श्रीनगर, 25 मई (आईएएनएस)। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई जम्मू-कश्मीर प्रशासनिक परिषद की बैठक में लिए गए एक बड़े फैसले में जम्मू-कश्मीर सिस्मिक जोन के बाहर पांच साल तक रखरखाव के लिए एक डिजास्टर रिकवरी सेंटर की स्थापना को मंजूरी दे दी गई।
परियोजना को जम्मू और कश्मीर प्रशासन के सभी प्रमुख विभागों और कार्यालयों में ई-ऑफिस सॉफ्टवेयर को अपनाने और लॉन्च करने का एक हिस्सा माना जाता है।
जम्मू में डेटा सेंटर में प्राथमिक साइट पर स्थापित सर्वर से ई-ऑफिस सहित डिजिटल सेवाएं संचालित होती हैं। भूकंपीय क्षेत्र के बाहर एक आपदा रिकवरी केंद्र की स्थापना किसी भी प्राकृतिक या तकनीकी आपदा के खिलाफ प्राथमिक साइट के पूरे डेटा की रक्षा करेगी, द्वितीयक साइट पर बैक अप के साथ एक अलग भूकंपीय क्षेत्र में।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, आपदा संबंधी रुकावटों को कम करने के लिए आपदा रिकवरी योजना का होना महत्वपूर्ण है, जो आपदा रिकवरी साइट की स्थापना को सिस्टम का एक अनिवार्य हिस्सा बनाता है, खासकर जब सरकार का पूरा कामकाज डिजिटल हो रहा है।
डिजास्टर रिकवरी प्लान का लक्ष्य तकनीकी संचालन को बनाए रखना है और बाढ़, आग, भूकंप या अन्य प्रतिकूल परिस्थितियों में सरकारी व्यवसाय को संचालित करने की क्षमता को जल्दी से बहाल करना है।
–आईएएनएस
एसजीके