deshbandhu

deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Menu
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Facebook Twitter Youtube
  • भोपाल
  • इंदौर
  • उज्जैन
  • ग्वालियर
  • जबलपुर
  • रीवा
  • चंबल
  • नर्मदापुरम
  • शहडोल
  • सागर
  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
ADVERTISEMENT
Home ताज़ा समाचार

जून में भारत में सामान्य से कम बारिश की संभावना : आईएमडी

by
June 19, 2024
in ताज़ा समाचार
0
0
SHARES
0
VIEWS
Share on FacebookShare on Whatsapp
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 19 जून (आईएएनएस)। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बुधवार को अपने पूर्वानुमान में बताया कि जून में पूरे देश में औसत वर्षा सामान्य से कम रहने की संभावना है, क्योंकि मानसून की प्रगति धीमी हो गई है।

जून में दक्षिणी राज्यों और पूर्वोत्तर राज्यों में सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना है, जबकि गर्मी की लहर से जूझ रहे उत्तरी और मध्य राज्यों में सामान्य से कम वर्षा होने की संभावना है।

READ ALSO

राजस्थान के सीएम ने की हाई लेवल मीटिंग, ‘सभी राजकीय कर्मियों की छुट्टियां रद्द’ करने का निर्देश

भारत ने दिया पाकिस्तान के ड्रोन और मिसाइल हमलों का मुंहतोड़ जवाब, एफ-16 और दो जेएफ-17 विमान भी मार गिराए

आईएमडी ने कहा कि जून 2024 (18 जून तक) के महीने में पूरे देश में 64.5 मिमी बारिश हुई, जो 80.6 मिमी के दीर्घावधि औसत (एलपीए) से 20 प्रतिशत कम थी।

आईएमडी के एक बयान के अनुसार, “दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत के अधिकांश क्षेत्रों और पूर्वोत्तर भारत के कुछ क्षेत्रों में सामान्य से अधिक मासिक वर्षा होने की संभावना है। उत्तर-पश्चिम और उससे सटे मध्य भारत के कई क्षेत्रों और पूर्वोत्तर भारत के कुछ क्षेत्रों में सामान्य से कम वर्षा होने की संभावना है।”

इस महीने के दौरान 11 उप-मंडलों में सामान्य से अधिक तथा 25 में सामान्य से बहुत कम वर्षा हुई।

इस वर्ष केरल में मानसून की शुरुआत सामान्य तिथि से दो दिन पहले और पूर्वोत्तर भारत में 6 दिन पहले हुई।

इसके बाद उत्तर दिशा में मानसून की गति धीमी रही और इसने 12 जून तक केरल, कर्नाटक, रायलसीमा, गोवा और तेलंगाना के समूचे राज्यों, दक्षिणी महाराष्ट्र के अधिकांश भागों और दक्षिणी छत्तीसगढ़ के कुछ भागों, दक्षिणी ओडिशा, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम के अधिकांश भागों तथा समूचे पूर्वोत्तर राज्यों को कवर कर लिया।

आईएमडी ने कहा, ”हालांकि, उसके बाद मानसून आगे नहीं बढ़ा और 18 जून को मानसून उत्तरी सीमा नवसारी, जलगांव, अमरावती, चंद्रपुर, बीजापुर, सुकमा, मलकानगिरी, विजयनगरम से होकर गुजरा।”

मानसून भारतीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। देश की 50 प्रतिशत से अधिक कृषि भूमि में सिंचाई का कोई अन्य स्रोत नहीं है। मानसून की बारिश देश के जलाशयों को रिचार्ज करने के लिए भी महत्वपूर्ण है, जिससे पानी का उपयोग बाद में साल भर फसलों की सिंचाई के लिए किया जा सकता है।

भारत, खाद्यान्नों के एक प्रमुख निर्यातक के रूप में उभरा है, लेकिन पिछले साल अनियमित मानसून से कृषि उत्पादन प्रभावित होने के कारण घरेलू आपूर्ति बढ़ाने और कीमतों को नियंत्रित रखने के लिए चीनी, चावल, गेहूं और प्याज के निर्यात पर अंकुश लगाना पड़ा। कृषि क्षेत्र में मजबूत वृद्धि मुद्रास्फीति को नियंत्रित रखने में मदद करती है।

–आईएएनएस

एमकेएस/एसकेपी

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 19 जून (आईएएनएस)। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बुधवार को अपने पूर्वानुमान में बताया कि जून में पूरे देश में औसत वर्षा सामान्य से कम रहने की संभावना है, क्योंकि मानसून की प्रगति धीमी हो गई है।

जून में दक्षिणी राज्यों और पूर्वोत्तर राज्यों में सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना है, जबकि गर्मी की लहर से जूझ रहे उत्तरी और मध्य राज्यों में सामान्य से कम वर्षा होने की संभावना है।

आईएमडी ने कहा कि जून 2024 (18 जून तक) के महीने में पूरे देश में 64.5 मिमी बारिश हुई, जो 80.6 मिमी के दीर्घावधि औसत (एलपीए) से 20 प्रतिशत कम थी।

आईएमडी के एक बयान के अनुसार, “दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत के अधिकांश क्षेत्रों और पूर्वोत्तर भारत के कुछ क्षेत्रों में सामान्य से अधिक मासिक वर्षा होने की संभावना है। उत्तर-पश्चिम और उससे सटे मध्य भारत के कई क्षेत्रों और पूर्वोत्तर भारत के कुछ क्षेत्रों में सामान्य से कम वर्षा होने की संभावना है।”

इस महीने के दौरान 11 उप-मंडलों में सामान्य से अधिक तथा 25 में सामान्य से बहुत कम वर्षा हुई।

इस वर्ष केरल में मानसून की शुरुआत सामान्य तिथि से दो दिन पहले और पूर्वोत्तर भारत में 6 दिन पहले हुई।

इसके बाद उत्तर दिशा में मानसून की गति धीमी रही और इसने 12 जून तक केरल, कर्नाटक, रायलसीमा, गोवा और तेलंगाना के समूचे राज्यों, दक्षिणी महाराष्ट्र के अधिकांश भागों और दक्षिणी छत्तीसगढ़ के कुछ भागों, दक्षिणी ओडिशा, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम के अधिकांश भागों तथा समूचे पूर्वोत्तर राज्यों को कवर कर लिया।

आईएमडी ने कहा, ”हालांकि, उसके बाद मानसून आगे नहीं बढ़ा और 18 जून को मानसून उत्तरी सीमा नवसारी, जलगांव, अमरावती, चंद्रपुर, बीजापुर, सुकमा, मलकानगिरी, विजयनगरम से होकर गुजरा।”

मानसून भारतीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। देश की 50 प्रतिशत से अधिक कृषि भूमि में सिंचाई का कोई अन्य स्रोत नहीं है। मानसून की बारिश देश के जलाशयों को रिचार्ज करने के लिए भी महत्वपूर्ण है, जिससे पानी का उपयोग बाद में साल भर फसलों की सिंचाई के लिए किया जा सकता है।

भारत, खाद्यान्नों के एक प्रमुख निर्यातक के रूप में उभरा है, लेकिन पिछले साल अनियमित मानसून से कृषि उत्पादन प्रभावित होने के कारण घरेलू आपूर्ति बढ़ाने और कीमतों को नियंत्रित रखने के लिए चीनी, चावल, गेहूं और प्याज के निर्यात पर अंकुश लगाना पड़ा। कृषि क्षेत्र में मजबूत वृद्धि मुद्रास्फीति को नियंत्रित रखने में मदद करती है।

–आईएएनएस

एमकेएस/एसकेपी

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 19 जून (आईएएनएस)। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बुधवार को अपने पूर्वानुमान में बताया कि जून में पूरे देश में औसत वर्षा सामान्य से कम रहने की संभावना है, क्योंकि मानसून की प्रगति धीमी हो गई है।

जून में दक्षिणी राज्यों और पूर्वोत्तर राज्यों में सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना है, जबकि गर्मी की लहर से जूझ रहे उत्तरी और मध्य राज्यों में सामान्य से कम वर्षा होने की संभावना है।

आईएमडी ने कहा कि जून 2024 (18 जून तक) के महीने में पूरे देश में 64.5 मिमी बारिश हुई, जो 80.6 मिमी के दीर्घावधि औसत (एलपीए) से 20 प्रतिशत कम थी।

आईएमडी के एक बयान के अनुसार, “दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत के अधिकांश क्षेत्रों और पूर्वोत्तर भारत के कुछ क्षेत्रों में सामान्य से अधिक मासिक वर्षा होने की संभावना है। उत्तर-पश्चिम और उससे सटे मध्य भारत के कई क्षेत्रों और पूर्वोत्तर भारत के कुछ क्षेत्रों में सामान्य से कम वर्षा होने की संभावना है।”

इस महीने के दौरान 11 उप-मंडलों में सामान्य से अधिक तथा 25 में सामान्य से बहुत कम वर्षा हुई।

इस वर्ष केरल में मानसून की शुरुआत सामान्य तिथि से दो दिन पहले और पूर्वोत्तर भारत में 6 दिन पहले हुई।

इसके बाद उत्तर दिशा में मानसून की गति धीमी रही और इसने 12 जून तक केरल, कर्नाटक, रायलसीमा, गोवा और तेलंगाना के समूचे राज्यों, दक्षिणी महाराष्ट्र के अधिकांश भागों और दक्षिणी छत्तीसगढ़ के कुछ भागों, दक्षिणी ओडिशा, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम के अधिकांश भागों तथा समूचे पूर्वोत्तर राज्यों को कवर कर लिया।

आईएमडी ने कहा, ”हालांकि, उसके बाद मानसून आगे नहीं बढ़ा और 18 जून को मानसून उत्तरी सीमा नवसारी, जलगांव, अमरावती, चंद्रपुर, बीजापुर, सुकमा, मलकानगिरी, विजयनगरम से होकर गुजरा।”

मानसून भारतीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। देश की 50 प्रतिशत से अधिक कृषि भूमि में सिंचाई का कोई अन्य स्रोत नहीं है। मानसून की बारिश देश के जलाशयों को रिचार्ज करने के लिए भी महत्वपूर्ण है, जिससे पानी का उपयोग बाद में साल भर फसलों की सिंचाई के लिए किया जा सकता है।

भारत, खाद्यान्नों के एक प्रमुख निर्यातक के रूप में उभरा है, लेकिन पिछले साल अनियमित मानसून से कृषि उत्पादन प्रभावित होने के कारण घरेलू आपूर्ति बढ़ाने और कीमतों को नियंत्रित रखने के लिए चीनी, चावल, गेहूं और प्याज के निर्यात पर अंकुश लगाना पड़ा। कृषि क्षेत्र में मजबूत वृद्धि मुद्रास्फीति को नियंत्रित रखने में मदद करती है।

–आईएएनएस

एमकेएस/एसकेपी

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 19 जून (आईएएनएस)। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बुधवार को अपने पूर्वानुमान में बताया कि जून में पूरे देश में औसत वर्षा सामान्य से कम रहने की संभावना है, क्योंकि मानसून की प्रगति धीमी हो गई है।

जून में दक्षिणी राज्यों और पूर्वोत्तर राज्यों में सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना है, जबकि गर्मी की लहर से जूझ रहे उत्तरी और मध्य राज्यों में सामान्य से कम वर्षा होने की संभावना है।

आईएमडी ने कहा कि जून 2024 (18 जून तक) के महीने में पूरे देश में 64.5 मिमी बारिश हुई, जो 80.6 मिमी के दीर्घावधि औसत (एलपीए) से 20 प्रतिशत कम थी।

आईएमडी के एक बयान के अनुसार, “दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत के अधिकांश क्षेत्रों और पूर्वोत्तर भारत के कुछ क्षेत्रों में सामान्य से अधिक मासिक वर्षा होने की संभावना है। उत्तर-पश्चिम और उससे सटे मध्य भारत के कई क्षेत्रों और पूर्वोत्तर भारत के कुछ क्षेत्रों में सामान्य से कम वर्षा होने की संभावना है।”

इस महीने के दौरान 11 उप-मंडलों में सामान्य से अधिक तथा 25 में सामान्य से बहुत कम वर्षा हुई।

इस वर्ष केरल में मानसून की शुरुआत सामान्य तिथि से दो दिन पहले और पूर्वोत्तर भारत में 6 दिन पहले हुई।

इसके बाद उत्तर दिशा में मानसून की गति धीमी रही और इसने 12 जून तक केरल, कर्नाटक, रायलसीमा, गोवा और तेलंगाना के समूचे राज्यों, दक्षिणी महाराष्ट्र के अधिकांश भागों और दक्षिणी छत्तीसगढ़ के कुछ भागों, दक्षिणी ओडिशा, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम के अधिकांश भागों तथा समूचे पूर्वोत्तर राज्यों को कवर कर लिया।

आईएमडी ने कहा, ”हालांकि, उसके बाद मानसून आगे नहीं बढ़ा और 18 जून को मानसून उत्तरी सीमा नवसारी, जलगांव, अमरावती, चंद्रपुर, बीजापुर, सुकमा, मलकानगिरी, विजयनगरम से होकर गुजरा।”

मानसून भारतीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। देश की 50 प्रतिशत से अधिक कृषि भूमि में सिंचाई का कोई अन्य स्रोत नहीं है। मानसून की बारिश देश के जलाशयों को रिचार्ज करने के लिए भी महत्वपूर्ण है, जिससे पानी का उपयोग बाद में साल भर फसलों की सिंचाई के लिए किया जा सकता है।

भारत, खाद्यान्नों के एक प्रमुख निर्यातक के रूप में उभरा है, लेकिन पिछले साल अनियमित मानसून से कृषि उत्पादन प्रभावित होने के कारण घरेलू आपूर्ति बढ़ाने और कीमतों को नियंत्रित रखने के लिए चीनी, चावल, गेहूं और प्याज के निर्यात पर अंकुश लगाना पड़ा। कृषि क्षेत्र में मजबूत वृद्धि मुद्रास्फीति को नियंत्रित रखने में मदद करती है।

–आईएएनएस

एमकेएस/एसकेपी

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 19 जून (आईएएनएस)। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बुधवार को अपने पूर्वानुमान में बताया कि जून में पूरे देश में औसत वर्षा सामान्य से कम रहने की संभावना है, क्योंकि मानसून की प्रगति धीमी हो गई है।

जून में दक्षिणी राज्यों और पूर्वोत्तर राज्यों में सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना है, जबकि गर्मी की लहर से जूझ रहे उत्तरी और मध्य राज्यों में सामान्य से कम वर्षा होने की संभावना है।

आईएमडी ने कहा कि जून 2024 (18 जून तक) के महीने में पूरे देश में 64.5 मिमी बारिश हुई, जो 80.6 मिमी के दीर्घावधि औसत (एलपीए) से 20 प्रतिशत कम थी।

आईएमडी के एक बयान के अनुसार, “दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत के अधिकांश क्षेत्रों और पूर्वोत्तर भारत के कुछ क्षेत्रों में सामान्य से अधिक मासिक वर्षा होने की संभावना है। उत्तर-पश्चिम और उससे सटे मध्य भारत के कई क्षेत्रों और पूर्वोत्तर भारत के कुछ क्षेत्रों में सामान्य से कम वर्षा होने की संभावना है।”

इस महीने के दौरान 11 उप-मंडलों में सामान्य से अधिक तथा 25 में सामान्य से बहुत कम वर्षा हुई।

इस वर्ष केरल में मानसून की शुरुआत सामान्य तिथि से दो दिन पहले और पूर्वोत्तर भारत में 6 दिन पहले हुई।

इसके बाद उत्तर दिशा में मानसून की गति धीमी रही और इसने 12 जून तक केरल, कर्नाटक, रायलसीमा, गोवा और तेलंगाना के समूचे राज्यों, दक्षिणी महाराष्ट्र के अधिकांश भागों और दक्षिणी छत्तीसगढ़ के कुछ भागों, दक्षिणी ओडिशा, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम के अधिकांश भागों तथा समूचे पूर्वोत्तर राज्यों को कवर कर लिया।

आईएमडी ने कहा, ”हालांकि, उसके बाद मानसून आगे नहीं बढ़ा और 18 जून को मानसून उत्तरी सीमा नवसारी, जलगांव, अमरावती, चंद्रपुर, बीजापुर, सुकमा, मलकानगिरी, विजयनगरम से होकर गुजरा।”

मानसून भारतीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। देश की 50 प्रतिशत से अधिक कृषि भूमि में सिंचाई का कोई अन्य स्रोत नहीं है। मानसून की बारिश देश के जलाशयों को रिचार्ज करने के लिए भी महत्वपूर्ण है, जिससे पानी का उपयोग बाद में साल भर फसलों की सिंचाई के लिए किया जा सकता है।

भारत, खाद्यान्नों के एक प्रमुख निर्यातक के रूप में उभरा है, लेकिन पिछले साल अनियमित मानसून से कृषि उत्पादन प्रभावित होने के कारण घरेलू आपूर्ति बढ़ाने और कीमतों को नियंत्रित रखने के लिए चीनी, चावल, गेहूं और प्याज के निर्यात पर अंकुश लगाना पड़ा। कृषि क्षेत्र में मजबूत वृद्धि मुद्रास्फीति को नियंत्रित रखने में मदद करती है।

–आईएएनएस

एमकेएस/एसकेपी

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 19 जून (आईएएनएस)। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बुधवार को अपने पूर्वानुमान में बताया कि जून में पूरे देश में औसत वर्षा सामान्य से कम रहने की संभावना है, क्योंकि मानसून की प्रगति धीमी हो गई है।

जून में दक्षिणी राज्यों और पूर्वोत्तर राज्यों में सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना है, जबकि गर्मी की लहर से जूझ रहे उत्तरी और मध्य राज्यों में सामान्य से कम वर्षा होने की संभावना है।

आईएमडी ने कहा कि जून 2024 (18 जून तक) के महीने में पूरे देश में 64.5 मिमी बारिश हुई, जो 80.6 मिमी के दीर्घावधि औसत (एलपीए) से 20 प्रतिशत कम थी।

आईएमडी के एक बयान के अनुसार, “दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत के अधिकांश क्षेत्रों और पूर्वोत्तर भारत के कुछ क्षेत्रों में सामान्य से अधिक मासिक वर्षा होने की संभावना है। उत्तर-पश्चिम और उससे सटे मध्य भारत के कई क्षेत्रों और पूर्वोत्तर भारत के कुछ क्षेत्रों में सामान्य से कम वर्षा होने की संभावना है।”

इस महीने के दौरान 11 उप-मंडलों में सामान्य से अधिक तथा 25 में सामान्य से बहुत कम वर्षा हुई।

इस वर्ष केरल में मानसून की शुरुआत सामान्य तिथि से दो दिन पहले और पूर्वोत्तर भारत में 6 दिन पहले हुई।

इसके बाद उत्तर दिशा में मानसून की गति धीमी रही और इसने 12 जून तक केरल, कर्नाटक, रायलसीमा, गोवा और तेलंगाना के समूचे राज्यों, दक्षिणी महाराष्ट्र के अधिकांश भागों और दक्षिणी छत्तीसगढ़ के कुछ भागों, दक्षिणी ओडिशा, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम के अधिकांश भागों तथा समूचे पूर्वोत्तर राज्यों को कवर कर लिया।

आईएमडी ने कहा, ”हालांकि, उसके बाद मानसून आगे नहीं बढ़ा और 18 जून को मानसून उत्तरी सीमा नवसारी, जलगांव, अमरावती, चंद्रपुर, बीजापुर, सुकमा, मलकानगिरी, विजयनगरम से होकर गुजरा।”

मानसून भारतीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। देश की 50 प्रतिशत से अधिक कृषि भूमि में सिंचाई का कोई अन्य स्रोत नहीं है। मानसून की बारिश देश के जलाशयों को रिचार्ज करने के लिए भी महत्वपूर्ण है, जिससे पानी का उपयोग बाद में साल भर फसलों की सिंचाई के लिए किया जा सकता है।

भारत, खाद्यान्नों के एक प्रमुख निर्यातक के रूप में उभरा है, लेकिन पिछले साल अनियमित मानसून से कृषि उत्पादन प्रभावित होने के कारण घरेलू आपूर्ति बढ़ाने और कीमतों को नियंत्रित रखने के लिए चीनी, चावल, गेहूं और प्याज के निर्यात पर अंकुश लगाना पड़ा। कृषि क्षेत्र में मजबूत वृद्धि मुद्रास्फीति को नियंत्रित रखने में मदद करती है।

–आईएएनएस

एमकेएस/एसकेपी

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 19 जून (आईएएनएस)। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बुधवार को अपने पूर्वानुमान में बताया कि जून में पूरे देश में औसत वर्षा सामान्य से कम रहने की संभावना है, क्योंकि मानसून की प्रगति धीमी हो गई है।

जून में दक्षिणी राज्यों और पूर्वोत्तर राज्यों में सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना है, जबकि गर्मी की लहर से जूझ रहे उत्तरी और मध्य राज्यों में सामान्य से कम वर्षा होने की संभावना है।

आईएमडी ने कहा कि जून 2024 (18 जून तक) के महीने में पूरे देश में 64.5 मिमी बारिश हुई, जो 80.6 मिमी के दीर्घावधि औसत (एलपीए) से 20 प्रतिशत कम थी।

आईएमडी के एक बयान के अनुसार, “दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत के अधिकांश क्षेत्रों और पूर्वोत्तर भारत के कुछ क्षेत्रों में सामान्य से अधिक मासिक वर्षा होने की संभावना है। उत्तर-पश्चिम और उससे सटे मध्य भारत के कई क्षेत्रों और पूर्वोत्तर भारत के कुछ क्षेत्रों में सामान्य से कम वर्षा होने की संभावना है।”

इस महीने के दौरान 11 उप-मंडलों में सामान्य से अधिक तथा 25 में सामान्य से बहुत कम वर्षा हुई।

इस वर्ष केरल में मानसून की शुरुआत सामान्य तिथि से दो दिन पहले और पूर्वोत्तर भारत में 6 दिन पहले हुई।

इसके बाद उत्तर दिशा में मानसून की गति धीमी रही और इसने 12 जून तक केरल, कर्नाटक, रायलसीमा, गोवा और तेलंगाना के समूचे राज्यों, दक्षिणी महाराष्ट्र के अधिकांश भागों और दक्षिणी छत्तीसगढ़ के कुछ भागों, दक्षिणी ओडिशा, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम के अधिकांश भागों तथा समूचे पूर्वोत्तर राज्यों को कवर कर लिया।

आईएमडी ने कहा, ”हालांकि, उसके बाद मानसून आगे नहीं बढ़ा और 18 जून को मानसून उत्तरी सीमा नवसारी, जलगांव, अमरावती, चंद्रपुर, बीजापुर, सुकमा, मलकानगिरी, विजयनगरम से होकर गुजरा।”

मानसून भारतीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। देश की 50 प्रतिशत से अधिक कृषि भूमि में सिंचाई का कोई अन्य स्रोत नहीं है। मानसून की बारिश देश के जलाशयों को रिचार्ज करने के लिए भी महत्वपूर्ण है, जिससे पानी का उपयोग बाद में साल भर फसलों की सिंचाई के लिए किया जा सकता है।

भारत, खाद्यान्नों के एक प्रमुख निर्यातक के रूप में उभरा है, लेकिन पिछले साल अनियमित मानसून से कृषि उत्पादन प्रभावित होने के कारण घरेलू आपूर्ति बढ़ाने और कीमतों को नियंत्रित रखने के लिए चीनी, चावल, गेहूं और प्याज के निर्यात पर अंकुश लगाना पड़ा। कृषि क्षेत्र में मजबूत वृद्धि मुद्रास्फीति को नियंत्रित रखने में मदद करती है।

–आईएएनएस

एमकेएस/एसकेपी

ADVERTISEMENT

नई दिल्ली, 19 जून (आईएएनएस)। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बुधवार को अपने पूर्वानुमान में बताया कि जून में पूरे देश में औसत वर्षा सामान्य से कम रहने की संभावना है, क्योंकि मानसून की प्रगति धीमी हो गई है।

जून में दक्षिणी राज्यों और पूर्वोत्तर राज्यों में सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना है, जबकि गर्मी की लहर से जूझ रहे उत्तरी और मध्य राज्यों में सामान्य से कम वर्षा होने की संभावना है।

आईएमडी ने कहा कि जून 2024 (18 जून तक) के महीने में पूरे देश में 64.5 मिमी बारिश हुई, जो 80.6 मिमी के दीर्घावधि औसत (एलपीए) से 20 प्रतिशत कम थी।

आईएमडी के एक बयान के अनुसार, “दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत के अधिकांश क्षेत्रों और पूर्वोत्तर भारत के कुछ क्षेत्रों में सामान्य से अधिक मासिक वर्षा होने की संभावना है। उत्तर-पश्चिम और उससे सटे मध्य भारत के कई क्षेत्रों और पूर्वोत्तर भारत के कुछ क्षेत्रों में सामान्य से कम वर्षा होने की संभावना है।”

इस महीने के दौरान 11 उप-मंडलों में सामान्य से अधिक तथा 25 में सामान्य से बहुत कम वर्षा हुई।

इस वर्ष केरल में मानसून की शुरुआत सामान्य तिथि से दो दिन पहले और पूर्वोत्तर भारत में 6 दिन पहले हुई।

इसके बाद उत्तर दिशा में मानसून की गति धीमी रही और इसने 12 जून तक केरल, कर्नाटक, रायलसीमा, गोवा और तेलंगाना के समूचे राज्यों, दक्षिणी महाराष्ट्र के अधिकांश भागों और दक्षिणी छत्तीसगढ़ के कुछ भागों, दक्षिणी ओडिशा, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम के अधिकांश भागों तथा समूचे पूर्वोत्तर राज्यों को कवर कर लिया।

आईएमडी ने कहा, ”हालांकि, उसके बाद मानसून आगे नहीं बढ़ा और 18 जून को मानसून उत्तरी सीमा नवसारी, जलगांव, अमरावती, चंद्रपुर, बीजापुर, सुकमा, मलकानगिरी, विजयनगरम से होकर गुजरा।”

मानसून भारतीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। देश की 50 प्रतिशत से अधिक कृषि भूमि में सिंचाई का कोई अन्य स्रोत नहीं है। मानसून की बारिश देश के जलाशयों को रिचार्ज करने के लिए भी महत्वपूर्ण है, जिससे पानी का उपयोग बाद में साल भर फसलों की सिंचाई के लिए किया जा सकता है।

भारत, खाद्यान्नों के एक प्रमुख निर्यातक के रूप में उभरा है, लेकिन पिछले साल अनियमित मानसून से कृषि उत्पादन प्रभावित होने के कारण घरेलू आपूर्ति बढ़ाने और कीमतों को नियंत्रित रखने के लिए चीनी, चावल, गेहूं और प्याज के निर्यात पर अंकुश लगाना पड़ा। कृषि क्षेत्र में मजबूत वृद्धि मुद्रास्फीति को नियंत्रित रखने में मदद करती है।

–आईएएनएस

एमकेएस/एसकेपी

Related Posts

ताज़ा समाचार

राजस्थान के सीएम ने की हाई लेवल मीटिंग, ‘सभी राजकीय कर्मियों की छुट्टियां रद्द’ करने का निर्देश

May 9, 2025
ताज़ा समाचार

भारत ने दिया पाकिस्तान के ड्रोन और मिसाइल हमलों का मुंहतोड़ जवाब, एफ-16 और दो जेएफ-17 विमान भी मार गिराए

May 9, 2025
ताज़ा समाचार

भारत पाकिस्तान को दिए जाने वाले बेलआउट पैकेज की समीक्षा के लिए आईएमएफ के समक्ष रखेगा अपना पक्ष

May 9, 2025
ताज़ा समाचार

भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच 24 हवाई अड्डे बंद, एयरलाइंस ने जारी की एडवाइजरी

May 9, 2025
ताज़ा समाचार

‘पाकिस्तानी ड्रोन के असफल हमले के बाद स्थिति का जायजा लेने’ जम्मू निकले उमर अब्दुल्ला

May 9, 2025
ताज़ा समाचार

सीमा पर तनाव के बीच उत्तर प्रदेश में रेड अलर्ट, वाराणसी में प्रमुख स्थलों पर बढ़ाई गई सुरक्षा

May 9, 2025
Next Post
ईएसआईसी से अप्रैल में जुड़े 16.47 लाख नए कर्मचारी, 7.84 लाख युवाओं को मिला अवसर

ईएसआईसी से अप्रैल में जुड़े 16.47 लाख नए कर्मचारी, 7.84 लाख युवाओं को मिला अवसर

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

POPULAR NEWS

बंदा प्रकाश तेलंगाना विधान परिषद के उप सभापति चुने गए

बंदा प्रकाश तेलंगाना विधान परिषद के उप सभापति चुने गए

February 12, 2023
बीएसएफ ने मेघालय में 40 मवेशियों को छुड़ाया, 3 तस्कर गिरफ्तार

बीएसएफ ने मेघालय में 40 मवेशियों को छुड़ाया, 3 तस्कर गिरफ्तार

February 12, 2023
चीनी शताब्दी की दूर-दूर तक संभावना नहीं

चीनी शताब्दी की दूर-दूर तक संभावना नहीं

February 12, 2023

बंगाल के जलपाईगुड़ी में बाढ़ जैसे हालात, शहर में घुसने लगा नदी का पानी

August 26, 2023
राधिका खेड़ा ने छोड़ा कांग्रेस का दामन, प्राथमिक सदस्यता से दिया इस्तीफा

राधिका खेड़ा ने छोड़ा कांग्रेस का दामन, प्राथमिक सदस्यता से दिया इस्तीफा

May 5, 2024

EDITOR'S PICK

यूक्रेन पर संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव पर भारत फिर रहा अनुपस्थित

यूक्रेन पर संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव पर भारत फिर रहा अनुपस्थित

February 24, 2023
कुख्यात वांछित अपराधी साथी के साथ हुआ गिरफ्तार, उत्तराखंड सहित कई जिलों में दर्ज हैं लूट और हत्या के दर्जनों मुकदमे

कुख्यात वांछित अपराधी साथी के साथ हुआ गिरफ्तार, उत्तराखंड सहित कई जिलों में दर्ज हैं लूट और हत्या के दर्जनों मुकदमे

December 9, 2022
बदरपुर के एनटीपीसी इको पार्क में लगी आग नोएडा से दिखी

बदरपुर के एनटीपीसी इको पार्क में लगी आग नोएडा से दिखी

January 18, 2023

सूरत में हीरा कारोबारी के साथ दो करोड़ की धोखाधड़ी, चार के खिलाफ केस दर्ज

July 4, 2024
ADVERTISEMENT

Contact us

Address

Deshbandhu Complex, Naudra Bridge Jabalpur 482001

Mail

deshbandhump@gmail.com

Mobile

9425156056

Important links

  • राशि-भविष्य
  • वर्गीकृत विज्ञापन
  • लाइफ स्टाइल
  • मनोरंजन
  • ब्लॉग

Important links

  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
  • ई पेपर

Related Links

  • Mayaram Surjan
  • Swayamsiddha
  • Deshbandhu

Social Links

080583
Total views : 5867918
Powered By WPS Visitor Counter

Published by Abhas Surjan on behalf of Patrakar Prakashan Pvt.Ltd., Deshbandhu Complex, Naudra Bridge, Jabalpur – 482001 |T:+91 761 4006577 |M: +91 9425156056 Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions The contents of this website is for reading only. Any unauthorised attempt to temper / edit / change the contents of this website comes under cyber crime and is punishable.

Copyright @ 2022 Deshbandhu. All rights are reserved.

  • Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions
No Result
View All Result
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर

Copyright @ 2022 Deshbandhu-MP All rights are reserved.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password? Sign Up

Create New Account!

Fill the forms below to register

All fields are required. Log In

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Notifications