जम्मू 5 अक्टूबर (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में मुस्लिम समुदाय ने शनिवार को स्वामी यति नरसिंहानंद द्वारा पैगंबर के व्यक्तित्व के संबंध में की गई कथित ईशनिंदा वाली टिप्पणी के खिलाफ विरोध रैली निकाली। इस प्रदर्शन में काफी लोग शामिल हुए।
प्रदर्शनकारियों ने पैगम्बर मोहम्मद के व्यक्तित्व के बारे में कथित ईशनिंदा वाली टिप्पणी के लिए यति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि इस टिप्पणी से दुनिया भर के लाखों मुसलमानों की भावनाओं को ठेस पहुंची है।
प्रदर्शनकारी राजौरी शहर के बीच में इकट्ठे हुए थे। इसके बाद उन्होंने वहां से हटने से इनकार कर दिया। हालांकि जब स्थानीय अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों को आश्वासन दिया कि वे उनकी भावनाओं से सर्वोच्च अधिकारियों को अवगत करा देंगे, तब वह लोग धरना स्थल से हटे।
प्रदर्शनकारियों को शांत करने के लिए अतिरिक्त उपायुक्त राजौरी और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक तुरंत मौके पर पहुंचे और उन्हें आश्वासन दिया कि प्रदर्शनकारियों द्वारा उन्हें सौंपा गया ज्ञापन उच्च अधिकारियों को भेज दिया जाएगा।
धरने पर बैठे प्रदर्शनकारियों का इस विषय पर कहना है कि इस टिप्पणी से भारत समेत पूरी दुनिया में मुसलमानों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं। प्रदर्शनकारियों के अनुसार, इन टिप्पणियों से जम्मू-कश्मीर और देश के अन्य स्थानों में समुदायों के बीच व्याप्त शांति और सौहार्द को नुकसान पहुंचने की संभावना है।
उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि किसी भी धर्म के खिलाफ ऐसी टिप्पणी अस्वीकार्य है और ऐसा करने वालों को देश के कानून के तहत दंडित किया जाना चाहिए।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर देश का एकमात्र ऐसा राज्य रहा है जो 1947 में उपमहाद्वीप के धर्म के आधार पर विभाजन के समय सांप्रदायिक आग से बचा रहा।
1990 के दशक में कश्मीर घाटी में सशस्त्र हिंसा की शुरुआत के साथ ही आतंकवादियों द्वारा अल्पसंख्यक कश्मीरी पंडित समुदाय के लोगों के खिलाफ जो आतंक फैलाया गया, उसका आम मुसलमानों द्वारा विरोध किया गया, जो कभी-कभी ‘भारत समर्थक’ राजनीतिक कार्यकर्ता होने के कारण आतंकवादियों के निशाने पर थे, तो कभी सुरक्षाबलों के मुखबिर कहलाते थे।
–आईएएनएस
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