रांची, 20 मार्च (आईएएनएस)। ईडी जल्द ही जामताड़ा के 22 बड़े साइबर क्रिमिनल्स की संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया शुरू कर सकती है। पुलिस के साइबर सेल ने उनकी संपत्ति के बारे में ईडी को रिपोर्ट भेजी है। चिन्हित किए गए साइबर क्रिमिनल्स में से प्रत्येक ने लाखों-करोड़ों की संपत्ति बनाई है। पुलिस ने इन्हें पूर्व में गिरफ्तार भी किया था, लेकिन जमानत पर रिहा होने के बाद इन्होंने दुबारा ठगी शुरू कर दी।
पुलिस के ऑफिशियल सोर्सेज ने बताया कि जिन साइबर क्रिमिनल्स की संपत्ति का सर्वे अंचल कार्यालय की मदद से कराया गया है, उनमें ज्यादातर जामताड़ा जिले के करमाटांड़ और नारायणपुर थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं। 50 लाख से अधिक की संपत्ति वाले अन्य साइबर क्रिमिनल्स का भी ब्योरा जुटाया जा रहा है। इसके लिए सर्वे की टीमें लगाई गई हैं।
बता दें कि इसके पहले जामताड़ा साइबर थाने की पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर वर्ष मामला दर्ज करते हुए ईडी ने 2021 में नारायणपुर थाना क्षेत्र के मिरगा गांव के प्रदीप मंडल और उसके करीबियों की 66 लाख की संपत्ति ईडी जब्त की थी। ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के तहत जामताड़ा के युगल मंडल और देवघर के संतोष यादव को भी अभियुक्त बनाया है। प्रदीप मंडल पर एक करोड़ की ठगी और युगल मंडल व अन्य पर 99 लाख की ठगी और संतोष यादव पर 50 लाख की ठगी का आरोप है।
इधर, राज्य सरकार ने भी साइबर अपराधियों के खिलाफ कठोर कानून बनाने का निर्णय लिया है। इसके लिए सीआईडी मुख्यालय एक ड्राफ्ट तैयार कर रही है। सीआईडी के आईडी असीम विक्रांत मिंज और एसपी एस कार्तिक को यह ड्राफ्ट तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस ड्राफ्ट पर कानूनी विशेषज्ञों से राय ली जाएगी और उसके बाद इसे पुलिस मुख्यालय के जरिए राज्य सरकार के पास भेजा जाएगा। इसमें सख्त सजा से लेकर अपराधियों द्वारा खुद और अपने परिजनों के नाम पर जुटाई गई संपत्ति को राज्य पुलिस द्वारा जब्त किए जाने का प्रावधान किया जा सकता है।
–आईएएनएस
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