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Home ताज़ा समाचार

जेलर हिट हुई तो गुरु की धरती को नमन करने झारखंड आए रजनीकांत, राज्यपाल से भी मिले

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August 17, 2023
in ताज़ा समाचार
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रांची, 17 अगस्त (आईएएनएस)। साउथ के सुपर स्टार रजनीकांत अपनी फिल्म जेलर की अपार सफलता के बाद अपने आध्यात्मिक गुरु की धरती को नमन करने रांची पहुंचे। रजनीकांत की गुरु परमहंस योगानंद पर गहरी आस्था है। उन्होंने रांची में योगदा आश्रम की स्थापना की थी। यहां योगदा सत्संग सोसायटी का मुख्यालय भी है।

रजनीकांत ने मंगलवार शाम को रांची में झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से राजभवन में मुलाकात की। राज्यपाल ने गुरुवार को सोशल मीडिया एक्स पर अपने हैंडल के जरिए उनसे मुलाकात की तस्वीरें शेयर की हैं।

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राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने लिखा, “अपने मित्र, भारत के महान अभिनेताओं में से एक तथा एक शानदार इंसान रजनीकांत से मिलकर आह्लादित हूं। राजभवन में उनसे सद्भावना मुलाकात हुई। झारखंड की धरती पर उनका स्वागत है।”

रजनीकांत के रांची आने की जानकारी बेहद गोपनीय रही। राज्यपाल ने जब तस्वीरें ट्वीट कीं, तब लोगों को इसका पता चला।

रजनीकांत का रांची से पुराना रिश्ता रहा है। वे यहां आध्यात्मिक साधना और प्रार्थना के लिए अक्सर गुप्त तरीके से आते रहे हैं। रांची में योगदा सत्संग आश्रम का मुख्यालय है और वे यहां प्रायः आते रहे हैं।

रजनीकांत योगदा सत्संग के स्थायी सदस्य हैं।

बताते हैं कि वर्ष 1990 के बाद जब रजनीकांत की फिल्में फ्लॉप होने लगीं तो वह निराश होने लगे थे। इसी बीच 1998 में रजनीकांत को स्वामी परमहंस योगानंद की किताब ‘ऑटोबायॉग्रफी ऑफ अ योगी’ पढ़ने को मिली।

इस किताब से वह इतना प्रभावित हुए कि उन्होंने भी योगदा आश्रम में क्रिया योग की दीक्षा लेने की ठान ली। साथ ही परमहंस को अपना गुरु मान लिया।

परमहंस योगानंद ने रांची में योगदा सत्संग का सबसे पहला मठ स्थापित किया था। वर्ष 2000 में रजनीकांत ने अपने गुरु परमहंस योगानंद पर ‘बाबा’ फिल्म बनाई। इसके बाद 2002 में पहली बार रजनीकांत उत्तराखंड के योगदा आश्रम पहुंचे थे। उन्होंने आश्रम के तत्कालीन संचालक स्वामी नित्यानंद गिरि महाराज से मुलाकात की। वहां उन्हें क्रिया योग की दीक्षा प्रदान की गई। तब से उनका करियर सुधर गया।

इसके बाद से आध्यात्मिक शांति के लिए रजनीकांत अक्सर योगदा सत्संग के आश्रमों में आते रहते हैं। रजनीकांत कई बार कह चुके हैं कि अध्यात्म और क्रिया उनके जीवन की सफलता में बड़ा रोल अदा कर रहे हैं।

इन दिनों रजनीकांत जेलर फिल्म को लेकर फिर चर्चा के केंद्र में हैं। यह फिल्म देश-दुनिया में धूम मचा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उनकी फिल्म जेलर रिलीज होने के सातवें दिन तक भारत में 200 करोड़ से अधिक और दुनिया में 400 करोड़ की कमाई की है।

–आईएएनएस

एसएनसी/एसकेपी

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रांची, 17 अगस्त (आईएएनएस)। साउथ के सुपर स्टार रजनीकांत अपनी फिल्म जेलर की अपार सफलता के बाद अपने आध्यात्मिक गुरु की धरती को नमन करने रांची पहुंचे। रजनीकांत की गुरु परमहंस योगानंद पर गहरी आस्था है। उन्होंने रांची में योगदा आश्रम की स्थापना की थी। यहां योगदा सत्संग सोसायटी का मुख्यालय भी है।

रजनीकांत ने मंगलवार शाम को रांची में झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से राजभवन में मुलाकात की। राज्यपाल ने गुरुवार को सोशल मीडिया एक्स पर अपने हैंडल के जरिए उनसे मुलाकात की तस्वीरें शेयर की हैं।

राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने लिखा, “अपने मित्र, भारत के महान अभिनेताओं में से एक तथा एक शानदार इंसान रजनीकांत से मिलकर आह्लादित हूं। राजभवन में उनसे सद्भावना मुलाकात हुई। झारखंड की धरती पर उनका स्वागत है।”

रजनीकांत के रांची आने की जानकारी बेहद गोपनीय रही। राज्यपाल ने जब तस्वीरें ट्वीट कीं, तब लोगों को इसका पता चला।

रजनीकांत का रांची से पुराना रिश्ता रहा है। वे यहां आध्यात्मिक साधना और प्रार्थना के लिए अक्सर गुप्त तरीके से आते रहे हैं। रांची में योगदा सत्संग आश्रम का मुख्यालय है और वे यहां प्रायः आते रहे हैं।

रजनीकांत योगदा सत्संग के स्थायी सदस्य हैं।

बताते हैं कि वर्ष 1990 के बाद जब रजनीकांत की फिल्में फ्लॉप होने लगीं तो वह निराश होने लगे थे। इसी बीच 1998 में रजनीकांत को स्वामी परमहंस योगानंद की किताब ‘ऑटोबायॉग्रफी ऑफ अ योगी’ पढ़ने को मिली।

इस किताब से वह इतना प्रभावित हुए कि उन्होंने भी योगदा आश्रम में क्रिया योग की दीक्षा लेने की ठान ली। साथ ही परमहंस को अपना गुरु मान लिया।

परमहंस योगानंद ने रांची में योगदा सत्संग का सबसे पहला मठ स्थापित किया था। वर्ष 2000 में रजनीकांत ने अपने गुरु परमहंस योगानंद पर ‘बाबा’ फिल्म बनाई। इसके बाद 2002 में पहली बार रजनीकांत उत्तराखंड के योगदा आश्रम पहुंचे थे। उन्होंने आश्रम के तत्कालीन संचालक स्वामी नित्यानंद गिरि महाराज से मुलाकात की। वहां उन्हें क्रिया योग की दीक्षा प्रदान की गई। तब से उनका करियर सुधर गया।

इसके बाद से आध्यात्मिक शांति के लिए रजनीकांत अक्सर योगदा सत्संग के आश्रमों में आते रहते हैं। रजनीकांत कई बार कह चुके हैं कि अध्यात्म और क्रिया उनके जीवन की सफलता में बड़ा रोल अदा कर रहे हैं।

इन दिनों रजनीकांत जेलर फिल्म को लेकर फिर चर्चा के केंद्र में हैं। यह फिल्म देश-दुनिया में धूम मचा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उनकी फिल्म जेलर रिलीज होने के सातवें दिन तक भारत में 200 करोड़ से अधिक और दुनिया में 400 करोड़ की कमाई की है।

–आईएएनएस

एसएनसी/एसकेपी

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रांची, 17 अगस्त (आईएएनएस)। साउथ के सुपर स्टार रजनीकांत अपनी फिल्म जेलर की अपार सफलता के बाद अपने आध्यात्मिक गुरु की धरती को नमन करने रांची पहुंचे। रजनीकांत की गुरु परमहंस योगानंद पर गहरी आस्था है। उन्होंने रांची में योगदा आश्रम की स्थापना की थी। यहां योगदा सत्संग सोसायटी का मुख्यालय भी है।

रजनीकांत ने मंगलवार शाम को रांची में झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से राजभवन में मुलाकात की। राज्यपाल ने गुरुवार को सोशल मीडिया एक्स पर अपने हैंडल के जरिए उनसे मुलाकात की तस्वीरें शेयर की हैं।

राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने लिखा, “अपने मित्र, भारत के महान अभिनेताओं में से एक तथा एक शानदार इंसान रजनीकांत से मिलकर आह्लादित हूं। राजभवन में उनसे सद्भावना मुलाकात हुई। झारखंड की धरती पर उनका स्वागत है।”

रजनीकांत के रांची आने की जानकारी बेहद गोपनीय रही। राज्यपाल ने जब तस्वीरें ट्वीट कीं, तब लोगों को इसका पता चला।

रजनीकांत का रांची से पुराना रिश्ता रहा है। वे यहां आध्यात्मिक साधना और प्रार्थना के लिए अक्सर गुप्त तरीके से आते रहे हैं। रांची में योगदा सत्संग आश्रम का मुख्यालय है और वे यहां प्रायः आते रहे हैं।

रजनीकांत योगदा सत्संग के स्थायी सदस्य हैं।

बताते हैं कि वर्ष 1990 के बाद जब रजनीकांत की फिल्में फ्लॉप होने लगीं तो वह निराश होने लगे थे। इसी बीच 1998 में रजनीकांत को स्वामी परमहंस योगानंद की किताब ‘ऑटोबायॉग्रफी ऑफ अ योगी’ पढ़ने को मिली।

इस किताब से वह इतना प्रभावित हुए कि उन्होंने भी योगदा आश्रम में क्रिया योग की दीक्षा लेने की ठान ली। साथ ही परमहंस को अपना गुरु मान लिया।

परमहंस योगानंद ने रांची में योगदा सत्संग का सबसे पहला मठ स्थापित किया था। वर्ष 2000 में रजनीकांत ने अपने गुरु परमहंस योगानंद पर ‘बाबा’ फिल्म बनाई। इसके बाद 2002 में पहली बार रजनीकांत उत्तराखंड के योगदा आश्रम पहुंचे थे। उन्होंने आश्रम के तत्कालीन संचालक स्वामी नित्यानंद गिरि महाराज से मुलाकात की। वहां उन्हें क्रिया योग की दीक्षा प्रदान की गई। तब से उनका करियर सुधर गया।

इसके बाद से आध्यात्मिक शांति के लिए रजनीकांत अक्सर योगदा सत्संग के आश्रमों में आते रहते हैं। रजनीकांत कई बार कह चुके हैं कि अध्यात्म और क्रिया उनके जीवन की सफलता में बड़ा रोल अदा कर रहे हैं।

इन दिनों रजनीकांत जेलर फिल्म को लेकर फिर चर्चा के केंद्र में हैं। यह फिल्म देश-दुनिया में धूम मचा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उनकी फिल्म जेलर रिलीज होने के सातवें दिन तक भारत में 200 करोड़ से अधिक और दुनिया में 400 करोड़ की कमाई की है।

–आईएएनएस

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रांची, 17 अगस्त (आईएएनएस)। साउथ के सुपर स्टार रजनीकांत अपनी फिल्म जेलर की अपार सफलता के बाद अपने आध्यात्मिक गुरु की धरती को नमन करने रांची पहुंचे। रजनीकांत की गुरु परमहंस योगानंद पर गहरी आस्था है। उन्होंने रांची में योगदा आश्रम की स्थापना की थी। यहां योगदा सत्संग सोसायटी का मुख्यालय भी है।

रजनीकांत ने मंगलवार शाम को रांची में झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से राजभवन में मुलाकात की। राज्यपाल ने गुरुवार को सोशल मीडिया एक्स पर अपने हैंडल के जरिए उनसे मुलाकात की तस्वीरें शेयर की हैं।

राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने लिखा, “अपने मित्र, भारत के महान अभिनेताओं में से एक तथा एक शानदार इंसान रजनीकांत से मिलकर आह्लादित हूं। राजभवन में उनसे सद्भावना मुलाकात हुई। झारखंड की धरती पर उनका स्वागत है।”

रजनीकांत के रांची आने की जानकारी बेहद गोपनीय रही। राज्यपाल ने जब तस्वीरें ट्वीट कीं, तब लोगों को इसका पता चला।

रजनीकांत का रांची से पुराना रिश्ता रहा है। वे यहां आध्यात्मिक साधना और प्रार्थना के लिए अक्सर गुप्त तरीके से आते रहे हैं। रांची में योगदा सत्संग आश्रम का मुख्यालय है और वे यहां प्रायः आते रहे हैं।

रजनीकांत योगदा सत्संग के स्थायी सदस्य हैं।

बताते हैं कि वर्ष 1990 के बाद जब रजनीकांत की फिल्में फ्लॉप होने लगीं तो वह निराश होने लगे थे। इसी बीच 1998 में रजनीकांत को स्वामी परमहंस योगानंद की किताब ‘ऑटोबायॉग्रफी ऑफ अ योगी’ पढ़ने को मिली।

इस किताब से वह इतना प्रभावित हुए कि उन्होंने भी योगदा आश्रम में क्रिया योग की दीक्षा लेने की ठान ली। साथ ही परमहंस को अपना गुरु मान लिया।

परमहंस योगानंद ने रांची में योगदा सत्संग का सबसे पहला मठ स्थापित किया था। वर्ष 2000 में रजनीकांत ने अपने गुरु परमहंस योगानंद पर ‘बाबा’ फिल्म बनाई। इसके बाद 2002 में पहली बार रजनीकांत उत्तराखंड के योगदा आश्रम पहुंचे थे। उन्होंने आश्रम के तत्कालीन संचालक स्वामी नित्यानंद गिरि महाराज से मुलाकात की। वहां उन्हें क्रिया योग की दीक्षा प्रदान की गई। तब से उनका करियर सुधर गया।

इसके बाद से आध्यात्मिक शांति के लिए रजनीकांत अक्सर योगदा सत्संग के आश्रमों में आते रहते हैं। रजनीकांत कई बार कह चुके हैं कि अध्यात्म और क्रिया उनके जीवन की सफलता में बड़ा रोल अदा कर रहे हैं।

इन दिनों रजनीकांत जेलर फिल्म को लेकर फिर चर्चा के केंद्र में हैं। यह फिल्म देश-दुनिया में धूम मचा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उनकी फिल्म जेलर रिलीज होने के सातवें दिन तक भारत में 200 करोड़ से अधिक और दुनिया में 400 करोड़ की कमाई की है।

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रांची, 17 अगस्त (आईएएनएस)। साउथ के सुपर स्टार रजनीकांत अपनी फिल्म जेलर की अपार सफलता के बाद अपने आध्यात्मिक गुरु की धरती को नमन करने रांची पहुंचे। रजनीकांत की गुरु परमहंस योगानंद पर गहरी आस्था है। उन्होंने रांची में योगदा आश्रम की स्थापना की थी। यहां योगदा सत्संग सोसायटी का मुख्यालय भी है।

रजनीकांत ने मंगलवार शाम को रांची में झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से राजभवन में मुलाकात की। राज्यपाल ने गुरुवार को सोशल मीडिया एक्स पर अपने हैंडल के जरिए उनसे मुलाकात की तस्वीरें शेयर की हैं।

राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने लिखा, “अपने मित्र, भारत के महान अभिनेताओं में से एक तथा एक शानदार इंसान रजनीकांत से मिलकर आह्लादित हूं। राजभवन में उनसे सद्भावना मुलाकात हुई। झारखंड की धरती पर उनका स्वागत है।”

रजनीकांत के रांची आने की जानकारी बेहद गोपनीय रही। राज्यपाल ने जब तस्वीरें ट्वीट कीं, तब लोगों को इसका पता चला।

रजनीकांत का रांची से पुराना रिश्ता रहा है। वे यहां आध्यात्मिक साधना और प्रार्थना के लिए अक्सर गुप्त तरीके से आते रहे हैं। रांची में योगदा सत्संग आश्रम का मुख्यालय है और वे यहां प्रायः आते रहे हैं।

रजनीकांत योगदा सत्संग के स्थायी सदस्य हैं।

बताते हैं कि वर्ष 1990 के बाद जब रजनीकांत की फिल्में फ्लॉप होने लगीं तो वह निराश होने लगे थे। इसी बीच 1998 में रजनीकांत को स्वामी परमहंस योगानंद की किताब ‘ऑटोबायॉग्रफी ऑफ अ योगी’ पढ़ने को मिली।

इस किताब से वह इतना प्रभावित हुए कि उन्होंने भी योगदा आश्रम में क्रिया योग की दीक्षा लेने की ठान ली। साथ ही परमहंस को अपना गुरु मान लिया।

परमहंस योगानंद ने रांची में योगदा सत्संग का सबसे पहला मठ स्थापित किया था। वर्ष 2000 में रजनीकांत ने अपने गुरु परमहंस योगानंद पर ‘बाबा’ फिल्म बनाई। इसके बाद 2002 में पहली बार रजनीकांत उत्तराखंड के योगदा आश्रम पहुंचे थे। उन्होंने आश्रम के तत्कालीन संचालक स्वामी नित्यानंद गिरि महाराज से मुलाकात की। वहां उन्हें क्रिया योग की दीक्षा प्रदान की गई। तब से उनका करियर सुधर गया।

इसके बाद से आध्यात्मिक शांति के लिए रजनीकांत अक्सर योगदा सत्संग के आश्रमों में आते रहते हैं। रजनीकांत कई बार कह चुके हैं कि अध्यात्म और क्रिया उनके जीवन की सफलता में बड़ा रोल अदा कर रहे हैं।

इन दिनों रजनीकांत जेलर फिल्म को लेकर फिर चर्चा के केंद्र में हैं। यह फिल्म देश-दुनिया में धूम मचा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उनकी फिल्म जेलर रिलीज होने के सातवें दिन तक भारत में 200 करोड़ से अधिक और दुनिया में 400 करोड़ की कमाई की है।

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रजनीकांत ने मंगलवार शाम को रांची में झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से राजभवन में मुलाकात की। राज्यपाल ने गुरुवार को सोशल मीडिया एक्स पर अपने हैंडल के जरिए उनसे मुलाकात की तस्वीरें शेयर की हैं।

राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने लिखा, “अपने मित्र, भारत के महान अभिनेताओं में से एक तथा एक शानदार इंसान रजनीकांत से मिलकर आह्लादित हूं। राजभवन में उनसे सद्भावना मुलाकात हुई। झारखंड की धरती पर उनका स्वागत है।”

रजनीकांत के रांची आने की जानकारी बेहद गोपनीय रही। राज्यपाल ने जब तस्वीरें ट्वीट कीं, तब लोगों को इसका पता चला।

रजनीकांत का रांची से पुराना रिश्ता रहा है। वे यहां आध्यात्मिक साधना और प्रार्थना के लिए अक्सर गुप्त तरीके से आते रहे हैं। रांची में योगदा सत्संग आश्रम का मुख्यालय है और वे यहां प्रायः आते रहे हैं।

रजनीकांत योगदा सत्संग के स्थायी सदस्य हैं।

बताते हैं कि वर्ष 1990 के बाद जब रजनीकांत की फिल्में फ्लॉप होने लगीं तो वह निराश होने लगे थे। इसी बीच 1998 में रजनीकांत को स्वामी परमहंस योगानंद की किताब ‘ऑटोबायॉग्रफी ऑफ अ योगी’ पढ़ने को मिली।

इस किताब से वह इतना प्रभावित हुए कि उन्होंने भी योगदा आश्रम में क्रिया योग की दीक्षा लेने की ठान ली। साथ ही परमहंस को अपना गुरु मान लिया।

परमहंस योगानंद ने रांची में योगदा सत्संग का सबसे पहला मठ स्थापित किया था। वर्ष 2000 में रजनीकांत ने अपने गुरु परमहंस योगानंद पर ‘बाबा’ फिल्म बनाई। इसके बाद 2002 में पहली बार रजनीकांत उत्तराखंड के योगदा आश्रम पहुंचे थे। उन्होंने आश्रम के तत्कालीन संचालक स्वामी नित्यानंद गिरि महाराज से मुलाकात की। वहां उन्हें क्रिया योग की दीक्षा प्रदान की गई। तब से उनका करियर सुधर गया।

इसके बाद से आध्यात्मिक शांति के लिए रजनीकांत अक्सर योगदा सत्संग के आश्रमों में आते रहते हैं। रजनीकांत कई बार कह चुके हैं कि अध्यात्म और क्रिया उनके जीवन की सफलता में बड़ा रोल अदा कर रहे हैं।

इन दिनों रजनीकांत जेलर फिल्म को लेकर फिर चर्चा के केंद्र में हैं। यह फिल्म देश-दुनिया में धूम मचा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उनकी फिल्म जेलर रिलीज होने के सातवें दिन तक भारत में 200 करोड़ से अधिक और दुनिया में 400 करोड़ की कमाई की है।

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रजनीकांत ने मंगलवार शाम को रांची में झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से राजभवन में मुलाकात की। राज्यपाल ने गुरुवार को सोशल मीडिया एक्स पर अपने हैंडल के जरिए उनसे मुलाकात की तस्वीरें शेयर की हैं।

राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने लिखा, “अपने मित्र, भारत के महान अभिनेताओं में से एक तथा एक शानदार इंसान रजनीकांत से मिलकर आह्लादित हूं। राजभवन में उनसे सद्भावना मुलाकात हुई। झारखंड की धरती पर उनका स्वागत है।”

रजनीकांत के रांची आने की जानकारी बेहद गोपनीय रही। राज्यपाल ने जब तस्वीरें ट्वीट कीं, तब लोगों को इसका पता चला।

रजनीकांत का रांची से पुराना रिश्ता रहा है। वे यहां आध्यात्मिक साधना और प्रार्थना के लिए अक्सर गुप्त तरीके से आते रहे हैं। रांची में योगदा सत्संग आश्रम का मुख्यालय है और वे यहां प्रायः आते रहे हैं।

रजनीकांत योगदा सत्संग के स्थायी सदस्य हैं।

बताते हैं कि वर्ष 1990 के बाद जब रजनीकांत की फिल्में फ्लॉप होने लगीं तो वह निराश होने लगे थे। इसी बीच 1998 में रजनीकांत को स्वामी परमहंस योगानंद की किताब ‘ऑटोबायॉग्रफी ऑफ अ योगी’ पढ़ने को मिली।

इस किताब से वह इतना प्रभावित हुए कि उन्होंने भी योगदा आश्रम में क्रिया योग की दीक्षा लेने की ठान ली। साथ ही परमहंस को अपना गुरु मान लिया।

परमहंस योगानंद ने रांची में योगदा सत्संग का सबसे पहला मठ स्थापित किया था। वर्ष 2000 में रजनीकांत ने अपने गुरु परमहंस योगानंद पर ‘बाबा’ फिल्म बनाई। इसके बाद 2002 में पहली बार रजनीकांत उत्तराखंड के योगदा आश्रम पहुंचे थे। उन्होंने आश्रम के तत्कालीन संचालक स्वामी नित्यानंद गिरि महाराज से मुलाकात की। वहां उन्हें क्रिया योग की दीक्षा प्रदान की गई। तब से उनका करियर सुधर गया।

इसके बाद से आध्यात्मिक शांति के लिए रजनीकांत अक्सर योगदा सत्संग के आश्रमों में आते रहते हैं। रजनीकांत कई बार कह चुके हैं कि अध्यात्म और क्रिया उनके जीवन की सफलता में बड़ा रोल अदा कर रहे हैं।

इन दिनों रजनीकांत जेलर फिल्म को लेकर फिर चर्चा के केंद्र में हैं। यह फिल्म देश-दुनिया में धूम मचा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उनकी फिल्म जेलर रिलीज होने के सातवें दिन तक भारत में 200 करोड़ से अधिक और दुनिया में 400 करोड़ की कमाई की है।

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रजनीकांत ने मंगलवार शाम को रांची में झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से राजभवन में मुलाकात की। राज्यपाल ने गुरुवार को सोशल मीडिया एक्स पर अपने हैंडल के जरिए उनसे मुलाकात की तस्वीरें शेयर की हैं।

राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने लिखा, “अपने मित्र, भारत के महान अभिनेताओं में से एक तथा एक शानदार इंसान रजनीकांत से मिलकर आह्लादित हूं। राजभवन में उनसे सद्भावना मुलाकात हुई। झारखंड की धरती पर उनका स्वागत है।”

रजनीकांत के रांची आने की जानकारी बेहद गोपनीय रही। राज्यपाल ने जब तस्वीरें ट्वीट कीं, तब लोगों को इसका पता चला।

रजनीकांत का रांची से पुराना रिश्ता रहा है। वे यहां आध्यात्मिक साधना और प्रार्थना के लिए अक्सर गुप्त तरीके से आते रहे हैं। रांची में योगदा सत्संग आश्रम का मुख्यालय है और वे यहां प्रायः आते रहे हैं।

रजनीकांत योगदा सत्संग के स्थायी सदस्य हैं।

बताते हैं कि वर्ष 1990 के बाद जब रजनीकांत की फिल्में फ्लॉप होने लगीं तो वह निराश होने लगे थे। इसी बीच 1998 में रजनीकांत को स्वामी परमहंस योगानंद की किताब ‘ऑटोबायॉग्रफी ऑफ अ योगी’ पढ़ने को मिली।

इस किताब से वह इतना प्रभावित हुए कि उन्होंने भी योगदा आश्रम में क्रिया योग की दीक्षा लेने की ठान ली। साथ ही परमहंस को अपना गुरु मान लिया।

परमहंस योगानंद ने रांची में योगदा सत्संग का सबसे पहला मठ स्थापित किया था। वर्ष 2000 में रजनीकांत ने अपने गुरु परमहंस योगानंद पर ‘बाबा’ फिल्म बनाई। इसके बाद 2002 में पहली बार रजनीकांत उत्तराखंड के योगदा आश्रम पहुंचे थे। उन्होंने आश्रम के तत्कालीन संचालक स्वामी नित्यानंद गिरि महाराज से मुलाकात की। वहां उन्हें क्रिया योग की दीक्षा प्रदान की गई। तब से उनका करियर सुधर गया।

इसके बाद से आध्यात्मिक शांति के लिए रजनीकांत अक्सर योगदा सत्संग के आश्रमों में आते रहते हैं। रजनीकांत कई बार कह चुके हैं कि अध्यात्म और क्रिया उनके जीवन की सफलता में बड़ा रोल अदा कर रहे हैं।

इन दिनों रजनीकांत जेलर फिल्म को लेकर फिर चर्चा के केंद्र में हैं। यह फिल्म देश-दुनिया में धूम मचा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उनकी फिल्म जेलर रिलीज होने के सातवें दिन तक भारत में 200 करोड़ से अधिक और दुनिया में 400 करोड़ की कमाई की है।

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