लखनऊ, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)। योगी सरकार प्रदेश के किसानों की आय, कृषि उत्पादकता एवं कृषि से जुड़े उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए ‘यूपी एग्रीज परियोजना’ के तहत जेवर एयरपोर्ट के पास एक्सपोर्ट हब की स्थापना करने जा रही है। इसे विश्व बैंक की मदद से धरातल पर उतारा जाएगा। इसके अलावा विश्व स्तर पर दो से तीन उपज का बड़े पैमाने पर निर्यात करने के लिए कृषि एसईजेड (स्पेशल इकॉनमिक जोन) की स्थापना की जाएगी। साथ ही, दो से तीन विश्व स्तरीय हैचरी भी स्थापित होगी।
सीएम योगी ने यूपी एग्रीज योजना के तहत किसानों को कृषि क्षेत्र में ऋण को बढ़ावा देने के लिए व्यापक इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं। योगी सरकार का यह प्रयास प्रदेश के कृषि सेक्टर को पूरे देश का पावर हाउस बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के एग्रीकल्चर सेक्टर की तस्वीर बदलने एवं कृषि उत्पादों को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के लिए हाल ही में उत्तर प्रदेश एग्रीकल्चर ग्रोथ एंड रूरल इंटरप्राइजेज इकोसिस्टम स्ट्रेंथनिंग (यूपी एग्रीज) परियोजना को हरी झंडी दी है। इसके तहत कृषि उत्पाद को बढ़ावा देने के लिए जेवर एयरपोर्ट के पास एक्सपोर्ट हब की स्थापना की जाएगी। इसके जरिए, हाई वैल्यू कृषि उत्पाद जैसे मूंगफली, सब्जी, काला नमक चावल, तिल आदि को विदेशों में एक्सपोर्ट किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि मीट, बासमती चावल, फल-सब्जियां और खाद्य प्रसंस्करण सेक्टर से जुड़े विभिन्न प्रकार के प्रोडक्ट्स का एक्सपोर्ट उत्तर प्रदेश बड़े स्तर पर करता है। ऐसे में, कृषि उत्पादों के जरिए एक्सपोर्ट की प्रक्रिया को बढ़ाया जाएगा। इसके लिए यहां 30,750 क्लस्टर फार्मर्स ग्रुप को विकसित किया जाएगा। वहीं, एक्सपोटर्स के लिए कॉमन फैसिलिटी सेंटर की स्थापना की जाएगी।
यूपी एग्रीज परियोजना के तहत प्रदेश के कृषि उत्पाद की दो से तीन उपज को बड़े पैमाने पर निर्यात करने के लिए कृषि (स्पेशल इकोनॉमी जोन) एसईजेड की स्थापना की जाएगी, जो फॉरवर्ड लिंकेज और निर्यात बाजारों के बड़े हिस्से पर कब्जा करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे। इन्हें प्रदेश के 11 जिलों में विकसित किया जाएगा। इनमें काला नमक चावल के लिए सिद्धार्थनगर और गोरखपुर में एसईजेड की स्थापना की जाएगी।
मूंगफली के लिए झांसी, उरद के लिए ललितपुर, सब्जियों के लिए जौनपुर, भदोही, बनारस, गाजीपुर और बलिया में एसईजेड की स्थापना की जाएगी। परियोजना के तहत अगले पांच वर्षों में प्रदेश की प्रमुख फसलों की उत्पादकता में 30 से 50 प्रतिशत की वृद्धि के लिए व्यापक कदम उठाए जाएंगे। इससे किसानों की आय में कम से कम 25 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी होगी।
इसके अलावा, जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए एक विश्व स्तरीय कार्बन क्रेडिट मार्केट की स्थापना की जाएगी। प्रदेश के अन्नदाताओं को मौसम की सटीक सूचना देने के लिए स्थानीय मौसम स्टेशन को स्थापित किया जाएगा। इसी तरह मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए दो से तीन विश्व स्तरीय हैचरी की स्थापना की जाएगी।
–आईएएनएस
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