गुवाहाटी, 28 मई (आईएएनएस)। असम भाजपा पिछले कुछ दिनों से कई जिला इकाइयों में अंदरूनी कलह का सामना कर रही है। कम से कम चार जिला समितियों में नेताओं के एक वर्ग ने स्थानीय नेताओं के खिलाफ विद्रोह कर दिया है।
गोलपारा में भाजपा के सात ब्लॉक-स्तरीय नेताओं ने जिला अध्यक्ष ब्रिघू रंजन राभा को हटाने के लिए असम में पार्टी अध्यक्ष भाबेश कलिता से शिकायत की।
ऐसी ही स्थिति बोंगाईगांव, नलबाड़ी और जोरहाट जिलों में भी सामने आई है।
इससे राज्य के शीर्ष पार्टी नेताओं में नाराजगी है। चूंकि लोकसभा चुनाव एक साल के भीतर होने हैं, इसलिए भाजपा की नजर असम की 14 में से कम से कम 12 सीटों पर है।
भाजपा के नेता इस बात से अच्छी तरह वाकिफ हैं कि पार्टी को लोकसभा चुनाव के बाद पूर्वोत्तर में सराहनीय स्थिति हासिल करने के लिए असम में अच्छा प्रदर्शन करना होगा। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने 12 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। पार्टी ने चुनावों के लिए कमर कसनी भी शुरू कर दी है और गुवाहाटी में कुछ तैयारी बैठकें आयोजित की गई हैं।
ऐसे में पार्टी के लिए अंदरूनी कलह की खबर चिंता का विषय है।
कलिता ने कहा, भाजपा में हम सभी को पार्टी के अनुशासन का पालन करना होगा। जिले के नेताओं को सीखना चाहिए कि पार्टी नेतृत्व कैसे अच्छे समीकरण बनाए रखता है। हम पार्टी के भीतर अनुशासनहीनता को स्वीकार नहीं कर सकते। यदि आवश्यक हुआ तो एक वर्ग के नेताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
कुछ दिन पहले भाजपा के जोरहाट जिला कार्यालय में एक बंद कमरे में पार्टी की बैठक हुई और कुछ स्थानीय नेताओं ने इस चर्चा को सार्वजनिक किया।
इससे राज्य में पार्टी के शीर्ष नेताओं में खलबली मच गई है।
कलिता ने कहा, बंद कमरे में हुई बैठक में जिन मामलों पर चर्चा हुई उन्हें सार्वजनिक नहीं किया जा सकता। यह हमारी पार्टी की व्यवस्था है। हमने इस घटना में शामिल लोगों को कारण बताओ नोटिस भेजा है।
हालांकि इन चार जिलों के अलावा पार्टी की अन्य जिला इकाइयों में भी गतिरोध हो रहा है।
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, असम में भाजपा के सत्ता में लौटने के बाद पिछले कुछ वर्षों में अन्य दलों से बहुत सारे नेता आए हैं। नए और पुराने वर्गों के बीच संघर्ष कई जगहों पर कलह का मूल कारण है।
–आईएएनएस
एकेजे