लखनऊ,15 फरवरी (आईएएनएस)। जी-20 समूह के देशों की बैठक के अंतिम दिन डिजिटल कौशलता की प्राथमिकता पर केंद्रित रहा। इसमें भारत ने भविष्य के संबंध में डिजिटल रूप से तैयार कुशल कार्यबल के लिए प्रणालियों का प्रस्ताव रखा। बैठक में डिजिटल मानव संसाधन के रोडमैप तैयार करने की चर्चा हुई।
सरकार की ओर से मिली जानकारी के अनुसार डिजिटल कौशलता की प्राथमिकता पर केंद्रित रहा। इसमें भारत ने भविष्य के संबंध में डिजिटल रूप से तैयार कुशल कार्यबल के लिए प्रणालियों का प्रस्ताव रखा। जी-20 सदस्य राष्ट्रों ने डीईडब्ल्यूजी एजेंडे में डिजिटल कौशलता को शामिल करने की सराहना की और भारत की ओर से प्रस्तावित प्राथमिकता वाले क्षेत्रों का व्यापक रूप से समर्थन किया। इसके अलावा डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (डीपीआई), डिजिटल अर्थव्यवस्था में साइबर सुरक्षा और डिजिटल कौशलता जैसे तीन प्रमुख प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर संक्षिप्त चर्चा भी की गई।
सरकार की ओर से यहां जारी एक बयान में कहा गया है कि लखनऊ में पिछले 13 फरवरी को शुरू हुई डीईडब्ल्यूजी की तीन दिवसीय बैठक में भारत के डिजिटल रूपांतरण के सफर को प्रदर्शित किया गया।
इसमें कहा गया है कि इस बैठक में जी20 देशों के प्रतिनिधियों, प्रमुख नॉलेज साझीदारों और अन्य अतिथियों को एक मंच पर लाया गया, जिन्होंने सार्वजनिक डिजिटल अवसंरचना, साइबर सुरक्षा और डिजिटल क्षमता निर्माण जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा की।
भारत ने डिजिटल रूप से कुशल भविष्य के लिए तैयार कार्यबल के वास्ते एक तंत्र का प्रस्ताव सामने रखा। सदस्य राष्ट्रों ने डीईडब्ल्यूजी एजेंडे में डिजिटल कौशल को शामिल किये जाने की सराहना की और भारत के प्रस्तावित प्राथमिकता वाले क्षेत्रों का व्यापक रूप से समर्थन किया।
जी20- डीईडब्ल्यूजी के अध्यक्ष व इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव अल्केश कुमार शर्मा ने अपने प्रेस वार्ता में पिछले तीन दिनों की प्रमुख बातों को साझा किया। उन्होंने प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर उत्साहजनक बातचीत के लिए जी-20 सदस्य देशों, अतिथि देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों को धन्यवाद दिया।
उन्होंने बताया कि इमर्सिव डिजिटल मोबाइल वाहन ने 75 से अधिक गंतव्यों की यात्रा की और भारत की डिजिटल परिवर्तन यात्रा पर लगभग 1,20,000 लोगों को एक संवादात्मक व इमर्सिव अनुभव प्रदान किया। वर्चुअल वास्तविकताओं व अभिनव समाधानों को दिखाने करने वाली प्रदर्शनी और अनुभव केंद्र ने लगभग 18,000 आगंतुकों को आकर्षित किया। उन्होंने इस डीईडब्ल्यूजी बैठक के आयोजन में अभूतपूर्व सहयोग करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को धन्यवाद दिया।
उन्होंने आगे बताया कि यह डीईडब्ल्यूजी बैठक भारत में आयोजित होने वाली चार योजनाओं में से पहली है। इसके बाद तीन बैठकें- हैदराबाद, पुणे और बेंगलुरू में आयोजित होंगी।
–आईएएनएस
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