रांची, 2 जनवरी (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी नेता बाबू लाल मरांडी ने हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर झारखंड के मुख्यमंत्री से पूछा कि पहली कैबिनेट बैठक के बाद 1 जनवरी 2025 से पूर्व जेपीएससी और जेएसएससी परीक्षाओं के लिए नियुक्ति कैलेंडर जारी करने की घोषणा की थी। साल का अंतिम दिन भी बीतने को है, लेकिन अब तक परीक्षा परिणाम अथवा कैलेंडर जारी करने की कोई पहल नहीं की गई है। इसके बाद इस मामले पर राज्य में सियासी घमासान मचा है।
झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता मनोज पांडेय ने इस मामले पर सफाई देते हुए कहा, “ये सारी बेबुनियाद बातें हैं। कोई वादे फेल नहीं हुए हैं। वादे पूरे करने का ही दूसरा नाम हेमंत सोरेन है। हम जुमलेबाज लोग नहीं हैं। हम नहीं कहते कि हम लोगों के खातों में 15 लाख रुपये डाल देंगे। हम यह भी नहीं कहते कि स्मार्ट सिटी देंगे या बुलेट ट्रेन देंगे। हम लोग जो बोलते हैं, वह करते हैं। हमने मंईयां सम्मान योजना की बात की थी। महिलाओं के खातों में 2500 रुपये जाना शुरू भी हो गए हैं।”
उन्होंने कहा, “यह सम्मान पूरे राज्य में 55 लाख से ज्यादा महिलाओं को मिल रहा है। जहां तक कैलेंडर की बात है, तो कैलेंडर बहुत जल्दी प्रकाशित कर दिया जाएगा। सभी चीजें सामने आ जाएंगी। पूरा शेड्यूल रहेगा। हमारे मुख्यमंत्री सभी वादों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
भारतीय जनता पार्टी विधायक सीपी सिंह ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री वादा करने में बहुत आगे रहते हैं। उनको वादे वही करने चाहिए जो वह पूरा कर सकें। मुख्यमंत्री ने वादे तो 2019 में भी किया था। तब उन्होंने कहा था कि जो बेरोजगार पोस्ट ग्रेजुएट हैं उनको 7 हजार रुपये और जो ग्रेजुएट हैं उनको 5 हजार रुपये देंगे। वादों का क्या है। वह वादे तो पूरा करते नहीं हैं। मैं तो यही कहूंगा कि हम लोग उन्हें वादे याद दिलाते रहेंगे।
कांग्रेस विधायक दल के उपनेता राजेश कच्छप ने कहा, “इस फैसले पर जल्द ही कैबिनेट का निर्णय आएगा। जल्दी ही इस मुद्दे पर कैबिनेट बैठक करेगी। अगर इस विषय पर मुख्यमंत्री ने कहा है तो वह होना है।”
–आईएएनएस
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