राजौरी, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)। एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में जीएमसी राजौरी ने हृदय रोग से पीड़ित पुंछ की एक बुजुर्ग महिला मरीज की जटिल सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया।
हृदय संबंधी अनेक जटिलताओं के अलावा, महिला पित्ताशय की पथरी की बीमारी से भी पीड़ित थी। महिला मरीज का ऑपरेशन विशेषज्ञों की एक टीम द्वारा सफलतापूर्वक किया गया। इसमें डॉ. साजिद इकबाल शॉल, (सहायक प्रोफेसर सर्जरी), डॉ. सोहेल बंदे (एनेस्थीसिया के प्रमुख और एसोसिएट प्रोफेसर) और डॉ. सैयद (सलाहकार हृदय रोग विशेषज्ञ) शामिल थे। वहीं डॉ. जाकिर हुसैन (जनरल और मिनिमल एक्सेस सर्जरी के प्रमुख और एसोसिएट प्रोफेसर) इस ऑपरेशन के साथ जुड़े रहे। सर्जरी का पूरा खर्च पीएमजेएवाई सेहत योजना द्वारा वहन किया गया।
जीएमसी राजौरी के डीन और प्रिंसिपल डॉ. भाटिया ने टीम की सफलता की सराहना की और स्थानीय स्तर पर ऐसी जीवन रक्षक सर्जरी की सुविधा के लिए संसाधनों और जनशक्ति को बढ़ाने के महत्व पर प्रकाश डाला। जिससे मरीजों को कहीं और रेफर करने करने की आवश्यकता न हो।
डॉ. साजिद इकबाल शॉल का कहना है कि, “हमारे पास तीन चार दिन पहले, तीन जटिल रोगी एक के बाद एक आए। इनमें से एक को हृदय रोग की समस्या थी। एक दूसरे मरीज के शरीर में संक्रमण इतना फैल गया था कि शरीरा का बहुत सारा सिस्टम काम करना बंद कर दिया था। तीसरा मरीज लीवर और किडनी से पीड़ित था। ऐसे मरीजों की सर्जरी बहुत जटिल होती है। हमने विशेषज्ञों की एक टीम बनाई और उनको मरीजों के ऑपरेशन में लगाया। भगवान की कृपा से हमारे तीनों मरीज ठीक हो गए और स्वस्थ हैं। एक दो दिन में अस्पताल से डिस्चार्ज भी हो जाएंगे।”
वहीं एक स्थानीय व्यक्ति ने कहा कि, आज जो तीन सर्जरी हुई, वो अत्यधिक जोखिम भरी सर्जरी थी। इन मरीजों की सफल सर्जरी का श्रेय मैं डॉक्टरों की टीम को देना चाहता हूं। उनकी मेहनत को वजह से सर्जरी को संपन्न किया गया। पहले ऐसी सर्जरी के लिए यहां से लोगों को पीजीआई चंडीगढ़, जीएमसी जम्मू और दिल्ली जैसी जगहों पर जाना पड़ता था। वहां पर काफी सारी परेशानियां होती थीं। हम रोज सुनते थे कि किसी गरीब ने अपनी जमीन बेचकर ऑपरेशन करवाया।
उन्होंने कहा कि, मैं प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद करता हूं कि उनकी स्कीम आयुष्मान भारत के तहत ये ऑपरेशन हुए है। मुझे लगता है कि खुदा ने राजौरी के अंदर डॉ साजिद इकबाल के रूप में एक फरिश्ता भेजा है। तमाम रोगी यह कहते हुए सुने गए कि डॉ. साजिद उनसे ऐसे बात करते थे, जैसा वो उनके दोस्त और भाई हैं। मैं राजौरी, पूंछ और थाना मंडी की अवाम से गुजारिश करता हूं कि आप एक बार जीएमसी की तरफ आएं। जीएमसी राजौरी और पुंछ के सीमावर्ती जिलों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है।
वहीं एक अन्य मरीज मोहम्मद साहबर ने कहा कि, मैं पुंछ में रहता हूं। मुझे पेट में दर्द हुआ था। आंत में गांठ की शिकायत मिलने के बाद डॉ. साजिद ने मेरा ऑपरेशन किया। अब मैं ठीक हूं। दो तीन दिन बाद घर जाऊंगा। बाहर इलाज कराने पर तीन से चार लाख रुपये लग जाते, लेकिन यहां फ्री में इलाज हो गया।
मोहम्मद आजम नाम के एक शख्स ने कहा कि, मैं पुंछ जिले का रहने वाला हूं। मेरा बेटे को आंत में गांठ हो गया था। डॉ. साजिद ने उसका बेहतर तरीके से इलाज किया। यही ऑपरेशन अगर बाहर कराता, तो बहुत ज्यादा खर्च आता, यहां फ्री में इलाज हो गया।
–आईएएनएस
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