कोलकाता, 20 अगस्त (आईएएनएस)। कोलकाता के प्रतिष्ठित जादवपुर विश्वविद्यालय (जेयू) के एक नए छात्र की रैगिंग से हुई मौत के मामले में गिरफ्तारियों की संख्या बढ़ने के साथ, इस प्रक्रिया में किसी निर्दोष व्यक्ति के पीड़ित होने की आशंका ने विश्वविद्यालय के छात्रों को परेशान कर दिया है।
कई छात्रों ने संकाय सदस्यों से आग्रह किया है कि वे शहर के पुलिस अधिकारियों से संवेदनशील तरीके से जांच करने का अनुरोध करें, ताकि एक भी “निर्दोष” छात्र पीड़ित न हो।
संकाय सदस्यों का एक वर्ग, इन घबराए हुए छात्रों के बीच विश्वास जगाने की कोशिश करने के अलावा, शहर पुलिस में अपने संबंधित स्रोतों से भी संपर्क कर रहा है और पुलिस से संवेदनशीलता बनाए रखने का अनुरोध कर रहा है।
राज्य पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “ये संकाय सदस्य छात्रों के सच्चे मित्र हैं। हम ऐसी स्थिति में छात्रों की चिंता को समझते हैं और उनकी सराहना करते हैं। लेकिन हम भी किसी समय छात्र थे और हम आज भी अपने छात्र दिनों की यादों में खोए हुए हैं। इसलिए जब भी हम किसी शैक्षणिक संस्थान से संबंधित कोई जांच करते हैं, तो हम विशेष सावधानी और संवेदनशीलता बरतते हैं। हमारा उद्देश्य अपराधी को दंडित करना है न कि किसी छात्र का करियर बर्बाद करना।”
मामले में जेयूू के 12 वर्तमान व पूर्व छात्र पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
इस बीच राजभवन ने शनिवार देर रात एक बयान जारी कर गणित के संकाय सदस्य डॉ. बुद्धदेव साव की नियुक्ति जेयू के अंतरिम कुलपति के रूप में की।
उन्होंने शनिवार को मीडियाकर्मियों से कहा था कि उनकी प्राथमिकता विश्वविद्यालय के भीतर प्रशासनिक खामियों की पहचान करना और उसे हल करने के लिए सुधारात्मक उपाय अपनाना है।
–आईएएनएस
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