कोलकाता, 29 नवंबर (आईएएनएस)। कोलकाता के जादवपुर विश्वविद्यालय (जेयू) में रैगिंग से हुई मौत के कुछ ही महीने बाद, एक स्नातकोत्तर छात्र ने नियमित उत्पीड़न का सामना करने के बारे में विश्वविद्यालय अधिकारियों से शिकायत की है।
जेयू अधिकारियों को भेजे गए ईमेल में, हॉस्टल में सीडी ब्लॉक में रहने वाले दर्शनशास्त्र के प्रथम वर्ष के स्नातकोत्तर छात्र ने हॉस्टल परिसर के भीतर नियमित उत्पीड़न का सामना करने की शिकायत की है और यह भी दावा किया है कि वह वहां बहुत असुरक्षित महसूस कर रहा है।
ई-मेल में कहा गया है कि अपनी जान को खतरा होने की आशंका से छात्र ने हॉस्टल छोड़ने का फैसला किया है। उसने दावा किया, ”हॉस्टल की मेस समिति का संयोजक होने के नाते, मुझे अक्सर भोजन की गुणवत्ता को लेकर घोर अश्लील भाषा में दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ता है।”
छात्र की शिकायत में कहा गया, ”मैं एक नया हॉस्टल बोर्डर हूं। मेस कमेटी के दोनों संयोजक नये बोर्ड हैं। हम मेस कमेटी के अनुभवी सदस्यों की सलाह के आधार पर मार्केटिंग करते हैं। फिर भी मुझे इस तरह के दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा।”
फिर, रैगिंग के ताजा आरोप का केंद्र बिंदु मुख्य छात्रों का हॉस्टल है। जादवपुर यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (जेयूटीए) के प्रवक्ता के अनुसार, विश्वविद्यालय के अधिकारी लगातार कुछ अपराधियों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं, जो इस साल की शुरुआत में नाबालिग नये छात्र की रैगिंग से संबंधित मौत के लिए जिम्मेदार थे।
उन्होंने कहा, “यहां तक कि छात्र की आत्महत्या के बाद गठित आंतरिक जांच समिति की सिफारिशों को भी नजरअंदाज कर दिया गया। रैगिंग से संबंधित ताजा शिकायत का सामने आना उसी का परिणाम है।”
–आईएएनएस
एफजेड/एबीएम
कोलकाता, 29 नवंबर (आईएएनएस)। कोलकाता के जादवपुर विश्वविद्यालय (जेयू) में रैगिंग से हुई मौत के कुछ ही महीने बाद, एक स्नातकोत्तर छात्र ने नियमित उत्पीड़न का सामना करने के बारे में विश्वविद्यालय अधिकारियों से शिकायत की है।
जेयू अधिकारियों को भेजे गए ईमेल में, हॉस्टल में सीडी ब्लॉक में रहने वाले दर्शनशास्त्र के प्रथम वर्ष के स्नातकोत्तर छात्र ने हॉस्टल परिसर के भीतर नियमित उत्पीड़न का सामना करने की शिकायत की है और यह भी दावा किया है कि वह वहां बहुत असुरक्षित महसूस कर रहा है।
ई-मेल में कहा गया है कि अपनी जान को खतरा होने की आशंका से छात्र ने हॉस्टल छोड़ने का फैसला किया है। उसने दावा किया, ”हॉस्टल की मेस समिति का संयोजक होने के नाते, मुझे अक्सर भोजन की गुणवत्ता को लेकर घोर अश्लील भाषा में दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ता है।”
छात्र की शिकायत में कहा गया, ”मैं एक नया हॉस्टल बोर्डर हूं। मेस कमेटी के दोनों संयोजक नये बोर्ड हैं। हम मेस कमेटी के अनुभवी सदस्यों की सलाह के आधार पर मार्केटिंग करते हैं। फिर भी मुझे इस तरह के दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा।”
फिर, रैगिंग के ताजा आरोप का केंद्र बिंदु मुख्य छात्रों का हॉस्टल है। जादवपुर यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (जेयूटीए) के प्रवक्ता के अनुसार, विश्वविद्यालय के अधिकारी लगातार कुछ अपराधियों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं, जो इस साल की शुरुआत में नाबालिग नये छात्र की रैगिंग से संबंधित मौत के लिए जिम्मेदार थे।
उन्होंने कहा, “यहां तक कि छात्र की आत्महत्या के बाद गठित आंतरिक जांच समिति की सिफारिशों को भी नजरअंदाज कर दिया गया। रैगिंग से संबंधित ताजा शिकायत का सामने आना उसी का परिणाम है।”
–आईएएनएस
एफजेड/एबीएम