कोलकाता, 22 अगस्त (आईएएनएस)। रैगिंग से एक फ्रेशर छात्र की मौत के बाद से जादवपुर विश्वविद्यालय (जेयू) सुर्खियों और विवादों में है। इस बीच पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी आनंद बोस द्वारा जेयू के लिए नए अंतरिम कुलपति की नियुक्ति के खिलाफ मंगलवार को कलकत्ता हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई है।
राज्यपाल ने हाल ही में मैथमेटिक्स विभाग के साथ जेयू फैकल्टी सदस्य बुद्धदेव साव को विश्वविद्यालय के अंतरिम कुलपति के रूप में नियुक्त किया है।
अपनी जनहित याचिका में फैसले को चुनौती देते हुए, पश्चिम बंगाल में बर्धवान विश्वविद्यालय के फैकल्टी सदस्य, याचिकाकर्ता डॉ. राजेश दास ने तर्क दिया कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा इस संबंध में निर्धारित मानदंडों के अनुसार अंतरिम कुलपति की नियुक्ति का कोई प्रावधान नहीं है।
अपनी याचिका में दास ने यह भी तर्क दिया कि जेयू के लेटेस्ट उदाहरण के साथ राज्यपाल ने 13 राज्य-विश्वविद्यालयों में अंतरिम कुलपति नियुक्त किए हैं। उनके अनुसार, चूंकि अंतरिम कुलपतियों के पास स्थायी कुलपतियों की तरह शक्ति और अधिकार नहीं हैं, इसलिए अंतरिम कुलपति संबंधित राज्य विश्वविद्यालय से संबंधित वित्तीय मामलों के बारे में महत्वपूर्ण निर्णय कैसे ले सकते हैं।
मुख्य न्यायाधीश टी.एस. शिवगणनम ने कहा कि चूंकि जेयू के लिए अंतरिम कुलपति की नियुक्ति के मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में होती है, इसलिए जनहित याचिका में कोई भी सुनवाई कलकत्ता हाईकोर्ट द्वारा शीर्ष अदालत में मामले को अंतिम रूप दिए जाने के बाद ही सुनी जा सकती है।
–आईएएनएस
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