राजौरी, 7 जनवरी (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती जिले राजौरी में लंबे समय से संजोया हुआ लोगों का सपना साकार हो रहा है। यहां पर ‘जल जीवन मिशन’ (जेजेएम) पूरा होने के करीब पहुंच गया है। इससे लंबे समय से पानी की समस्या से जूझ रहे लोगों फायदा मिलेगा।
केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार द्वारा इस परिवर्तनकारी पहल का उद्देश्य व्यापक पाइपलाइन नेटवर्क के माध्यम से स्वच्छ और विश्वसनीय जल आपूर्ति प्रदान करना है, जिससे दशकों से पानी की कमी से जूझ रहे समुदायों को राहत मिलेगी। दासल जैसे पहाड़ी इलाकों के निवासी इस प्रगति से बेहद खुश हैं, उन्होंने दूरदराज के इलाकों के विकास को प्राथमिकता देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया।
‘जल शक्ति विभाग’ राजौरी के एक्सईएन अश्विनी खजूरिया ने मिशन की प्रगति पर एक अपडेट देते हुए कहा कि “उनके विभाग के अंतर्गत 183 योजनाएं हैं, जिनमें सभी पर सक्रिय रूप से काम किया जा रहा है। कुछ योजनाओं में लगभग 75 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है, जबकि अन्य में लगातार प्रगति हो रही है। अब तक, 33 योजनाएं चालू हो चुकी हैं, और वे पहले से ही घरों में नियमित रूप से पानी की आपूर्ति कर रही हैं।”
दासल के निवासियों ने भी जल शक्ति विभाग के प्रति आभार व्यक्त किया, परियोजना में तेजी लाने के लिए एक्सईएन और उनकी टीम के समर्पण और कड़ी मेहनत को स्वीकार किया। स्थानीय लोगों का मानना है कि विभाग की प्रतिबद्धता उनके लंबे समय से सपने को वास्तविकता में बदलने में सहायक रही है।
एक स्थानीय निवासी ने बताया, “सालों से हमारे परिवारों, खासकर महिलाओं को पानी लाने के लिए मीलों पैदल चलना पड़ता था। आज, जब यह योजना पूरी होने के करीब है, हम एक सपने को सच होते हुए देख रहे हैं। यह हमारे जिले के लिए एक ऐतिहासिक उपहार है।”
बता दें कि ‘जल जीवन मिशन’ को राजौरी के लिए एक गेम चेंजर के रूप में देखा जा रहा है, जो पानी की कमी को दूर करता है और हजारों परिवारों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करता है। यह योजना पूरा होने के करीब है और पूरे जिले में स्वच्छ जल तक पहुंच में क्रांतिकारी बदलाव लाएगी। इससे स्वास्थ्य, स्वच्छता और सतत विकास सुनिश्चित होगा।
यह विकास बुनियादी ढांचे में अंतर को पाटने और राजौरी जैसे सीमावर्ती जिलों में परिवर्तनकारी बदलाव लाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। निवासियों का अपने घरों में नल का पानी होने का सपना आखिरकार साकार हो रहा है, जो इस क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है।
–आईएएनएस
एससीएच/सीबीटी