चित्रदुर्ग, 3 फरवरी (आईएएनएस) । कागिनेले कनक मठ के पुजारी ईश्वरानंदपुरी स्वामी, जो कुरुबा (चरवाहा) समुदाय से हैं, ने दावा किया है कि उन्हें उनकी जाति के कारण कर्नाटक के चित्रदुर्ग जिले के बगुरू गांव में ऐतिहासिक चेन्नाकेशव मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई ।
उन्होंने शुक्रवार को चित्रदुर्ग जिले के सानेहल्ली में ‘संक्रमण के रास्ते में धार्मिक मठ’ विषय पर एक सेमिनार में भाग लेते हुए यह टिप्पणी की।
उन्होंने कहा, “कुरुबा समुदाय के एक साधु के मंदिर में प्रवेश के बाद मंदिर की सफाई की गई। मैं कभी भी चेन्नाकेशव मंदिर के अंदर अपना पैर नहीं रखूंगा।”
“मैंने वैकुंठ एकादशी के अवसर पर मंदिर का दौरा किया था। पुजारियों से संबंधित सभी महिलाओं को मंदिर के गर्भगृह के अंदर जाने दिया गया था। मठ का पुजारी होने के बावजूद, मुझे अंदर नहीं जाने दिया गया था।
उन्होंने कहा, “मुझे नहीं पता था कि मंदिर मुज़ाराई विभाग के अधीन है। अगर मुझे पता होता तो मैंने उसी तरह विरोध प्रदर्शन किया होता, जैसे उडुपी में संत कनकदास ने किया था जब उन्हें मंदिर के अंदर जाने की अनुमति नहीं दी गई थी।”
–आईएएनएस
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