जम्मू, 17 अक्टूबर (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर में बुधवार को नई सरकार का गठन हो गया। नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ मिलकर चुनाव लड़ने वाली कांग्रेस ने सरकार को बाहर से समर्थन देने का फैसला किया है। इसको लेकर प्रदेश के आम नागरिकों ने आईएएनएस से बातचीत की।
प्रदेश के एक स्थानीय निवासी ने जम्मू-कश्मीर की नई सरकार को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह सही है कि कांग्रेस ने किनारा कर लिया है। इसका इशारा उसी दिन मिल गया था, जिस दिन उन्होंने अपना समर्थन पत्र देने में देरी की थी।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी जम्मू-कश्मीर में 10-15 सीटों पर जीतने की उम्मीद की थी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। जिस जम्मू को कांग्रेस का गढ़ माना जाता था, वहां दूर-दूर तक कोई सीट नजर नहीं आ रही है। कांग्रेस ने मेनिफेस्टो में जो वादे किए थे, उसको भी पूरे करने थे। कर्नाटक और हिमाचल में कैसे हालात हैं, यह सभी को पता है। चुनाव के वक्त वोटर्स से वादे करना मामूली बात नहीं, आज मतदाता सुलझे हुए हैं। जम्मू-कश्मीर में प्रतिनिधि को लेकर उन्होंने कहा कि जितनी बड़ी जीत होती है, उतनी बड़ी जिम्मेदारी दी जाती है।
जम्मू के एक अन्य आम शहरी ने कहा कि 10 साल के बाद यहां पर चुनाव हुए हैं, ऐसे में जो जीत कर आए हैं, उनको बहुत मुबारकबाद। जम्मू-कश्मीर की नवगठित सरकार से बहुत अपेक्षाएं हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस ने पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई है। उमर अब्दुल्ला ने मुख्यमंत्री एवं सुरेंद्र चौधरी ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। यह बहुत अच्छी बात है कि सरकार में हिंदू चेहरे को भी जगह मिली है। मुस्लिम और हिंदू को एक साथ लेकर चलना बहुत जरूरी है।
उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस इस सरकार का अहम हिस्सा है। किसी पार्टी की अपनी विचारधारा हो सकती है। कांग्रेस ने कहा है कि रियासत जब वापस आएगी तब वे शपथ लेंगे। मुझे लगता है कि इस पर पार्टी को विचार करने की जरूरत है। जम्मू-कश्मीर की बेहतरी के लिए नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस को एकजुट होकर काम करने की जरूरत है, ताकि यहां पर विकास हो सके।
–आईएएनएस
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