जयपुर, 25 अगस्त (आईएएनएस)। राज्यभर से हजारों नर्सिंग कर्मचारी सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन करने शुक्रवार को जयपुर पहुंचे। नर्सिंग कर्मचारी कांग्रेस सरकार के साढ़े चार साल के दौरान लंबे समय से चली आ रही मांगें पूरी नहीं होने से नाराज हैं।
अधिकारियों के अनुसार, नर्सिंग कर्मचारी छुट्टी लेकर सुबह 11 बजे जयपुर के एसएमएस मेडिकल कॉलेज मैदान में एकत्र हुए। उन्होंने यहां से रामलीला मैदान तक विरोध रैली निकाली। नर्सिंग कर्मचारियों के सामूहिक अवकाश का असर पूरे राज्य में मरीजों पर पड़ा। हालांकि, अस्पताल प्रशासन ने नर्सिंग कॉलेज के छात्रों को तैनात कर वैकल्पिक व्यवस्था की थी।
नर्सिंग कर्मचारियों की चार मागों में क्रमश: 1- कर्मचारियों की वेतन विसंगति दूर करना। 2- संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों को नियमित करना। 3- टाइम स्केल पदोन्नति देना और 4- राज्य कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान के लिए मंत्री मंडलीय उप समिति का गठन करना शामिल है।
राजस्थान नर्सेज संयुक्त संघर्ष समिति के नेता प्यारे लाल चौधरी, राजेंद्र सिंह राणा और नरेंद्र सिंह शेखावत ने संयुक्त बयान जारी कर कहा कि हम पिछले तीन महीने से अपनी मांगों को लेकर लगातार शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे हैं। लेकिन सरकार ने हमारी मांगों को नजरअंदाज कर दिया।
बयान में आगे कहा गया है कि 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने घोषणापत्र में कर्मचारियों से चार वादे किए थे। सभी वादे अभी तक अधूरे हैं। इसलिए कर्मचारी अपनी 100 फीसदी मांगें लागू नहीं होने से नाराज हैं। अब एक और घोषणापत्र बनाने का समय आ गया है और पिछले घोषणापत्र के वादे लंबित हैं।
–आईएएनएस
एफजेड
ADVERTISEMENT
जयपुर, 25 अगस्त (आईएएनएस)। राज्यभर से हजारों नर्सिंग कर्मचारी सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन करने शुक्रवार को जयपुर पहुंचे। नर्सिंग कर्मचारी कांग्रेस सरकार के साढ़े चार साल के दौरान लंबे समय से चली आ रही मांगें पूरी नहीं होने से नाराज हैं।
अधिकारियों के अनुसार, नर्सिंग कर्मचारी छुट्टी लेकर सुबह 11 बजे जयपुर के एसएमएस मेडिकल कॉलेज मैदान में एकत्र हुए। उन्होंने यहां से रामलीला मैदान तक विरोध रैली निकाली। नर्सिंग कर्मचारियों के सामूहिक अवकाश का असर पूरे राज्य में मरीजों पर पड़ा। हालांकि, अस्पताल प्रशासन ने नर्सिंग कॉलेज के छात्रों को तैनात कर वैकल्पिक व्यवस्था की थी।
नर्सिंग कर्मचारियों की चार मागों में क्रमश: 1- कर्मचारियों की वेतन विसंगति दूर करना। 2- संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों को नियमित करना। 3- टाइम स्केल पदोन्नति देना और 4- राज्य कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान के लिए मंत्री मंडलीय उप समिति का गठन करना शामिल है।
राजस्थान नर्सेज संयुक्त संघर्ष समिति के नेता प्यारे लाल चौधरी, राजेंद्र सिंह राणा और नरेंद्र सिंह शेखावत ने संयुक्त बयान जारी कर कहा कि हम पिछले तीन महीने से अपनी मांगों को लेकर लगातार शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे हैं। लेकिन सरकार ने हमारी मांगों को नजरअंदाज कर दिया।
बयान में आगे कहा गया है कि 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने घोषणापत्र में कर्मचारियों से चार वादे किए थे। सभी वादे अभी तक अधूरे हैं। इसलिए कर्मचारी अपनी 100 फीसदी मांगें लागू नहीं होने से नाराज हैं। अब एक और घोषणापत्र बनाने का समय आ गया है और पिछले घोषणापत्र के वादे लंबित हैं।
–आईएएनएस
एफजेड
ADVERTISEMENT
जयपुर, 25 अगस्त (आईएएनएस)। राज्यभर से हजारों नर्सिंग कर्मचारी सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन करने शुक्रवार को जयपुर पहुंचे। नर्सिंग कर्मचारी कांग्रेस सरकार के साढ़े चार साल के दौरान लंबे समय से चली आ रही मांगें पूरी नहीं होने से नाराज हैं।
अधिकारियों के अनुसार, नर्सिंग कर्मचारी छुट्टी लेकर सुबह 11 बजे जयपुर के एसएमएस मेडिकल कॉलेज मैदान में एकत्र हुए। उन्होंने यहां से रामलीला मैदान तक विरोध रैली निकाली। नर्सिंग कर्मचारियों के सामूहिक अवकाश का असर पूरे राज्य में मरीजों पर पड़ा। हालांकि, अस्पताल प्रशासन ने नर्सिंग कॉलेज के छात्रों को तैनात कर वैकल्पिक व्यवस्था की थी।
नर्सिंग कर्मचारियों की चार मागों में क्रमश: 1- कर्मचारियों की वेतन विसंगति दूर करना। 2- संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों को नियमित करना। 3- टाइम स्केल पदोन्नति देना और 4- राज्य कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान के लिए मंत्री मंडलीय उप समिति का गठन करना शामिल है।
राजस्थान नर्सेज संयुक्त संघर्ष समिति के नेता प्यारे लाल चौधरी, राजेंद्र सिंह राणा और नरेंद्र सिंह शेखावत ने संयुक्त बयान जारी कर कहा कि हम पिछले तीन महीने से अपनी मांगों को लेकर लगातार शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे हैं। लेकिन सरकार ने हमारी मांगों को नजरअंदाज कर दिया।
बयान में आगे कहा गया है कि 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने घोषणापत्र में कर्मचारियों से चार वादे किए थे। सभी वादे अभी तक अधूरे हैं। इसलिए कर्मचारी अपनी 100 फीसदी मांगें लागू नहीं होने से नाराज हैं। अब एक और घोषणापत्र बनाने का समय आ गया है और पिछले घोषणापत्र के वादे लंबित हैं।
–आईएएनएस
एफजेड
ADVERTISEMENT
जयपुर, 25 अगस्त (आईएएनएस)। राज्यभर से हजारों नर्सिंग कर्मचारी सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन करने शुक्रवार को जयपुर पहुंचे। नर्सिंग कर्मचारी कांग्रेस सरकार के साढ़े चार साल के दौरान लंबे समय से चली आ रही मांगें पूरी नहीं होने से नाराज हैं।
अधिकारियों के अनुसार, नर्सिंग कर्मचारी छुट्टी लेकर सुबह 11 बजे जयपुर के एसएमएस मेडिकल कॉलेज मैदान में एकत्र हुए। उन्होंने यहां से रामलीला मैदान तक विरोध रैली निकाली। नर्सिंग कर्मचारियों के सामूहिक अवकाश का असर पूरे राज्य में मरीजों पर पड़ा। हालांकि, अस्पताल प्रशासन ने नर्सिंग कॉलेज के छात्रों को तैनात कर वैकल्पिक व्यवस्था की थी।
नर्सिंग कर्मचारियों की चार मागों में क्रमश: 1- कर्मचारियों की वेतन विसंगति दूर करना। 2- संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों को नियमित करना। 3- टाइम स्केल पदोन्नति देना और 4- राज्य कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान के लिए मंत्री मंडलीय उप समिति का गठन करना शामिल है।
राजस्थान नर्सेज संयुक्त संघर्ष समिति के नेता प्यारे लाल चौधरी, राजेंद्र सिंह राणा और नरेंद्र सिंह शेखावत ने संयुक्त बयान जारी कर कहा कि हम पिछले तीन महीने से अपनी मांगों को लेकर लगातार शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे हैं। लेकिन सरकार ने हमारी मांगों को नजरअंदाज कर दिया।
बयान में आगे कहा गया है कि 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने घोषणापत्र में कर्मचारियों से चार वादे किए थे। सभी वादे अभी तक अधूरे हैं। इसलिए कर्मचारी अपनी 100 फीसदी मांगें लागू नहीं होने से नाराज हैं। अब एक और घोषणापत्र बनाने का समय आ गया है और पिछले घोषणापत्र के वादे लंबित हैं।
–आईएएनएस
एफजेड
ADVERTISEMENT
जयपुर, 25 अगस्त (आईएएनएस)। राज्यभर से हजारों नर्सिंग कर्मचारी सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन करने शुक्रवार को जयपुर पहुंचे। नर्सिंग कर्मचारी कांग्रेस सरकार के साढ़े चार साल के दौरान लंबे समय से चली आ रही मांगें पूरी नहीं होने से नाराज हैं।
अधिकारियों के अनुसार, नर्सिंग कर्मचारी छुट्टी लेकर सुबह 11 बजे जयपुर के एसएमएस मेडिकल कॉलेज मैदान में एकत्र हुए। उन्होंने यहां से रामलीला मैदान तक विरोध रैली निकाली। नर्सिंग कर्मचारियों के सामूहिक अवकाश का असर पूरे राज्य में मरीजों पर पड़ा। हालांकि, अस्पताल प्रशासन ने नर्सिंग कॉलेज के छात्रों को तैनात कर वैकल्पिक व्यवस्था की थी।
नर्सिंग कर्मचारियों की चार मागों में क्रमश: 1- कर्मचारियों की वेतन विसंगति दूर करना। 2- संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों को नियमित करना। 3- टाइम स्केल पदोन्नति देना और 4- राज्य कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान के लिए मंत्री मंडलीय उप समिति का गठन करना शामिल है।
राजस्थान नर्सेज संयुक्त संघर्ष समिति के नेता प्यारे लाल चौधरी, राजेंद्र सिंह राणा और नरेंद्र सिंह शेखावत ने संयुक्त बयान जारी कर कहा कि हम पिछले तीन महीने से अपनी मांगों को लेकर लगातार शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे हैं। लेकिन सरकार ने हमारी मांगों को नजरअंदाज कर दिया।
बयान में आगे कहा गया है कि 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने घोषणापत्र में कर्मचारियों से चार वादे किए थे। सभी वादे अभी तक अधूरे हैं। इसलिए कर्मचारी अपनी 100 फीसदी मांगें लागू नहीं होने से नाराज हैं। अब एक और घोषणापत्र बनाने का समय आ गया है और पिछले घोषणापत्र के वादे लंबित हैं।
–आईएएनएस
एफजेड
ADVERTISEMENT
जयपुर, 25 अगस्त (आईएएनएस)। राज्यभर से हजारों नर्सिंग कर्मचारी सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन करने शुक्रवार को जयपुर पहुंचे। नर्सिंग कर्मचारी कांग्रेस सरकार के साढ़े चार साल के दौरान लंबे समय से चली आ रही मांगें पूरी नहीं होने से नाराज हैं।
अधिकारियों के अनुसार, नर्सिंग कर्मचारी छुट्टी लेकर सुबह 11 बजे जयपुर के एसएमएस मेडिकल कॉलेज मैदान में एकत्र हुए। उन्होंने यहां से रामलीला मैदान तक विरोध रैली निकाली। नर्सिंग कर्मचारियों के सामूहिक अवकाश का असर पूरे राज्य में मरीजों पर पड़ा। हालांकि, अस्पताल प्रशासन ने नर्सिंग कॉलेज के छात्रों को तैनात कर वैकल्पिक व्यवस्था की थी।
नर्सिंग कर्मचारियों की चार मागों में क्रमश: 1- कर्मचारियों की वेतन विसंगति दूर करना। 2- संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों को नियमित करना। 3- टाइम स्केल पदोन्नति देना और 4- राज्य कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान के लिए मंत्री मंडलीय उप समिति का गठन करना शामिल है।
राजस्थान नर्सेज संयुक्त संघर्ष समिति के नेता प्यारे लाल चौधरी, राजेंद्र सिंह राणा और नरेंद्र सिंह शेखावत ने संयुक्त बयान जारी कर कहा कि हम पिछले तीन महीने से अपनी मांगों को लेकर लगातार शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे हैं। लेकिन सरकार ने हमारी मांगों को नजरअंदाज कर दिया।
बयान में आगे कहा गया है कि 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने घोषणापत्र में कर्मचारियों से चार वादे किए थे। सभी वादे अभी तक अधूरे हैं। इसलिए कर्मचारी अपनी 100 फीसदी मांगें लागू नहीं होने से नाराज हैं। अब एक और घोषणापत्र बनाने का समय आ गया है और पिछले घोषणापत्र के वादे लंबित हैं।
–आईएएनएस
एफजेड
ADVERTISEMENT
जयपुर, 25 अगस्त (आईएएनएस)। राज्यभर से हजारों नर्सिंग कर्मचारी सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन करने शुक्रवार को जयपुर पहुंचे। नर्सिंग कर्मचारी कांग्रेस सरकार के साढ़े चार साल के दौरान लंबे समय से चली आ रही मांगें पूरी नहीं होने से नाराज हैं।
अधिकारियों के अनुसार, नर्सिंग कर्मचारी छुट्टी लेकर सुबह 11 बजे जयपुर के एसएमएस मेडिकल कॉलेज मैदान में एकत्र हुए। उन्होंने यहां से रामलीला मैदान तक विरोध रैली निकाली। नर्सिंग कर्मचारियों के सामूहिक अवकाश का असर पूरे राज्य में मरीजों पर पड़ा। हालांकि, अस्पताल प्रशासन ने नर्सिंग कॉलेज के छात्रों को तैनात कर वैकल्पिक व्यवस्था की थी।
नर्सिंग कर्मचारियों की चार मागों में क्रमश: 1- कर्मचारियों की वेतन विसंगति दूर करना। 2- संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों को नियमित करना। 3- टाइम स्केल पदोन्नति देना और 4- राज्य कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान के लिए मंत्री मंडलीय उप समिति का गठन करना शामिल है।
राजस्थान नर्सेज संयुक्त संघर्ष समिति के नेता प्यारे लाल चौधरी, राजेंद्र सिंह राणा और नरेंद्र सिंह शेखावत ने संयुक्त बयान जारी कर कहा कि हम पिछले तीन महीने से अपनी मांगों को लेकर लगातार शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे हैं। लेकिन सरकार ने हमारी मांगों को नजरअंदाज कर दिया।
बयान में आगे कहा गया है कि 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने घोषणापत्र में कर्मचारियों से चार वादे किए थे। सभी वादे अभी तक अधूरे हैं। इसलिए कर्मचारी अपनी 100 फीसदी मांगें लागू नहीं होने से नाराज हैं। अब एक और घोषणापत्र बनाने का समय आ गया है और पिछले घोषणापत्र के वादे लंबित हैं।
–आईएएनएस
एफजेड
ADVERTISEMENT
जयपुर, 25 अगस्त (आईएएनएस)। राज्यभर से हजारों नर्सिंग कर्मचारी सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन करने शुक्रवार को जयपुर पहुंचे। नर्सिंग कर्मचारी कांग्रेस सरकार के साढ़े चार साल के दौरान लंबे समय से चली आ रही मांगें पूरी नहीं होने से नाराज हैं।
अधिकारियों के अनुसार, नर्सिंग कर्मचारी छुट्टी लेकर सुबह 11 बजे जयपुर के एसएमएस मेडिकल कॉलेज मैदान में एकत्र हुए। उन्होंने यहां से रामलीला मैदान तक विरोध रैली निकाली। नर्सिंग कर्मचारियों के सामूहिक अवकाश का असर पूरे राज्य में मरीजों पर पड़ा। हालांकि, अस्पताल प्रशासन ने नर्सिंग कॉलेज के छात्रों को तैनात कर वैकल्पिक व्यवस्था की थी।
नर्सिंग कर्मचारियों की चार मागों में क्रमश: 1- कर्मचारियों की वेतन विसंगति दूर करना। 2- संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों को नियमित करना। 3- टाइम स्केल पदोन्नति देना और 4- राज्य कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान के लिए मंत्री मंडलीय उप समिति का गठन करना शामिल है।
राजस्थान नर्सेज संयुक्त संघर्ष समिति के नेता प्यारे लाल चौधरी, राजेंद्र सिंह राणा और नरेंद्र सिंह शेखावत ने संयुक्त बयान जारी कर कहा कि हम पिछले तीन महीने से अपनी मांगों को लेकर लगातार शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे हैं। लेकिन सरकार ने हमारी मांगों को नजरअंदाज कर दिया।
बयान में आगे कहा गया है कि 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने घोषणापत्र में कर्मचारियों से चार वादे किए थे। सभी वादे अभी तक अधूरे हैं। इसलिए कर्मचारी अपनी 100 फीसदी मांगें लागू नहीं होने से नाराज हैं। अब एक और घोषणापत्र बनाने का समय आ गया है और पिछले घोषणापत्र के वादे लंबित हैं।
–आईएएनएस
एफजेड
जयपुर, 25 अगस्त (आईएएनएस)। राज्यभर से हजारों नर्सिंग कर्मचारी सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन करने शुक्रवार को जयपुर पहुंचे। नर्सिंग कर्मचारी कांग्रेस सरकार के साढ़े चार साल के दौरान लंबे समय से चली आ रही मांगें पूरी नहीं होने से नाराज हैं।
अधिकारियों के अनुसार, नर्सिंग कर्मचारी छुट्टी लेकर सुबह 11 बजे जयपुर के एसएमएस मेडिकल कॉलेज मैदान में एकत्र हुए। उन्होंने यहां से रामलीला मैदान तक विरोध रैली निकाली। नर्सिंग कर्मचारियों के सामूहिक अवकाश का असर पूरे राज्य में मरीजों पर पड़ा। हालांकि, अस्पताल प्रशासन ने नर्सिंग कॉलेज के छात्रों को तैनात कर वैकल्पिक व्यवस्था की थी।
नर्सिंग कर्मचारियों की चार मागों में क्रमश: 1- कर्मचारियों की वेतन विसंगति दूर करना। 2- संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों को नियमित करना। 3- टाइम स्केल पदोन्नति देना और 4- राज्य कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान के लिए मंत्री मंडलीय उप समिति का गठन करना शामिल है।
राजस्थान नर्सेज संयुक्त संघर्ष समिति के नेता प्यारे लाल चौधरी, राजेंद्र सिंह राणा और नरेंद्र सिंह शेखावत ने संयुक्त बयान जारी कर कहा कि हम पिछले तीन महीने से अपनी मांगों को लेकर लगातार शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे हैं। लेकिन सरकार ने हमारी मांगों को नजरअंदाज कर दिया।
बयान में आगे कहा गया है कि 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने घोषणापत्र में कर्मचारियों से चार वादे किए थे। सभी वादे अभी तक अधूरे हैं। इसलिए कर्मचारी अपनी 100 फीसदी मांगें लागू नहीं होने से नाराज हैं। अब एक और घोषणापत्र बनाने का समय आ गया है और पिछले घोषणापत्र के वादे लंबित हैं।
–आईएएनएस
एफजेड
ADVERTISEMENT
जयपुर, 25 अगस्त (आईएएनएस)। राज्यभर से हजारों नर्सिंग कर्मचारी सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन करने शुक्रवार को जयपुर पहुंचे। नर्सिंग कर्मचारी कांग्रेस सरकार के साढ़े चार साल के दौरान लंबे समय से चली आ रही मांगें पूरी नहीं होने से नाराज हैं।
अधिकारियों के अनुसार, नर्सिंग कर्मचारी छुट्टी लेकर सुबह 11 बजे जयपुर के एसएमएस मेडिकल कॉलेज मैदान में एकत्र हुए। उन्होंने यहां से रामलीला मैदान तक विरोध रैली निकाली। नर्सिंग कर्मचारियों के सामूहिक अवकाश का असर पूरे राज्य में मरीजों पर पड़ा। हालांकि, अस्पताल प्रशासन ने नर्सिंग कॉलेज के छात्रों को तैनात कर वैकल्पिक व्यवस्था की थी।
नर्सिंग कर्मचारियों की चार मागों में क्रमश: 1- कर्मचारियों की वेतन विसंगति दूर करना। 2- संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों को नियमित करना। 3- टाइम स्केल पदोन्नति देना और 4- राज्य कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान के लिए मंत्री मंडलीय उप समिति का गठन करना शामिल है।
राजस्थान नर्सेज संयुक्त संघर्ष समिति के नेता प्यारे लाल चौधरी, राजेंद्र सिंह राणा और नरेंद्र सिंह शेखावत ने संयुक्त बयान जारी कर कहा कि हम पिछले तीन महीने से अपनी मांगों को लेकर लगातार शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे हैं। लेकिन सरकार ने हमारी मांगों को नजरअंदाज कर दिया।
बयान में आगे कहा गया है कि 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने घोषणापत्र में कर्मचारियों से चार वादे किए थे। सभी वादे अभी तक अधूरे हैं। इसलिए कर्मचारी अपनी 100 फीसदी मांगें लागू नहीं होने से नाराज हैं। अब एक और घोषणापत्र बनाने का समय आ गया है और पिछले घोषणापत्र के वादे लंबित हैं।
–आईएएनएस
एफजेड
ADVERTISEMENT
जयपुर, 25 अगस्त (आईएएनएस)। राज्यभर से हजारों नर्सिंग कर्मचारी सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन करने शुक्रवार को जयपुर पहुंचे। नर्सिंग कर्मचारी कांग्रेस सरकार के साढ़े चार साल के दौरान लंबे समय से चली आ रही मांगें पूरी नहीं होने से नाराज हैं।
अधिकारियों के अनुसार, नर्सिंग कर्मचारी छुट्टी लेकर सुबह 11 बजे जयपुर के एसएमएस मेडिकल कॉलेज मैदान में एकत्र हुए। उन्होंने यहां से रामलीला मैदान तक विरोध रैली निकाली। नर्सिंग कर्मचारियों के सामूहिक अवकाश का असर पूरे राज्य में मरीजों पर पड़ा। हालांकि, अस्पताल प्रशासन ने नर्सिंग कॉलेज के छात्रों को तैनात कर वैकल्पिक व्यवस्था की थी।
नर्सिंग कर्मचारियों की चार मागों में क्रमश: 1- कर्मचारियों की वेतन विसंगति दूर करना। 2- संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों को नियमित करना। 3- टाइम स्केल पदोन्नति देना और 4- राज्य कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान के लिए मंत्री मंडलीय उप समिति का गठन करना शामिल है।
राजस्थान नर्सेज संयुक्त संघर्ष समिति के नेता प्यारे लाल चौधरी, राजेंद्र सिंह राणा और नरेंद्र सिंह शेखावत ने संयुक्त बयान जारी कर कहा कि हम पिछले तीन महीने से अपनी मांगों को लेकर लगातार शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे हैं। लेकिन सरकार ने हमारी मांगों को नजरअंदाज कर दिया।
बयान में आगे कहा गया है कि 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने घोषणापत्र में कर्मचारियों से चार वादे किए थे। सभी वादे अभी तक अधूरे हैं। इसलिए कर्मचारी अपनी 100 फीसदी मांगें लागू नहीं होने से नाराज हैं। अब एक और घोषणापत्र बनाने का समय आ गया है और पिछले घोषणापत्र के वादे लंबित हैं।
–आईएएनएस
एफजेड
ADVERTISEMENT
जयपुर, 25 अगस्त (आईएएनएस)। राज्यभर से हजारों नर्सिंग कर्मचारी सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन करने शुक्रवार को जयपुर पहुंचे। नर्सिंग कर्मचारी कांग्रेस सरकार के साढ़े चार साल के दौरान लंबे समय से चली आ रही मांगें पूरी नहीं होने से नाराज हैं।
अधिकारियों के अनुसार, नर्सिंग कर्मचारी छुट्टी लेकर सुबह 11 बजे जयपुर के एसएमएस मेडिकल कॉलेज मैदान में एकत्र हुए। उन्होंने यहां से रामलीला मैदान तक विरोध रैली निकाली। नर्सिंग कर्मचारियों के सामूहिक अवकाश का असर पूरे राज्य में मरीजों पर पड़ा। हालांकि, अस्पताल प्रशासन ने नर्सिंग कॉलेज के छात्रों को तैनात कर वैकल्पिक व्यवस्था की थी।
नर्सिंग कर्मचारियों की चार मागों में क्रमश: 1- कर्मचारियों की वेतन विसंगति दूर करना। 2- संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों को नियमित करना। 3- टाइम स्केल पदोन्नति देना और 4- राज्य कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान के लिए मंत्री मंडलीय उप समिति का गठन करना शामिल है।
राजस्थान नर्सेज संयुक्त संघर्ष समिति के नेता प्यारे लाल चौधरी, राजेंद्र सिंह राणा और नरेंद्र सिंह शेखावत ने संयुक्त बयान जारी कर कहा कि हम पिछले तीन महीने से अपनी मांगों को लेकर लगातार शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे हैं। लेकिन सरकार ने हमारी मांगों को नजरअंदाज कर दिया।
बयान में आगे कहा गया है कि 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने घोषणापत्र में कर्मचारियों से चार वादे किए थे। सभी वादे अभी तक अधूरे हैं। इसलिए कर्मचारी अपनी 100 फीसदी मांगें लागू नहीं होने से नाराज हैं। अब एक और घोषणापत्र बनाने का समय आ गया है और पिछले घोषणापत्र के वादे लंबित हैं।
–आईएएनएस
एफजेड
ADVERTISEMENT
जयपुर, 25 अगस्त (आईएएनएस)। राज्यभर से हजारों नर्सिंग कर्मचारी सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन करने शुक्रवार को जयपुर पहुंचे। नर्सिंग कर्मचारी कांग्रेस सरकार के साढ़े चार साल के दौरान लंबे समय से चली आ रही मांगें पूरी नहीं होने से नाराज हैं।
अधिकारियों के अनुसार, नर्सिंग कर्मचारी छुट्टी लेकर सुबह 11 बजे जयपुर के एसएमएस मेडिकल कॉलेज मैदान में एकत्र हुए। उन्होंने यहां से रामलीला मैदान तक विरोध रैली निकाली। नर्सिंग कर्मचारियों के सामूहिक अवकाश का असर पूरे राज्य में मरीजों पर पड़ा। हालांकि, अस्पताल प्रशासन ने नर्सिंग कॉलेज के छात्रों को तैनात कर वैकल्पिक व्यवस्था की थी।
नर्सिंग कर्मचारियों की चार मागों में क्रमश: 1- कर्मचारियों की वेतन विसंगति दूर करना। 2- संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों को नियमित करना। 3- टाइम स्केल पदोन्नति देना और 4- राज्य कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान के लिए मंत्री मंडलीय उप समिति का गठन करना शामिल है।
राजस्थान नर्सेज संयुक्त संघर्ष समिति के नेता प्यारे लाल चौधरी, राजेंद्र सिंह राणा और नरेंद्र सिंह शेखावत ने संयुक्त बयान जारी कर कहा कि हम पिछले तीन महीने से अपनी मांगों को लेकर लगातार शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे हैं। लेकिन सरकार ने हमारी मांगों को नजरअंदाज कर दिया।
बयान में आगे कहा गया है कि 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने घोषणापत्र में कर्मचारियों से चार वादे किए थे। सभी वादे अभी तक अधूरे हैं। इसलिए कर्मचारी अपनी 100 फीसदी मांगें लागू नहीं होने से नाराज हैं। अब एक और घोषणापत्र बनाने का समय आ गया है और पिछले घोषणापत्र के वादे लंबित हैं।
–आईएएनएस
एफजेड
ADVERTISEMENT
जयपुर, 25 अगस्त (आईएएनएस)। राज्यभर से हजारों नर्सिंग कर्मचारी सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन करने शुक्रवार को जयपुर पहुंचे। नर्सिंग कर्मचारी कांग्रेस सरकार के साढ़े चार साल के दौरान लंबे समय से चली आ रही मांगें पूरी नहीं होने से नाराज हैं।
अधिकारियों के अनुसार, नर्सिंग कर्मचारी छुट्टी लेकर सुबह 11 बजे जयपुर के एसएमएस मेडिकल कॉलेज मैदान में एकत्र हुए। उन्होंने यहां से रामलीला मैदान तक विरोध रैली निकाली। नर्सिंग कर्मचारियों के सामूहिक अवकाश का असर पूरे राज्य में मरीजों पर पड़ा। हालांकि, अस्पताल प्रशासन ने नर्सिंग कॉलेज के छात्रों को तैनात कर वैकल्पिक व्यवस्था की थी।
नर्सिंग कर्मचारियों की चार मागों में क्रमश: 1- कर्मचारियों की वेतन विसंगति दूर करना। 2- संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों को नियमित करना। 3- टाइम स्केल पदोन्नति देना और 4- राज्य कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान के लिए मंत्री मंडलीय उप समिति का गठन करना शामिल है।
राजस्थान नर्सेज संयुक्त संघर्ष समिति के नेता प्यारे लाल चौधरी, राजेंद्र सिंह राणा और नरेंद्र सिंह शेखावत ने संयुक्त बयान जारी कर कहा कि हम पिछले तीन महीने से अपनी मांगों को लेकर लगातार शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे हैं। लेकिन सरकार ने हमारी मांगों को नजरअंदाज कर दिया।
बयान में आगे कहा गया है कि 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने घोषणापत्र में कर्मचारियों से चार वादे किए थे। सभी वादे अभी तक अधूरे हैं। इसलिए कर्मचारी अपनी 100 फीसदी मांगें लागू नहीं होने से नाराज हैं। अब एक और घोषणापत्र बनाने का समय आ गया है और पिछले घोषणापत्र के वादे लंबित हैं।
–आईएएनएस
एफजेड
ADVERTISEMENT
जयपुर, 25 अगस्त (आईएएनएस)। राज्यभर से हजारों नर्सिंग कर्मचारी सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन करने शुक्रवार को जयपुर पहुंचे। नर्सिंग कर्मचारी कांग्रेस सरकार के साढ़े चार साल के दौरान लंबे समय से चली आ रही मांगें पूरी नहीं होने से नाराज हैं।
अधिकारियों के अनुसार, नर्सिंग कर्मचारी छुट्टी लेकर सुबह 11 बजे जयपुर के एसएमएस मेडिकल कॉलेज मैदान में एकत्र हुए। उन्होंने यहां से रामलीला मैदान तक विरोध रैली निकाली। नर्सिंग कर्मचारियों के सामूहिक अवकाश का असर पूरे राज्य में मरीजों पर पड़ा। हालांकि, अस्पताल प्रशासन ने नर्सिंग कॉलेज के छात्रों को तैनात कर वैकल्पिक व्यवस्था की थी।
नर्सिंग कर्मचारियों की चार मागों में क्रमश: 1- कर्मचारियों की वेतन विसंगति दूर करना। 2- संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों को नियमित करना। 3- टाइम स्केल पदोन्नति देना और 4- राज्य कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान के लिए मंत्री मंडलीय उप समिति का गठन करना शामिल है।
राजस्थान नर्सेज संयुक्त संघर्ष समिति के नेता प्यारे लाल चौधरी, राजेंद्र सिंह राणा और नरेंद्र सिंह शेखावत ने संयुक्त बयान जारी कर कहा कि हम पिछले तीन महीने से अपनी मांगों को लेकर लगातार शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे हैं। लेकिन सरकार ने हमारी मांगों को नजरअंदाज कर दिया।
बयान में आगे कहा गया है कि 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने घोषणापत्र में कर्मचारियों से चार वादे किए थे। सभी वादे अभी तक अधूरे हैं। इसलिए कर्मचारी अपनी 100 फीसदी मांगें लागू नहीं होने से नाराज हैं। अब एक और घोषणापत्र बनाने का समय आ गया है और पिछले घोषणापत्र के वादे लंबित हैं।
–आईएएनएस
एफजेड
ADVERTISEMENT
जयपुर, 25 अगस्त (आईएएनएस)। राज्यभर से हजारों नर्सिंग कर्मचारी सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन करने शुक्रवार को जयपुर पहुंचे। नर्सिंग कर्मचारी कांग्रेस सरकार के साढ़े चार साल के दौरान लंबे समय से चली आ रही मांगें पूरी नहीं होने से नाराज हैं।
अधिकारियों के अनुसार, नर्सिंग कर्मचारी छुट्टी लेकर सुबह 11 बजे जयपुर के एसएमएस मेडिकल कॉलेज मैदान में एकत्र हुए। उन्होंने यहां से रामलीला मैदान तक विरोध रैली निकाली। नर्सिंग कर्मचारियों के सामूहिक अवकाश का असर पूरे राज्य में मरीजों पर पड़ा। हालांकि, अस्पताल प्रशासन ने नर्सिंग कॉलेज के छात्रों को तैनात कर वैकल्पिक व्यवस्था की थी।
नर्सिंग कर्मचारियों की चार मागों में क्रमश: 1- कर्मचारियों की वेतन विसंगति दूर करना। 2- संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों को नियमित करना। 3- टाइम स्केल पदोन्नति देना और 4- राज्य कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान के लिए मंत्री मंडलीय उप समिति का गठन करना शामिल है।
राजस्थान नर्सेज संयुक्त संघर्ष समिति के नेता प्यारे लाल चौधरी, राजेंद्र सिंह राणा और नरेंद्र सिंह शेखावत ने संयुक्त बयान जारी कर कहा कि हम पिछले तीन महीने से अपनी मांगों को लेकर लगातार शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे हैं। लेकिन सरकार ने हमारी मांगों को नजरअंदाज कर दिया।
बयान में आगे कहा गया है कि 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने घोषणापत्र में कर्मचारियों से चार वादे किए थे। सभी वादे अभी तक अधूरे हैं। इसलिए कर्मचारी अपनी 100 फीसदी मांगें लागू नहीं होने से नाराज हैं। अब एक और घोषणापत्र बनाने का समय आ गया है और पिछले घोषणापत्र के वादे लंबित हैं।