नई दिल्ली, 18 मई (आईएएनएस)। इस साल सीयूईटी यूजी के लिए 16 लाख से ज्यादा छात्रों ने फॉर्म भरा है। इन छात्रों में से 14 लाख से अधिक छात्रों ने इसके लिए फीस भी जमा कराई है। यूजीसी के मुताबिक यह संख्या पिछले वर्ष के मुकाबले यह पिछले 41 फीसदी अधिक है। बीते साल 9.9 लाख आवेदन आए थे। इस बार इतनी बड़ी संख्या में आवेदनों के चलते सीयूईटी यूजी-2023 परीक्षाएं अब 6 जून तक चलेगी। वहीं 7 और 8 जून को आरक्षित तारीखों के रूप में रखा गया है। केंद्रीय विश्वविद्यालयों में इस वर्ष नया शैक्षणिक सत्र 1 अगस्त से शुरू होगा।
21 मई से शुरू होने वाली यह परीक्षा पहले केवल 31 मई तक चलनी थी। यूजीसी अब इन परीक्षाओं को दो अलग-अलग सत्रों में आयोजित कराने जा रही है। यूजीसी अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने मुताबिक छात्रों की परेशानियों को कम करने के लिए दूसरा सत्र आयोजित किया जा रहा है। परीक्षाओं का दूसरा सत्र एक, दो, पांच और छह जून को होगा। यूजीसी अध्यक्ष एम जगदीश कुमार के मुतबिक सीयूईटी से बोर्ड परीक्षाएं कहीं भी गैर-जरूरी नहीं होगीं।
यूजीसी के चेयरमैन प्रोफेसर एम जगदीश कुमार ने बताया कि पिछले साल 59 देशों के छात्रों ने सीयूईटी-यूजी के लिए आवेदन किया था। 2023 में 74 देशों के छात्र इसमें शामिल हो रहे हैं। इनमें 1000 छात्र यूरोप, एशिया, अमेरिका और खाड़ी देशों से हैं। कुल मिलाकर इस बार परीक्षा में बैठने वाले छात्रों की संख्या में 4 लाख से अधिक की वृद्धि हुई है।
यूजीसी चेयरमैन ने कहा कि 2023 में सीयूईटी-यूजी में बैठने वाले छात्रों की कुल संख्या में 41 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उन्होंने आगे कहा, हमने सीयूईटी-यूजी की प्रक्रिया में भाग लेने वाले विश्वविद्यालयों की संख्या में भी वृद्धि देखी है। 2022 में, यह 90 थी, लेकिन 2023 में यह बढ़कर 242 हो गया। यह महत्वपूर्ण वृद्धि इंगित करती है कि सीयूईटी-यूजी यूजी कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए एक लोकप्रिय विकल्प बन रहा है।
वहीं जिन पांच केंद्रीय विश्वविद्यालयों को 2023 में सीयूईटी-यूजी के लिए सबसे अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं, वे दिल्ली विश्वविद्यालय, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय और जामिया मिलिया इस्लामिया हैं। यही क्रम 2022 में भी था। 2023 में सीयूईटी-यूजी के लिए बैठने वाले 14 लाख छात्रों में से 6.51 लाख महिलाएं हैं, और 7.48 लाख पुरुष हैं। 2022 की तुलना में इस वर्ष छात्राओं की संख्या में 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि पुरुष छात्रों में यह वृद्धि 34 प्रतिशत है।
–आईएएनएस
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