विजयनगर (कर्नाटक), 14 जून (आईएएनएस)। कर्नाटक पुलिस ने बुधवार को कहा कि उसने वयोवृद्ध कन्नड़ लेखक के. वीरभद्रप्पा को मौत की धमकी के 16 पत्र मिलने के बाद सुरक्षा प्रदान की है। इसमें कहा गया है कि कन्नड़ साहित्य जगत में कुमवी के नाम से मशहूर वीरभद्रप्पा की सुरक्षा के लिए जिला पुलिस रिजर्व ने एक सशस्त्र कांस्टेबल मुहैया कराया है।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि मामले में एक व्यक्ति को हिरासत में लिया गया है और उसकी लिखावट के नमूने फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) भेजे गए हैं।
पुलिस सुरक्षा के बारे में बात करते हुए, वीरभद्रप्पा ने मीडिया से कहा, मैंने धमकियों पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया है, मैं एक किताब लिखने में व्यस्त हूं।
बढ़ती असहिष्णुता और संविधान और धर्मनिरपेक्षता की भावना के लिए खतरे के विरोध में वीरभद्रप्पा ने 2008 में उनके उपन्यास अरमाने के लिए साहित्य अकादमी द्वारा उन्हें दिया गया पुरस्कार लौटा दिया था।
उन्होंने यह भी कहा था कि वह लिंगायत हैं न कि हिंदू।
लेखक और सामाजिक कार्यकर्ता गौरी लंकेश और प्रो. एम.एम. कलबुर्गी की हत्या को देखते हुए पुलिस विभाग ने वीरभ्रदप्पा को सुरक्षा प्रदान करने का फैसला किया।
लेखक वीरभद्रप्पा हिजाब प्रतिबंध और हलाल मांस और मुस्लिम आम विक्रेताओं के बहिष्कार जैसे मुद्दों पर मुस्लिम समुदाय का समर्थन करते रहे हैं।
फासीवादी ताकतों के खिलाफ चुप्पी साधे रखने वाले साहित्यकारों के प्रति उन्होंने अप्रसन्नता व्यक्त की।
उन्होंने कहा कि किसी भी लेखक के लिए समाज का स्वास्थ्य उसके जीवन से अधिक महत्वपूर्ण है।
–आईएएनएस
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