श्रीनगर, 22 मई (आईएएनएस)। लोकसभा चुनाव में जम्मू-कश्मीर में हुई अच्छी वोटिंग को केंद्र सरकार द्वारा धारा 370 के निरस्त किए जाने का परिणाम बताने पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने अपना आक्रोश जाहिर किया है।
उन्होंने इसे केंद्र की उपलब्धि बताने से इनकार करते हुए कहा, “लोग खुद हिम्मत कर घरों से बाहर निकलकर वोट देने पहुंचे। इसमें केंद्र को कोई श्रेय नहीं जाता है। इसे केंद्र सरकार अपने लिए किसी श्रेय के रूप में प्रचारित करने से बचे।“
केंद्र द्वारा जम्मू-कश्मीर में हुई हाई वोटिंग को धारा 370 के हटाए से जोड़े जाने पर कहा, “1990 से पहले हुए चुनावों में इससे ज्यादा वोटिंग हुई थी। अब अगर इसे आप धारा 370 के हटाए जाने से जोड़ते हैं, तो मेरा आपसे सवाल है कि आखिर 1990 से पहले घाटी में हाई वोटिंग क्यों होती थी?“
उमर अब्दुल्ला ने आगे कहा, “लोगों में केंद्र सरकार के खिलाफ गुस्सा है और अपने इसी गुस्से को जाहिर करने के लिए लोग मतदान करने घरों से बाहर निकले हैं। जम्मू-कश्मीर में स्थिति बहुत खराब है। कहीं पर किसी की भी कोई सुनवाई नहीं होती। किसी भी दफ्तर में जाओ तो आपको कोई सुनने वाला नहीं होता। सभी फैसले शाही फरमान की तरह जारी किए जाते हैं। लोग परेशान हैं और अच्छी बात है कि लोकतंत्र में लोगों के पास अपने वोट के माध्यम से अपने रोष को जाहिर करने का अधिकार है और इस लोकसभा चुनाव में लोगों ने अपने वोट के जरिए अपना रोष जाहिर किया है।“
बता दें कि इस लोकसभा चुनाव में जम्मू-कश्मीर में सर्वाधिक मतदान फीसद दर्ज किया गया। इसे बीजेपी ने अपने लिए एक उपलब्धि के रूप में चुनाव के बीच रेखांकित करने का प्रयास किया। बीजेपी का दावा है कि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने की वजह से आतंकवाद की कमर टूटी है और लोग निर्भय होकर मतदान करने पहुंचे हैं। केंद्र की मोदी सरकार जम्मू-कश्मीर में हुई हाई वोटिंग को अपने लिए एक श्रेय के रूप में चुनावी माहौल के बीच प्रस्तुत करने की कोशिश कर रही है, लेकिन घाटी के नेता इसे सिरे से खारिज करते नजर आ रहे हैं।
–आईएएनएस
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