मदुरै. जीएसटी दरों में सुधार के बावजूद तमिलनाडु की सरकारी आविन डेयरी कंपनी की ओर से कीमतें कम न किए जाने पर राज्य की राजनीति गरमाई हुई है. लोगों ने भी कंपनी के फैसले का विरोध करना शुरू कर दिया है. तमिलनाडु के मदुरै निवासी एक व्यक्ति ने आईएएनएस से कहा कि आविन डेयरी कंपनी ने त्योहारों पर छूट सिर्फ घी, पनीर और मक्खन जैसी कुछ वस्तुओं पर ही दी गई है.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने 22 तारीख को जीएसटी सुधार की घोषणा की, जिससे दूध समेत जरूरी वस्तुओं की कीमतों में कमी आई. कर्नाटक जैसे अन्य राज्यों ने जीएसटी में कटौती के बाद नंदिनी और आरोग्य जैसे ब्रांडों के दूध की कीमतें पहले ही कम कर दी हैं. तमिलनाडु में निजी डेयरी कंपनियों ने भी मक्खन, घी और अन्य डेयरी उत्पादों की कीमतों में कमी की है.
उन्होंने पूछा कि तमिलनाडु सरकार ने आविन दूध की कीमतें क्यों नहीं कम की हैं? उन्होंने चिंता व्यक्त की कि दी जा रही छूटें सिर्फ अस्थायी त्योहारी ऑफर हैं, जिससे यह संदेह पैदा होता है कि सरकार इस स्थिति का फायदा उठाने की कोशिश कर रही है. उन्होंने यह भी कहा कि यह बेहद निंदनीय है कि तमिलनाडु सरकार ने बच्चों के लिए दूध की कीमत कम नहीं की है.
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उन्होंने आगे सवाल किया कि केंद्र सरकार की ओर से घोषित कर कटौती को लागू करने में तमिलनाडु सरकार को क्या समस्या है? जनता की मांग है कि बच्चों के लिए दूध उत्पादों पर जीएसटी में कटौती तुरंत लागू की जाए. उन्होंने आखिर में कहा कि अगर कीमतें कम नहीं की गईं, तो वे जीएसटी परिषद में शिकायत दर्ज कराएंगे.
बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से जीएसटी दरों में सुधार के बाद दूध, पहले से पैक और लेबल वाला छेना या पनीर पर जीएसटी शून्य कर दिया गया है, जबकि घी और मक्खन जैसे डेयरी उत्पादों पर जीएसटी को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत किया गया है.