जबलपुर. वर्तमान कुलगुरु की नियुक्ति के बाद से विवादोंं में घिरे जवाहरलाल नेहरु कृषि विश्वविद्यालय (जेएनकेविवि) एक बार फिर कथित तौर पर कम अंकों वालों को नौकरी देने और प्रतिभावानों को अवसर न देने के मामले में विवादों से घिर गया हैं. प्रबंधन पर भर्ती संबंधी अनियमितताओं के गंभीर आरोप लगाए गए हैं. आरोप लगाए जा रहे हैं कि चयनित अभ्यर्थियों को पहले तो रोजगार पंजीयन न होने की वजह से नियुक्ति नहीं दी गई जबकि बाद में अभ्यर्थियों द्वारा रोजगार पंजीयन जमा किए जाने के बावजूद विश्वविद्यालय के द्वारा नियुक्तियां नहीं की गई. अभ्यर्थियों ने इस मामले में हाईकोर्ट की शरण ली हैं. जिस पर न्यायालय ने आदेश जारी करते हुए विश्वविद्यालय को निर्णय लेने का निर्देश दिया है. पूरे मामले में जेएनकेवीवी प्रबंधन की कार्यशैली सवालों के घेरे में हैं.
जेएनकेविवि में निकली थी भर्तियां
बताते हैं कि कर्मचारी चयन मण्डल (इएसबी) के द्वारा समूह-2 उपसमूह 1 के अन्तर्गत ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी एवं ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी और अन्य समकक्ष पदों की भर्ती के लिए संयुक्त भर्ती परीक्षा-2023 की अधिसूचना जारी की गई. जिसमें कृषि विस्तार अधिकारी के साथ-साथ प्रक्षेत्र विस्तार अधिकारी के 27 पद और प्रयोगशाला तकनीशियन के कुल 14 पद भी शामिल थे. जिसकी परीक्षा का आयोजन जुलाई 2023 को ईएसबी के द्वारा कराया गया था और इसका परीक्षा रिजल्ट जनवरी 2024 को ईएसबी के द्वारा जारी किया गया. इस परीक्षा में कुछ अभ्यर्थियों का चयन प्रक्षेत्र विस्तार अधिकारी व प्रयोगशाला तकनीशियन के पद पर जेएनकेविवि जबलपुर में हुआ था.
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रोजगार पंजीयन न होने की वजह से रुकी नियुक्तियां
इन चयनित हुए अभ्यर्थियों के अभिलेखों और मूल दस्तावेजों का सत्यापन मार्च 2024 को जेएनकेविवि के संचालक अनुसंधान सेवाएं में किया गया था. जिसमें कुछ अभ्यर्थियों का नियुक्ति पत्र जेएनकेविवि के द्वारा जारी कर दिया गया था और चुने गए बाकी 7 अभ्यर्थियों की नियुक्ति रोजगार पंजीयन ना होने की वजह से रोक दी गई थी. इसके साथ ही इन बचे हुए अभ्यर्थियों को 7 दिन के अन्दर जेनएनकेविवि में रोजगार पंजीयन जमा करने के लिए पत्र जारी किया गया था. जिसके बाद अभ्यर्थियों ने 7 दिन के अन्दर जेएनकेविवि में रोजगार पंजीयन जमा कर दिया.
नियुक्तियों में देरी के लिए जिम्मेदार बना रहे बहाने
अभ्यर्थियों ने आरोप लगाए हैं कि जेएनकेविवि के रजिस्ट्रार के द्वारा लगातार कहीं रोस्टर निकाल कर, कहीं कुछ कमी निकालकर बहाने बनाकर इन नियुक्तियों को टाला जा रहा है. अभ्यार्थियों के द्वारा लगातार जेएनकेविवि जबलपुर में जाकर आवेदन दिए गए लेकिन इससे संबंधित कोई भी कार्यवाही नहीं की गई और ना ही अभी तक उन अभ्यर्थियों को नियुक्ति दी गई हैं.
कम नंबर पाने वालों की हुई नियुक्तियां: आरोप
इस भर्ती सम्बंधी होने वाली नियुक्तियों में अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया है कि रोजगार पंजीयन न होने की वजह से तात्कालिक समय में उनकी नियुक्तियां रोक दी गई थी और रोजगार पंजीयन तय समय में जमा करने के बावजूद भी उनकी नियुक्ति नहीं हुई है लेकिन बाकी के दूसरे अभ्यर्थी जिनके नंबर उनसे कम है फिर भी विश्वविद्यालय के द्वारा उन अभ्यर्थियों को नियुक्ति दे दी गई है. अभ्यर्थियों के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार उनसे कम अंक प्राप्त करने वालों को दी गई नियुक्तियों की सूची में एसटी पुरुष कैटेगरी में बृजेश कुमार को 118 अंक पर नियुक्ति नहीं मिली जबकि संदीप तेकाम को 115.69 अंक पर एवं दीपक सिंह को 113.66 अंक पर नियुक्ति मिल गई. इसी तरह एसटी महिला कैटेगरी में जहां राखी उइके को 112.53 अंक पर नियुक्ति नहीं मिली वहीं निमिता सिंह को 110.39 अंक पर नियुक्ति
मिल गई. ओबीसी पुरुष कैटेगरी में जहां
वेदांत पाटिल को 133.55 अंकों के बावजूद नियुक्ति नहीं मिली वहीं
शिवम पटेल को 131.93 अंक एवं लक्ष्मण सिंह को 131.32 अंक पर नियुक्ति मिल गई. इसी तरह ओबीसी महिला वर्ग में जहां पूनम चक्रवर्ती को 127.16 अंक होने के बावजूद नियुक्ति नहीं मिल पाई वहीं भावना पारधी को 126.47 अंक पर भी नियुक्ति मिल गई. इसी तरह एससी महिला वर्ग में जहां मृणालिनी को 122.18 अंक पर नियुक्ति नहीं मिली वहीं पायल ग्वालवंशी को 121.11 अंक पर नियुक्ति मिल गई.
न्यायालय ने दिया था 90 दिन का समय
नियुक्ति न पाने वाले अभ्यर्थियों के द्वारा इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. जिस पर सुनवाई जस्टिस विशाल मिश्रा की एकलपीठ में हुई. इस याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट के द्वारा एक आदेश दिया गया था कि याचिकर्ताओं के द्वारा किए जाने वाले अनुरोध पर 90 दिनों के भीतर निर्णय लिया जाए और याचिकाकर्ताओं को परिणाम से अवगत कराया जाए. यह आदेश सितंबर 2024 में दिया गया था. लेकिन 90 दिनों की समय अवधि पूर्ण होने को है फिर भी इन नियुक्ति संबंधी कोई भी निर्णय अभी तक नहीं लिया गया है.
मामले से अनभिज्ञता जता रहे रजिस्ट्रार
इस मामले में अभ्यर्थियों के द्वारा यह आरोप लगाया गया कि रजिस्ट्रार से बात करने और आवेदन देने के बाद उन्हें यह साफ कह दिया गया, कि रोस्टर में गलती थी और अब उन्हें नियुक्ति नहीं मिल सकेगी. लेकिन जब इस संबंध में जेएनकेविवि के रजिस्ट्रार अश्विनी कुमार जैन से बात की, तो उन्होंने इन आरोपों को निराधार बताते हुए यह कहा की नियुक्ति कृषि विभाग के द्वारा की जाती है और यूनिवर्सिटी का इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं होता.