राजौरी और पुंछ में आतंकी संगठन को पुनर्जीवित करना था।
रक्षा प्रवक्ता ने आगे कहा कि मुनीर हुसैन एचएम का सबसे वरिष्ठ नेता था और पिछले 10 वर्षों में राजौरी और पुंछ में मारा गया सबसे खतरनाक आतंकवादी था।
यह स्पष्ट है कि पाकिस्तान युवाओं को प्रेरित करने और भर्ती करने के लिए जम्मू-कश्मीर में पुराने आतंकियों को भेजने की कोशिश कर रहा है। वह इस तरह आतंकवाद को पुनर्जीवित करने के लिए बेताब प्रयास कर रहा है।
इससे पहले सेना ने कहा था कि 6/7 अगस्त की तड़के भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस के संयुक्त अभियान में संयुक्त टीमों ने घुसपैठ कर रहे दो आतंकवादियों को मार गिराया था।
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रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल सुनील बर्तवाल ने कहा कि 1993 में वह पीओके गया, 1996 में वापस आए और 1998 में फिर पीओके लौट गया था। उसने सुरक्षाबलों पर कई हमलों की साजिश रची थी। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, दो पत्नियों और बच्चों वाला उसका परिवार पुंछ के सुरनकोट में रहता है।
मुनीर हुसैन मौलाना दाऊद कश्मीर (टीयूजे) का करीबी सहयोगी था, जो सैयद सलाउद्दीन (एचएम) का करीबी सहयोगी है। रक्षा प्रवक्ता ने कहा कि हाल ही में इस्लामाबाद में हिजबुल मुजाहिदीन (एचएम) की एक उच्च स्तरीय बैठक हुई जिसमें उसने भाग लिया था। बैठक का एजेंडा राजौरी और पुंछ में आतंकी संगठन को पुनर्जीवित करना था।
रक्षा प्रवक्ता ने आगे कहा कि मुनीर हुसैन एचएम का सबसे वरिष्ठ नेता था और पिछले 10 वर्षों में राजौरी और पुंछ में मारा गया सबसे खतरनाक आतंकवादी था।
यह स्पष्ट है कि पाकिस्तान युवाओं को प्रेरित करने और भर्ती करने के लिए जम्मू-कश्मीर में पुराने आतंकियों को भेजने की कोशिश कर रहा है। वह इस तरह आतंकवाद को पुनर्जीवित करने के लिए बेताब प्रयास कर रहा है।
इससे पहले सेना ने कहा था कि 6/7 अगस्त की तड़के भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस के संयुक्त अभियान में संयुक्त टीमों ने घुसपैठ कर रहे दो आतंकवादियों को मार गिराया था।
एक आतंकवादी तुरंत गिर गया, दूसरे आतंकवादी ने एलओसी पर वापस भागने की कोशिश की और एलओसी के पास गिरते हुए देखा गया।
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जम्मू, 7 अगस्त (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर के पुंछ सेक्टर में पुलिस और सेना के संयुक्त अभियान में मारे गए आतंकवादी की पहचान आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के स्वघोषित डिवीजनल कमांडर के रूप में की गई है। सुरक्षाबलों ने आतंकी उस समय मार गिया था जब उसने घुसपैठ की कोशिश की थी। एक रक्षा प्रवक्ता ने सोमवार को यह जानकारी दी।
पुलिस रिकॉर्ड के आधार पर मारे गए आतंकी की पहचान पुंछ के बाग्यलादरा निवासी मुनीर हुसैन के रूप में हुई है। वह एक खूंखार आतंकवादी और हिजबुल मुजाहिदीन डिवीजन कमांडर था।
रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल सुनील बर्तवाल ने कहा कि 1993 में वह पीओके गया, 1996 में वापस आए और 1998 में फिर पीओके लौट गया था। उसने सुरक्षाबलों पर कई हमलों की साजिश रची थी। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, दो पत्नियों और बच्चों वाला उसका परिवार पुंछ के सुरनकोट में रहता है।
मुनीर हुसैन मौलाना दाऊद कश्मीर (टीयूजे) का करीबी सहयोगी था, जो सैयद सलाउद्दीन (एचएम) का करीबी सहयोगी है। रक्षा प्रवक्ता ने कहा कि हाल ही में इस्लामाबाद में हिजबुल मुजाहिदीन (एचएम) की एक उच्च स्तरीय बैठक हुई जिसमें उसने भाग लिया था। बैठक का एजेंडा राजौरी और पुंछ में आतंकी संगठन को पुनर्जीवित करना था।
रक्षा प्रवक्ता ने आगे कहा कि मुनीर हुसैन एचएम का सबसे वरिष्ठ नेता था और पिछले 10 वर्षों में राजौरी और पुंछ में मारा गया सबसे खतरनाक आतंकवादी था।
यह स्पष्ट है कि पाकिस्तान युवाओं को प्रेरित करने और भर्ती करने के लिए जम्मू-कश्मीर में पुराने आतंकियों को भेजने की कोशिश कर रहा है। वह इस तरह आतंकवाद को पुनर्जीवित करने के लिए बेताब प्रयास कर रहा है।
इससे पहले सेना ने कहा था कि 6/7 अगस्त की तड़के भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस के संयुक्त अभियान में संयुक्त टीमों ने घुसपैठ कर रहे दो आतंकवादियों को मार गिराया था।
एक आतंकवादी तुरंत गिर गया, दूसरे आतंकवादी ने एलओसी पर वापस भागने की कोशिश की और एलओसी के पास गिरते हुए देखा गया।
–आईएएनएस
एफजेड/एबीएम
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जम्मू, 7 अगस्त (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर के पुंछ सेक्टर में पुलिस और सेना के संयुक्त अभियान में मारे गए आतंकवादी की पहचान आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के स्वघोषित डिवीजनल कमांडर के रूप में की गई है। सुरक्षाबलों ने आतंकी उस समय मार गिया था जब उसने घुसपैठ की कोशिश की थी। एक रक्षा प्रवक्ता ने सोमवार को यह जानकारी दी।
पुलिस रिकॉर्ड के आधार पर मारे गए आतंकी की पहचान पुंछ के बाग्यलादरा निवासी मुनीर हुसैन के रूप में हुई है। वह एक खूंखार आतंकवादी और हिजबुल मुजाहिदीन डिवीजन कमांडर था।
रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल सुनील बर्तवाल ने कहा कि 1993 में वह पीओके गया, 1996 में वापस आए और 1998 में फिर पीओके लौट गया था। उसने सुरक्षाबलों पर कई हमलों की साजिश रची थी। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, दो पत्नियों और बच्चों वाला उसका परिवार पुंछ के सुरनकोट में रहता है।
मुनीर हुसैन मौलाना दाऊद कश्मीर (टीयूजे) का करीबी सहयोगी था, जो सैयद सलाउद्दीन (एचएम) का करीबी सहयोगी है। रक्षा प्रवक्ता ने कहा कि हाल ही में इस्लामाबाद में हिजबुल मुजाहिदीन (एचएम) की एक उच्च स्तरीय बैठक हुई जिसमें उसने भाग लिया था। बैठक का एजेंडा राजौरी और पुंछ में आतंकी संगठन को पुनर्जीवित करना था।
रक्षा प्रवक्ता ने आगे कहा कि मुनीर हुसैन एचएम का सबसे वरिष्ठ नेता था और पिछले 10 वर्षों में राजौरी और पुंछ में मारा गया सबसे खतरनाक आतंकवादी था।
यह स्पष्ट है कि पाकिस्तान युवाओं को प्रेरित करने और भर्ती करने के लिए जम्मू-कश्मीर में पुराने आतंकियों को भेजने की कोशिश कर रहा है। वह इस तरह आतंकवाद को पुनर्जीवित करने के लिए बेताब प्रयास कर रहा है।
इससे पहले सेना ने कहा था कि 6/7 अगस्त की तड़के भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस के संयुक्त अभियान में संयुक्त टीमों ने घुसपैठ कर रहे दो आतंकवादियों को मार गिराया था।
एक आतंकवादी तुरंत गिर गया, दूसरे आतंकवादी ने एलओसी पर वापस भागने की कोशिश की और एलओसी के पास गिरते हुए देखा गया।
–आईएएनएस
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जम्मू, 7 अगस्त (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर के पुंछ सेक्टर में पुलिस और सेना के संयुक्त अभियान में मारे गए आतंकवादी की पहचान आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के स्वघोषित डिवीजनल कमांडर के रूप में की गई है। सुरक्षाबलों ने आतंकी उस समय मार गिया था जब उसने घुसपैठ की कोशिश की थी। एक रक्षा प्रवक्ता ने सोमवार को यह जानकारी दी।
पुलिस रिकॉर्ड के आधार पर मारे गए आतंकी की पहचान पुंछ के बाग्यलादरा निवासी मुनीर हुसैन के रूप में हुई है। वह एक खूंखार आतंकवादी और हिजबुल मुजाहिदीन डिवीजन कमांडर था।
रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल सुनील बर्तवाल ने कहा कि 1993 में वह पीओके गया, 1996 में वापस आए और 1998 में फिर पीओके लौट गया था। उसने सुरक्षाबलों पर कई हमलों की साजिश रची थी। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, दो पत्नियों और बच्चों वाला उसका परिवार पुंछ के सुरनकोट में रहता है।
मुनीर हुसैन मौलाना दाऊद कश्मीर (टीयूजे) का करीबी सहयोगी था, जो सैयद सलाउद्दीन (एचएम) का करीबी सहयोगी है। रक्षा प्रवक्ता ने कहा कि हाल ही में इस्लामाबाद में हिजबुल मुजाहिदीन (एचएम) की एक उच्च स्तरीय बैठक हुई जिसमें उसने भाग लिया था। बैठक का एजेंडा राजौरी और पुंछ में आतंकी संगठन को पुनर्जीवित करना था।
रक्षा प्रवक्ता ने आगे कहा कि मुनीर हुसैन एचएम का सबसे वरिष्ठ नेता था और पिछले 10 वर्षों में राजौरी और पुंछ में मारा गया सबसे खतरनाक आतंकवादी था।
यह स्पष्ट है कि पाकिस्तान युवाओं को प्रेरित करने और भर्ती करने के लिए जम्मू-कश्मीर में पुराने आतंकियों को भेजने की कोशिश कर रहा है। वह इस तरह आतंकवाद को पुनर्जीवित करने के लिए बेताब प्रयास कर रहा है।
इससे पहले सेना ने कहा था कि 6/7 अगस्त की तड़के भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस के संयुक्त अभियान में संयुक्त टीमों ने घुसपैठ कर रहे दो आतंकवादियों को मार गिराया था।
एक आतंकवादी तुरंत गिर गया, दूसरे आतंकवादी ने एलओसी पर वापस भागने की कोशिश की और एलओसी के पास गिरते हुए देखा गया।
–आईएएनएस
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जम्मू, 7 अगस्त (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर के पुंछ सेक्टर में पुलिस और सेना के संयुक्त अभियान में मारे गए आतंकवादी की पहचान आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के स्वघोषित डिवीजनल कमांडर के रूप में की गई है। सुरक्षाबलों ने आतंकी उस समय मार गिया था जब उसने घुसपैठ की कोशिश की थी। एक रक्षा प्रवक्ता ने सोमवार को यह जानकारी दी।
पुलिस रिकॉर्ड के आधार पर मारे गए आतंकी की पहचान पुंछ के बाग्यलादरा निवासी मुनीर हुसैन के रूप में हुई है। वह एक खूंखार आतंकवादी और हिजबुल मुजाहिदीन डिवीजन कमांडर था।
रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल सुनील बर्तवाल ने कहा कि 1993 में वह पीओके गया, 1996 में वापस आए और 1998 में फिर पीओके लौट गया था। उसने सुरक्षाबलों पर कई हमलों की साजिश रची थी। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, दो पत्नियों और बच्चों वाला उसका परिवार पुंछ के सुरनकोट में रहता है।
मुनीर हुसैन मौलाना दाऊद कश्मीर (टीयूजे) का करीबी सहयोगी था, जो सैयद सलाउद्दीन (एचएम) का करीबी सहयोगी है। रक्षा प्रवक्ता ने कहा कि हाल ही में इस्लामाबाद में हिजबुल मुजाहिदीन (एचएम) की एक उच्च स्तरीय बैठक हुई जिसमें उसने भाग लिया था। बैठक का एजेंडा राजौरी और पुंछ में आतंकी संगठन को पुनर्जीवित करना था।
रक्षा प्रवक्ता ने आगे कहा कि मुनीर हुसैन एचएम का सबसे वरिष्ठ नेता था और पिछले 10 वर्षों में राजौरी और पुंछ में मारा गया सबसे खतरनाक आतंकवादी था।
यह स्पष्ट है कि पाकिस्तान युवाओं को प्रेरित करने और भर्ती करने के लिए जम्मू-कश्मीर में पुराने आतंकियों को भेजने की कोशिश कर रहा है। वह इस तरह आतंकवाद को पुनर्जीवित करने के लिए बेताब प्रयास कर रहा है।
इससे पहले सेना ने कहा था कि 6/7 अगस्त की तड़के भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस के संयुक्त अभियान में संयुक्त टीमों ने घुसपैठ कर रहे दो आतंकवादियों को मार गिराया था।
एक आतंकवादी तुरंत गिर गया, दूसरे आतंकवादी ने एलओसी पर वापस भागने की कोशिश की और एलओसी के पास गिरते हुए देखा गया।
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जम्मू, 7 अगस्त (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर के पुंछ सेक्टर में पुलिस और सेना के संयुक्त अभियान में मारे गए आतंकवादी की पहचान आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के स्वघोषित डिवीजनल कमांडर के रूप में की गई है। सुरक्षाबलों ने आतंकी उस समय मार गिया था जब उसने घुसपैठ की कोशिश की थी। एक रक्षा प्रवक्ता ने सोमवार को यह जानकारी दी।
पुलिस रिकॉर्ड के आधार पर मारे गए आतंकी की पहचान पुंछ के बाग्यलादरा निवासी मुनीर हुसैन के रूप में हुई है। वह एक खूंखार आतंकवादी और हिजबुल मुजाहिदीन डिवीजन कमांडर था।
रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल सुनील बर्तवाल ने कहा कि 1993 में वह पीओके गया, 1996 में वापस आए और 1998 में फिर पीओके लौट गया था। उसने सुरक्षाबलों पर कई हमलों की साजिश रची थी। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, दो पत्नियों और बच्चों वाला उसका परिवार पुंछ के सुरनकोट में रहता है।
मुनीर हुसैन मौलाना दाऊद कश्मीर (टीयूजे) का करीबी सहयोगी था, जो सैयद सलाउद्दीन (एचएम) का करीबी सहयोगी है। रक्षा प्रवक्ता ने कहा कि हाल ही में इस्लामाबाद में हिजबुल मुजाहिदीन (एचएम) की एक उच्च स्तरीय बैठक हुई जिसमें उसने भाग लिया था। बैठक का एजेंडा राजौरी और पुंछ में आतंकी संगठन को पुनर्जीवित करना था।
रक्षा प्रवक्ता ने आगे कहा कि मुनीर हुसैन एचएम का सबसे वरिष्ठ नेता था और पिछले 10 वर्षों में राजौरी और पुंछ में मारा गया सबसे खतरनाक आतंकवादी था।
यह स्पष्ट है कि पाकिस्तान युवाओं को प्रेरित करने और भर्ती करने के लिए जम्मू-कश्मीर में पुराने आतंकियों को भेजने की कोशिश कर रहा है। वह इस तरह आतंकवाद को पुनर्जीवित करने के लिए बेताब प्रयास कर रहा है।
इससे पहले सेना ने कहा था कि 6/7 अगस्त की तड़के भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस के संयुक्त अभियान में संयुक्त टीमों ने घुसपैठ कर रहे दो आतंकवादियों को मार गिराया था।
एक आतंकवादी तुरंत गिर गया, दूसरे आतंकवादी ने एलओसी पर वापस भागने की कोशिश की और एलओसी के पास गिरते हुए देखा गया।