बेंगलुरु, 8 सितंबर (आईएएनएस)। कर्नाटक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश उपाध्यक्ष और पूर्व मंत्री एन. महेश ने केंद्र सरकार के विलासिता की वस्तुओं पर कर बढ़ाने और गरीब व मध्यम वर्ग के उपयोग की वस्तुओं पर कर कम करने के फैसले को क्रांतिकारी कदम करार दिया है।
उन्होंने कहा कि यह निर्णय देश की अर्थव्यवस्था में नई जान फूंकेगा और लोगों की क्रय शक्ति को बढ़ाएगा।
एन. महेश ने रविवार को बेंगलुरु में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि यह फैसला आत्मनिर्भर भारत की अवधारणा को मजबूत करने वाला है। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस ने छह-सात दशकों तक गरीबी उन्मूलन के नाम पर अप्रभावी कार्यक्रम चलाए, जिसके कारण लोग गरीबी के दुष्चक्र में फंसे रहे। इसके विपरीत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश निर्भरता से मुक्त होकर आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है।
उन्होंने बताया कि मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद प्रति व्यक्ति आय में इजाफा हुआ है। इसके साथ ही, पिछले कुछ वर्षों में 20 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर आए हैं।
एन. महेश ने जीएसटी संशोधन को दशहरा और दिवाली का तोहफा बताते हुए कहा कि इस कदम से केंद्र सरकार को 48 हजार करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान होगा, लेकिन यह राशि आम लोगों की जेब में रहेगी। इससे दो महीने बाद लोगों की क्रय शक्ति में उल्लेखनीय वृद्धि होगी, जो बाजार में मांग को बढ़ाएगी।
उन्होंने कहा कि यह कदम न केवल आम लोगों के लिए फायदेमंद है, बल्कि दीर्घकाल में सरकार को राजस्व वृद्धि में भी मदद करेगा।
उन्होंने इस फैसले को अर्थव्यवस्था के लिए गेम-चेंजर बताते हुए कहा कि विलासिता की वस्तुओं पर कर बढ़ाने से अमीर वर्ग पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा, जबकि गरीब और मध्यम वर्ग को राहत मिलेगी। इससे सामाजिक समानता को बढ़ावा मिलेगा और अर्थव्यवस्था में संतुलन आएगा।
एन. महेश ने आगे कहा कि यह कदम सरकार की उस नीति को दर्शाता है, जिसमें गरीबों और मध्यम वर्ग की प्राथमिकताओं को सर्वोच्च महत्व दिया जा रहा है। केंद्र सरकार का यह कदम छोटे और मध्यम उद्यमों को बढ़ावा देगा, क्योंकि उपभोक्ताओं की बढ़ी हुई क्रय शक्ति से बाजार में मांग बढ़ेगी।
–आईएएनएस
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