जम्मू, 30 अगस्त (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा-कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है। भाजपा नेता शाजिया इल्मी ने पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला पर निशाना साधा।
आईएएनएस से उन्होंने कहा कि वह कहते हैं कि भले ही 100 साल लगे, जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 की बहाली को लेकर इंतजार करेंगे। मैं उन्हें कहना चाहती हूं कि आर्टिकल 370 और 35A को निरस्त कर दिया गया है। इसकी दोबारा बहाली संभव नहीं है, सुप्रीम कोर्ट ने भी इस फैसले को माना है।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के बयानों का हमारे विदेश मंत्री ने उचित जवाब दिया है। पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह की बातचीत या एलओसी व्यापार पर कोई चर्चा का सवाल ही नहीं उठता। मेरा मानना है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस को अब इस मामले पर स्थिर हो जाना चाहिए, क्योंकि अब बहुत हो गया। भारत में रहते हुए उन्हें भारत के लिए बोलना चाहिए, न कि पाकिस्तान से जुड़ी धमकियां देनी चाहिए।
फारूक अब्दुल्ला वही व्यक्ति हैं जिन्होंने एक से अधिक बार कहा है कि हमें पाकिस्तान से डरना चाहिए। उन्होंने यहां तक कहा कि पाकिस्तान के पास परमाणु हथियार है और चीन को भी इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए। इस अलगाववादी मानसिकता को कड़ा जवाब दिया गया है।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में विधानसभा का चुनाव होना है। राज्य में पहले चरण के मतदान के तहत 18 सितंबर को 24 सीटों पर चुनाव होना है। वहीं दूसरे चरण के तहत 25 सितंबर को 26 सीटों पर और तीसरे चरण के तहत एक अक्टूबर को 40 विधानसभा सीटों पर मतदान होना है। मतगणना 4 अक्टूबर को होनी है।
चुनाव आयोग के मुताबिक, जम्मू और कश्मीर में 90 निर्वाचन क्षेत्रों में 87.09 लाख मतदाता हैं, जिनमें 42.6 लाख महिलाएं हैं। यहां पहली बार वोट देने वाले युवा मतदाताओं की संख्या 3.71 लाख है। जबकि, कुल मिलाकर 20.7 लाख युवा मतदाता हैं, जिनकी आयु 20 से 29 वर्ष के बीच है।
–आईएएनएस
डीकेएम/जीकेटी
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जम्मू, 30 अगस्त (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा-कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है। भाजपा नेता शाजिया इल्मी ने पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला पर निशाना साधा।
आईएएनएस से उन्होंने कहा कि वह कहते हैं कि भले ही 100 साल लगे, जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 की बहाली को लेकर इंतजार करेंगे। मैं उन्हें कहना चाहती हूं कि आर्टिकल 370 और 35A को निरस्त कर दिया गया है। इसकी दोबारा बहाली संभव नहीं है, सुप्रीम कोर्ट ने भी इस फैसले को माना है।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के बयानों का हमारे विदेश मंत्री ने उचित जवाब दिया है। पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह की बातचीत या एलओसी व्यापार पर कोई चर्चा का सवाल ही नहीं उठता। मेरा मानना है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस को अब इस मामले पर स्थिर हो जाना चाहिए, क्योंकि अब बहुत हो गया। भारत में रहते हुए उन्हें भारत के लिए बोलना चाहिए, न कि पाकिस्तान से जुड़ी धमकियां देनी चाहिए।
फारूक अब्दुल्ला वही व्यक्ति हैं जिन्होंने एक से अधिक बार कहा है कि हमें पाकिस्तान से डरना चाहिए। उन्होंने यहां तक कहा कि पाकिस्तान के पास परमाणु हथियार है और चीन को भी इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए। इस अलगाववादी मानसिकता को कड़ा जवाब दिया गया है।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में विधानसभा का चुनाव होना है। राज्य में पहले चरण के मतदान के तहत 18 सितंबर को 24 सीटों पर चुनाव होना है। वहीं दूसरे चरण के तहत 25 सितंबर को 26 सीटों पर और तीसरे चरण के तहत एक अक्टूबर को 40 विधानसभा सीटों पर मतदान होना है। मतगणना 4 अक्टूबर को होनी है।
चुनाव आयोग के मुताबिक, जम्मू और कश्मीर में 90 निर्वाचन क्षेत्रों में 87.09 लाख मतदाता हैं, जिनमें 42.6 लाख महिलाएं हैं। यहां पहली बार वोट देने वाले युवा मतदाताओं की संख्या 3.71 लाख है। जबकि, कुल मिलाकर 20.7 लाख युवा मतदाता हैं, जिनकी आयु 20 से 29 वर्ष के बीच है।
–आईएएनएस
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जम्मू, 30 अगस्त (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा-कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है। भाजपा नेता शाजिया इल्मी ने पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला पर निशाना साधा।
आईएएनएस से उन्होंने कहा कि वह कहते हैं कि भले ही 100 साल लगे, जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 की बहाली को लेकर इंतजार करेंगे। मैं उन्हें कहना चाहती हूं कि आर्टिकल 370 और 35A को निरस्त कर दिया गया है। इसकी दोबारा बहाली संभव नहीं है, सुप्रीम कोर्ट ने भी इस फैसले को माना है।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के बयानों का हमारे विदेश मंत्री ने उचित जवाब दिया है। पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह की बातचीत या एलओसी व्यापार पर कोई चर्चा का सवाल ही नहीं उठता। मेरा मानना है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस को अब इस मामले पर स्थिर हो जाना चाहिए, क्योंकि अब बहुत हो गया। भारत में रहते हुए उन्हें भारत के लिए बोलना चाहिए, न कि पाकिस्तान से जुड़ी धमकियां देनी चाहिए।
फारूक अब्दुल्ला वही व्यक्ति हैं जिन्होंने एक से अधिक बार कहा है कि हमें पाकिस्तान से डरना चाहिए। उन्होंने यहां तक कहा कि पाकिस्तान के पास परमाणु हथियार है और चीन को भी इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए। इस अलगाववादी मानसिकता को कड़ा जवाब दिया गया है।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में विधानसभा का चुनाव होना है। राज्य में पहले चरण के मतदान के तहत 18 सितंबर को 24 सीटों पर चुनाव होना है। वहीं दूसरे चरण के तहत 25 सितंबर को 26 सीटों पर और तीसरे चरण के तहत एक अक्टूबर को 40 विधानसभा सीटों पर मतदान होना है। मतगणना 4 अक्टूबर को होनी है।
चुनाव आयोग के मुताबिक, जम्मू और कश्मीर में 90 निर्वाचन क्षेत्रों में 87.09 लाख मतदाता हैं, जिनमें 42.6 लाख महिलाएं हैं। यहां पहली बार वोट देने वाले युवा मतदाताओं की संख्या 3.71 लाख है। जबकि, कुल मिलाकर 20.7 लाख युवा मतदाता हैं, जिनकी आयु 20 से 29 वर्ष के बीच है।
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जम्मू, 30 अगस्त (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा-कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है। भाजपा नेता शाजिया इल्मी ने पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला पर निशाना साधा।
आईएएनएस से उन्होंने कहा कि वह कहते हैं कि भले ही 100 साल लगे, जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 की बहाली को लेकर इंतजार करेंगे। मैं उन्हें कहना चाहती हूं कि आर्टिकल 370 और 35A को निरस्त कर दिया गया है। इसकी दोबारा बहाली संभव नहीं है, सुप्रीम कोर्ट ने भी इस फैसले को माना है।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के बयानों का हमारे विदेश मंत्री ने उचित जवाब दिया है। पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह की बातचीत या एलओसी व्यापार पर कोई चर्चा का सवाल ही नहीं उठता। मेरा मानना है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस को अब इस मामले पर स्थिर हो जाना चाहिए, क्योंकि अब बहुत हो गया। भारत में रहते हुए उन्हें भारत के लिए बोलना चाहिए, न कि पाकिस्तान से जुड़ी धमकियां देनी चाहिए।
फारूक अब्दुल्ला वही व्यक्ति हैं जिन्होंने एक से अधिक बार कहा है कि हमें पाकिस्तान से डरना चाहिए। उन्होंने यहां तक कहा कि पाकिस्तान के पास परमाणु हथियार है और चीन को भी इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए। इस अलगाववादी मानसिकता को कड़ा जवाब दिया गया है।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में विधानसभा का चुनाव होना है। राज्य में पहले चरण के मतदान के तहत 18 सितंबर को 24 सीटों पर चुनाव होना है। वहीं दूसरे चरण के तहत 25 सितंबर को 26 सीटों पर और तीसरे चरण के तहत एक अक्टूबर को 40 विधानसभा सीटों पर मतदान होना है। मतगणना 4 अक्टूबर को होनी है।
चुनाव आयोग के मुताबिक, जम्मू और कश्मीर में 90 निर्वाचन क्षेत्रों में 87.09 लाख मतदाता हैं, जिनमें 42.6 लाख महिलाएं हैं। यहां पहली बार वोट देने वाले युवा मतदाताओं की संख्या 3.71 लाख है। जबकि, कुल मिलाकर 20.7 लाख युवा मतदाता हैं, जिनकी आयु 20 से 29 वर्ष के बीच है।
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आईएएनएस से उन्होंने कहा कि वह कहते हैं कि भले ही 100 साल लगे, जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 की बहाली को लेकर इंतजार करेंगे। मैं उन्हें कहना चाहती हूं कि आर्टिकल 370 और 35A को निरस्त कर दिया गया है। इसकी दोबारा बहाली संभव नहीं है, सुप्रीम कोर्ट ने भी इस फैसले को माना है।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के बयानों का हमारे विदेश मंत्री ने उचित जवाब दिया है। पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह की बातचीत या एलओसी व्यापार पर कोई चर्चा का सवाल ही नहीं उठता। मेरा मानना है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस को अब इस मामले पर स्थिर हो जाना चाहिए, क्योंकि अब बहुत हो गया। भारत में रहते हुए उन्हें भारत के लिए बोलना चाहिए, न कि पाकिस्तान से जुड़ी धमकियां देनी चाहिए।
फारूक अब्दुल्ला वही व्यक्ति हैं जिन्होंने एक से अधिक बार कहा है कि हमें पाकिस्तान से डरना चाहिए। उन्होंने यहां तक कहा कि पाकिस्तान के पास परमाणु हथियार है और चीन को भी इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए। इस अलगाववादी मानसिकता को कड़ा जवाब दिया गया है।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में विधानसभा का चुनाव होना है। राज्य में पहले चरण के मतदान के तहत 18 सितंबर को 24 सीटों पर चुनाव होना है। वहीं दूसरे चरण के तहत 25 सितंबर को 26 सीटों पर और तीसरे चरण के तहत एक अक्टूबर को 40 विधानसभा सीटों पर मतदान होना है। मतगणना 4 अक्टूबर को होनी है।
चुनाव आयोग के मुताबिक, जम्मू और कश्मीर में 90 निर्वाचन क्षेत्रों में 87.09 लाख मतदाता हैं, जिनमें 42.6 लाख महिलाएं हैं। यहां पहली बार वोट देने वाले युवा मतदाताओं की संख्या 3.71 लाख है। जबकि, कुल मिलाकर 20.7 लाख युवा मतदाता हैं, जिनकी आयु 20 से 29 वर्ष के बीच है।
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आईएएनएस से उन्होंने कहा कि वह कहते हैं कि भले ही 100 साल लगे, जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 की बहाली को लेकर इंतजार करेंगे। मैं उन्हें कहना चाहती हूं कि आर्टिकल 370 और 35A को निरस्त कर दिया गया है। इसकी दोबारा बहाली संभव नहीं है, सुप्रीम कोर्ट ने भी इस फैसले को माना है।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के बयानों का हमारे विदेश मंत्री ने उचित जवाब दिया है। पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह की बातचीत या एलओसी व्यापार पर कोई चर्चा का सवाल ही नहीं उठता। मेरा मानना है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस को अब इस मामले पर स्थिर हो जाना चाहिए, क्योंकि अब बहुत हो गया। भारत में रहते हुए उन्हें भारत के लिए बोलना चाहिए, न कि पाकिस्तान से जुड़ी धमकियां देनी चाहिए।
फारूक अब्दुल्ला वही व्यक्ति हैं जिन्होंने एक से अधिक बार कहा है कि हमें पाकिस्तान से डरना चाहिए। उन्होंने यहां तक कहा कि पाकिस्तान के पास परमाणु हथियार है और चीन को भी इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए। इस अलगाववादी मानसिकता को कड़ा जवाब दिया गया है।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में विधानसभा का चुनाव होना है। राज्य में पहले चरण के मतदान के तहत 18 सितंबर को 24 सीटों पर चुनाव होना है। वहीं दूसरे चरण के तहत 25 सितंबर को 26 सीटों पर और तीसरे चरण के तहत एक अक्टूबर को 40 विधानसभा सीटों पर मतदान होना है। मतगणना 4 अक्टूबर को होनी है।
चुनाव आयोग के मुताबिक, जम्मू और कश्मीर में 90 निर्वाचन क्षेत्रों में 87.09 लाख मतदाता हैं, जिनमें 42.6 लाख महिलाएं हैं। यहां पहली बार वोट देने वाले युवा मतदाताओं की संख्या 3.71 लाख है। जबकि, कुल मिलाकर 20.7 लाख युवा मतदाता हैं, जिनकी आयु 20 से 29 वर्ष के बीच है।
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जम्मू, 30 अगस्त (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा-कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है। भाजपा नेता शाजिया इल्मी ने पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला पर निशाना साधा।
आईएएनएस से उन्होंने कहा कि वह कहते हैं कि भले ही 100 साल लगे, जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 की बहाली को लेकर इंतजार करेंगे। मैं उन्हें कहना चाहती हूं कि आर्टिकल 370 और 35A को निरस्त कर दिया गया है। इसकी दोबारा बहाली संभव नहीं है, सुप्रीम कोर्ट ने भी इस फैसले को माना है।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के बयानों का हमारे विदेश मंत्री ने उचित जवाब दिया है। पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह की बातचीत या एलओसी व्यापार पर कोई चर्चा का सवाल ही नहीं उठता। मेरा मानना है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस को अब इस मामले पर स्थिर हो जाना चाहिए, क्योंकि अब बहुत हो गया। भारत में रहते हुए उन्हें भारत के लिए बोलना चाहिए, न कि पाकिस्तान से जुड़ी धमकियां देनी चाहिए।
फारूक अब्दुल्ला वही व्यक्ति हैं जिन्होंने एक से अधिक बार कहा है कि हमें पाकिस्तान से डरना चाहिए। उन्होंने यहां तक कहा कि पाकिस्तान के पास परमाणु हथियार है और चीन को भी इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए। इस अलगाववादी मानसिकता को कड़ा जवाब दिया गया है।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में विधानसभा का चुनाव होना है। राज्य में पहले चरण के मतदान के तहत 18 सितंबर को 24 सीटों पर चुनाव होना है। वहीं दूसरे चरण के तहत 25 सितंबर को 26 सीटों पर और तीसरे चरण के तहत एक अक्टूबर को 40 विधानसभा सीटों पर मतदान होना है। मतगणना 4 अक्टूबर को होनी है।
चुनाव आयोग के मुताबिक, जम्मू और कश्मीर में 90 निर्वाचन क्षेत्रों में 87.09 लाख मतदाता हैं, जिनमें 42.6 लाख महिलाएं हैं। यहां पहली बार वोट देने वाले युवा मतदाताओं की संख्या 3.71 लाख है। जबकि, कुल मिलाकर 20.7 लाख युवा मतदाता हैं, जिनकी आयु 20 से 29 वर्ष के बीच है।
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जम्मू, 30 अगस्त (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा-कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है। भाजपा नेता शाजिया इल्मी ने पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला पर निशाना साधा।
आईएएनएस से उन्होंने कहा कि वह कहते हैं कि भले ही 100 साल लगे, जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 की बहाली को लेकर इंतजार करेंगे। मैं उन्हें कहना चाहती हूं कि आर्टिकल 370 और 35A को निरस्त कर दिया गया है। इसकी दोबारा बहाली संभव नहीं है, सुप्रीम कोर्ट ने भी इस फैसले को माना है।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के बयानों का हमारे विदेश मंत्री ने उचित जवाब दिया है। पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह की बातचीत या एलओसी व्यापार पर कोई चर्चा का सवाल ही नहीं उठता। मेरा मानना है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस को अब इस मामले पर स्थिर हो जाना चाहिए, क्योंकि अब बहुत हो गया। भारत में रहते हुए उन्हें भारत के लिए बोलना चाहिए, न कि पाकिस्तान से जुड़ी धमकियां देनी चाहिए।
फारूक अब्दुल्ला वही व्यक्ति हैं जिन्होंने एक से अधिक बार कहा है कि हमें पाकिस्तान से डरना चाहिए। उन्होंने यहां तक कहा कि पाकिस्तान के पास परमाणु हथियार है और चीन को भी इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए। इस अलगाववादी मानसिकता को कड़ा जवाब दिया गया है।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में विधानसभा का चुनाव होना है। राज्य में पहले चरण के मतदान के तहत 18 सितंबर को 24 सीटों पर चुनाव होना है। वहीं दूसरे चरण के तहत 25 सितंबर को 26 सीटों पर और तीसरे चरण के तहत एक अक्टूबर को 40 विधानसभा सीटों पर मतदान होना है। मतगणना 4 अक्टूबर को होनी है।
चुनाव आयोग के मुताबिक, जम्मू और कश्मीर में 90 निर्वाचन क्षेत्रों में 87.09 लाख मतदाता हैं, जिनमें 42.6 लाख महिलाएं हैं। यहां पहली बार वोट देने वाले युवा मतदाताओं की संख्या 3.71 लाख है। जबकि, कुल मिलाकर 20.7 लाख युवा मतदाता हैं, जिनकी आयु 20 से 29 वर्ष के बीच है।
–आईएएनएस
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जम्मू, 30 अगस्त (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा-कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है। भाजपा नेता शाजिया इल्मी ने पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला पर निशाना साधा।
आईएएनएस से उन्होंने कहा कि वह कहते हैं कि भले ही 100 साल लगे, जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 की बहाली को लेकर इंतजार करेंगे। मैं उन्हें कहना चाहती हूं कि आर्टिकल 370 और 35A को निरस्त कर दिया गया है। इसकी दोबारा बहाली संभव नहीं है, सुप्रीम कोर्ट ने भी इस फैसले को माना है।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के बयानों का हमारे विदेश मंत्री ने उचित जवाब दिया है। पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह की बातचीत या एलओसी व्यापार पर कोई चर्चा का सवाल ही नहीं उठता। मेरा मानना है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस को अब इस मामले पर स्थिर हो जाना चाहिए, क्योंकि अब बहुत हो गया। भारत में रहते हुए उन्हें भारत के लिए बोलना चाहिए, न कि पाकिस्तान से जुड़ी धमकियां देनी चाहिए।
फारूक अब्दुल्ला वही व्यक्ति हैं जिन्होंने एक से अधिक बार कहा है कि हमें पाकिस्तान से डरना चाहिए। उन्होंने यहां तक कहा कि पाकिस्तान के पास परमाणु हथियार है और चीन को भी इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए। इस अलगाववादी मानसिकता को कड़ा जवाब दिया गया है।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में विधानसभा का चुनाव होना है। राज्य में पहले चरण के मतदान के तहत 18 सितंबर को 24 सीटों पर चुनाव होना है। वहीं दूसरे चरण के तहत 25 सितंबर को 26 सीटों पर और तीसरे चरण के तहत एक अक्टूबर को 40 विधानसभा सीटों पर मतदान होना है। मतगणना 4 अक्टूबर को होनी है।
चुनाव आयोग के मुताबिक, जम्मू और कश्मीर में 90 निर्वाचन क्षेत्रों में 87.09 लाख मतदाता हैं, जिनमें 42.6 लाख महिलाएं हैं। यहां पहली बार वोट देने वाले युवा मतदाताओं की संख्या 3.71 लाख है। जबकि, कुल मिलाकर 20.7 लाख युवा मतदाता हैं, जिनकी आयु 20 से 29 वर्ष के बीच है।
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आईएएनएस से उन्होंने कहा कि वह कहते हैं कि भले ही 100 साल लगे, जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 की बहाली को लेकर इंतजार करेंगे। मैं उन्हें कहना चाहती हूं कि आर्टिकल 370 और 35A को निरस्त कर दिया गया है। इसकी दोबारा बहाली संभव नहीं है, सुप्रीम कोर्ट ने भी इस फैसले को माना है।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के बयानों का हमारे विदेश मंत्री ने उचित जवाब दिया है। पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह की बातचीत या एलओसी व्यापार पर कोई चर्चा का सवाल ही नहीं उठता। मेरा मानना है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस को अब इस मामले पर स्थिर हो जाना चाहिए, क्योंकि अब बहुत हो गया। भारत में रहते हुए उन्हें भारत के लिए बोलना चाहिए, न कि पाकिस्तान से जुड़ी धमकियां देनी चाहिए।
फारूक अब्दुल्ला वही व्यक्ति हैं जिन्होंने एक से अधिक बार कहा है कि हमें पाकिस्तान से डरना चाहिए। उन्होंने यहां तक कहा कि पाकिस्तान के पास परमाणु हथियार है और चीन को भी इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए। इस अलगाववादी मानसिकता को कड़ा जवाब दिया गया है।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में विधानसभा का चुनाव होना है। राज्य में पहले चरण के मतदान के तहत 18 सितंबर को 24 सीटों पर चुनाव होना है। वहीं दूसरे चरण के तहत 25 सितंबर को 26 सीटों पर और तीसरे चरण के तहत एक अक्टूबर को 40 विधानसभा सीटों पर मतदान होना है। मतगणना 4 अक्टूबर को होनी है।
चुनाव आयोग के मुताबिक, जम्मू और कश्मीर में 90 निर्वाचन क्षेत्रों में 87.09 लाख मतदाता हैं, जिनमें 42.6 लाख महिलाएं हैं। यहां पहली बार वोट देने वाले युवा मतदाताओं की संख्या 3.71 लाख है। जबकि, कुल मिलाकर 20.7 लाख युवा मतदाता हैं, जिनकी आयु 20 से 29 वर्ष के बीच है।
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आईएएनएस से उन्होंने कहा कि वह कहते हैं कि भले ही 100 साल लगे, जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 की बहाली को लेकर इंतजार करेंगे। मैं उन्हें कहना चाहती हूं कि आर्टिकल 370 और 35A को निरस्त कर दिया गया है। इसकी दोबारा बहाली संभव नहीं है, सुप्रीम कोर्ट ने भी इस फैसले को माना है।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के बयानों का हमारे विदेश मंत्री ने उचित जवाब दिया है। पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह की बातचीत या एलओसी व्यापार पर कोई चर्चा का सवाल ही नहीं उठता। मेरा मानना है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस को अब इस मामले पर स्थिर हो जाना चाहिए, क्योंकि अब बहुत हो गया। भारत में रहते हुए उन्हें भारत के लिए बोलना चाहिए, न कि पाकिस्तान से जुड़ी धमकियां देनी चाहिए।
फारूक अब्दुल्ला वही व्यक्ति हैं जिन्होंने एक से अधिक बार कहा है कि हमें पाकिस्तान से डरना चाहिए। उन्होंने यहां तक कहा कि पाकिस्तान के पास परमाणु हथियार है और चीन को भी इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए। इस अलगाववादी मानसिकता को कड़ा जवाब दिया गया है।
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चुनाव आयोग के मुताबिक, जम्मू और कश्मीर में 90 निर्वाचन क्षेत्रों में 87.09 लाख मतदाता हैं, जिनमें 42.6 लाख महिलाएं हैं। यहां पहली बार वोट देने वाले युवा मतदाताओं की संख्या 3.71 लाख है। जबकि, कुल मिलाकर 20.7 लाख युवा मतदाता हैं, जिनकी आयु 20 से 29 वर्ष के बीच है।
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जम्मू, 30 अगस्त (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा-कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है। भाजपा नेता शाजिया इल्मी ने पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला पर निशाना साधा।
आईएएनएस से उन्होंने कहा कि वह कहते हैं कि भले ही 100 साल लगे, जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 की बहाली को लेकर इंतजार करेंगे। मैं उन्हें कहना चाहती हूं कि आर्टिकल 370 और 35A को निरस्त कर दिया गया है। इसकी दोबारा बहाली संभव नहीं है, सुप्रीम कोर्ट ने भी इस फैसले को माना है।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के बयानों का हमारे विदेश मंत्री ने उचित जवाब दिया है। पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह की बातचीत या एलओसी व्यापार पर कोई चर्चा का सवाल ही नहीं उठता। मेरा मानना है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस को अब इस मामले पर स्थिर हो जाना चाहिए, क्योंकि अब बहुत हो गया। भारत में रहते हुए उन्हें भारत के लिए बोलना चाहिए, न कि पाकिस्तान से जुड़ी धमकियां देनी चाहिए।
फारूक अब्दुल्ला वही व्यक्ति हैं जिन्होंने एक से अधिक बार कहा है कि हमें पाकिस्तान से डरना चाहिए। उन्होंने यहां तक कहा कि पाकिस्तान के पास परमाणु हथियार है और चीन को भी इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए। इस अलगाववादी मानसिकता को कड़ा जवाब दिया गया है।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में विधानसभा का चुनाव होना है। राज्य में पहले चरण के मतदान के तहत 18 सितंबर को 24 सीटों पर चुनाव होना है। वहीं दूसरे चरण के तहत 25 सितंबर को 26 सीटों पर और तीसरे चरण के तहत एक अक्टूबर को 40 विधानसभा सीटों पर मतदान होना है। मतगणना 4 अक्टूबर को होनी है।
चुनाव आयोग के मुताबिक, जम्मू और कश्मीर में 90 निर्वाचन क्षेत्रों में 87.09 लाख मतदाता हैं, जिनमें 42.6 लाख महिलाएं हैं। यहां पहली बार वोट देने वाले युवा मतदाताओं की संख्या 3.71 लाख है। जबकि, कुल मिलाकर 20.7 लाख युवा मतदाता हैं, जिनकी आयु 20 से 29 वर्ष के बीच है।
–आईएएनएस
डीकेएम/जीकेटी
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जम्मू, 30 अगस्त (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा-कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है। भाजपा नेता शाजिया इल्मी ने पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला पर निशाना साधा।
आईएएनएस से उन्होंने कहा कि वह कहते हैं कि भले ही 100 साल लगे, जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 की बहाली को लेकर इंतजार करेंगे। मैं उन्हें कहना चाहती हूं कि आर्टिकल 370 और 35A को निरस्त कर दिया गया है। इसकी दोबारा बहाली संभव नहीं है, सुप्रीम कोर्ट ने भी इस फैसले को माना है।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के बयानों का हमारे विदेश मंत्री ने उचित जवाब दिया है। पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह की बातचीत या एलओसी व्यापार पर कोई चर्चा का सवाल ही नहीं उठता। मेरा मानना है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस को अब इस मामले पर स्थिर हो जाना चाहिए, क्योंकि अब बहुत हो गया। भारत में रहते हुए उन्हें भारत के लिए बोलना चाहिए, न कि पाकिस्तान से जुड़ी धमकियां देनी चाहिए।
फारूक अब्दुल्ला वही व्यक्ति हैं जिन्होंने एक से अधिक बार कहा है कि हमें पाकिस्तान से डरना चाहिए। उन्होंने यहां तक कहा कि पाकिस्तान के पास परमाणु हथियार है और चीन को भी इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए। इस अलगाववादी मानसिकता को कड़ा जवाब दिया गया है।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में विधानसभा का चुनाव होना है। राज्य में पहले चरण के मतदान के तहत 18 सितंबर को 24 सीटों पर चुनाव होना है। वहीं दूसरे चरण के तहत 25 सितंबर को 26 सीटों पर और तीसरे चरण के तहत एक अक्टूबर को 40 विधानसभा सीटों पर मतदान होना है। मतगणना 4 अक्टूबर को होनी है।
चुनाव आयोग के मुताबिक, जम्मू और कश्मीर में 90 निर्वाचन क्षेत्रों में 87.09 लाख मतदाता हैं, जिनमें 42.6 लाख महिलाएं हैं। यहां पहली बार वोट देने वाले युवा मतदाताओं की संख्या 3.71 लाख है। जबकि, कुल मिलाकर 20.7 लाख युवा मतदाता हैं, जिनकी आयु 20 से 29 वर्ष के बीच है।
–आईएएनएस
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जम्मू, 30 अगस्त (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा-कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है। भाजपा नेता शाजिया इल्मी ने पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला पर निशाना साधा।
आईएएनएस से उन्होंने कहा कि वह कहते हैं कि भले ही 100 साल लगे, जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 की बहाली को लेकर इंतजार करेंगे। मैं उन्हें कहना चाहती हूं कि आर्टिकल 370 और 35A को निरस्त कर दिया गया है। इसकी दोबारा बहाली संभव नहीं है, सुप्रीम कोर्ट ने भी इस फैसले को माना है।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के बयानों का हमारे विदेश मंत्री ने उचित जवाब दिया है। पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह की बातचीत या एलओसी व्यापार पर कोई चर्चा का सवाल ही नहीं उठता। मेरा मानना है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस को अब इस मामले पर स्थिर हो जाना चाहिए, क्योंकि अब बहुत हो गया। भारत में रहते हुए उन्हें भारत के लिए बोलना चाहिए, न कि पाकिस्तान से जुड़ी धमकियां देनी चाहिए।
फारूक अब्दुल्ला वही व्यक्ति हैं जिन्होंने एक से अधिक बार कहा है कि हमें पाकिस्तान से डरना चाहिए। उन्होंने यहां तक कहा कि पाकिस्तान के पास परमाणु हथियार है और चीन को भी इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए। इस अलगाववादी मानसिकता को कड़ा जवाब दिया गया है।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में विधानसभा का चुनाव होना है। राज्य में पहले चरण के मतदान के तहत 18 सितंबर को 24 सीटों पर चुनाव होना है। वहीं दूसरे चरण के तहत 25 सितंबर को 26 सीटों पर और तीसरे चरण के तहत एक अक्टूबर को 40 विधानसभा सीटों पर मतदान होना है। मतगणना 4 अक्टूबर को होनी है।
चुनाव आयोग के मुताबिक, जम्मू और कश्मीर में 90 निर्वाचन क्षेत्रों में 87.09 लाख मतदाता हैं, जिनमें 42.6 लाख महिलाएं हैं। यहां पहली बार वोट देने वाले युवा मतदाताओं की संख्या 3.71 लाख है। जबकि, कुल मिलाकर 20.7 लाख युवा मतदाता हैं, जिनकी आयु 20 से 29 वर्ष के बीच है।
–आईएएनएस
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जम्मू, 30 अगस्त (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा-कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है। भाजपा नेता शाजिया इल्मी ने पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला पर निशाना साधा।
आईएएनएस से उन्होंने कहा कि वह कहते हैं कि भले ही 100 साल लगे, जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 की बहाली को लेकर इंतजार करेंगे। मैं उन्हें कहना चाहती हूं कि आर्टिकल 370 और 35A को निरस्त कर दिया गया है। इसकी दोबारा बहाली संभव नहीं है, सुप्रीम कोर्ट ने भी इस फैसले को माना है।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के बयानों का हमारे विदेश मंत्री ने उचित जवाब दिया है। पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह की बातचीत या एलओसी व्यापार पर कोई चर्चा का सवाल ही नहीं उठता। मेरा मानना है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस को अब इस मामले पर स्थिर हो जाना चाहिए, क्योंकि अब बहुत हो गया। भारत में रहते हुए उन्हें भारत के लिए बोलना चाहिए, न कि पाकिस्तान से जुड़ी धमकियां देनी चाहिए।
फारूक अब्दुल्ला वही व्यक्ति हैं जिन्होंने एक से अधिक बार कहा है कि हमें पाकिस्तान से डरना चाहिए। उन्होंने यहां तक कहा कि पाकिस्तान के पास परमाणु हथियार है और चीन को भी इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए। इस अलगाववादी मानसिकता को कड़ा जवाब दिया गया है।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में विधानसभा का चुनाव होना है। राज्य में पहले चरण के मतदान के तहत 18 सितंबर को 24 सीटों पर चुनाव होना है। वहीं दूसरे चरण के तहत 25 सितंबर को 26 सीटों पर और तीसरे चरण के तहत एक अक्टूबर को 40 विधानसभा सीटों पर मतदान होना है। मतगणना 4 अक्टूबर को होनी है।
चुनाव आयोग के मुताबिक, जम्मू और कश्मीर में 90 निर्वाचन क्षेत्रों में 87.09 लाख मतदाता हैं, जिनमें 42.6 लाख महिलाएं हैं। यहां पहली बार वोट देने वाले युवा मतदाताओं की संख्या 3.71 लाख है। जबकि, कुल मिलाकर 20.7 लाख युवा मतदाता हैं, जिनकी आयु 20 से 29 वर्ष के बीच है।
–आईएएनएस
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जम्मू, 30 अगस्त (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा-कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है। भाजपा नेता शाजिया इल्मी ने पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला पर निशाना साधा।
आईएएनएस से उन्होंने कहा कि वह कहते हैं कि भले ही 100 साल लगे, जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 की बहाली को लेकर इंतजार करेंगे। मैं उन्हें कहना चाहती हूं कि आर्टिकल 370 और 35A को निरस्त कर दिया गया है। इसकी दोबारा बहाली संभव नहीं है, सुप्रीम कोर्ट ने भी इस फैसले को माना है।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के बयानों का हमारे विदेश मंत्री ने उचित जवाब दिया है। पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह की बातचीत या एलओसी व्यापार पर कोई चर्चा का सवाल ही नहीं उठता। मेरा मानना है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस को अब इस मामले पर स्थिर हो जाना चाहिए, क्योंकि अब बहुत हो गया। भारत में रहते हुए उन्हें भारत के लिए बोलना चाहिए, न कि पाकिस्तान से जुड़ी धमकियां देनी चाहिए।
फारूक अब्दुल्ला वही व्यक्ति हैं जिन्होंने एक से अधिक बार कहा है कि हमें पाकिस्तान से डरना चाहिए। उन्होंने यहां तक कहा कि पाकिस्तान के पास परमाणु हथियार है और चीन को भी इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए। इस अलगाववादी मानसिकता को कड़ा जवाब दिया गया है।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में विधानसभा का चुनाव होना है। राज्य में पहले चरण के मतदान के तहत 18 सितंबर को 24 सीटों पर चुनाव होना है। वहीं दूसरे चरण के तहत 25 सितंबर को 26 सीटों पर और तीसरे चरण के तहत एक अक्टूबर को 40 विधानसभा सीटों पर मतदान होना है। मतगणना 4 अक्टूबर को होनी है।
चुनाव आयोग के मुताबिक, जम्मू और कश्मीर में 90 निर्वाचन क्षेत्रों में 87.09 लाख मतदाता हैं, जिनमें 42.6 लाख महिलाएं हैं। यहां पहली बार वोट देने वाले युवा मतदाताओं की संख्या 3.71 लाख है। जबकि, कुल मिलाकर 20.7 लाख युवा मतदाता हैं, जिनकी आयु 20 से 29 वर्ष के बीच है।