श्रीनगर, 1 मार्च (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक हलकों में यह चर्चा जोरों पर है कि कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के बीच सीट-बंटवारे का समझौता होने वाला है और इस आशय की घोषणा कुछ ही दिनो में होने की संभावना है।
एनसी अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने पहले कहा था कि उनकी पार्टी जम्मू-कश्मीर और लद्दाख की सभी लोकसभा सीटें अपने दम पर लड़ेगी।
ऐसा प्रतीत होता है कि डॉ. अब्दुल्ला अपने रुख से पीछे हट गए हैं, क्योंकि नेकां और कांग्रेस के सूत्र अब कह रहे हैं कि उनका इरादा कभी भी समान विचारधारा वाले राजनीतिक दलों के बीच चुनाव पूर्व गठबंधन को खारिज करने का नहीं था।
एनसी के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने अपने पिता के बयान के बाद संवाददाताओं से कहा था कि एनसी कांग्रेस के साथ सीट शेयर करने की बातचीत में लगी हुई है।
जम्मू-कश्मीर कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष विकार रसूल वानी ने हाल ही में संवाददाताओं से कहा कि एनसी और पीडीपी के साथ सीट शेयरिंग पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है।
अब अटकलें लगाई जा रही हैं कि एनसी, पीडीपी और कांग्रेस के बीच चुनाव पूर्व गठबंधन को लेकर समझौते की घोषणा जल्द ही की जा सकती है।
अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि इस महीने के पहले सप्ताह के अंत से पहले सीट शेयरिंग की घोषणा की जा सकती है।
“एनसी श्रीनगर-बडगाम-गांदरबल लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेगी और उमर अब्दुल्ला एनसी उम्मीदवार होंगे।”
“महबूबा मुफ्ती दक्षिण कश्मीर अनंतनाग-राजौरी-पुंछ लोकसभा क्षेत्र से पीडीपी की उम्मीदवार होंगी और एनसी उनकी उम्मीदवारी का समर्थन करेगी।
सूत्रों ने कहा, “उत्तरी कश्मीर बारामूला लोकसभा सीट पीडीपी और कांग्रेस द्वारा एनसी को दी जाएगी। ये दोनों दल इस निर्वाचन क्षेत्र से एनसी उम्मीदवार के खिलाफ कोई उम्मीदवार नहीं उतारेंगे।”
वहीं सूत्रों ने कहा कि बारामूला सीट के लिए एनसी उम्मीदवार का नाम अभी तय नहीं हुआ है।
इस बीच अब माना जा रहा है कि वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री मुजफ्फर हुसैन बेेग बारामूला लोकसभा क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर खड़े हो सकते हैं।
पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद गनी लोन पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि वह बारामूला निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे।
भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष रविंदर रैना के दक्षिण कश्मीर अनंतनाग सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने की संभावना है।
रैना मुख्य रूप से दक्षिण कश्मीर लोकसभा क्षेत्र के अनंतनाग, राजौरी और पुंछ जिलों में भाजपा कैडर पर निर्भर रहेंगे।
इसके अलावा, राजौरी, पुंछ, अनंतनाग और कुलगाम जिलों के कुछ हिस्सों में रहने वाले पहाड़ी समुदाय को रैना का भारी समर्थन मिलने की संभावना है, क्योंकि पहाड़ियों को हाल ही में भारत सरकार द्वारा एसटी का दर्जा दिया गया है।
इसके उलट अनंतनाग जिले में महबूबा मुफ्ती की अच्छी पैठ है। एक बार जब एनसी उनका समर्थन करेगी, तो राजौरी, पुंछ और अनंतनाग जिले के कुछ हिस्सों में रहने वाले बड़े गुज्जर/बकरवाल समुदाय के भी उनका समर्थन करने की उम्मीद है।
बड़े पैमाने पर लोकप्रिय गुज्जर/बकरवाल नेता, नेकां के मियां अल्ताफ अहमद अपने समुदाय से बड़ी संख्या में मतदाताओं को महबूबा मुफ्ती के पक्ष में जुटा सकते हैं।
जम्मू और उधमपुर-कठुआ की दो लोकसभा सीटों के नतीजे भाजपा के पक्ष में माने जा रहे हैं।
उधमपुर-कठुआ लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व वर्तमान में राज्य मंत्री (पीएमओ) डॉ. जितेंद्र सिंह करते हैं, जबकि जम्मू सीट का प्रतिनिधित्व भाजपा के जुगल किशोर करते हैं।
क्या जितेंद्र सिंह और जुगल किशोर को इन दोनों सीटों पर फिर से भाजपा उम्मीदवार बनाया जाएगा, यह अभी भी स्पष्ट नहीं है।
इन संभावित परिवर्तनों और संयोजनों को देखते हुए, जम्मू-कश्मीर में आगामी लोकसभा चुनाव बहुत दिलचस्प होने वाला है, क्योंकि कई दिग्गजों के चुनाव मैदान में उतरने की संभावना है।
–आईएएनएस
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