चेन्नई, 24 जनवरी (आईएएनएस)। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके. स्टालिन ने बुधवार को कहा कि जल्लीकट्टू तमिल संस्कृति के एकीकरण और पहचान का प्रतीक है।
मुख्यमंत्री ने मदुरै में जल्लीकट्टू अखाड़े का उद्घाटन करते हुए कहा, ”तमिल एकता को विभाजित करने के लिए जाति और धार्मिक मतभेद पैदा किये गये। जल्लीकट्टू जैसे आयोजन तमिल संस्कृति के एकीकरण और पहचान का प्रतीक हैं।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें द्रमुक संरक्षक और तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि के नाम पर भव्य जल्लीकट्टू अखाड़े का उद्घाटन करते हुए गर्व हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा, ”कलैग्नार नूट्रानाडु एरुथाजुवुथल अरंगम या करुणानिधि शताब्दी जल्लीकट्टू केंद्र का निर्माण एरुथाजुवुथल या बैल को वश में करने को उजागर करने के लिए किया गया है। यह तमिलों और तमिलनाडु की पारंपरिक संस्कृति है।”
उन्होंने कहा कि डीएमके ने जल्लीकट्टू पर प्रतिबंध का कड़ा विरोध किया और चेन्नई के मरीना बीच पर बड़ा विरोध प्रदर्शन किया।
”तत्कालीन अन्नाद्रमुक सरकार ने शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के खिलाफ हिंसा का सहारा लिया था। डीएमके सरकार के सत्ता संभालने के बाद, हम जल्लीकट्टू पर प्रतिबंध लगाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट चले गए। यह कार्यक्रम मनोरंजन नहीं है बल्कि तमिल संस्कृति से जुड़ा है।”
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 2023 में राज्य में जल्लीकट्टू आयोजनों की अनुमति देकर एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया।
–आईएएनएस
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