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Home अर्थजगत

जुलाई में 10 प्रतिशत बढ़ी कारों, एसयूवी की खुदरा बिक्री

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August 6, 2024
in अर्थजगत
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जुलाई में 10 प्रतिशत बढ़ी कारों, एसयूवी की खुदरा बिक्री
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नई दिल्ली, 6 अगस्त (आईएएनएस)। भारत में कारों और एसयूवी सहित यात्री वाहनों की खुदरा बिक्री इस साल जुलाई में 10 प्रतिशत बढ़कर 3,20,129 वाहन हो गई, जबकि पिछले साल इसी महीने में यह 2,90,564 थी। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) के अनुसार यह नए मॉडल लॉन्च और उच्च छूट की वजह से संभव हुआ है।

फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (एफएडीए) के उपाध्यक्ष सीएस विग्नेश्वर ने एक बयान में कहा, “डीलरों ने अच्छे उत्पाद उपलब्धता, आकर्षक योजनाओं और उत्पादों की विस्तृत श्रृंखला की वजह से इस लाभ की सूचना दी है।”

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उन्होंने कहा कि भारी बारिश, उपभोक्ता की कम मांग और तीव्र प्रतिस्पर्धा की चुनौतियां के बाद भी डीलर बेहतर प्रचार और बढ़ती छूट के माध्यम से बिक्री बनाए रखने में कामयाब रहे।

हालांकि, विग्नेश्वर ने यह भी बताया कि यह वृद्धि हाई इन्वेंट्री लेवल के साथ हुई, जो 67-72 दिनों की ऐतिहासिक उंचाई पर पहुंच गई है, जो 73,000 करोड़ रुपये के स्टॉक के बराबर है।

उन्होंने कहा, ”यह डीलरों की स्थिरता के लिए एक बड़ा जोखिम पैदा करता है, जिसके लिए अत्यधिक सावधानी की आवश्यकता होती है। फाडा (एफएडीए) ने पीवी मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) से इन हाई इन्वेंट्री लेवल के कारण डीलरों को होने वाली परेशानी से सतर्क रहने का आग्रह किया है।”

जुलाई में दोपहिया वाहनों की खुदरा बिक्री 14,43,463 यूनिट रही, जो जुलाई 2023 की 12,31,930 यूनिट से 17 प्रतिशत अधिक है।

विग्नेश्वर ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में आई संपन्नता, बेहतर मानसून के सकारात्मक प्रभाव और ग्रामीण आय बढ़ाने वाले सरकार के कार्यक्रमों के कारण इस सेक्शन में मजबूत वृद्धि देखी गई।

उन्होंने कहा, “कुछ क्षेत्रों में बाजार में मंदी, अत्यधिक बारिश और बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बावजूद नए उत्पादों का बाजार में आना और बेहतर स्टॉक उपलब्ध होने की वजह से यह वृद्धि देखी गई है।”

वाणिज्यिक वाहन (सीवी) खुदरा बिक्री पिछले महीने साल-दर-साल 7 प्रतिशत बढ़कर 80,057 यूनिट हो गई।

विग्नेश्वर ने कहा, “इसके लिए सकारात्मक कारकों की बात करें तो इसमें निर्माण और खनन क्षेत्रों में वृद्धि शामिल है, जबकि लगातार बारिश, नेगेटिव रूरल मार्केट सेंटीमेंट, खराब वित्त उपलब्धता और उच्च वाहन कीमतें जैसी चुनौतियां भी शामिल हैं।”

जुलाई में ट्रैक्टर की बिक्री साल-दर-साल 12 फीसदी घटकर 79,970 यूनिट रह गई।

फाडा (एफएडीए), जिसने देश भर के 1,645 आरटीओ में से 1,568 से वाहन पंजीकरण डेटा एकत्र किया, ने देखा कि कि ऑटो रिटेल सेगमेंट में निकट भविष्य में लोगों का दृष्टिकोण आशावाद और सावधानी का मिश्रण पेश कर रहा है।

बढ़ती ग्रामीण अर्थव्यवस्था, सकारात्मक मानसून प्रभाव और नए उत्पादों की शुरुआत जैसे कारकों से दोपहिया वाहनों की बिक्री में उछाल आने की उम्मीद है। इसके साथ ही त्योहारी सीजन और अनुकूल कृषि परिस्थितियों की वजह से भी बिक्री बढ़ने की संभावना है।

दूसरी ओर, भारी वर्षा और असंगत मानसून पैटर्न कुछ क्षेत्रों में मांग को कम कर सकते हैं। फाडा (एफएडीए) ने कहा कि पीवी सेगमेंट में निकट अवधि में मिश्रित परिणाम देखने को मिल सकते हैं।

–आईएएनएस

जीकेटी/

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नई दिल्ली, 6 अगस्त (आईएएनएस)। भारत में कारों और एसयूवी सहित यात्री वाहनों की खुदरा बिक्री इस साल जुलाई में 10 प्रतिशत बढ़कर 3,20,129 वाहन हो गई, जबकि पिछले साल इसी महीने में यह 2,90,564 थी। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) के अनुसार यह नए मॉडल लॉन्च और उच्च छूट की वजह से संभव हुआ है।

फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (एफएडीए) के उपाध्यक्ष सीएस विग्नेश्वर ने एक बयान में कहा, “डीलरों ने अच्छे उत्पाद उपलब्धता, आकर्षक योजनाओं और उत्पादों की विस्तृत श्रृंखला की वजह से इस लाभ की सूचना दी है।”

उन्होंने कहा कि भारी बारिश, उपभोक्ता की कम मांग और तीव्र प्रतिस्पर्धा की चुनौतियां के बाद भी डीलर बेहतर प्रचार और बढ़ती छूट के माध्यम से बिक्री बनाए रखने में कामयाब रहे।

हालांकि, विग्नेश्वर ने यह भी बताया कि यह वृद्धि हाई इन्वेंट्री लेवल के साथ हुई, जो 67-72 दिनों की ऐतिहासिक उंचाई पर पहुंच गई है, जो 73,000 करोड़ रुपये के स्टॉक के बराबर है।

उन्होंने कहा, ”यह डीलरों की स्थिरता के लिए एक बड़ा जोखिम पैदा करता है, जिसके लिए अत्यधिक सावधानी की आवश्यकता होती है। फाडा (एफएडीए) ने पीवी मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) से इन हाई इन्वेंट्री लेवल के कारण डीलरों को होने वाली परेशानी से सतर्क रहने का आग्रह किया है।”

जुलाई में दोपहिया वाहनों की खुदरा बिक्री 14,43,463 यूनिट रही, जो जुलाई 2023 की 12,31,930 यूनिट से 17 प्रतिशत अधिक है।

विग्नेश्वर ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में आई संपन्नता, बेहतर मानसून के सकारात्मक प्रभाव और ग्रामीण आय बढ़ाने वाले सरकार के कार्यक्रमों के कारण इस सेक्शन में मजबूत वृद्धि देखी गई।

उन्होंने कहा, “कुछ क्षेत्रों में बाजार में मंदी, अत्यधिक बारिश और बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बावजूद नए उत्पादों का बाजार में आना और बेहतर स्टॉक उपलब्ध होने की वजह से यह वृद्धि देखी गई है।”

वाणिज्यिक वाहन (सीवी) खुदरा बिक्री पिछले महीने साल-दर-साल 7 प्रतिशत बढ़कर 80,057 यूनिट हो गई।

विग्नेश्वर ने कहा, “इसके लिए सकारात्मक कारकों की बात करें तो इसमें निर्माण और खनन क्षेत्रों में वृद्धि शामिल है, जबकि लगातार बारिश, नेगेटिव रूरल मार्केट सेंटीमेंट, खराब वित्त उपलब्धता और उच्च वाहन कीमतें जैसी चुनौतियां भी शामिल हैं।”

जुलाई में ट्रैक्टर की बिक्री साल-दर-साल 12 फीसदी घटकर 79,970 यूनिट रह गई।

फाडा (एफएडीए), जिसने देश भर के 1,645 आरटीओ में से 1,568 से वाहन पंजीकरण डेटा एकत्र किया, ने देखा कि कि ऑटो रिटेल सेगमेंट में निकट भविष्य में लोगों का दृष्टिकोण आशावाद और सावधानी का मिश्रण पेश कर रहा है।

बढ़ती ग्रामीण अर्थव्यवस्था, सकारात्मक मानसून प्रभाव और नए उत्पादों की शुरुआत जैसे कारकों से दोपहिया वाहनों की बिक्री में उछाल आने की उम्मीद है। इसके साथ ही त्योहारी सीजन और अनुकूल कृषि परिस्थितियों की वजह से भी बिक्री बढ़ने की संभावना है।

दूसरी ओर, भारी वर्षा और असंगत मानसून पैटर्न कुछ क्षेत्रों में मांग को कम कर सकते हैं। फाडा (एफएडीए) ने कहा कि पीवी सेगमेंट में निकट अवधि में मिश्रित परिणाम देखने को मिल सकते हैं।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 6 अगस्त (आईएएनएस)। भारत में कारों और एसयूवी सहित यात्री वाहनों की खुदरा बिक्री इस साल जुलाई में 10 प्रतिशत बढ़कर 3,20,129 वाहन हो गई, जबकि पिछले साल इसी महीने में यह 2,90,564 थी। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) के अनुसार यह नए मॉडल लॉन्च और उच्च छूट की वजह से संभव हुआ है।

फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (एफएडीए) के उपाध्यक्ष सीएस विग्नेश्वर ने एक बयान में कहा, “डीलरों ने अच्छे उत्पाद उपलब्धता, आकर्षक योजनाओं और उत्पादों की विस्तृत श्रृंखला की वजह से इस लाभ की सूचना दी है।”

उन्होंने कहा कि भारी बारिश, उपभोक्ता की कम मांग और तीव्र प्रतिस्पर्धा की चुनौतियां के बाद भी डीलर बेहतर प्रचार और बढ़ती छूट के माध्यम से बिक्री बनाए रखने में कामयाब रहे।

हालांकि, विग्नेश्वर ने यह भी बताया कि यह वृद्धि हाई इन्वेंट्री लेवल के साथ हुई, जो 67-72 दिनों की ऐतिहासिक उंचाई पर पहुंच गई है, जो 73,000 करोड़ रुपये के स्टॉक के बराबर है।

उन्होंने कहा, ”यह डीलरों की स्थिरता के लिए एक बड़ा जोखिम पैदा करता है, जिसके लिए अत्यधिक सावधानी की आवश्यकता होती है। फाडा (एफएडीए) ने पीवी मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) से इन हाई इन्वेंट्री लेवल के कारण डीलरों को होने वाली परेशानी से सतर्क रहने का आग्रह किया है।”

जुलाई में दोपहिया वाहनों की खुदरा बिक्री 14,43,463 यूनिट रही, जो जुलाई 2023 की 12,31,930 यूनिट से 17 प्रतिशत अधिक है।

विग्नेश्वर ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में आई संपन्नता, बेहतर मानसून के सकारात्मक प्रभाव और ग्रामीण आय बढ़ाने वाले सरकार के कार्यक्रमों के कारण इस सेक्शन में मजबूत वृद्धि देखी गई।

उन्होंने कहा, “कुछ क्षेत्रों में बाजार में मंदी, अत्यधिक बारिश और बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बावजूद नए उत्पादों का बाजार में आना और बेहतर स्टॉक उपलब्ध होने की वजह से यह वृद्धि देखी गई है।”

वाणिज्यिक वाहन (सीवी) खुदरा बिक्री पिछले महीने साल-दर-साल 7 प्रतिशत बढ़कर 80,057 यूनिट हो गई।

विग्नेश्वर ने कहा, “इसके लिए सकारात्मक कारकों की बात करें तो इसमें निर्माण और खनन क्षेत्रों में वृद्धि शामिल है, जबकि लगातार बारिश, नेगेटिव रूरल मार्केट सेंटीमेंट, खराब वित्त उपलब्धता और उच्च वाहन कीमतें जैसी चुनौतियां भी शामिल हैं।”

जुलाई में ट्रैक्टर की बिक्री साल-दर-साल 12 फीसदी घटकर 79,970 यूनिट रह गई।

फाडा (एफएडीए), जिसने देश भर के 1,645 आरटीओ में से 1,568 से वाहन पंजीकरण डेटा एकत्र किया, ने देखा कि कि ऑटो रिटेल सेगमेंट में निकट भविष्य में लोगों का दृष्टिकोण आशावाद और सावधानी का मिश्रण पेश कर रहा है।

बढ़ती ग्रामीण अर्थव्यवस्था, सकारात्मक मानसून प्रभाव और नए उत्पादों की शुरुआत जैसे कारकों से दोपहिया वाहनों की बिक्री में उछाल आने की उम्मीद है। इसके साथ ही त्योहारी सीजन और अनुकूल कृषि परिस्थितियों की वजह से भी बिक्री बढ़ने की संभावना है।

दूसरी ओर, भारी वर्षा और असंगत मानसून पैटर्न कुछ क्षेत्रों में मांग को कम कर सकते हैं। फाडा (एफएडीए) ने कहा कि पीवी सेगमेंट में निकट अवधि में मिश्रित परिणाम देखने को मिल सकते हैं।

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नई दिल्ली, 6 अगस्त (आईएएनएस)। भारत में कारों और एसयूवी सहित यात्री वाहनों की खुदरा बिक्री इस साल जुलाई में 10 प्रतिशत बढ़कर 3,20,129 वाहन हो गई, जबकि पिछले साल इसी महीने में यह 2,90,564 थी। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) के अनुसार यह नए मॉडल लॉन्च और उच्च छूट की वजह से संभव हुआ है।

फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (एफएडीए) के उपाध्यक्ष सीएस विग्नेश्वर ने एक बयान में कहा, “डीलरों ने अच्छे उत्पाद उपलब्धता, आकर्षक योजनाओं और उत्पादों की विस्तृत श्रृंखला की वजह से इस लाभ की सूचना दी है।”

उन्होंने कहा कि भारी बारिश, उपभोक्ता की कम मांग और तीव्र प्रतिस्पर्धा की चुनौतियां के बाद भी डीलर बेहतर प्रचार और बढ़ती छूट के माध्यम से बिक्री बनाए रखने में कामयाब रहे।

हालांकि, विग्नेश्वर ने यह भी बताया कि यह वृद्धि हाई इन्वेंट्री लेवल के साथ हुई, जो 67-72 दिनों की ऐतिहासिक उंचाई पर पहुंच गई है, जो 73,000 करोड़ रुपये के स्टॉक के बराबर है।

उन्होंने कहा, ”यह डीलरों की स्थिरता के लिए एक बड़ा जोखिम पैदा करता है, जिसके लिए अत्यधिक सावधानी की आवश्यकता होती है। फाडा (एफएडीए) ने पीवी मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) से इन हाई इन्वेंट्री लेवल के कारण डीलरों को होने वाली परेशानी से सतर्क रहने का आग्रह किया है।”

जुलाई में दोपहिया वाहनों की खुदरा बिक्री 14,43,463 यूनिट रही, जो जुलाई 2023 की 12,31,930 यूनिट से 17 प्रतिशत अधिक है।

विग्नेश्वर ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में आई संपन्नता, बेहतर मानसून के सकारात्मक प्रभाव और ग्रामीण आय बढ़ाने वाले सरकार के कार्यक्रमों के कारण इस सेक्शन में मजबूत वृद्धि देखी गई।

उन्होंने कहा, “कुछ क्षेत्रों में बाजार में मंदी, अत्यधिक बारिश और बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बावजूद नए उत्पादों का बाजार में आना और बेहतर स्टॉक उपलब्ध होने की वजह से यह वृद्धि देखी गई है।”

वाणिज्यिक वाहन (सीवी) खुदरा बिक्री पिछले महीने साल-दर-साल 7 प्रतिशत बढ़कर 80,057 यूनिट हो गई।

विग्नेश्वर ने कहा, “इसके लिए सकारात्मक कारकों की बात करें तो इसमें निर्माण और खनन क्षेत्रों में वृद्धि शामिल है, जबकि लगातार बारिश, नेगेटिव रूरल मार्केट सेंटीमेंट, खराब वित्त उपलब्धता और उच्च वाहन कीमतें जैसी चुनौतियां भी शामिल हैं।”

जुलाई में ट्रैक्टर की बिक्री साल-दर-साल 12 फीसदी घटकर 79,970 यूनिट रह गई।

फाडा (एफएडीए), जिसने देश भर के 1,645 आरटीओ में से 1,568 से वाहन पंजीकरण डेटा एकत्र किया, ने देखा कि कि ऑटो रिटेल सेगमेंट में निकट भविष्य में लोगों का दृष्टिकोण आशावाद और सावधानी का मिश्रण पेश कर रहा है।

बढ़ती ग्रामीण अर्थव्यवस्था, सकारात्मक मानसून प्रभाव और नए उत्पादों की शुरुआत जैसे कारकों से दोपहिया वाहनों की बिक्री में उछाल आने की उम्मीद है। इसके साथ ही त्योहारी सीजन और अनुकूल कृषि परिस्थितियों की वजह से भी बिक्री बढ़ने की संभावना है।

दूसरी ओर, भारी वर्षा और असंगत मानसून पैटर्न कुछ क्षेत्रों में मांग को कम कर सकते हैं। फाडा (एफएडीए) ने कहा कि पीवी सेगमेंट में निकट अवधि में मिश्रित परिणाम देखने को मिल सकते हैं।

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फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (एफएडीए) के उपाध्यक्ष सीएस विग्नेश्वर ने एक बयान में कहा, “डीलरों ने अच्छे उत्पाद उपलब्धता, आकर्षक योजनाओं और उत्पादों की विस्तृत श्रृंखला की वजह से इस लाभ की सूचना दी है।”

उन्होंने कहा कि भारी बारिश, उपभोक्ता की कम मांग और तीव्र प्रतिस्पर्धा की चुनौतियां के बाद भी डीलर बेहतर प्रचार और बढ़ती छूट के माध्यम से बिक्री बनाए रखने में कामयाब रहे।

हालांकि, विग्नेश्वर ने यह भी बताया कि यह वृद्धि हाई इन्वेंट्री लेवल के साथ हुई, जो 67-72 दिनों की ऐतिहासिक उंचाई पर पहुंच गई है, जो 73,000 करोड़ रुपये के स्टॉक के बराबर है।

उन्होंने कहा, ”यह डीलरों की स्थिरता के लिए एक बड़ा जोखिम पैदा करता है, जिसके लिए अत्यधिक सावधानी की आवश्यकता होती है। फाडा (एफएडीए) ने पीवी मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) से इन हाई इन्वेंट्री लेवल के कारण डीलरों को होने वाली परेशानी से सतर्क रहने का आग्रह किया है।”

जुलाई में दोपहिया वाहनों की खुदरा बिक्री 14,43,463 यूनिट रही, जो जुलाई 2023 की 12,31,930 यूनिट से 17 प्रतिशत अधिक है।

विग्नेश्वर ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में आई संपन्नता, बेहतर मानसून के सकारात्मक प्रभाव और ग्रामीण आय बढ़ाने वाले सरकार के कार्यक्रमों के कारण इस सेक्शन में मजबूत वृद्धि देखी गई।

उन्होंने कहा, “कुछ क्षेत्रों में बाजार में मंदी, अत्यधिक बारिश और बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बावजूद नए उत्पादों का बाजार में आना और बेहतर स्टॉक उपलब्ध होने की वजह से यह वृद्धि देखी गई है।”

वाणिज्यिक वाहन (सीवी) खुदरा बिक्री पिछले महीने साल-दर-साल 7 प्रतिशत बढ़कर 80,057 यूनिट हो गई।

विग्नेश्वर ने कहा, “इसके लिए सकारात्मक कारकों की बात करें तो इसमें निर्माण और खनन क्षेत्रों में वृद्धि शामिल है, जबकि लगातार बारिश, नेगेटिव रूरल मार्केट सेंटीमेंट, खराब वित्त उपलब्धता और उच्च वाहन कीमतें जैसी चुनौतियां भी शामिल हैं।”

जुलाई में ट्रैक्टर की बिक्री साल-दर-साल 12 फीसदी घटकर 79,970 यूनिट रह गई।

फाडा (एफएडीए), जिसने देश भर के 1,645 आरटीओ में से 1,568 से वाहन पंजीकरण डेटा एकत्र किया, ने देखा कि कि ऑटो रिटेल सेगमेंट में निकट भविष्य में लोगों का दृष्टिकोण आशावाद और सावधानी का मिश्रण पेश कर रहा है।

बढ़ती ग्रामीण अर्थव्यवस्था, सकारात्मक मानसून प्रभाव और नए उत्पादों की शुरुआत जैसे कारकों से दोपहिया वाहनों की बिक्री में उछाल आने की उम्मीद है। इसके साथ ही त्योहारी सीजन और अनुकूल कृषि परिस्थितियों की वजह से भी बिक्री बढ़ने की संभावना है।

दूसरी ओर, भारी वर्षा और असंगत मानसून पैटर्न कुछ क्षेत्रों में मांग को कम कर सकते हैं। फाडा (एफएडीए) ने कहा कि पीवी सेगमेंट में निकट अवधि में मिश्रित परिणाम देखने को मिल सकते हैं।

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नई दिल्ली, 6 अगस्त (आईएएनएस)। भारत में कारों और एसयूवी सहित यात्री वाहनों की खुदरा बिक्री इस साल जुलाई में 10 प्रतिशत बढ़कर 3,20,129 वाहन हो गई, जबकि पिछले साल इसी महीने में यह 2,90,564 थी। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) के अनुसार यह नए मॉडल लॉन्च और उच्च छूट की वजह से संभव हुआ है।

फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (एफएडीए) के उपाध्यक्ष सीएस विग्नेश्वर ने एक बयान में कहा, “डीलरों ने अच्छे उत्पाद उपलब्धता, आकर्षक योजनाओं और उत्पादों की विस्तृत श्रृंखला की वजह से इस लाभ की सूचना दी है।”

उन्होंने कहा कि भारी बारिश, उपभोक्ता की कम मांग और तीव्र प्रतिस्पर्धा की चुनौतियां के बाद भी डीलर बेहतर प्रचार और बढ़ती छूट के माध्यम से बिक्री बनाए रखने में कामयाब रहे।

हालांकि, विग्नेश्वर ने यह भी बताया कि यह वृद्धि हाई इन्वेंट्री लेवल के साथ हुई, जो 67-72 दिनों की ऐतिहासिक उंचाई पर पहुंच गई है, जो 73,000 करोड़ रुपये के स्टॉक के बराबर है।

उन्होंने कहा, ”यह डीलरों की स्थिरता के लिए एक बड़ा जोखिम पैदा करता है, जिसके लिए अत्यधिक सावधानी की आवश्यकता होती है। फाडा (एफएडीए) ने पीवी मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) से इन हाई इन्वेंट्री लेवल के कारण डीलरों को होने वाली परेशानी से सतर्क रहने का आग्रह किया है।”

जुलाई में दोपहिया वाहनों की खुदरा बिक्री 14,43,463 यूनिट रही, जो जुलाई 2023 की 12,31,930 यूनिट से 17 प्रतिशत अधिक है।

विग्नेश्वर ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में आई संपन्नता, बेहतर मानसून के सकारात्मक प्रभाव और ग्रामीण आय बढ़ाने वाले सरकार के कार्यक्रमों के कारण इस सेक्शन में मजबूत वृद्धि देखी गई।

उन्होंने कहा, “कुछ क्षेत्रों में बाजार में मंदी, अत्यधिक बारिश और बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बावजूद नए उत्पादों का बाजार में आना और बेहतर स्टॉक उपलब्ध होने की वजह से यह वृद्धि देखी गई है।”

वाणिज्यिक वाहन (सीवी) खुदरा बिक्री पिछले महीने साल-दर-साल 7 प्रतिशत बढ़कर 80,057 यूनिट हो गई।

विग्नेश्वर ने कहा, “इसके लिए सकारात्मक कारकों की बात करें तो इसमें निर्माण और खनन क्षेत्रों में वृद्धि शामिल है, जबकि लगातार बारिश, नेगेटिव रूरल मार्केट सेंटीमेंट, खराब वित्त उपलब्धता और उच्च वाहन कीमतें जैसी चुनौतियां भी शामिल हैं।”

जुलाई में ट्रैक्टर की बिक्री साल-दर-साल 12 फीसदी घटकर 79,970 यूनिट रह गई।

फाडा (एफएडीए), जिसने देश भर के 1,645 आरटीओ में से 1,568 से वाहन पंजीकरण डेटा एकत्र किया, ने देखा कि कि ऑटो रिटेल सेगमेंट में निकट भविष्य में लोगों का दृष्टिकोण आशावाद और सावधानी का मिश्रण पेश कर रहा है।

बढ़ती ग्रामीण अर्थव्यवस्था, सकारात्मक मानसून प्रभाव और नए उत्पादों की शुरुआत जैसे कारकों से दोपहिया वाहनों की बिक्री में उछाल आने की उम्मीद है। इसके साथ ही त्योहारी सीजन और अनुकूल कृषि परिस्थितियों की वजह से भी बिक्री बढ़ने की संभावना है।

दूसरी ओर, भारी वर्षा और असंगत मानसून पैटर्न कुछ क्षेत्रों में मांग को कम कर सकते हैं। फाडा (एफएडीए) ने कहा कि पीवी सेगमेंट में निकट अवधि में मिश्रित परिणाम देखने को मिल सकते हैं।

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नई दिल्ली, 6 अगस्त (आईएएनएस)। भारत में कारों और एसयूवी सहित यात्री वाहनों की खुदरा बिक्री इस साल जुलाई में 10 प्रतिशत बढ़कर 3,20,129 वाहन हो गई, जबकि पिछले साल इसी महीने में यह 2,90,564 थी। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) के अनुसार यह नए मॉडल लॉन्च और उच्च छूट की वजह से संभव हुआ है।

फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (एफएडीए) के उपाध्यक्ष सीएस विग्नेश्वर ने एक बयान में कहा, “डीलरों ने अच्छे उत्पाद उपलब्धता, आकर्षक योजनाओं और उत्पादों की विस्तृत श्रृंखला की वजह से इस लाभ की सूचना दी है।”

उन्होंने कहा कि भारी बारिश, उपभोक्ता की कम मांग और तीव्र प्रतिस्पर्धा की चुनौतियां के बाद भी डीलर बेहतर प्रचार और बढ़ती छूट के माध्यम से बिक्री बनाए रखने में कामयाब रहे।

हालांकि, विग्नेश्वर ने यह भी बताया कि यह वृद्धि हाई इन्वेंट्री लेवल के साथ हुई, जो 67-72 दिनों की ऐतिहासिक उंचाई पर पहुंच गई है, जो 73,000 करोड़ रुपये के स्टॉक के बराबर है।

उन्होंने कहा, ”यह डीलरों की स्थिरता के लिए एक बड़ा जोखिम पैदा करता है, जिसके लिए अत्यधिक सावधानी की आवश्यकता होती है। फाडा (एफएडीए) ने पीवी मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) से इन हाई इन्वेंट्री लेवल के कारण डीलरों को होने वाली परेशानी से सतर्क रहने का आग्रह किया है।”

जुलाई में दोपहिया वाहनों की खुदरा बिक्री 14,43,463 यूनिट रही, जो जुलाई 2023 की 12,31,930 यूनिट से 17 प्रतिशत अधिक है।

विग्नेश्वर ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में आई संपन्नता, बेहतर मानसून के सकारात्मक प्रभाव और ग्रामीण आय बढ़ाने वाले सरकार के कार्यक्रमों के कारण इस सेक्शन में मजबूत वृद्धि देखी गई।

उन्होंने कहा, “कुछ क्षेत्रों में बाजार में मंदी, अत्यधिक बारिश और बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बावजूद नए उत्पादों का बाजार में आना और बेहतर स्टॉक उपलब्ध होने की वजह से यह वृद्धि देखी गई है।”

वाणिज्यिक वाहन (सीवी) खुदरा बिक्री पिछले महीने साल-दर-साल 7 प्रतिशत बढ़कर 80,057 यूनिट हो गई।

विग्नेश्वर ने कहा, “इसके लिए सकारात्मक कारकों की बात करें तो इसमें निर्माण और खनन क्षेत्रों में वृद्धि शामिल है, जबकि लगातार बारिश, नेगेटिव रूरल मार्केट सेंटीमेंट, खराब वित्त उपलब्धता और उच्च वाहन कीमतें जैसी चुनौतियां भी शामिल हैं।”

जुलाई में ट्रैक्टर की बिक्री साल-दर-साल 12 फीसदी घटकर 79,970 यूनिट रह गई।

फाडा (एफएडीए), जिसने देश भर के 1,645 आरटीओ में से 1,568 से वाहन पंजीकरण डेटा एकत्र किया, ने देखा कि कि ऑटो रिटेल सेगमेंट में निकट भविष्य में लोगों का दृष्टिकोण आशावाद और सावधानी का मिश्रण पेश कर रहा है।

बढ़ती ग्रामीण अर्थव्यवस्था, सकारात्मक मानसून प्रभाव और नए उत्पादों की शुरुआत जैसे कारकों से दोपहिया वाहनों की बिक्री में उछाल आने की उम्मीद है। इसके साथ ही त्योहारी सीजन और अनुकूल कृषि परिस्थितियों की वजह से भी बिक्री बढ़ने की संभावना है।

दूसरी ओर, भारी वर्षा और असंगत मानसून पैटर्न कुछ क्षेत्रों में मांग को कम कर सकते हैं। फाडा (एफएडीए) ने कहा कि पीवी सेगमेंट में निकट अवधि में मिश्रित परिणाम देखने को मिल सकते हैं।

–आईएएनएस

जीकेटी/

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नई दिल्ली, 6 अगस्त (आईएएनएस)। भारत में कारों और एसयूवी सहित यात्री वाहनों की खुदरा बिक्री इस साल जुलाई में 10 प्रतिशत बढ़कर 3,20,129 वाहन हो गई, जबकि पिछले साल इसी महीने में यह 2,90,564 थी। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) के अनुसार यह नए मॉडल लॉन्च और उच्च छूट की वजह से संभव हुआ है।

फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (एफएडीए) के उपाध्यक्ष सीएस विग्नेश्वर ने एक बयान में कहा, “डीलरों ने अच्छे उत्पाद उपलब्धता, आकर्षक योजनाओं और उत्पादों की विस्तृत श्रृंखला की वजह से इस लाभ की सूचना दी है।”

उन्होंने कहा कि भारी बारिश, उपभोक्ता की कम मांग और तीव्र प्रतिस्पर्धा की चुनौतियां के बाद भी डीलर बेहतर प्रचार और बढ़ती छूट के माध्यम से बिक्री बनाए रखने में कामयाब रहे।

हालांकि, विग्नेश्वर ने यह भी बताया कि यह वृद्धि हाई इन्वेंट्री लेवल के साथ हुई, जो 67-72 दिनों की ऐतिहासिक उंचाई पर पहुंच गई है, जो 73,000 करोड़ रुपये के स्टॉक के बराबर है।

उन्होंने कहा, ”यह डीलरों की स्थिरता के लिए एक बड़ा जोखिम पैदा करता है, जिसके लिए अत्यधिक सावधानी की आवश्यकता होती है। फाडा (एफएडीए) ने पीवी मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) से इन हाई इन्वेंट्री लेवल के कारण डीलरों को होने वाली परेशानी से सतर्क रहने का आग्रह किया है।”

जुलाई में दोपहिया वाहनों की खुदरा बिक्री 14,43,463 यूनिट रही, जो जुलाई 2023 की 12,31,930 यूनिट से 17 प्रतिशत अधिक है।

विग्नेश्वर ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में आई संपन्नता, बेहतर मानसून के सकारात्मक प्रभाव और ग्रामीण आय बढ़ाने वाले सरकार के कार्यक्रमों के कारण इस सेक्शन में मजबूत वृद्धि देखी गई।

उन्होंने कहा, “कुछ क्षेत्रों में बाजार में मंदी, अत्यधिक बारिश और बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बावजूद नए उत्पादों का बाजार में आना और बेहतर स्टॉक उपलब्ध होने की वजह से यह वृद्धि देखी गई है।”

वाणिज्यिक वाहन (सीवी) खुदरा बिक्री पिछले महीने साल-दर-साल 7 प्रतिशत बढ़कर 80,057 यूनिट हो गई।

विग्नेश्वर ने कहा, “इसके लिए सकारात्मक कारकों की बात करें तो इसमें निर्माण और खनन क्षेत्रों में वृद्धि शामिल है, जबकि लगातार बारिश, नेगेटिव रूरल मार्केट सेंटीमेंट, खराब वित्त उपलब्धता और उच्च वाहन कीमतें जैसी चुनौतियां भी शामिल हैं।”

जुलाई में ट्रैक्टर की बिक्री साल-दर-साल 12 फीसदी घटकर 79,970 यूनिट रह गई।

फाडा (एफएडीए), जिसने देश भर के 1,645 आरटीओ में से 1,568 से वाहन पंजीकरण डेटा एकत्र किया, ने देखा कि कि ऑटो रिटेल सेगमेंट में निकट भविष्य में लोगों का दृष्टिकोण आशावाद और सावधानी का मिश्रण पेश कर रहा है।

बढ़ती ग्रामीण अर्थव्यवस्था, सकारात्मक मानसून प्रभाव और नए उत्पादों की शुरुआत जैसे कारकों से दोपहिया वाहनों की बिक्री में उछाल आने की उम्मीद है। इसके साथ ही त्योहारी सीजन और अनुकूल कृषि परिस्थितियों की वजह से भी बिक्री बढ़ने की संभावना है।

दूसरी ओर, भारी वर्षा और असंगत मानसून पैटर्न कुछ क्षेत्रों में मांग को कम कर सकते हैं। फाडा (एफएडीए) ने कहा कि पीवी सेगमेंट में निकट अवधि में मिश्रित परिणाम देखने को मिल सकते हैं।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 6 अगस्त (आईएएनएस)। भारत में कारों और एसयूवी सहित यात्री वाहनों की खुदरा बिक्री इस साल जुलाई में 10 प्रतिशत बढ़कर 3,20,129 वाहन हो गई, जबकि पिछले साल इसी महीने में यह 2,90,564 थी। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) के अनुसार यह नए मॉडल लॉन्च और उच्च छूट की वजह से संभव हुआ है।

फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (एफएडीए) के उपाध्यक्ष सीएस विग्नेश्वर ने एक बयान में कहा, “डीलरों ने अच्छे उत्पाद उपलब्धता, आकर्षक योजनाओं और उत्पादों की विस्तृत श्रृंखला की वजह से इस लाभ की सूचना दी है।”

उन्होंने कहा कि भारी बारिश, उपभोक्ता की कम मांग और तीव्र प्रतिस्पर्धा की चुनौतियां के बाद भी डीलर बेहतर प्रचार और बढ़ती छूट के माध्यम से बिक्री बनाए रखने में कामयाब रहे।

हालांकि, विग्नेश्वर ने यह भी बताया कि यह वृद्धि हाई इन्वेंट्री लेवल के साथ हुई, जो 67-72 दिनों की ऐतिहासिक उंचाई पर पहुंच गई है, जो 73,000 करोड़ रुपये के स्टॉक के बराबर है।

उन्होंने कहा, ”यह डीलरों की स्थिरता के लिए एक बड़ा जोखिम पैदा करता है, जिसके लिए अत्यधिक सावधानी की आवश्यकता होती है। फाडा (एफएडीए) ने पीवी मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) से इन हाई इन्वेंट्री लेवल के कारण डीलरों को होने वाली परेशानी से सतर्क रहने का आग्रह किया है।”

जुलाई में दोपहिया वाहनों की खुदरा बिक्री 14,43,463 यूनिट रही, जो जुलाई 2023 की 12,31,930 यूनिट से 17 प्रतिशत अधिक है।

विग्नेश्वर ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में आई संपन्नता, बेहतर मानसून के सकारात्मक प्रभाव और ग्रामीण आय बढ़ाने वाले सरकार के कार्यक्रमों के कारण इस सेक्शन में मजबूत वृद्धि देखी गई।

उन्होंने कहा, “कुछ क्षेत्रों में बाजार में मंदी, अत्यधिक बारिश और बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बावजूद नए उत्पादों का बाजार में आना और बेहतर स्टॉक उपलब्ध होने की वजह से यह वृद्धि देखी गई है।”

वाणिज्यिक वाहन (सीवी) खुदरा बिक्री पिछले महीने साल-दर-साल 7 प्रतिशत बढ़कर 80,057 यूनिट हो गई।

विग्नेश्वर ने कहा, “इसके लिए सकारात्मक कारकों की बात करें तो इसमें निर्माण और खनन क्षेत्रों में वृद्धि शामिल है, जबकि लगातार बारिश, नेगेटिव रूरल मार्केट सेंटीमेंट, खराब वित्त उपलब्धता और उच्च वाहन कीमतें जैसी चुनौतियां भी शामिल हैं।”

जुलाई में ट्रैक्टर की बिक्री साल-दर-साल 12 फीसदी घटकर 79,970 यूनिट रह गई।

फाडा (एफएडीए), जिसने देश भर के 1,645 आरटीओ में से 1,568 से वाहन पंजीकरण डेटा एकत्र किया, ने देखा कि कि ऑटो रिटेल सेगमेंट में निकट भविष्य में लोगों का दृष्टिकोण आशावाद और सावधानी का मिश्रण पेश कर रहा है।

बढ़ती ग्रामीण अर्थव्यवस्था, सकारात्मक मानसून प्रभाव और नए उत्पादों की शुरुआत जैसे कारकों से दोपहिया वाहनों की बिक्री में उछाल आने की उम्मीद है। इसके साथ ही त्योहारी सीजन और अनुकूल कृषि परिस्थितियों की वजह से भी बिक्री बढ़ने की संभावना है।

दूसरी ओर, भारी वर्षा और असंगत मानसून पैटर्न कुछ क्षेत्रों में मांग को कम कर सकते हैं। फाडा (एफएडीए) ने कहा कि पीवी सेगमेंट में निकट अवधि में मिश्रित परिणाम देखने को मिल सकते हैं।

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नई दिल्ली, 6 अगस्त (आईएएनएस)। भारत में कारों और एसयूवी सहित यात्री वाहनों की खुदरा बिक्री इस साल जुलाई में 10 प्रतिशत बढ़कर 3,20,129 वाहन हो गई, जबकि पिछले साल इसी महीने में यह 2,90,564 थी। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) के अनुसार यह नए मॉडल लॉन्च और उच्च छूट की वजह से संभव हुआ है।

फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (एफएडीए) के उपाध्यक्ष सीएस विग्नेश्वर ने एक बयान में कहा, “डीलरों ने अच्छे उत्पाद उपलब्धता, आकर्षक योजनाओं और उत्पादों की विस्तृत श्रृंखला की वजह से इस लाभ की सूचना दी है।”

उन्होंने कहा कि भारी बारिश, उपभोक्ता की कम मांग और तीव्र प्रतिस्पर्धा की चुनौतियां के बाद भी डीलर बेहतर प्रचार और बढ़ती छूट के माध्यम से बिक्री बनाए रखने में कामयाब रहे।

हालांकि, विग्नेश्वर ने यह भी बताया कि यह वृद्धि हाई इन्वेंट्री लेवल के साथ हुई, जो 67-72 दिनों की ऐतिहासिक उंचाई पर पहुंच गई है, जो 73,000 करोड़ रुपये के स्टॉक के बराबर है।

उन्होंने कहा, ”यह डीलरों की स्थिरता के लिए एक बड़ा जोखिम पैदा करता है, जिसके लिए अत्यधिक सावधानी की आवश्यकता होती है। फाडा (एफएडीए) ने पीवी मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) से इन हाई इन्वेंट्री लेवल के कारण डीलरों को होने वाली परेशानी से सतर्क रहने का आग्रह किया है।”

जुलाई में दोपहिया वाहनों की खुदरा बिक्री 14,43,463 यूनिट रही, जो जुलाई 2023 की 12,31,930 यूनिट से 17 प्रतिशत अधिक है।

विग्नेश्वर ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में आई संपन्नता, बेहतर मानसून के सकारात्मक प्रभाव और ग्रामीण आय बढ़ाने वाले सरकार के कार्यक्रमों के कारण इस सेक्शन में मजबूत वृद्धि देखी गई।

उन्होंने कहा, “कुछ क्षेत्रों में बाजार में मंदी, अत्यधिक बारिश और बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बावजूद नए उत्पादों का बाजार में आना और बेहतर स्टॉक उपलब्ध होने की वजह से यह वृद्धि देखी गई है।”

वाणिज्यिक वाहन (सीवी) खुदरा बिक्री पिछले महीने साल-दर-साल 7 प्रतिशत बढ़कर 80,057 यूनिट हो गई।

विग्नेश्वर ने कहा, “इसके लिए सकारात्मक कारकों की बात करें तो इसमें निर्माण और खनन क्षेत्रों में वृद्धि शामिल है, जबकि लगातार बारिश, नेगेटिव रूरल मार्केट सेंटीमेंट, खराब वित्त उपलब्धता और उच्च वाहन कीमतें जैसी चुनौतियां भी शामिल हैं।”

जुलाई में ट्रैक्टर की बिक्री साल-दर-साल 12 फीसदी घटकर 79,970 यूनिट रह गई।

फाडा (एफएडीए), जिसने देश भर के 1,645 आरटीओ में से 1,568 से वाहन पंजीकरण डेटा एकत्र किया, ने देखा कि कि ऑटो रिटेल सेगमेंट में निकट भविष्य में लोगों का दृष्टिकोण आशावाद और सावधानी का मिश्रण पेश कर रहा है।

बढ़ती ग्रामीण अर्थव्यवस्था, सकारात्मक मानसून प्रभाव और नए उत्पादों की शुरुआत जैसे कारकों से दोपहिया वाहनों की बिक्री में उछाल आने की उम्मीद है। इसके साथ ही त्योहारी सीजन और अनुकूल कृषि परिस्थितियों की वजह से भी बिक्री बढ़ने की संभावना है।

दूसरी ओर, भारी वर्षा और असंगत मानसून पैटर्न कुछ क्षेत्रों में मांग को कम कर सकते हैं। फाडा (एफएडीए) ने कहा कि पीवी सेगमेंट में निकट अवधि में मिश्रित परिणाम देखने को मिल सकते हैं।

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नई दिल्ली, 6 अगस्त (आईएएनएस)। भारत में कारों और एसयूवी सहित यात्री वाहनों की खुदरा बिक्री इस साल जुलाई में 10 प्रतिशत बढ़कर 3,20,129 वाहन हो गई, जबकि पिछले साल इसी महीने में यह 2,90,564 थी। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) के अनुसार यह नए मॉडल लॉन्च और उच्च छूट की वजह से संभव हुआ है।

फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (एफएडीए) के उपाध्यक्ष सीएस विग्नेश्वर ने एक बयान में कहा, “डीलरों ने अच्छे उत्पाद उपलब्धता, आकर्षक योजनाओं और उत्पादों की विस्तृत श्रृंखला की वजह से इस लाभ की सूचना दी है।”

उन्होंने कहा कि भारी बारिश, उपभोक्ता की कम मांग और तीव्र प्रतिस्पर्धा की चुनौतियां के बाद भी डीलर बेहतर प्रचार और बढ़ती छूट के माध्यम से बिक्री बनाए रखने में कामयाब रहे।

हालांकि, विग्नेश्वर ने यह भी बताया कि यह वृद्धि हाई इन्वेंट्री लेवल के साथ हुई, जो 67-72 दिनों की ऐतिहासिक उंचाई पर पहुंच गई है, जो 73,000 करोड़ रुपये के स्टॉक के बराबर है।

उन्होंने कहा, ”यह डीलरों की स्थिरता के लिए एक बड़ा जोखिम पैदा करता है, जिसके लिए अत्यधिक सावधानी की आवश्यकता होती है। फाडा (एफएडीए) ने पीवी मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) से इन हाई इन्वेंट्री लेवल के कारण डीलरों को होने वाली परेशानी से सतर्क रहने का आग्रह किया है।”

जुलाई में दोपहिया वाहनों की खुदरा बिक्री 14,43,463 यूनिट रही, जो जुलाई 2023 की 12,31,930 यूनिट से 17 प्रतिशत अधिक है।

विग्नेश्वर ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में आई संपन्नता, बेहतर मानसून के सकारात्मक प्रभाव और ग्रामीण आय बढ़ाने वाले सरकार के कार्यक्रमों के कारण इस सेक्शन में मजबूत वृद्धि देखी गई।

उन्होंने कहा, “कुछ क्षेत्रों में बाजार में मंदी, अत्यधिक बारिश और बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बावजूद नए उत्पादों का बाजार में आना और बेहतर स्टॉक उपलब्ध होने की वजह से यह वृद्धि देखी गई है।”

वाणिज्यिक वाहन (सीवी) खुदरा बिक्री पिछले महीने साल-दर-साल 7 प्रतिशत बढ़कर 80,057 यूनिट हो गई।

विग्नेश्वर ने कहा, “इसके लिए सकारात्मक कारकों की बात करें तो इसमें निर्माण और खनन क्षेत्रों में वृद्धि शामिल है, जबकि लगातार बारिश, नेगेटिव रूरल मार्केट सेंटीमेंट, खराब वित्त उपलब्धता और उच्च वाहन कीमतें जैसी चुनौतियां भी शामिल हैं।”

जुलाई में ट्रैक्टर की बिक्री साल-दर-साल 12 फीसदी घटकर 79,970 यूनिट रह गई।

फाडा (एफएडीए), जिसने देश भर के 1,645 आरटीओ में से 1,568 से वाहन पंजीकरण डेटा एकत्र किया, ने देखा कि कि ऑटो रिटेल सेगमेंट में निकट भविष्य में लोगों का दृष्टिकोण आशावाद और सावधानी का मिश्रण पेश कर रहा है।

बढ़ती ग्रामीण अर्थव्यवस्था, सकारात्मक मानसून प्रभाव और नए उत्पादों की शुरुआत जैसे कारकों से दोपहिया वाहनों की बिक्री में उछाल आने की उम्मीद है। इसके साथ ही त्योहारी सीजन और अनुकूल कृषि परिस्थितियों की वजह से भी बिक्री बढ़ने की संभावना है।

दूसरी ओर, भारी वर्षा और असंगत मानसून पैटर्न कुछ क्षेत्रों में मांग को कम कर सकते हैं। फाडा (एफएडीए) ने कहा कि पीवी सेगमेंट में निकट अवधि में मिश्रित परिणाम देखने को मिल सकते हैं।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 6 अगस्त (आईएएनएस)। भारत में कारों और एसयूवी सहित यात्री वाहनों की खुदरा बिक्री इस साल जुलाई में 10 प्रतिशत बढ़कर 3,20,129 वाहन हो गई, जबकि पिछले साल इसी महीने में यह 2,90,564 थी। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) के अनुसार यह नए मॉडल लॉन्च और उच्च छूट की वजह से संभव हुआ है।

फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (एफएडीए) के उपाध्यक्ष सीएस विग्नेश्वर ने एक बयान में कहा, “डीलरों ने अच्छे उत्पाद उपलब्धता, आकर्षक योजनाओं और उत्पादों की विस्तृत श्रृंखला की वजह से इस लाभ की सूचना दी है।”

उन्होंने कहा कि भारी बारिश, उपभोक्ता की कम मांग और तीव्र प्रतिस्पर्धा की चुनौतियां के बाद भी डीलर बेहतर प्रचार और बढ़ती छूट के माध्यम से बिक्री बनाए रखने में कामयाब रहे।

हालांकि, विग्नेश्वर ने यह भी बताया कि यह वृद्धि हाई इन्वेंट्री लेवल के साथ हुई, जो 67-72 दिनों की ऐतिहासिक उंचाई पर पहुंच गई है, जो 73,000 करोड़ रुपये के स्टॉक के बराबर है।

उन्होंने कहा, ”यह डीलरों की स्थिरता के लिए एक बड़ा जोखिम पैदा करता है, जिसके लिए अत्यधिक सावधानी की आवश्यकता होती है। फाडा (एफएडीए) ने पीवी मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) से इन हाई इन्वेंट्री लेवल के कारण डीलरों को होने वाली परेशानी से सतर्क रहने का आग्रह किया है।”

जुलाई में दोपहिया वाहनों की खुदरा बिक्री 14,43,463 यूनिट रही, जो जुलाई 2023 की 12,31,930 यूनिट से 17 प्रतिशत अधिक है।

विग्नेश्वर ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में आई संपन्नता, बेहतर मानसून के सकारात्मक प्रभाव और ग्रामीण आय बढ़ाने वाले सरकार के कार्यक्रमों के कारण इस सेक्शन में मजबूत वृद्धि देखी गई।

उन्होंने कहा, “कुछ क्षेत्रों में बाजार में मंदी, अत्यधिक बारिश और बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बावजूद नए उत्पादों का बाजार में आना और बेहतर स्टॉक उपलब्ध होने की वजह से यह वृद्धि देखी गई है।”

वाणिज्यिक वाहन (सीवी) खुदरा बिक्री पिछले महीने साल-दर-साल 7 प्रतिशत बढ़कर 80,057 यूनिट हो गई।

विग्नेश्वर ने कहा, “इसके लिए सकारात्मक कारकों की बात करें तो इसमें निर्माण और खनन क्षेत्रों में वृद्धि शामिल है, जबकि लगातार बारिश, नेगेटिव रूरल मार्केट सेंटीमेंट, खराब वित्त उपलब्धता और उच्च वाहन कीमतें जैसी चुनौतियां भी शामिल हैं।”

जुलाई में ट्रैक्टर की बिक्री साल-दर-साल 12 फीसदी घटकर 79,970 यूनिट रह गई।

फाडा (एफएडीए), जिसने देश भर के 1,645 आरटीओ में से 1,568 से वाहन पंजीकरण डेटा एकत्र किया, ने देखा कि कि ऑटो रिटेल सेगमेंट में निकट भविष्य में लोगों का दृष्टिकोण आशावाद और सावधानी का मिश्रण पेश कर रहा है।

बढ़ती ग्रामीण अर्थव्यवस्था, सकारात्मक मानसून प्रभाव और नए उत्पादों की शुरुआत जैसे कारकों से दोपहिया वाहनों की बिक्री में उछाल आने की उम्मीद है। इसके साथ ही त्योहारी सीजन और अनुकूल कृषि परिस्थितियों की वजह से भी बिक्री बढ़ने की संभावना है।

दूसरी ओर, भारी वर्षा और असंगत मानसून पैटर्न कुछ क्षेत्रों में मांग को कम कर सकते हैं। फाडा (एफएडीए) ने कहा कि पीवी सेगमेंट में निकट अवधि में मिश्रित परिणाम देखने को मिल सकते हैं।

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फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (एफएडीए) के उपाध्यक्ष सीएस विग्नेश्वर ने एक बयान में कहा, “डीलरों ने अच्छे उत्पाद उपलब्धता, आकर्षक योजनाओं और उत्पादों की विस्तृत श्रृंखला की वजह से इस लाभ की सूचना दी है।”

उन्होंने कहा कि भारी बारिश, उपभोक्ता की कम मांग और तीव्र प्रतिस्पर्धा की चुनौतियां के बाद भी डीलर बेहतर प्रचार और बढ़ती छूट के माध्यम से बिक्री बनाए रखने में कामयाब रहे।

हालांकि, विग्नेश्वर ने यह भी बताया कि यह वृद्धि हाई इन्वेंट्री लेवल के साथ हुई, जो 67-72 दिनों की ऐतिहासिक उंचाई पर पहुंच गई है, जो 73,000 करोड़ रुपये के स्टॉक के बराबर है।

उन्होंने कहा, ”यह डीलरों की स्थिरता के लिए एक बड़ा जोखिम पैदा करता है, जिसके लिए अत्यधिक सावधानी की आवश्यकता होती है। फाडा (एफएडीए) ने पीवी मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) से इन हाई इन्वेंट्री लेवल के कारण डीलरों को होने वाली परेशानी से सतर्क रहने का आग्रह किया है।”

जुलाई में दोपहिया वाहनों की खुदरा बिक्री 14,43,463 यूनिट रही, जो जुलाई 2023 की 12,31,930 यूनिट से 17 प्रतिशत अधिक है।

विग्नेश्वर ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में आई संपन्नता, बेहतर मानसून के सकारात्मक प्रभाव और ग्रामीण आय बढ़ाने वाले सरकार के कार्यक्रमों के कारण इस सेक्शन में मजबूत वृद्धि देखी गई।

उन्होंने कहा, “कुछ क्षेत्रों में बाजार में मंदी, अत्यधिक बारिश और बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बावजूद नए उत्पादों का बाजार में आना और बेहतर स्टॉक उपलब्ध होने की वजह से यह वृद्धि देखी गई है।”

वाणिज्यिक वाहन (सीवी) खुदरा बिक्री पिछले महीने साल-दर-साल 7 प्रतिशत बढ़कर 80,057 यूनिट हो गई।

विग्नेश्वर ने कहा, “इसके लिए सकारात्मक कारकों की बात करें तो इसमें निर्माण और खनन क्षेत्रों में वृद्धि शामिल है, जबकि लगातार बारिश, नेगेटिव रूरल मार्केट सेंटीमेंट, खराब वित्त उपलब्धता और उच्च वाहन कीमतें जैसी चुनौतियां भी शामिल हैं।”

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फाडा (एफएडीए), जिसने देश भर के 1,645 आरटीओ में से 1,568 से वाहन पंजीकरण डेटा एकत्र किया, ने देखा कि कि ऑटो रिटेल सेगमेंट में निकट भविष्य में लोगों का दृष्टिकोण आशावाद और सावधानी का मिश्रण पेश कर रहा है।

बढ़ती ग्रामीण अर्थव्यवस्था, सकारात्मक मानसून प्रभाव और नए उत्पादों की शुरुआत जैसे कारकों से दोपहिया वाहनों की बिक्री में उछाल आने की उम्मीद है। इसके साथ ही त्योहारी सीजन और अनुकूल कृषि परिस्थितियों की वजह से भी बिक्री बढ़ने की संभावना है।

दूसरी ओर, भारी वर्षा और असंगत मानसून पैटर्न कुछ क्षेत्रों में मांग को कम कर सकते हैं। फाडा (एफएडीए) ने कहा कि पीवी सेगमेंट में निकट अवधि में मिश्रित परिणाम देखने को मिल सकते हैं।

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फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (एफएडीए) के उपाध्यक्ष सीएस विग्नेश्वर ने एक बयान में कहा, “डीलरों ने अच्छे उत्पाद उपलब्धता, आकर्षक योजनाओं और उत्पादों की विस्तृत श्रृंखला की वजह से इस लाभ की सूचना दी है।”

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हालांकि, विग्नेश्वर ने यह भी बताया कि यह वृद्धि हाई इन्वेंट्री लेवल के साथ हुई, जो 67-72 दिनों की ऐतिहासिक उंचाई पर पहुंच गई है, जो 73,000 करोड़ रुपये के स्टॉक के बराबर है।

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विग्नेश्वर ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में आई संपन्नता, बेहतर मानसून के सकारात्मक प्रभाव और ग्रामीण आय बढ़ाने वाले सरकार के कार्यक्रमों के कारण इस सेक्शन में मजबूत वृद्धि देखी गई।

उन्होंने कहा, “कुछ क्षेत्रों में बाजार में मंदी, अत्यधिक बारिश और बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बावजूद नए उत्पादों का बाजार में आना और बेहतर स्टॉक उपलब्ध होने की वजह से यह वृद्धि देखी गई है।”

वाणिज्यिक वाहन (सीवी) खुदरा बिक्री पिछले महीने साल-दर-साल 7 प्रतिशत बढ़कर 80,057 यूनिट हो गई।

विग्नेश्वर ने कहा, “इसके लिए सकारात्मक कारकों की बात करें तो इसमें निर्माण और खनन क्षेत्रों में वृद्धि शामिल है, जबकि लगातार बारिश, नेगेटिव रूरल मार्केट सेंटीमेंट, खराब वित्त उपलब्धता और उच्च वाहन कीमतें जैसी चुनौतियां भी शामिल हैं।”

जुलाई में ट्रैक्टर की बिक्री साल-दर-साल 12 फीसदी घटकर 79,970 यूनिट रह गई।

फाडा (एफएडीए), जिसने देश भर के 1,645 आरटीओ में से 1,568 से वाहन पंजीकरण डेटा एकत्र किया, ने देखा कि कि ऑटो रिटेल सेगमेंट में निकट भविष्य में लोगों का दृष्टिकोण आशावाद और सावधानी का मिश्रण पेश कर रहा है।

बढ़ती ग्रामीण अर्थव्यवस्था, सकारात्मक मानसून प्रभाव और नए उत्पादों की शुरुआत जैसे कारकों से दोपहिया वाहनों की बिक्री में उछाल आने की उम्मीद है। इसके साथ ही त्योहारी सीजन और अनुकूल कृषि परिस्थितियों की वजह से भी बिक्री बढ़ने की संभावना है।

दूसरी ओर, भारी वर्षा और असंगत मानसून पैटर्न कुछ क्षेत्रों में मांग को कम कर सकते हैं। फाडा (एफएडीए) ने कहा कि पीवी सेगमेंट में निकट अवधि में मिश्रित परिणाम देखने को मिल सकते हैं।

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नई दिल्ली, 6 अगस्त (आईएएनएस)। भारत में कारों और एसयूवी सहित यात्री वाहनों की खुदरा बिक्री इस साल जुलाई में 10 प्रतिशत बढ़कर 3,20,129 वाहन हो गई, जबकि पिछले साल इसी महीने में यह 2,90,564 थी। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) के अनुसार यह नए मॉडल लॉन्च और उच्च छूट की वजह से संभव हुआ है।

फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (एफएडीए) के उपाध्यक्ष सीएस विग्नेश्वर ने एक बयान में कहा, “डीलरों ने अच्छे उत्पाद उपलब्धता, आकर्षक योजनाओं और उत्पादों की विस्तृत श्रृंखला की वजह से इस लाभ की सूचना दी है।”

उन्होंने कहा कि भारी बारिश, उपभोक्ता की कम मांग और तीव्र प्रतिस्पर्धा की चुनौतियां के बाद भी डीलर बेहतर प्रचार और बढ़ती छूट के माध्यम से बिक्री बनाए रखने में कामयाब रहे।

हालांकि, विग्नेश्वर ने यह भी बताया कि यह वृद्धि हाई इन्वेंट्री लेवल के साथ हुई, जो 67-72 दिनों की ऐतिहासिक उंचाई पर पहुंच गई है, जो 73,000 करोड़ रुपये के स्टॉक के बराबर है।

उन्होंने कहा, ”यह डीलरों की स्थिरता के लिए एक बड़ा जोखिम पैदा करता है, जिसके लिए अत्यधिक सावधानी की आवश्यकता होती है। फाडा (एफएडीए) ने पीवी मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) से इन हाई इन्वेंट्री लेवल के कारण डीलरों को होने वाली परेशानी से सतर्क रहने का आग्रह किया है।”

जुलाई में दोपहिया वाहनों की खुदरा बिक्री 14,43,463 यूनिट रही, जो जुलाई 2023 की 12,31,930 यूनिट से 17 प्रतिशत अधिक है।

विग्नेश्वर ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में आई संपन्नता, बेहतर मानसून के सकारात्मक प्रभाव और ग्रामीण आय बढ़ाने वाले सरकार के कार्यक्रमों के कारण इस सेक्शन में मजबूत वृद्धि देखी गई।

उन्होंने कहा, “कुछ क्षेत्रों में बाजार में मंदी, अत्यधिक बारिश और बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बावजूद नए उत्पादों का बाजार में आना और बेहतर स्टॉक उपलब्ध होने की वजह से यह वृद्धि देखी गई है।”

वाणिज्यिक वाहन (सीवी) खुदरा बिक्री पिछले महीने साल-दर-साल 7 प्रतिशत बढ़कर 80,057 यूनिट हो गई।

विग्नेश्वर ने कहा, “इसके लिए सकारात्मक कारकों की बात करें तो इसमें निर्माण और खनन क्षेत्रों में वृद्धि शामिल है, जबकि लगातार बारिश, नेगेटिव रूरल मार्केट सेंटीमेंट, खराब वित्त उपलब्धता और उच्च वाहन कीमतें जैसी चुनौतियां भी शामिल हैं।”

जुलाई में ट्रैक्टर की बिक्री साल-दर-साल 12 फीसदी घटकर 79,970 यूनिट रह गई।

फाडा (एफएडीए), जिसने देश भर के 1,645 आरटीओ में से 1,568 से वाहन पंजीकरण डेटा एकत्र किया, ने देखा कि कि ऑटो रिटेल सेगमेंट में निकट भविष्य में लोगों का दृष्टिकोण आशावाद और सावधानी का मिश्रण पेश कर रहा है।

बढ़ती ग्रामीण अर्थव्यवस्था, सकारात्मक मानसून प्रभाव और नए उत्पादों की शुरुआत जैसे कारकों से दोपहिया वाहनों की बिक्री में उछाल आने की उम्मीद है। इसके साथ ही त्योहारी सीजन और अनुकूल कृषि परिस्थितियों की वजह से भी बिक्री बढ़ने की संभावना है।

दूसरी ओर, भारी वर्षा और असंगत मानसून पैटर्न कुछ क्षेत्रों में मांग को कम कर सकते हैं। फाडा (एफएडीए) ने कहा कि पीवी सेगमेंट में निकट अवधि में मिश्रित परिणाम देखने को मिल सकते हैं।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 6 अगस्त (आईएएनएस)। भारत में कारों और एसयूवी सहित यात्री वाहनों की खुदरा बिक्री इस साल जुलाई में 10 प्रतिशत बढ़कर 3,20,129 वाहन हो गई, जबकि पिछले साल इसी महीने में यह 2,90,564 थी। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) के अनुसार यह नए मॉडल लॉन्च और उच्च छूट की वजह से संभव हुआ है।

फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (एफएडीए) के उपाध्यक्ष सीएस विग्नेश्वर ने एक बयान में कहा, “डीलरों ने अच्छे उत्पाद उपलब्धता, आकर्षक योजनाओं और उत्पादों की विस्तृत श्रृंखला की वजह से इस लाभ की सूचना दी है।”

उन्होंने कहा कि भारी बारिश, उपभोक्ता की कम मांग और तीव्र प्रतिस्पर्धा की चुनौतियां के बाद भी डीलर बेहतर प्रचार और बढ़ती छूट के माध्यम से बिक्री बनाए रखने में कामयाब रहे।

हालांकि, विग्नेश्वर ने यह भी बताया कि यह वृद्धि हाई इन्वेंट्री लेवल के साथ हुई, जो 67-72 दिनों की ऐतिहासिक उंचाई पर पहुंच गई है, जो 73,000 करोड़ रुपये के स्टॉक के बराबर है।

उन्होंने कहा, ”यह डीलरों की स्थिरता के लिए एक बड़ा जोखिम पैदा करता है, जिसके लिए अत्यधिक सावधानी की आवश्यकता होती है। फाडा (एफएडीए) ने पीवी मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) से इन हाई इन्वेंट्री लेवल के कारण डीलरों को होने वाली परेशानी से सतर्क रहने का आग्रह किया है।”

जुलाई में दोपहिया वाहनों की खुदरा बिक्री 14,43,463 यूनिट रही, जो जुलाई 2023 की 12,31,930 यूनिट से 17 प्रतिशत अधिक है।

विग्नेश्वर ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में आई संपन्नता, बेहतर मानसून के सकारात्मक प्रभाव और ग्रामीण आय बढ़ाने वाले सरकार के कार्यक्रमों के कारण इस सेक्शन में मजबूत वृद्धि देखी गई।

उन्होंने कहा, “कुछ क्षेत्रों में बाजार में मंदी, अत्यधिक बारिश और बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बावजूद नए उत्पादों का बाजार में आना और बेहतर स्टॉक उपलब्ध होने की वजह से यह वृद्धि देखी गई है।”

वाणिज्यिक वाहन (सीवी) खुदरा बिक्री पिछले महीने साल-दर-साल 7 प्रतिशत बढ़कर 80,057 यूनिट हो गई।

विग्नेश्वर ने कहा, “इसके लिए सकारात्मक कारकों की बात करें तो इसमें निर्माण और खनन क्षेत्रों में वृद्धि शामिल है, जबकि लगातार बारिश, नेगेटिव रूरल मार्केट सेंटीमेंट, खराब वित्त उपलब्धता और उच्च वाहन कीमतें जैसी चुनौतियां भी शामिल हैं।”

जुलाई में ट्रैक्टर की बिक्री साल-दर-साल 12 फीसदी घटकर 79,970 यूनिट रह गई।

फाडा (एफएडीए), जिसने देश भर के 1,645 आरटीओ में से 1,568 से वाहन पंजीकरण डेटा एकत्र किया, ने देखा कि कि ऑटो रिटेल सेगमेंट में निकट भविष्य में लोगों का दृष्टिकोण आशावाद और सावधानी का मिश्रण पेश कर रहा है।

बढ़ती ग्रामीण अर्थव्यवस्था, सकारात्मक मानसून प्रभाव और नए उत्पादों की शुरुआत जैसे कारकों से दोपहिया वाहनों की बिक्री में उछाल आने की उम्मीद है। इसके साथ ही त्योहारी सीजन और अनुकूल कृषि परिस्थितियों की वजह से भी बिक्री बढ़ने की संभावना है।

दूसरी ओर, भारी वर्षा और असंगत मानसून पैटर्न कुछ क्षेत्रों में मांग को कम कर सकते हैं। फाडा (एफएडीए) ने कहा कि पीवी सेगमेंट में निकट अवधि में मिश्रित परिणाम देखने को मिल सकते हैं।

–आईएएनएस

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