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Home ताज़ा समाचार

जहां हिंदुत्व खत्म, वहां लोकतंत्र भी खत्म : रंजीत सावरकर

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December 15, 2024
in ताज़ा समाचार
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मुंबई, 15 दिसंबर (आईएएनएस)। स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर के पोते रंजीत सावरकर ने रविवार को कहा कि हिंदुत्व को गाली देने वाले लोगों को यह बात समझनी होगी कि जहां कहीं भी हिंदुत्व खत्म हुआ है, वहां लोकतंत्र भी खत्म हो चुका है। हमारे बीच आज बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान जैसे अनेकों उदाहरण मौजूद हैं।

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पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कांग्रेस में हिंदुत्व नाम लेना ही पाप हो चुका है। उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि महाविकास अघाड़ी के नेताओं के बीच भी हिंदुत्व नहीं बचा है।

उन्होंने कहा, “मैं इस बात पर विशेष बल देना चाहूंगा कि हिंदुओं को हिंदू बनकर जीने का पूरा हक है। अगर आप किसी हिंदू से उसका हिंदुत्व छीनेंगे तो उसका क्या परिणाम होता है, वो आप सभी लोग खुद ही देख चुके हैं।”

उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग, जो लोकतंत्र का फायदा उठा रहे हैं, वही हिंदू समाज को खत्म करने की बात करते हैं। जो समाज लोकतंत्र में अपनी हिस्सेदारी निभाता है, उसे अपमानित किया जा रहा है और यह आगे चलकर देश के लिए खतरनाक हो सकता है।

जब उनसे पूछा गया कि मौजूदा समय में जब सावरकर का नाम कांग्रेस और भाजपा दोनों के द्वारा लिया जाता है और यह कहा जा रहा है कि भारतीय राजनीति में सावरकर का योगदान अहम रहा है, तो आखिर अब तक सावरकर को भारत रत्न क्यों नहीं दिया गया, तो इस पर रंजीत सावरकर ने कहा कि वो इस चीज में विश्वास नहीं रखते हैं।

इस बीच, जब रंजीत सावरकर से पूछा गया कि आखिर राहुल गांधी क्‍यों बार-बार वीर सावरकर का नाम ले रहे हैं, तो इस पर उन्होंने आईएएनएस से कहा कहा कि वो मुस्लिम वोटों के ध्रुवीकरण के लिए ऐसा करते हैं। सावरकर हिंदुत्व के प्रणेता हैं। बेशक उनका हिंदुत्व पूजा पद्धति पर आधारित नहीं है। राहुल चाहते हैं कि सावरकर को मनुवादी सिद्ध करें।

उन्होंने कहा, “गांधीजी ने जातिवाद और वर्ण व्यवस्था का समर्थन किया था, जबकि अंबेडकर ने इसे अमानवीय और अन्यायपूर्ण बताया। गांधी का मानना था कि हर व्यक्ति को शिक्षा का अधिकार तो है, लेकिन उसे अपने जाति के अनुसार ही काम करना चाहिए।”

रंजीत ने कहा, “सावरकर पर आरोप लगाया जाता है कि वह ब्रिटिशों से समझौता करने वाले थे। लेक‍िन सावरकर को 27 साल तक जेल में रखा गया था, जबकि अगर वह समझौता करने वाले होते।”

–आईएएनएस

एसएचके/सीबीटी

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मुंबई, 15 दिसंबर (आईएएनएस)। स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर के पोते रंजीत सावरकर ने रविवार को कहा कि हिंदुत्व को गाली देने वाले लोगों को यह बात समझनी होगी कि जहां कहीं भी हिंदुत्व खत्म हुआ है, वहां लोकतंत्र भी खत्म हो चुका है। हमारे बीच आज बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान जैसे अनेकों उदाहरण मौजूद हैं।

पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कांग्रेस में हिंदुत्व नाम लेना ही पाप हो चुका है। उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि महाविकास अघाड़ी के नेताओं के बीच भी हिंदुत्व नहीं बचा है।

उन्होंने कहा, “मैं इस बात पर विशेष बल देना चाहूंगा कि हिंदुओं को हिंदू बनकर जीने का पूरा हक है। अगर आप किसी हिंदू से उसका हिंदुत्व छीनेंगे तो उसका क्या परिणाम होता है, वो आप सभी लोग खुद ही देख चुके हैं।”

उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग, जो लोकतंत्र का फायदा उठा रहे हैं, वही हिंदू समाज को खत्म करने की बात करते हैं। जो समाज लोकतंत्र में अपनी हिस्सेदारी निभाता है, उसे अपमानित किया जा रहा है और यह आगे चलकर देश के लिए खतरनाक हो सकता है।

जब उनसे पूछा गया कि मौजूदा समय में जब सावरकर का नाम कांग्रेस और भाजपा दोनों के द्वारा लिया जाता है और यह कहा जा रहा है कि भारतीय राजनीति में सावरकर का योगदान अहम रहा है, तो आखिर अब तक सावरकर को भारत रत्न क्यों नहीं दिया गया, तो इस पर रंजीत सावरकर ने कहा कि वो इस चीज में विश्वास नहीं रखते हैं।

इस बीच, जब रंजीत सावरकर से पूछा गया कि आखिर राहुल गांधी क्‍यों बार-बार वीर सावरकर का नाम ले रहे हैं, तो इस पर उन्होंने आईएएनएस से कहा कहा कि वो मुस्लिम वोटों के ध्रुवीकरण के लिए ऐसा करते हैं। सावरकर हिंदुत्व के प्रणेता हैं। बेशक उनका हिंदुत्व पूजा पद्धति पर आधारित नहीं है। राहुल चाहते हैं कि सावरकर को मनुवादी सिद्ध करें।

उन्होंने कहा, “गांधीजी ने जातिवाद और वर्ण व्यवस्था का समर्थन किया था, जबकि अंबेडकर ने इसे अमानवीय और अन्यायपूर्ण बताया। गांधी का मानना था कि हर व्यक्ति को शिक्षा का अधिकार तो है, लेकिन उसे अपने जाति के अनुसार ही काम करना चाहिए।”

रंजीत ने कहा, “सावरकर पर आरोप लगाया जाता है कि वह ब्रिटिशों से समझौता करने वाले थे। लेक‍िन सावरकर को 27 साल तक जेल में रखा गया था, जबकि अगर वह समझौता करने वाले होते।”

–आईएएनएस

एसएचके/सीबीटी

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मुंबई, 15 दिसंबर (आईएएनएस)। स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर के पोते रंजीत सावरकर ने रविवार को कहा कि हिंदुत्व को गाली देने वाले लोगों को यह बात समझनी होगी कि जहां कहीं भी हिंदुत्व खत्म हुआ है, वहां लोकतंत्र भी खत्म हो चुका है। हमारे बीच आज बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान जैसे अनेकों उदाहरण मौजूद हैं।

पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कांग्रेस में हिंदुत्व नाम लेना ही पाप हो चुका है। उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि महाविकास अघाड़ी के नेताओं के बीच भी हिंदुत्व नहीं बचा है।

उन्होंने कहा, “मैं इस बात पर विशेष बल देना चाहूंगा कि हिंदुओं को हिंदू बनकर जीने का पूरा हक है। अगर आप किसी हिंदू से उसका हिंदुत्व छीनेंगे तो उसका क्या परिणाम होता है, वो आप सभी लोग खुद ही देख चुके हैं।”

उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग, जो लोकतंत्र का फायदा उठा रहे हैं, वही हिंदू समाज को खत्म करने की बात करते हैं। जो समाज लोकतंत्र में अपनी हिस्सेदारी निभाता है, उसे अपमानित किया जा रहा है और यह आगे चलकर देश के लिए खतरनाक हो सकता है।

जब उनसे पूछा गया कि मौजूदा समय में जब सावरकर का नाम कांग्रेस और भाजपा दोनों के द्वारा लिया जाता है और यह कहा जा रहा है कि भारतीय राजनीति में सावरकर का योगदान अहम रहा है, तो आखिर अब तक सावरकर को भारत रत्न क्यों नहीं दिया गया, तो इस पर रंजीत सावरकर ने कहा कि वो इस चीज में विश्वास नहीं रखते हैं।

इस बीच, जब रंजीत सावरकर से पूछा गया कि आखिर राहुल गांधी क्‍यों बार-बार वीर सावरकर का नाम ले रहे हैं, तो इस पर उन्होंने आईएएनएस से कहा कहा कि वो मुस्लिम वोटों के ध्रुवीकरण के लिए ऐसा करते हैं। सावरकर हिंदुत्व के प्रणेता हैं। बेशक उनका हिंदुत्व पूजा पद्धति पर आधारित नहीं है। राहुल चाहते हैं कि सावरकर को मनुवादी सिद्ध करें।

उन्होंने कहा, “गांधीजी ने जातिवाद और वर्ण व्यवस्था का समर्थन किया था, जबकि अंबेडकर ने इसे अमानवीय और अन्यायपूर्ण बताया। गांधी का मानना था कि हर व्यक्ति को शिक्षा का अधिकार तो है, लेकिन उसे अपने जाति के अनुसार ही काम करना चाहिए।”

रंजीत ने कहा, “सावरकर पर आरोप लगाया जाता है कि वह ब्रिटिशों से समझौता करने वाले थे। लेक‍िन सावरकर को 27 साल तक जेल में रखा गया था, जबकि अगर वह समझौता करने वाले होते।”

–आईएएनएस

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मुंबई, 15 दिसंबर (आईएएनएस)। स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर के पोते रंजीत सावरकर ने रविवार को कहा कि हिंदुत्व को गाली देने वाले लोगों को यह बात समझनी होगी कि जहां कहीं भी हिंदुत्व खत्म हुआ है, वहां लोकतंत्र भी खत्म हो चुका है। हमारे बीच आज बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान जैसे अनेकों उदाहरण मौजूद हैं।

पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कांग्रेस में हिंदुत्व नाम लेना ही पाप हो चुका है। उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि महाविकास अघाड़ी के नेताओं के बीच भी हिंदुत्व नहीं बचा है।

उन्होंने कहा, “मैं इस बात पर विशेष बल देना चाहूंगा कि हिंदुओं को हिंदू बनकर जीने का पूरा हक है। अगर आप किसी हिंदू से उसका हिंदुत्व छीनेंगे तो उसका क्या परिणाम होता है, वो आप सभी लोग खुद ही देख चुके हैं।”

उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग, जो लोकतंत्र का फायदा उठा रहे हैं, वही हिंदू समाज को खत्म करने की बात करते हैं। जो समाज लोकतंत्र में अपनी हिस्सेदारी निभाता है, उसे अपमानित किया जा रहा है और यह आगे चलकर देश के लिए खतरनाक हो सकता है।

जब उनसे पूछा गया कि मौजूदा समय में जब सावरकर का नाम कांग्रेस और भाजपा दोनों के द्वारा लिया जाता है और यह कहा जा रहा है कि भारतीय राजनीति में सावरकर का योगदान अहम रहा है, तो आखिर अब तक सावरकर को भारत रत्न क्यों नहीं दिया गया, तो इस पर रंजीत सावरकर ने कहा कि वो इस चीज में विश्वास नहीं रखते हैं।

इस बीच, जब रंजीत सावरकर से पूछा गया कि आखिर राहुल गांधी क्‍यों बार-बार वीर सावरकर का नाम ले रहे हैं, तो इस पर उन्होंने आईएएनएस से कहा कहा कि वो मुस्लिम वोटों के ध्रुवीकरण के लिए ऐसा करते हैं। सावरकर हिंदुत्व के प्रणेता हैं। बेशक उनका हिंदुत्व पूजा पद्धति पर आधारित नहीं है। राहुल चाहते हैं कि सावरकर को मनुवादी सिद्ध करें।

उन्होंने कहा, “गांधीजी ने जातिवाद और वर्ण व्यवस्था का समर्थन किया था, जबकि अंबेडकर ने इसे अमानवीय और अन्यायपूर्ण बताया। गांधी का मानना था कि हर व्यक्ति को शिक्षा का अधिकार तो है, लेकिन उसे अपने जाति के अनुसार ही काम करना चाहिए।”

रंजीत ने कहा, “सावरकर पर आरोप लगाया जाता है कि वह ब्रिटिशों से समझौता करने वाले थे। लेक‍िन सावरकर को 27 साल तक जेल में रखा गया था, जबकि अगर वह समझौता करने वाले होते।”

–आईएएनएस

एसएचके/सीबीटी

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मुंबई, 15 दिसंबर (आईएएनएस)। स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर के पोते रंजीत सावरकर ने रविवार को कहा कि हिंदुत्व को गाली देने वाले लोगों को यह बात समझनी होगी कि जहां कहीं भी हिंदुत्व खत्म हुआ है, वहां लोकतंत्र भी खत्म हो चुका है। हमारे बीच आज बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान जैसे अनेकों उदाहरण मौजूद हैं।

पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कांग्रेस में हिंदुत्व नाम लेना ही पाप हो चुका है। उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि महाविकास अघाड़ी के नेताओं के बीच भी हिंदुत्व नहीं बचा है।

उन्होंने कहा, “मैं इस बात पर विशेष बल देना चाहूंगा कि हिंदुओं को हिंदू बनकर जीने का पूरा हक है। अगर आप किसी हिंदू से उसका हिंदुत्व छीनेंगे तो उसका क्या परिणाम होता है, वो आप सभी लोग खुद ही देख चुके हैं।”

उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग, जो लोकतंत्र का फायदा उठा रहे हैं, वही हिंदू समाज को खत्म करने की बात करते हैं। जो समाज लोकतंत्र में अपनी हिस्सेदारी निभाता है, उसे अपमानित किया जा रहा है और यह आगे चलकर देश के लिए खतरनाक हो सकता है।

जब उनसे पूछा गया कि मौजूदा समय में जब सावरकर का नाम कांग्रेस और भाजपा दोनों के द्वारा लिया जाता है और यह कहा जा रहा है कि भारतीय राजनीति में सावरकर का योगदान अहम रहा है, तो आखिर अब तक सावरकर को भारत रत्न क्यों नहीं दिया गया, तो इस पर रंजीत सावरकर ने कहा कि वो इस चीज में विश्वास नहीं रखते हैं।

इस बीच, जब रंजीत सावरकर से पूछा गया कि आखिर राहुल गांधी क्‍यों बार-बार वीर सावरकर का नाम ले रहे हैं, तो इस पर उन्होंने आईएएनएस से कहा कहा कि वो मुस्लिम वोटों के ध्रुवीकरण के लिए ऐसा करते हैं। सावरकर हिंदुत्व के प्रणेता हैं। बेशक उनका हिंदुत्व पूजा पद्धति पर आधारित नहीं है। राहुल चाहते हैं कि सावरकर को मनुवादी सिद्ध करें।

उन्होंने कहा, “गांधीजी ने जातिवाद और वर्ण व्यवस्था का समर्थन किया था, जबकि अंबेडकर ने इसे अमानवीय और अन्यायपूर्ण बताया। गांधी का मानना था कि हर व्यक्ति को शिक्षा का अधिकार तो है, लेकिन उसे अपने जाति के अनुसार ही काम करना चाहिए।”

रंजीत ने कहा, “सावरकर पर आरोप लगाया जाता है कि वह ब्रिटिशों से समझौता करने वाले थे। लेक‍िन सावरकर को 27 साल तक जेल में रखा गया था, जबकि अगर वह समझौता करने वाले होते।”

–आईएएनएस

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पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कांग्रेस में हिंदुत्व नाम लेना ही पाप हो चुका है। उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि महाविकास अघाड़ी के नेताओं के बीच भी हिंदुत्व नहीं बचा है।

उन्होंने कहा, “मैं इस बात पर विशेष बल देना चाहूंगा कि हिंदुओं को हिंदू बनकर जीने का पूरा हक है। अगर आप किसी हिंदू से उसका हिंदुत्व छीनेंगे तो उसका क्या परिणाम होता है, वो आप सभी लोग खुद ही देख चुके हैं।”

उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग, जो लोकतंत्र का फायदा उठा रहे हैं, वही हिंदू समाज को खत्म करने की बात करते हैं। जो समाज लोकतंत्र में अपनी हिस्सेदारी निभाता है, उसे अपमानित किया जा रहा है और यह आगे चलकर देश के लिए खतरनाक हो सकता है।

जब उनसे पूछा गया कि मौजूदा समय में जब सावरकर का नाम कांग्रेस और भाजपा दोनों के द्वारा लिया जाता है और यह कहा जा रहा है कि भारतीय राजनीति में सावरकर का योगदान अहम रहा है, तो आखिर अब तक सावरकर को भारत रत्न क्यों नहीं दिया गया, तो इस पर रंजीत सावरकर ने कहा कि वो इस चीज में विश्वास नहीं रखते हैं।

इस बीच, जब रंजीत सावरकर से पूछा गया कि आखिर राहुल गांधी क्‍यों बार-बार वीर सावरकर का नाम ले रहे हैं, तो इस पर उन्होंने आईएएनएस से कहा कहा कि वो मुस्लिम वोटों के ध्रुवीकरण के लिए ऐसा करते हैं। सावरकर हिंदुत्व के प्रणेता हैं। बेशक उनका हिंदुत्व पूजा पद्धति पर आधारित नहीं है। राहुल चाहते हैं कि सावरकर को मनुवादी सिद्ध करें।

उन्होंने कहा, “गांधीजी ने जातिवाद और वर्ण व्यवस्था का समर्थन किया था, जबकि अंबेडकर ने इसे अमानवीय और अन्यायपूर्ण बताया। गांधी का मानना था कि हर व्यक्ति को शिक्षा का अधिकार तो है, लेकिन उसे अपने जाति के अनुसार ही काम करना चाहिए।”

रंजीत ने कहा, “सावरकर पर आरोप लगाया जाता है कि वह ब्रिटिशों से समझौता करने वाले थे। लेक‍िन सावरकर को 27 साल तक जेल में रखा गया था, जबकि अगर वह समझौता करने वाले होते।”

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पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कांग्रेस में हिंदुत्व नाम लेना ही पाप हो चुका है। उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि महाविकास अघाड़ी के नेताओं के बीच भी हिंदुत्व नहीं बचा है।

उन्होंने कहा, “मैं इस बात पर विशेष बल देना चाहूंगा कि हिंदुओं को हिंदू बनकर जीने का पूरा हक है। अगर आप किसी हिंदू से उसका हिंदुत्व छीनेंगे तो उसका क्या परिणाम होता है, वो आप सभी लोग खुद ही देख चुके हैं।”

उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग, जो लोकतंत्र का फायदा उठा रहे हैं, वही हिंदू समाज को खत्म करने की बात करते हैं। जो समाज लोकतंत्र में अपनी हिस्सेदारी निभाता है, उसे अपमानित किया जा रहा है और यह आगे चलकर देश के लिए खतरनाक हो सकता है।

जब उनसे पूछा गया कि मौजूदा समय में जब सावरकर का नाम कांग्रेस और भाजपा दोनों के द्वारा लिया जाता है और यह कहा जा रहा है कि भारतीय राजनीति में सावरकर का योगदान अहम रहा है, तो आखिर अब तक सावरकर को भारत रत्न क्यों नहीं दिया गया, तो इस पर रंजीत सावरकर ने कहा कि वो इस चीज में विश्वास नहीं रखते हैं।

इस बीच, जब रंजीत सावरकर से पूछा गया कि आखिर राहुल गांधी क्‍यों बार-बार वीर सावरकर का नाम ले रहे हैं, तो इस पर उन्होंने आईएएनएस से कहा कहा कि वो मुस्लिम वोटों के ध्रुवीकरण के लिए ऐसा करते हैं। सावरकर हिंदुत्व के प्रणेता हैं। बेशक उनका हिंदुत्व पूजा पद्धति पर आधारित नहीं है। राहुल चाहते हैं कि सावरकर को मनुवादी सिद्ध करें।

उन्होंने कहा, “गांधीजी ने जातिवाद और वर्ण व्यवस्था का समर्थन किया था, जबकि अंबेडकर ने इसे अमानवीय और अन्यायपूर्ण बताया। गांधी का मानना था कि हर व्यक्ति को शिक्षा का अधिकार तो है, लेकिन उसे अपने जाति के अनुसार ही काम करना चाहिए।”

रंजीत ने कहा, “सावरकर पर आरोप लगाया जाता है कि वह ब्रिटिशों से समझौता करने वाले थे। लेक‍िन सावरकर को 27 साल तक जेल में रखा गया था, जबकि अगर वह समझौता करने वाले होते।”

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पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कांग्रेस में हिंदुत्व नाम लेना ही पाप हो चुका है। उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि महाविकास अघाड़ी के नेताओं के बीच भी हिंदुत्व नहीं बचा है।

उन्होंने कहा, “मैं इस बात पर विशेष बल देना चाहूंगा कि हिंदुओं को हिंदू बनकर जीने का पूरा हक है। अगर आप किसी हिंदू से उसका हिंदुत्व छीनेंगे तो उसका क्या परिणाम होता है, वो आप सभी लोग खुद ही देख चुके हैं।”

उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग, जो लोकतंत्र का फायदा उठा रहे हैं, वही हिंदू समाज को खत्म करने की बात करते हैं। जो समाज लोकतंत्र में अपनी हिस्सेदारी निभाता है, उसे अपमानित किया जा रहा है और यह आगे चलकर देश के लिए खतरनाक हो सकता है।

जब उनसे पूछा गया कि मौजूदा समय में जब सावरकर का नाम कांग्रेस और भाजपा दोनों के द्वारा लिया जाता है और यह कहा जा रहा है कि भारतीय राजनीति में सावरकर का योगदान अहम रहा है, तो आखिर अब तक सावरकर को भारत रत्न क्यों नहीं दिया गया, तो इस पर रंजीत सावरकर ने कहा कि वो इस चीज में विश्वास नहीं रखते हैं।

इस बीच, जब रंजीत सावरकर से पूछा गया कि आखिर राहुल गांधी क्‍यों बार-बार वीर सावरकर का नाम ले रहे हैं, तो इस पर उन्होंने आईएएनएस से कहा कहा कि वो मुस्लिम वोटों के ध्रुवीकरण के लिए ऐसा करते हैं। सावरकर हिंदुत्व के प्रणेता हैं। बेशक उनका हिंदुत्व पूजा पद्धति पर आधारित नहीं है। राहुल चाहते हैं कि सावरकर को मनुवादी सिद्ध करें।

उन्होंने कहा, “गांधीजी ने जातिवाद और वर्ण व्यवस्था का समर्थन किया था, जबकि अंबेडकर ने इसे अमानवीय और अन्यायपूर्ण बताया। गांधी का मानना था कि हर व्यक्ति को शिक्षा का अधिकार तो है, लेकिन उसे अपने जाति के अनुसार ही काम करना चाहिए।”

रंजीत ने कहा, “सावरकर पर आरोप लगाया जाता है कि वह ब्रिटिशों से समझौता करने वाले थे। लेक‍िन सावरकर को 27 साल तक जेल में रखा गया था, जबकि अगर वह समझौता करने वाले होते।”

–आईएएनएस

एसएचके/सीबीटी

मुंबई, 15 दिसंबर (आईएएनएस)। स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर के पोते रंजीत सावरकर ने रविवार को कहा कि हिंदुत्व को गाली देने वाले लोगों को यह बात समझनी होगी कि जहां कहीं भी हिंदुत्व खत्म हुआ है, वहां लोकतंत्र भी खत्म हो चुका है। हमारे बीच आज बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान जैसे अनेकों उदाहरण मौजूद हैं।

पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कांग्रेस में हिंदुत्व नाम लेना ही पाप हो चुका है। उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि महाविकास अघाड़ी के नेताओं के बीच भी हिंदुत्व नहीं बचा है।

उन्होंने कहा, “मैं इस बात पर विशेष बल देना चाहूंगा कि हिंदुओं को हिंदू बनकर जीने का पूरा हक है। अगर आप किसी हिंदू से उसका हिंदुत्व छीनेंगे तो उसका क्या परिणाम होता है, वो आप सभी लोग खुद ही देख चुके हैं।”

उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग, जो लोकतंत्र का फायदा उठा रहे हैं, वही हिंदू समाज को खत्म करने की बात करते हैं। जो समाज लोकतंत्र में अपनी हिस्सेदारी निभाता है, उसे अपमानित किया जा रहा है और यह आगे चलकर देश के लिए खतरनाक हो सकता है।

जब उनसे पूछा गया कि मौजूदा समय में जब सावरकर का नाम कांग्रेस और भाजपा दोनों के द्वारा लिया जाता है और यह कहा जा रहा है कि भारतीय राजनीति में सावरकर का योगदान अहम रहा है, तो आखिर अब तक सावरकर को भारत रत्न क्यों नहीं दिया गया, तो इस पर रंजीत सावरकर ने कहा कि वो इस चीज में विश्वास नहीं रखते हैं।

इस बीच, जब रंजीत सावरकर से पूछा गया कि आखिर राहुल गांधी क्‍यों बार-बार वीर सावरकर का नाम ले रहे हैं, तो इस पर उन्होंने आईएएनएस से कहा कहा कि वो मुस्लिम वोटों के ध्रुवीकरण के लिए ऐसा करते हैं। सावरकर हिंदुत्व के प्रणेता हैं। बेशक उनका हिंदुत्व पूजा पद्धति पर आधारित नहीं है। राहुल चाहते हैं कि सावरकर को मनुवादी सिद्ध करें।

उन्होंने कहा, “गांधीजी ने जातिवाद और वर्ण व्यवस्था का समर्थन किया था, जबकि अंबेडकर ने इसे अमानवीय और अन्यायपूर्ण बताया। गांधी का मानना था कि हर व्यक्ति को शिक्षा का अधिकार तो है, लेकिन उसे अपने जाति के अनुसार ही काम करना चाहिए।”

रंजीत ने कहा, “सावरकर पर आरोप लगाया जाता है कि वह ब्रिटिशों से समझौता करने वाले थे। लेक‍िन सावरकर को 27 साल तक जेल में रखा गया था, जबकि अगर वह समझौता करने वाले होते।”

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पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कांग्रेस में हिंदुत्व नाम लेना ही पाप हो चुका है। उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि महाविकास अघाड़ी के नेताओं के बीच भी हिंदुत्व नहीं बचा है।

उन्होंने कहा, “मैं इस बात पर विशेष बल देना चाहूंगा कि हिंदुओं को हिंदू बनकर जीने का पूरा हक है। अगर आप किसी हिंदू से उसका हिंदुत्व छीनेंगे तो उसका क्या परिणाम होता है, वो आप सभी लोग खुद ही देख चुके हैं।”

उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग, जो लोकतंत्र का फायदा उठा रहे हैं, वही हिंदू समाज को खत्म करने की बात करते हैं। जो समाज लोकतंत्र में अपनी हिस्सेदारी निभाता है, उसे अपमानित किया जा रहा है और यह आगे चलकर देश के लिए खतरनाक हो सकता है।

जब उनसे पूछा गया कि मौजूदा समय में जब सावरकर का नाम कांग्रेस और भाजपा दोनों के द्वारा लिया जाता है और यह कहा जा रहा है कि भारतीय राजनीति में सावरकर का योगदान अहम रहा है, तो आखिर अब तक सावरकर को भारत रत्न क्यों नहीं दिया गया, तो इस पर रंजीत सावरकर ने कहा कि वो इस चीज में विश्वास नहीं रखते हैं।

इस बीच, जब रंजीत सावरकर से पूछा गया कि आखिर राहुल गांधी क्‍यों बार-बार वीर सावरकर का नाम ले रहे हैं, तो इस पर उन्होंने आईएएनएस से कहा कहा कि वो मुस्लिम वोटों के ध्रुवीकरण के लिए ऐसा करते हैं। सावरकर हिंदुत्व के प्रणेता हैं। बेशक उनका हिंदुत्व पूजा पद्धति पर आधारित नहीं है। राहुल चाहते हैं कि सावरकर को मनुवादी सिद्ध करें।

उन्होंने कहा, “गांधीजी ने जातिवाद और वर्ण व्यवस्था का समर्थन किया था, जबकि अंबेडकर ने इसे अमानवीय और अन्यायपूर्ण बताया। गांधी का मानना था कि हर व्यक्ति को शिक्षा का अधिकार तो है, लेकिन उसे अपने जाति के अनुसार ही काम करना चाहिए।”

रंजीत ने कहा, “सावरकर पर आरोप लगाया जाता है कि वह ब्रिटिशों से समझौता करने वाले थे। लेक‍िन सावरकर को 27 साल तक जेल में रखा गया था, जबकि अगर वह समझौता करने वाले होते।”

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मुंबई, 15 दिसंबर (आईएएनएस)। स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर के पोते रंजीत सावरकर ने रविवार को कहा कि हिंदुत्व को गाली देने वाले लोगों को यह बात समझनी होगी कि जहां कहीं भी हिंदुत्व खत्म हुआ है, वहां लोकतंत्र भी खत्म हो चुका है। हमारे बीच आज बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान जैसे अनेकों उदाहरण मौजूद हैं।

पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कांग्रेस में हिंदुत्व नाम लेना ही पाप हो चुका है। उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि महाविकास अघाड़ी के नेताओं के बीच भी हिंदुत्व नहीं बचा है।

उन्होंने कहा, “मैं इस बात पर विशेष बल देना चाहूंगा कि हिंदुओं को हिंदू बनकर जीने का पूरा हक है। अगर आप किसी हिंदू से उसका हिंदुत्व छीनेंगे तो उसका क्या परिणाम होता है, वो आप सभी लोग खुद ही देख चुके हैं।”

उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग, जो लोकतंत्र का फायदा उठा रहे हैं, वही हिंदू समाज को खत्म करने की बात करते हैं। जो समाज लोकतंत्र में अपनी हिस्सेदारी निभाता है, उसे अपमानित किया जा रहा है और यह आगे चलकर देश के लिए खतरनाक हो सकता है।

जब उनसे पूछा गया कि मौजूदा समय में जब सावरकर का नाम कांग्रेस और भाजपा दोनों के द्वारा लिया जाता है और यह कहा जा रहा है कि भारतीय राजनीति में सावरकर का योगदान अहम रहा है, तो आखिर अब तक सावरकर को भारत रत्न क्यों नहीं दिया गया, तो इस पर रंजीत सावरकर ने कहा कि वो इस चीज में विश्वास नहीं रखते हैं।

इस बीच, जब रंजीत सावरकर से पूछा गया कि आखिर राहुल गांधी क्‍यों बार-बार वीर सावरकर का नाम ले रहे हैं, तो इस पर उन्होंने आईएएनएस से कहा कहा कि वो मुस्लिम वोटों के ध्रुवीकरण के लिए ऐसा करते हैं। सावरकर हिंदुत्व के प्रणेता हैं। बेशक उनका हिंदुत्व पूजा पद्धति पर आधारित नहीं है। राहुल चाहते हैं कि सावरकर को मनुवादी सिद्ध करें।

उन्होंने कहा, “गांधीजी ने जातिवाद और वर्ण व्यवस्था का समर्थन किया था, जबकि अंबेडकर ने इसे अमानवीय और अन्यायपूर्ण बताया। गांधी का मानना था कि हर व्यक्ति को शिक्षा का अधिकार तो है, लेकिन उसे अपने जाति के अनुसार ही काम करना चाहिए।”

रंजीत ने कहा, “सावरकर पर आरोप लगाया जाता है कि वह ब्रिटिशों से समझौता करने वाले थे। लेक‍िन सावरकर को 27 साल तक जेल में रखा गया था, जबकि अगर वह समझौता करने वाले होते।”

–आईएएनएस

एसएचके/सीबीटी

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मुंबई, 15 दिसंबर (आईएएनएस)। स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर के पोते रंजीत सावरकर ने रविवार को कहा कि हिंदुत्व को गाली देने वाले लोगों को यह बात समझनी होगी कि जहां कहीं भी हिंदुत्व खत्म हुआ है, वहां लोकतंत्र भी खत्म हो चुका है। हमारे बीच आज बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान जैसे अनेकों उदाहरण मौजूद हैं।

पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कांग्रेस में हिंदुत्व नाम लेना ही पाप हो चुका है। उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि महाविकास अघाड़ी के नेताओं के बीच भी हिंदुत्व नहीं बचा है।

उन्होंने कहा, “मैं इस बात पर विशेष बल देना चाहूंगा कि हिंदुओं को हिंदू बनकर जीने का पूरा हक है। अगर आप किसी हिंदू से उसका हिंदुत्व छीनेंगे तो उसका क्या परिणाम होता है, वो आप सभी लोग खुद ही देख चुके हैं।”

उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग, जो लोकतंत्र का फायदा उठा रहे हैं, वही हिंदू समाज को खत्म करने की बात करते हैं। जो समाज लोकतंत्र में अपनी हिस्सेदारी निभाता है, उसे अपमानित किया जा रहा है और यह आगे चलकर देश के लिए खतरनाक हो सकता है।

जब उनसे पूछा गया कि मौजूदा समय में जब सावरकर का नाम कांग्रेस और भाजपा दोनों के द्वारा लिया जाता है और यह कहा जा रहा है कि भारतीय राजनीति में सावरकर का योगदान अहम रहा है, तो आखिर अब तक सावरकर को भारत रत्न क्यों नहीं दिया गया, तो इस पर रंजीत सावरकर ने कहा कि वो इस चीज में विश्वास नहीं रखते हैं।

इस बीच, जब रंजीत सावरकर से पूछा गया कि आखिर राहुल गांधी क्‍यों बार-बार वीर सावरकर का नाम ले रहे हैं, तो इस पर उन्होंने आईएएनएस से कहा कहा कि वो मुस्लिम वोटों के ध्रुवीकरण के लिए ऐसा करते हैं। सावरकर हिंदुत्व के प्रणेता हैं। बेशक उनका हिंदुत्व पूजा पद्धति पर आधारित नहीं है। राहुल चाहते हैं कि सावरकर को मनुवादी सिद्ध करें।

उन्होंने कहा, “गांधीजी ने जातिवाद और वर्ण व्यवस्था का समर्थन किया था, जबकि अंबेडकर ने इसे अमानवीय और अन्यायपूर्ण बताया। गांधी का मानना था कि हर व्यक्ति को शिक्षा का अधिकार तो है, लेकिन उसे अपने जाति के अनुसार ही काम करना चाहिए।”

रंजीत ने कहा, “सावरकर पर आरोप लगाया जाता है कि वह ब्रिटिशों से समझौता करने वाले थे। लेक‍िन सावरकर को 27 साल तक जेल में रखा गया था, जबकि अगर वह समझौता करने वाले होते।”

–आईएएनएस

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मुंबई, 15 दिसंबर (आईएएनएस)। स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर के पोते रंजीत सावरकर ने रविवार को कहा कि हिंदुत्व को गाली देने वाले लोगों को यह बात समझनी होगी कि जहां कहीं भी हिंदुत्व खत्म हुआ है, वहां लोकतंत्र भी खत्म हो चुका है। हमारे बीच आज बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान जैसे अनेकों उदाहरण मौजूद हैं।

पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कांग्रेस में हिंदुत्व नाम लेना ही पाप हो चुका है। उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि महाविकास अघाड़ी के नेताओं के बीच भी हिंदुत्व नहीं बचा है।

उन्होंने कहा, “मैं इस बात पर विशेष बल देना चाहूंगा कि हिंदुओं को हिंदू बनकर जीने का पूरा हक है। अगर आप किसी हिंदू से उसका हिंदुत्व छीनेंगे तो उसका क्या परिणाम होता है, वो आप सभी लोग खुद ही देख चुके हैं।”

उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग, जो लोकतंत्र का फायदा उठा रहे हैं, वही हिंदू समाज को खत्म करने की बात करते हैं। जो समाज लोकतंत्र में अपनी हिस्सेदारी निभाता है, उसे अपमानित किया जा रहा है और यह आगे चलकर देश के लिए खतरनाक हो सकता है।

जब उनसे पूछा गया कि मौजूदा समय में जब सावरकर का नाम कांग्रेस और भाजपा दोनों के द्वारा लिया जाता है और यह कहा जा रहा है कि भारतीय राजनीति में सावरकर का योगदान अहम रहा है, तो आखिर अब तक सावरकर को भारत रत्न क्यों नहीं दिया गया, तो इस पर रंजीत सावरकर ने कहा कि वो इस चीज में विश्वास नहीं रखते हैं।

इस बीच, जब रंजीत सावरकर से पूछा गया कि आखिर राहुल गांधी क्‍यों बार-बार वीर सावरकर का नाम ले रहे हैं, तो इस पर उन्होंने आईएएनएस से कहा कहा कि वो मुस्लिम वोटों के ध्रुवीकरण के लिए ऐसा करते हैं। सावरकर हिंदुत्व के प्रणेता हैं। बेशक उनका हिंदुत्व पूजा पद्धति पर आधारित नहीं है। राहुल चाहते हैं कि सावरकर को मनुवादी सिद्ध करें।

उन्होंने कहा, “गांधीजी ने जातिवाद और वर्ण व्यवस्था का समर्थन किया था, जबकि अंबेडकर ने इसे अमानवीय और अन्यायपूर्ण बताया। गांधी का मानना था कि हर व्यक्ति को शिक्षा का अधिकार तो है, लेकिन उसे अपने जाति के अनुसार ही काम करना चाहिए।”

रंजीत ने कहा, “सावरकर पर आरोप लगाया जाता है कि वह ब्रिटिशों से समझौता करने वाले थे। लेक‍िन सावरकर को 27 साल तक जेल में रखा गया था, जबकि अगर वह समझौता करने वाले होते।”

–आईएएनएस

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मुंबई, 15 दिसंबर (आईएएनएस)। स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर के पोते रंजीत सावरकर ने रविवार को कहा कि हिंदुत्व को गाली देने वाले लोगों को यह बात समझनी होगी कि जहां कहीं भी हिंदुत्व खत्म हुआ है, वहां लोकतंत्र भी खत्म हो चुका है। हमारे बीच आज बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान जैसे अनेकों उदाहरण मौजूद हैं।

पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कांग्रेस में हिंदुत्व नाम लेना ही पाप हो चुका है। उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि महाविकास अघाड़ी के नेताओं के बीच भी हिंदुत्व नहीं बचा है।

उन्होंने कहा, “मैं इस बात पर विशेष बल देना चाहूंगा कि हिंदुओं को हिंदू बनकर जीने का पूरा हक है। अगर आप किसी हिंदू से उसका हिंदुत्व छीनेंगे तो उसका क्या परिणाम होता है, वो आप सभी लोग खुद ही देख चुके हैं।”

उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग, जो लोकतंत्र का फायदा उठा रहे हैं, वही हिंदू समाज को खत्म करने की बात करते हैं। जो समाज लोकतंत्र में अपनी हिस्सेदारी निभाता है, उसे अपमानित किया जा रहा है और यह आगे चलकर देश के लिए खतरनाक हो सकता है।

जब उनसे पूछा गया कि मौजूदा समय में जब सावरकर का नाम कांग्रेस और भाजपा दोनों के द्वारा लिया जाता है और यह कहा जा रहा है कि भारतीय राजनीति में सावरकर का योगदान अहम रहा है, तो आखिर अब तक सावरकर को भारत रत्न क्यों नहीं दिया गया, तो इस पर रंजीत सावरकर ने कहा कि वो इस चीज में विश्वास नहीं रखते हैं।

इस बीच, जब रंजीत सावरकर से पूछा गया कि आखिर राहुल गांधी क्‍यों बार-बार वीर सावरकर का नाम ले रहे हैं, तो इस पर उन्होंने आईएएनएस से कहा कहा कि वो मुस्लिम वोटों के ध्रुवीकरण के लिए ऐसा करते हैं। सावरकर हिंदुत्व के प्रणेता हैं। बेशक उनका हिंदुत्व पूजा पद्धति पर आधारित नहीं है। राहुल चाहते हैं कि सावरकर को मनुवादी सिद्ध करें।

उन्होंने कहा, “गांधीजी ने जातिवाद और वर्ण व्यवस्था का समर्थन किया था, जबकि अंबेडकर ने इसे अमानवीय और अन्यायपूर्ण बताया। गांधी का मानना था कि हर व्यक्ति को शिक्षा का अधिकार तो है, लेकिन उसे अपने जाति के अनुसार ही काम करना चाहिए।”

रंजीत ने कहा, “सावरकर पर आरोप लगाया जाता है कि वह ब्रिटिशों से समझौता करने वाले थे। लेक‍िन सावरकर को 27 साल तक जेल में रखा गया था, जबकि अगर वह समझौता करने वाले होते।”

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मुंबई, 15 दिसंबर (आईएएनएस)। स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर के पोते रंजीत सावरकर ने रविवार को कहा कि हिंदुत्व को गाली देने वाले लोगों को यह बात समझनी होगी कि जहां कहीं भी हिंदुत्व खत्म हुआ है, वहां लोकतंत्र भी खत्म हो चुका है। हमारे बीच आज बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान जैसे अनेकों उदाहरण मौजूद हैं।

पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कांग्रेस में हिंदुत्व नाम लेना ही पाप हो चुका है। उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि महाविकास अघाड़ी के नेताओं के बीच भी हिंदुत्व नहीं बचा है।

उन्होंने कहा, “मैं इस बात पर विशेष बल देना चाहूंगा कि हिंदुओं को हिंदू बनकर जीने का पूरा हक है। अगर आप किसी हिंदू से उसका हिंदुत्व छीनेंगे तो उसका क्या परिणाम होता है, वो आप सभी लोग खुद ही देख चुके हैं।”

उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग, जो लोकतंत्र का फायदा उठा रहे हैं, वही हिंदू समाज को खत्म करने की बात करते हैं। जो समाज लोकतंत्र में अपनी हिस्सेदारी निभाता है, उसे अपमानित किया जा रहा है और यह आगे चलकर देश के लिए खतरनाक हो सकता है।

जब उनसे पूछा गया कि मौजूदा समय में जब सावरकर का नाम कांग्रेस और भाजपा दोनों के द्वारा लिया जाता है और यह कहा जा रहा है कि भारतीय राजनीति में सावरकर का योगदान अहम रहा है, तो आखिर अब तक सावरकर को भारत रत्न क्यों नहीं दिया गया, तो इस पर रंजीत सावरकर ने कहा कि वो इस चीज में विश्वास नहीं रखते हैं।

इस बीच, जब रंजीत सावरकर से पूछा गया कि आखिर राहुल गांधी क्‍यों बार-बार वीर सावरकर का नाम ले रहे हैं, तो इस पर उन्होंने आईएएनएस से कहा कहा कि वो मुस्लिम वोटों के ध्रुवीकरण के लिए ऐसा करते हैं। सावरकर हिंदुत्व के प्रणेता हैं। बेशक उनका हिंदुत्व पूजा पद्धति पर आधारित नहीं है। राहुल चाहते हैं कि सावरकर को मनुवादी सिद्ध करें।

उन्होंने कहा, “गांधीजी ने जातिवाद और वर्ण व्यवस्था का समर्थन किया था, जबकि अंबेडकर ने इसे अमानवीय और अन्यायपूर्ण बताया। गांधी का मानना था कि हर व्यक्ति को शिक्षा का अधिकार तो है, लेकिन उसे अपने जाति के अनुसार ही काम करना चाहिए।”

रंजीत ने कहा, “सावरकर पर आरोप लगाया जाता है कि वह ब्रिटिशों से समझौता करने वाले थे। लेक‍िन सावरकर को 27 साल तक जेल में रखा गया था, जबकि अगर वह समझौता करने वाले होते।”

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पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कांग्रेस में हिंदुत्व नाम लेना ही पाप हो चुका है। उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि महाविकास अघाड़ी के नेताओं के बीच भी हिंदुत्व नहीं बचा है।

उन्होंने कहा, “मैं इस बात पर विशेष बल देना चाहूंगा कि हिंदुओं को हिंदू बनकर जीने का पूरा हक है। अगर आप किसी हिंदू से उसका हिंदुत्व छीनेंगे तो उसका क्या परिणाम होता है, वो आप सभी लोग खुद ही देख चुके हैं।”

उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग, जो लोकतंत्र का फायदा उठा रहे हैं, वही हिंदू समाज को खत्म करने की बात करते हैं। जो समाज लोकतंत्र में अपनी हिस्सेदारी निभाता है, उसे अपमानित किया जा रहा है और यह आगे चलकर देश के लिए खतरनाक हो सकता है।

जब उनसे पूछा गया कि मौजूदा समय में जब सावरकर का नाम कांग्रेस और भाजपा दोनों के द्वारा लिया जाता है और यह कहा जा रहा है कि भारतीय राजनीति में सावरकर का योगदान अहम रहा है, तो आखिर अब तक सावरकर को भारत रत्न क्यों नहीं दिया गया, तो इस पर रंजीत सावरकर ने कहा कि वो इस चीज में विश्वास नहीं रखते हैं।

इस बीच, जब रंजीत सावरकर से पूछा गया कि आखिर राहुल गांधी क्‍यों बार-बार वीर सावरकर का नाम ले रहे हैं, तो इस पर उन्होंने आईएएनएस से कहा कहा कि वो मुस्लिम वोटों के ध्रुवीकरण के लिए ऐसा करते हैं। सावरकर हिंदुत्व के प्रणेता हैं। बेशक उनका हिंदुत्व पूजा पद्धति पर आधारित नहीं है। राहुल चाहते हैं कि सावरकर को मनुवादी सिद्ध करें।

उन्होंने कहा, “गांधीजी ने जातिवाद और वर्ण व्यवस्था का समर्थन किया था, जबकि अंबेडकर ने इसे अमानवीय और अन्यायपूर्ण बताया। गांधी का मानना था कि हर व्यक्ति को शिक्षा का अधिकार तो है, लेकिन उसे अपने जाति के अनुसार ही काम करना चाहिए।”

रंजीत ने कहा, “सावरकर पर आरोप लगाया जाता है कि वह ब्रिटिशों से समझौता करने वाले थे। लेक‍िन सावरकर को 27 साल तक जेल में रखा गया था, जबकि अगर वह समझौता करने वाले होते।”

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