नई दिल्ली,13 अगस्त (आईएएनएस)। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और विशेषज्ञों की एक समिति ने जादवपुर विश्वविद्यालय और जामिया हमदर्द को ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस’ यानी आईओई के रूप में मान्यता नहीं देने की सिफारिश की है। वहीं तमिलनाडु सरकार ने अन्ना यूनिवर्सिटी को आईओई का दर्जा देने का प्रस्ताव स्वयं वापस ले लिया है।
पहले, जादवपुर व जामिया हमदर्द विश्वविद्यालय का चयन ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस’ का दर्जा देने के लिए किया गया था। हालांकि अब यह मान्यता नहीं देने की सिफारिश की गई है। वहीं सिफारिशों पर कार्रवाई की बात करें तो जादवपुर यूनिवर्सिटी और जामिया हमदर्द के संबंध में दी गई सिफारिशों पर अभी शिक्षा मंत्रालय ने कोई फैसला नहीं लिया है। ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस’ उच्च शिक्षण संस्थानों को दी जाने वाली एक महत्वपूर्ण मान्यता है। यह योजना 2017 में शिक्षा मंत्रालय ने शिक्षण संस्थानों को प्रोत्साहित करने के लिए शुरू की थी। ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस’ वाले शिक्षण संस्थानों को अधिक स्वायत्तता व केंद्र सरकार द्वारा आर्थिक मदद दी जाती है।
जादवपुर विश्वविद्यालय पश्चिम बंगाल की राज्यस्तरीय यूनिवर्सिटी है। इसके लिए 3,299 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया गया था। इस पर केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने संबंधित राज्य सरकार से उनके द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले फंड को लेकर प्रतिबद्धता मांगी।
जानकारी के मुताबिक, पश्चिम बंगाल सरकार केंद्र के प्रावधानों से सहमत नहीं थी और राज्य सरकार ने वित्तीय प्रस्तावों में तब्दीली करने का निर्णय लिया। बजट में कमी का यह प्रस्ताव समीक्षा के लिए यूजीसी और ईईसी के पास गया था। समीक्षा के बाद अब यूजीसी व ईईसी ने जादवपुर यूनिवर्सिटी को यह मान्यता न देने की सिफारिश दी है। वहीं तमिलनाडु स्थित अन्ना विश्वविद्यालय को भी यह महत्वपूर्ण दर्जा प्रदान न करने की सिफारिश की गई है।
इस प्रक्रिया से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है, तमिलनाडु स्थित प्रसिद्ध अन्ना विश्वविद्यालय को पहले ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस’ का दर्जा देने के लिए प्रस्ताव भेज दिया गया था। हालांकि अब तमिलनाडु सरकार ने इसे वापस ले लिया है।
–आईएएनएस
जीसीबी/एसजीके
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नई दिल्ली,13 अगस्त (आईएएनएस)। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और विशेषज्ञों की एक समिति ने जादवपुर विश्वविद्यालय और जामिया हमदर्द को ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस’ यानी आईओई के रूप में मान्यता नहीं देने की सिफारिश की है। वहीं तमिलनाडु सरकार ने अन्ना यूनिवर्सिटी को आईओई का दर्जा देने का प्रस्ताव स्वयं वापस ले लिया है।
पहले, जादवपुर व जामिया हमदर्द विश्वविद्यालय का चयन ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस’ का दर्जा देने के लिए किया गया था। हालांकि अब यह मान्यता नहीं देने की सिफारिश की गई है। वहीं सिफारिशों पर कार्रवाई की बात करें तो जादवपुर यूनिवर्सिटी और जामिया हमदर्द के संबंध में दी गई सिफारिशों पर अभी शिक्षा मंत्रालय ने कोई फैसला नहीं लिया है। ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस’ उच्च शिक्षण संस्थानों को दी जाने वाली एक महत्वपूर्ण मान्यता है। यह योजना 2017 में शिक्षा मंत्रालय ने शिक्षण संस्थानों को प्रोत्साहित करने के लिए शुरू की थी। ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस’ वाले शिक्षण संस्थानों को अधिक स्वायत्तता व केंद्र सरकार द्वारा आर्थिक मदद दी जाती है।
जादवपुर विश्वविद्यालय पश्चिम बंगाल की राज्यस्तरीय यूनिवर्सिटी है। इसके लिए 3,299 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया गया था। इस पर केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने संबंधित राज्य सरकार से उनके द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले फंड को लेकर प्रतिबद्धता मांगी।
जानकारी के मुताबिक, पश्चिम बंगाल सरकार केंद्र के प्रावधानों से सहमत नहीं थी और राज्य सरकार ने वित्तीय प्रस्तावों में तब्दीली करने का निर्णय लिया। बजट में कमी का यह प्रस्ताव समीक्षा के लिए यूजीसी और ईईसी के पास गया था। समीक्षा के बाद अब यूजीसी व ईईसी ने जादवपुर यूनिवर्सिटी को यह मान्यता न देने की सिफारिश दी है। वहीं तमिलनाडु स्थित अन्ना विश्वविद्यालय को भी यह महत्वपूर्ण दर्जा प्रदान न करने की सिफारिश की गई है।
इस प्रक्रिया से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है, तमिलनाडु स्थित प्रसिद्ध अन्ना विश्वविद्यालय को पहले ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस’ का दर्जा देने के लिए प्रस्ताव भेज दिया गया था। हालांकि अब तमिलनाडु सरकार ने इसे वापस ले लिया है।
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नई दिल्ली,13 अगस्त (आईएएनएस)। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और विशेषज्ञों की एक समिति ने जादवपुर विश्वविद्यालय और जामिया हमदर्द को ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस’ यानी आईओई के रूप में मान्यता नहीं देने की सिफारिश की है। वहीं तमिलनाडु सरकार ने अन्ना यूनिवर्सिटी को आईओई का दर्जा देने का प्रस्ताव स्वयं वापस ले लिया है।
पहले, जादवपुर व जामिया हमदर्द विश्वविद्यालय का चयन ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस’ का दर्जा देने के लिए किया गया था। हालांकि अब यह मान्यता नहीं देने की सिफारिश की गई है। वहीं सिफारिशों पर कार्रवाई की बात करें तो जादवपुर यूनिवर्सिटी और जामिया हमदर्द के संबंध में दी गई सिफारिशों पर अभी शिक्षा मंत्रालय ने कोई फैसला नहीं लिया है। ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस’ उच्च शिक्षण संस्थानों को दी जाने वाली एक महत्वपूर्ण मान्यता है। यह योजना 2017 में शिक्षा मंत्रालय ने शिक्षण संस्थानों को प्रोत्साहित करने के लिए शुरू की थी। ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस’ वाले शिक्षण संस्थानों को अधिक स्वायत्तता व केंद्र सरकार द्वारा आर्थिक मदद दी जाती है।
जादवपुर विश्वविद्यालय पश्चिम बंगाल की राज्यस्तरीय यूनिवर्सिटी है। इसके लिए 3,299 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया गया था। इस पर केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने संबंधित राज्य सरकार से उनके द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले फंड को लेकर प्रतिबद्धता मांगी।
जानकारी के मुताबिक, पश्चिम बंगाल सरकार केंद्र के प्रावधानों से सहमत नहीं थी और राज्य सरकार ने वित्तीय प्रस्तावों में तब्दीली करने का निर्णय लिया। बजट में कमी का यह प्रस्ताव समीक्षा के लिए यूजीसी और ईईसी के पास गया था। समीक्षा के बाद अब यूजीसी व ईईसी ने जादवपुर यूनिवर्सिटी को यह मान्यता न देने की सिफारिश दी है। वहीं तमिलनाडु स्थित अन्ना विश्वविद्यालय को भी यह महत्वपूर्ण दर्जा प्रदान न करने की सिफारिश की गई है।
इस प्रक्रिया से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है, तमिलनाडु स्थित प्रसिद्ध अन्ना विश्वविद्यालय को पहले ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस’ का दर्जा देने के लिए प्रस्ताव भेज दिया गया था। हालांकि अब तमिलनाडु सरकार ने इसे वापस ले लिया है।
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पहले, जादवपुर व जामिया हमदर्द विश्वविद्यालय का चयन ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस’ का दर्जा देने के लिए किया गया था। हालांकि अब यह मान्यता नहीं देने की सिफारिश की गई है। वहीं सिफारिशों पर कार्रवाई की बात करें तो जादवपुर यूनिवर्सिटी और जामिया हमदर्द के संबंध में दी गई सिफारिशों पर अभी शिक्षा मंत्रालय ने कोई फैसला नहीं लिया है। ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस’ उच्च शिक्षण संस्थानों को दी जाने वाली एक महत्वपूर्ण मान्यता है। यह योजना 2017 में शिक्षा मंत्रालय ने शिक्षण संस्थानों को प्रोत्साहित करने के लिए शुरू की थी। ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस’ वाले शिक्षण संस्थानों को अधिक स्वायत्तता व केंद्र सरकार द्वारा आर्थिक मदद दी जाती है।
जादवपुर विश्वविद्यालय पश्चिम बंगाल की राज्यस्तरीय यूनिवर्सिटी है। इसके लिए 3,299 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया गया था। इस पर केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने संबंधित राज्य सरकार से उनके द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले फंड को लेकर प्रतिबद्धता मांगी।
जानकारी के मुताबिक, पश्चिम बंगाल सरकार केंद्र के प्रावधानों से सहमत नहीं थी और राज्य सरकार ने वित्तीय प्रस्तावों में तब्दीली करने का निर्णय लिया। बजट में कमी का यह प्रस्ताव समीक्षा के लिए यूजीसी और ईईसी के पास गया था। समीक्षा के बाद अब यूजीसी व ईईसी ने जादवपुर यूनिवर्सिटी को यह मान्यता न देने की सिफारिश दी है। वहीं तमिलनाडु स्थित अन्ना विश्वविद्यालय को भी यह महत्वपूर्ण दर्जा प्रदान न करने की सिफारिश की गई है।
इस प्रक्रिया से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है, तमिलनाडु स्थित प्रसिद्ध अन्ना विश्वविद्यालय को पहले ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस’ का दर्जा देने के लिए प्रस्ताव भेज दिया गया था। हालांकि अब तमिलनाडु सरकार ने इसे वापस ले लिया है।
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पहले, जादवपुर व जामिया हमदर्द विश्वविद्यालय का चयन ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस’ का दर्जा देने के लिए किया गया था। हालांकि अब यह मान्यता नहीं देने की सिफारिश की गई है। वहीं सिफारिशों पर कार्रवाई की बात करें तो जादवपुर यूनिवर्सिटी और जामिया हमदर्द के संबंध में दी गई सिफारिशों पर अभी शिक्षा मंत्रालय ने कोई फैसला नहीं लिया है। ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस’ उच्च शिक्षण संस्थानों को दी जाने वाली एक महत्वपूर्ण मान्यता है। यह योजना 2017 में शिक्षा मंत्रालय ने शिक्षण संस्थानों को प्रोत्साहित करने के लिए शुरू की थी। ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस’ वाले शिक्षण संस्थानों को अधिक स्वायत्तता व केंद्र सरकार द्वारा आर्थिक मदद दी जाती है।
जादवपुर विश्वविद्यालय पश्चिम बंगाल की राज्यस्तरीय यूनिवर्सिटी है। इसके लिए 3,299 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया गया था। इस पर केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने संबंधित राज्य सरकार से उनके द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले फंड को लेकर प्रतिबद्धता मांगी।
जानकारी के मुताबिक, पश्चिम बंगाल सरकार केंद्र के प्रावधानों से सहमत नहीं थी और राज्य सरकार ने वित्तीय प्रस्तावों में तब्दीली करने का निर्णय लिया। बजट में कमी का यह प्रस्ताव समीक्षा के लिए यूजीसी और ईईसी के पास गया था। समीक्षा के बाद अब यूजीसी व ईईसी ने जादवपुर यूनिवर्सिटी को यह मान्यता न देने की सिफारिश दी है। वहीं तमिलनाडु स्थित अन्ना विश्वविद्यालय को भी यह महत्वपूर्ण दर्जा प्रदान न करने की सिफारिश की गई है।
इस प्रक्रिया से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है, तमिलनाडु स्थित प्रसिद्ध अन्ना विश्वविद्यालय को पहले ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस’ का दर्जा देने के लिए प्रस्ताव भेज दिया गया था। हालांकि अब तमिलनाडु सरकार ने इसे वापस ले लिया है।
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पहले, जादवपुर व जामिया हमदर्द विश्वविद्यालय का चयन ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस’ का दर्जा देने के लिए किया गया था। हालांकि अब यह मान्यता नहीं देने की सिफारिश की गई है। वहीं सिफारिशों पर कार्रवाई की बात करें तो जादवपुर यूनिवर्सिटी और जामिया हमदर्द के संबंध में दी गई सिफारिशों पर अभी शिक्षा मंत्रालय ने कोई फैसला नहीं लिया है। ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस’ उच्च शिक्षण संस्थानों को दी जाने वाली एक महत्वपूर्ण मान्यता है। यह योजना 2017 में शिक्षा मंत्रालय ने शिक्षण संस्थानों को प्रोत्साहित करने के लिए शुरू की थी। ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस’ वाले शिक्षण संस्थानों को अधिक स्वायत्तता व केंद्र सरकार द्वारा आर्थिक मदद दी जाती है।
जादवपुर विश्वविद्यालय पश्चिम बंगाल की राज्यस्तरीय यूनिवर्सिटी है। इसके लिए 3,299 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया गया था। इस पर केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने संबंधित राज्य सरकार से उनके द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले फंड को लेकर प्रतिबद्धता मांगी।
जानकारी के मुताबिक, पश्चिम बंगाल सरकार केंद्र के प्रावधानों से सहमत नहीं थी और राज्य सरकार ने वित्तीय प्रस्तावों में तब्दीली करने का निर्णय लिया। बजट में कमी का यह प्रस्ताव समीक्षा के लिए यूजीसी और ईईसी के पास गया था। समीक्षा के बाद अब यूजीसी व ईईसी ने जादवपुर यूनिवर्सिटी को यह मान्यता न देने की सिफारिश दी है। वहीं तमिलनाडु स्थित अन्ना विश्वविद्यालय को भी यह महत्वपूर्ण दर्जा प्रदान न करने की सिफारिश की गई है।
इस प्रक्रिया से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है, तमिलनाडु स्थित प्रसिद्ध अन्ना विश्वविद्यालय को पहले ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस’ का दर्जा देने के लिए प्रस्ताव भेज दिया गया था। हालांकि अब तमिलनाडु सरकार ने इसे वापस ले लिया है।
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पहले, जादवपुर व जामिया हमदर्द विश्वविद्यालय का चयन ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस’ का दर्जा देने के लिए किया गया था। हालांकि अब यह मान्यता नहीं देने की सिफारिश की गई है। वहीं सिफारिशों पर कार्रवाई की बात करें तो जादवपुर यूनिवर्सिटी और जामिया हमदर्द के संबंध में दी गई सिफारिशों पर अभी शिक्षा मंत्रालय ने कोई फैसला नहीं लिया है। ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस’ उच्च शिक्षण संस्थानों को दी जाने वाली एक महत्वपूर्ण मान्यता है। यह योजना 2017 में शिक्षा मंत्रालय ने शिक्षण संस्थानों को प्रोत्साहित करने के लिए शुरू की थी। ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस’ वाले शिक्षण संस्थानों को अधिक स्वायत्तता व केंद्र सरकार द्वारा आर्थिक मदद दी जाती है।
जादवपुर विश्वविद्यालय पश्चिम बंगाल की राज्यस्तरीय यूनिवर्सिटी है। इसके लिए 3,299 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया गया था। इस पर केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने संबंधित राज्य सरकार से उनके द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले फंड को लेकर प्रतिबद्धता मांगी।
जानकारी के मुताबिक, पश्चिम बंगाल सरकार केंद्र के प्रावधानों से सहमत नहीं थी और राज्य सरकार ने वित्तीय प्रस्तावों में तब्दीली करने का निर्णय लिया। बजट में कमी का यह प्रस्ताव समीक्षा के लिए यूजीसी और ईईसी के पास गया था। समीक्षा के बाद अब यूजीसी व ईईसी ने जादवपुर यूनिवर्सिटी को यह मान्यता न देने की सिफारिश दी है। वहीं तमिलनाडु स्थित अन्ना विश्वविद्यालय को भी यह महत्वपूर्ण दर्जा प्रदान न करने की सिफारिश की गई है।
इस प्रक्रिया से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है, तमिलनाडु स्थित प्रसिद्ध अन्ना विश्वविद्यालय को पहले ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस’ का दर्जा देने के लिए प्रस्ताव भेज दिया गया था। हालांकि अब तमिलनाडु सरकार ने इसे वापस ले लिया है।
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नई दिल्ली,13 अगस्त (आईएएनएस)। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और विशेषज्ञों की एक समिति ने जादवपुर विश्वविद्यालय और जामिया हमदर्द को ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस’ यानी आईओई के रूप में मान्यता नहीं देने की सिफारिश की है। वहीं तमिलनाडु सरकार ने अन्ना यूनिवर्सिटी को आईओई का दर्जा देने का प्रस्ताव स्वयं वापस ले लिया है।
पहले, जादवपुर व जामिया हमदर्द विश्वविद्यालय का चयन ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस’ का दर्जा देने के लिए किया गया था। हालांकि अब यह मान्यता नहीं देने की सिफारिश की गई है। वहीं सिफारिशों पर कार्रवाई की बात करें तो जादवपुर यूनिवर्सिटी और जामिया हमदर्द के संबंध में दी गई सिफारिशों पर अभी शिक्षा मंत्रालय ने कोई फैसला नहीं लिया है। ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस’ उच्च शिक्षण संस्थानों को दी जाने वाली एक महत्वपूर्ण मान्यता है। यह योजना 2017 में शिक्षा मंत्रालय ने शिक्षण संस्थानों को प्रोत्साहित करने के लिए शुरू की थी। ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस’ वाले शिक्षण संस्थानों को अधिक स्वायत्तता व केंद्र सरकार द्वारा आर्थिक मदद दी जाती है।
जादवपुर विश्वविद्यालय पश्चिम बंगाल की राज्यस्तरीय यूनिवर्सिटी है। इसके लिए 3,299 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया गया था। इस पर केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने संबंधित राज्य सरकार से उनके द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले फंड को लेकर प्रतिबद्धता मांगी।
जानकारी के मुताबिक, पश्चिम बंगाल सरकार केंद्र के प्रावधानों से सहमत नहीं थी और राज्य सरकार ने वित्तीय प्रस्तावों में तब्दीली करने का निर्णय लिया। बजट में कमी का यह प्रस्ताव समीक्षा के लिए यूजीसी और ईईसी के पास गया था। समीक्षा के बाद अब यूजीसी व ईईसी ने जादवपुर यूनिवर्सिटी को यह मान्यता न देने की सिफारिश दी है। वहीं तमिलनाडु स्थित अन्ना विश्वविद्यालय को भी यह महत्वपूर्ण दर्जा प्रदान न करने की सिफारिश की गई है।
इस प्रक्रिया से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है, तमिलनाडु स्थित प्रसिद्ध अन्ना विश्वविद्यालय को पहले ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस’ का दर्जा देने के लिए प्रस्ताव भेज दिया गया था। हालांकि अब तमिलनाडु सरकार ने इसे वापस ले लिया है।
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नई दिल्ली,13 अगस्त (आईएएनएस)। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और विशेषज्ञों की एक समिति ने जादवपुर विश्वविद्यालय और जामिया हमदर्द को ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस’ यानी आईओई के रूप में मान्यता नहीं देने की सिफारिश की है। वहीं तमिलनाडु सरकार ने अन्ना यूनिवर्सिटी को आईओई का दर्जा देने का प्रस्ताव स्वयं वापस ले लिया है।
पहले, जादवपुर व जामिया हमदर्द विश्वविद्यालय का चयन ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस’ का दर्जा देने के लिए किया गया था। हालांकि अब यह मान्यता नहीं देने की सिफारिश की गई है। वहीं सिफारिशों पर कार्रवाई की बात करें तो जादवपुर यूनिवर्सिटी और जामिया हमदर्द के संबंध में दी गई सिफारिशों पर अभी शिक्षा मंत्रालय ने कोई फैसला नहीं लिया है। ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस’ उच्च शिक्षण संस्थानों को दी जाने वाली एक महत्वपूर्ण मान्यता है। यह योजना 2017 में शिक्षा मंत्रालय ने शिक्षण संस्थानों को प्रोत्साहित करने के लिए शुरू की थी। ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस’ वाले शिक्षण संस्थानों को अधिक स्वायत्तता व केंद्र सरकार द्वारा आर्थिक मदद दी जाती है।
जादवपुर विश्वविद्यालय पश्चिम बंगाल की राज्यस्तरीय यूनिवर्सिटी है। इसके लिए 3,299 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया गया था। इस पर केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने संबंधित राज्य सरकार से उनके द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले फंड को लेकर प्रतिबद्धता मांगी।
जानकारी के मुताबिक, पश्चिम बंगाल सरकार केंद्र के प्रावधानों से सहमत नहीं थी और राज्य सरकार ने वित्तीय प्रस्तावों में तब्दीली करने का निर्णय लिया। बजट में कमी का यह प्रस्ताव समीक्षा के लिए यूजीसी और ईईसी के पास गया था। समीक्षा के बाद अब यूजीसी व ईईसी ने जादवपुर यूनिवर्सिटी को यह मान्यता न देने की सिफारिश दी है। वहीं तमिलनाडु स्थित अन्ना विश्वविद्यालय को भी यह महत्वपूर्ण दर्जा प्रदान न करने की सिफारिश की गई है।
इस प्रक्रिया से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है, तमिलनाडु स्थित प्रसिद्ध अन्ना विश्वविद्यालय को पहले ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस’ का दर्जा देने के लिए प्रस्ताव भेज दिया गया था। हालांकि अब तमिलनाडु सरकार ने इसे वापस ले लिया है।
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नई दिल्ली,13 अगस्त (आईएएनएस)। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और विशेषज्ञों की एक समिति ने जादवपुर विश्वविद्यालय और जामिया हमदर्द को ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस’ यानी आईओई के रूप में मान्यता नहीं देने की सिफारिश की है। वहीं तमिलनाडु सरकार ने अन्ना यूनिवर्सिटी को आईओई का दर्जा देने का प्रस्ताव स्वयं वापस ले लिया है।
पहले, जादवपुर व जामिया हमदर्द विश्वविद्यालय का चयन ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस’ का दर्जा देने के लिए किया गया था। हालांकि अब यह मान्यता नहीं देने की सिफारिश की गई है। वहीं सिफारिशों पर कार्रवाई की बात करें तो जादवपुर यूनिवर्सिटी और जामिया हमदर्द के संबंध में दी गई सिफारिशों पर अभी शिक्षा मंत्रालय ने कोई फैसला नहीं लिया है। ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस’ उच्च शिक्षण संस्थानों को दी जाने वाली एक महत्वपूर्ण मान्यता है। यह योजना 2017 में शिक्षा मंत्रालय ने शिक्षण संस्थानों को प्रोत्साहित करने के लिए शुरू की थी। ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस’ वाले शिक्षण संस्थानों को अधिक स्वायत्तता व केंद्र सरकार द्वारा आर्थिक मदद दी जाती है।
जादवपुर विश्वविद्यालय पश्चिम बंगाल की राज्यस्तरीय यूनिवर्सिटी है। इसके लिए 3,299 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया गया था। इस पर केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने संबंधित राज्य सरकार से उनके द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले फंड को लेकर प्रतिबद्धता मांगी।
जानकारी के मुताबिक, पश्चिम बंगाल सरकार केंद्र के प्रावधानों से सहमत नहीं थी और राज्य सरकार ने वित्तीय प्रस्तावों में तब्दीली करने का निर्णय लिया। बजट में कमी का यह प्रस्ताव समीक्षा के लिए यूजीसी और ईईसी के पास गया था। समीक्षा के बाद अब यूजीसी व ईईसी ने जादवपुर यूनिवर्सिटी को यह मान्यता न देने की सिफारिश दी है। वहीं तमिलनाडु स्थित अन्ना विश्वविद्यालय को भी यह महत्वपूर्ण दर्जा प्रदान न करने की सिफारिश की गई है।
इस प्रक्रिया से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है, तमिलनाडु स्थित प्रसिद्ध अन्ना विश्वविद्यालय को पहले ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस’ का दर्जा देने के लिए प्रस्ताव भेज दिया गया था। हालांकि अब तमिलनाडु सरकार ने इसे वापस ले लिया है।
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पहले, जादवपुर व जामिया हमदर्द विश्वविद्यालय का चयन ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस’ का दर्जा देने के लिए किया गया था। हालांकि अब यह मान्यता नहीं देने की सिफारिश की गई है। वहीं सिफारिशों पर कार्रवाई की बात करें तो जादवपुर यूनिवर्सिटी और जामिया हमदर्द के संबंध में दी गई सिफारिशों पर अभी शिक्षा मंत्रालय ने कोई फैसला नहीं लिया है। ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस’ उच्च शिक्षण संस्थानों को दी जाने वाली एक महत्वपूर्ण मान्यता है। यह योजना 2017 में शिक्षा मंत्रालय ने शिक्षण संस्थानों को प्रोत्साहित करने के लिए शुरू की थी। ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस’ वाले शिक्षण संस्थानों को अधिक स्वायत्तता व केंद्र सरकार द्वारा आर्थिक मदद दी जाती है।
जादवपुर विश्वविद्यालय पश्चिम बंगाल की राज्यस्तरीय यूनिवर्सिटी है। इसके लिए 3,299 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया गया था। इस पर केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने संबंधित राज्य सरकार से उनके द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले फंड को लेकर प्रतिबद्धता मांगी।
जानकारी के मुताबिक, पश्चिम बंगाल सरकार केंद्र के प्रावधानों से सहमत नहीं थी और राज्य सरकार ने वित्तीय प्रस्तावों में तब्दीली करने का निर्णय लिया। बजट में कमी का यह प्रस्ताव समीक्षा के लिए यूजीसी और ईईसी के पास गया था। समीक्षा के बाद अब यूजीसी व ईईसी ने जादवपुर यूनिवर्सिटी को यह मान्यता न देने की सिफारिश दी है। वहीं तमिलनाडु स्थित अन्ना विश्वविद्यालय को भी यह महत्वपूर्ण दर्जा प्रदान न करने की सिफारिश की गई है।
इस प्रक्रिया से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है, तमिलनाडु स्थित प्रसिद्ध अन्ना विश्वविद्यालय को पहले ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस’ का दर्जा देने के लिए प्रस्ताव भेज दिया गया था। हालांकि अब तमिलनाडु सरकार ने इसे वापस ले लिया है।
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पहले, जादवपुर व जामिया हमदर्द विश्वविद्यालय का चयन ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस’ का दर्जा देने के लिए किया गया था। हालांकि अब यह मान्यता नहीं देने की सिफारिश की गई है। वहीं सिफारिशों पर कार्रवाई की बात करें तो जादवपुर यूनिवर्सिटी और जामिया हमदर्द के संबंध में दी गई सिफारिशों पर अभी शिक्षा मंत्रालय ने कोई फैसला नहीं लिया है। ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस’ उच्च शिक्षण संस्थानों को दी जाने वाली एक महत्वपूर्ण मान्यता है। यह योजना 2017 में शिक्षा मंत्रालय ने शिक्षण संस्थानों को प्रोत्साहित करने के लिए शुरू की थी। ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस’ वाले शिक्षण संस्थानों को अधिक स्वायत्तता व केंद्र सरकार द्वारा आर्थिक मदद दी जाती है।
जादवपुर विश्वविद्यालय पश्चिम बंगाल की राज्यस्तरीय यूनिवर्सिटी है। इसके लिए 3,299 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया गया था। इस पर केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने संबंधित राज्य सरकार से उनके द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले फंड को लेकर प्रतिबद्धता मांगी।
जानकारी के मुताबिक, पश्चिम बंगाल सरकार केंद्र के प्रावधानों से सहमत नहीं थी और राज्य सरकार ने वित्तीय प्रस्तावों में तब्दीली करने का निर्णय लिया। बजट में कमी का यह प्रस्ताव समीक्षा के लिए यूजीसी और ईईसी के पास गया था। समीक्षा के बाद अब यूजीसी व ईईसी ने जादवपुर यूनिवर्सिटी को यह मान्यता न देने की सिफारिश दी है। वहीं तमिलनाडु स्थित अन्ना विश्वविद्यालय को भी यह महत्वपूर्ण दर्जा प्रदान न करने की सिफारिश की गई है।
इस प्रक्रिया से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है, तमिलनाडु स्थित प्रसिद्ध अन्ना विश्वविद्यालय को पहले ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस’ का दर्जा देने के लिए प्रस्ताव भेज दिया गया था। हालांकि अब तमिलनाडु सरकार ने इसे वापस ले लिया है।
–आईएएनएस
जीसीबी/एसजीके
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नई दिल्ली,13 अगस्त (आईएएनएस)। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और विशेषज्ञों की एक समिति ने जादवपुर विश्वविद्यालय और जामिया हमदर्द को ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस’ यानी आईओई के रूप में मान्यता नहीं देने की सिफारिश की है। वहीं तमिलनाडु सरकार ने अन्ना यूनिवर्सिटी को आईओई का दर्जा देने का प्रस्ताव स्वयं वापस ले लिया है।
पहले, जादवपुर व जामिया हमदर्द विश्वविद्यालय का चयन ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस’ का दर्जा देने के लिए किया गया था। हालांकि अब यह मान्यता नहीं देने की सिफारिश की गई है। वहीं सिफारिशों पर कार्रवाई की बात करें तो जादवपुर यूनिवर्सिटी और जामिया हमदर्द के संबंध में दी गई सिफारिशों पर अभी शिक्षा मंत्रालय ने कोई फैसला नहीं लिया है। ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस’ उच्च शिक्षण संस्थानों को दी जाने वाली एक महत्वपूर्ण मान्यता है। यह योजना 2017 में शिक्षा मंत्रालय ने शिक्षण संस्थानों को प्रोत्साहित करने के लिए शुरू की थी। ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस’ वाले शिक्षण संस्थानों को अधिक स्वायत्तता व केंद्र सरकार द्वारा आर्थिक मदद दी जाती है।
जादवपुर विश्वविद्यालय पश्चिम बंगाल की राज्यस्तरीय यूनिवर्सिटी है। इसके लिए 3,299 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया गया था। इस पर केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने संबंधित राज्य सरकार से उनके द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले फंड को लेकर प्रतिबद्धता मांगी।
जानकारी के मुताबिक, पश्चिम बंगाल सरकार केंद्र के प्रावधानों से सहमत नहीं थी और राज्य सरकार ने वित्तीय प्रस्तावों में तब्दीली करने का निर्णय लिया। बजट में कमी का यह प्रस्ताव समीक्षा के लिए यूजीसी और ईईसी के पास गया था। समीक्षा के बाद अब यूजीसी व ईईसी ने जादवपुर यूनिवर्सिटी को यह मान्यता न देने की सिफारिश दी है। वहीं तमिलनाडु स्थित अन्ना विश्वविद्यालय को भी यह महत्वपूर्ण दर्जा प्रदान न करने की सिफारिश की गई है।
इस प्रक्रिया से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है, तमिलनाडु स्थित प्रसिद्ध अन्ना विश्वविद्यालय को पहले ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस’ का दर्जा देने के लिए प्रस्ताव भेज दिया गया था। हालांकि अब तमिलनाडु सरकार ने इसे वापस ले लिया है।
–आईएएनएस
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नई दिल्ली,13 अगस्त (आईएएनएस)। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और विशेषज्ञों की एक समिति ने जादवपुर विश्वविद्यालय और जामिया हमदर्द को ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस’ यानी आईओई के रूप में मान्यता नहीं देने की सिफारिश की है। वहीं तमिलनाडु सरकार ने अन्ना यूनिवर्सिटी को आईओई का दर्जा देने का प्रस्ताव स्वयं वापस ले लिया है।
पहले, जादवपुर व जामिया हमदर्द विश्वविद्यालय का चयन ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस’ का दर्जा देने के लिए किया गया था। हालांकि अब यह मान्यता नहीं देने की सिफारिश की गई है। वहीं सिफारिशों पर कार्रवाई की बात करें तो जादवपुर यूनिवर्सिटी और जामिया हमदर्द के संबंध में दी गई सिफारिशों पर अभी शिक्षा मंत्रालय ने कोई फैसला नहीं लिया है। ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस’ उच्च शिक्षण संस्थानों को दी जाने वाली एक महत्वपूर्ण मान्यता है। यह योजना 2017 में शिक्षा मंत्रालय ने शिक्षण संस्थानों को प्रोत्साहित करने के लिए शुरू की थी। ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस’ वाले शिक्षण संस्थानों को अधिक स्वायत्तता व केंद्र सरकार द्वारा आर्थिक मदद दी जाती है।
जादवपुर विश्वविद्यालय पश्चिम बंगाल की राज्यस्तरीय यूनिवर्सिटी है। इसके लिए 3,299 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया गया था। इस पर केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने संबंधित राज्य सरकार से उनके द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले फंड को लेकर प्रतिबद्धता मांगी।
जानकारी के मुताबिक, पश्चिम बंगाल सरकार केंद्र के प्रावधानों से सहमत नहीं थी और राज्य सरकार ने वित्तीय प्रस्तावों में तब्दीली करने का निर्णय लिया। बजट में कमी का यह प्रस्ताव समीक्षा के लिए यूजीसी और ईईसी के पास गया था। समीक्षा के बाद अब यूजीसी व ईईसी ने जादवपुर यूनिवर्सिटी को यह मान्यता न देने की सिफारिश दी है। वहीं तमिलनाडु स्थित अन्ना विश्वविद्यालय को भी यह महत्वपूर्ण दर्जा प्रदान न करने की सिफारिश की गई है।
इस प्रक्रिया से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है, तमिलनाडु स्थित प्रसिद्ध अन्ना विश्वविद्यालय को पहले ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस’ का दर्जा देने के लिए प्रस्ताव भेज दिया गया था। हालांकि अब तमिलनाडु सरकार ने इसे वापस ले लिया है।
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नई दिल्ली,13 अगस्त (आईएएनएस)। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और विशेषज्ञों की एक समिति ने जादवपुर विश्वविद्यालय और जामिया हमदर्द को ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस’ यानी आईओई के रूप में मान्यता नहीं देने की सिफारिश की है। वहीं तमिलनाडु सरकार ने अन्ना यूनिवर्सिटी को आईओई का दर्जा देने का प्रस्ताव स्वयं वापस ले लिया है।
पहले, जादवपुर व जामिया हमदर्द विश्वविद्यालय का चयन ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस’ का दर्जा देने के लिए किया गया था। हालांकि अब यह मान्यता नहीं देने की सिफारिश की गई है। वहीं सिफारिशों पर कार्रवाई की बात करें तो जादवपुर यूनिवर्सिटी और जामिया हमदर्द के संबंध में दी गई सिफारिशों पर अभी शिक्षा मंत्रालय ने कोई फैसला नहीं लिया है। ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस’ उच्च शिक्षण संस्थानों को दी जाने वाली एक महत्वपूर्ण मान्यता है। यह योजना 2017 में शिक्षा मंत्रालय ने शिक्षण संस्थानों को प्रोत्साहित करने के लिए शुरू की थी। ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस’ वाले शिक्षण संस्थानों को अधिक स्वायत्तता व केंद्र सरकार द्वारा आर्थिक मदद दी जाती है।
जादवपुर विश्वविद्यालय पश्चिम बंगाल की राज्यस्तरीय यूनिवर्सिटी है। इसके लिए 3,299 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया गया था। इस पर केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने संबंधित राज्य सरकार से उनके द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले फंड को लेकर प्रतिबद्धता मांगी।
जानकारी के मुताबिक, पश्चिम बंगाल सरकार केंद्र के प्रावधानों से सहमत नहीं थी और राज्य सरकार ने वित्तीय प्रस्तावों में तब्दीली करने का निर्णय लिया। बजट में कमी का यह प्रस्ताव समीक्षा के लिए यूजीसी और ईईसी के पास गया था। समीक्षा के बाद अब यूजीसी व ईईसी ने जादवपुर यूनिवर्सिटी को यह मान्यता न देने की सिफारिश दी है। वहीं तमिलनाडु स्थित अन्ना विश्वविद्यालय को भी यह महत्वपूर्ण दर्जा प्रदान न करने की सिफारिश की गई है।
इस प्रक्रिया से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है, तमिलनाडु स्थित प्रसिद्ध अन्ना विश्वविद्यालय को पहले ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस’ का दर्जा देने के लिए प्रस्ताव भेज दिया गया था। हालांकि अब तमिलनाडु सरकार ने इसे वापस ले लिया है।
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नई दिल्ली,13 अगस्त (आईएएनएस)। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और विशेषज्ञों की एक समिति ने जादवपुर विश्वविद्यालय और जामिया हमदर्द को ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस’ यानी आईओई के रूप में मान्यता नहीं देने की सिफारिश की है। वहीं तमिलनाडु सरकार ने अन्ना यूनिवर्सिटी को आईओई का दर्जा देने का प्रस्ताव स्वयं वापस ले लिया है।
पहले, जादवपुर व जामिया हमदर्द विश्वविद्यालय का चयन ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस’ का दर्जा देने के लिए किया गया था। हालांकि अब यह मान्यता नहीं देने की सिफारिश की गई है। वहीं सिफारिशों पर कार्रवाई की बात करें तो जादवपुर यूनिवर्सिटी और जामिया हमदर्द के संबंध में दी गई सिफारिशों पर अभी शिक्षा मंत्रालय ने कोई फैसला नहीं लिया है। ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस’ उच्च शिक्षण संस्थानों को दी जाने वाली एक महत्वपूर्ण मान्यता है। यह योजना 2017 में शिक्षा मंत्रालय ने शिक्षण संस्थानों को प्रोत्साहित करने के लिए शुरू की थी। ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस’ वाले शिक्षण संस्थानों को अधिक स्वायत्तता व केंद्र सरकार द्वारा आर्थिक मदद दी जाती है।
जादवपुर विश्वविद्यालय पश्चिम बंगाल की राज्यस्तरीय यूनिवर्सिटी है। इसके लिए 3,299 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया गया था। इस पर केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने संबंधित राज्य सरकार से उनके द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले फंड को लेकर प्रतिबद्धता मांगी।
जानकारी के मुताबिक, पश्चिम बंगाल सरकार केंद्र के प्रावधानों से सहमत नहीं थी और राज्य सरकार ने वित्तीय प्रस्तावों में तब्दीली करने का निर्णय लिया। बजट में कमी का यह प्रस्ताव समीक्षा के लिए यूजीसी और ईईसी के पास गया था। समीक्षा के बाद अब यूजीसी व ईईसी ने जादवपुर यूनिवर्सिटी को यह मान्यता न देने की सिफारिश दी है। वहीं तमिलनाडु स्थित अन्ना विश्वविद्यालय को भी यह महत्वपूर्ण दर्जा प्रदान न करने की सिफारिश की गई है।
इस प्रक्रिया से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है, तमिलनाडु स्थित प्रसिद्ध अन्ना विश्वविद्यालय को पहले ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस’ का दर्जा देने के लिए प्रस्ताव भेज दिया गया था। हालांकि अब तमिलनाडु सरकार ने इसे वापस ले लिया है।