जयपुर, 24 मई (आईएएनएस)। राजस्थान के जैसलमेर के मूल सागर गांव में सरकारी जमीन से विस्थापित हुए पाकिस्तान के हिंदू प्रवासियों को अब 40 बीघा जमीन मिलेगी।
जिला प्रशासन ने यह घोषणा की है।
कुछ पाकिस्तानी प्रवासी अपने रिश्तेदारों के साथ सरकारी जमीन पर बने अस्थायी घरों में रह रहे थे, जिन्हें हाल ही में हटा दिया गया। भाजपा के साथ-साथ कांग्रेस के नेताओं ने भी इस कदम का विरोध किया।
इसके बाद जिलाधिकारी टीना डाबी ने इन प्रवासियों के लिए 40 बीघा सरकारी जमीन आवंटित करने का फैसला किया। हालांकि, यह जमीन केवल भारतीय नागरिकता वालों को ही मिलेगी।
पार्टियों के नेताओं द्वारा उन्हें हटाने पर आपत्ति जताए जाने के बाद कलेक्टर ने उनके लिए मुफ्त में भोजन, पानी और आवास की व्यवस्था की।
ये शरणार्थी अभी रैन बसेरा में रह रहे हैं। उनके लिए भोजन की व्यवस्था इंदिरा रसोई में जिला प्रशासन द्वारा की गई है। सभी 50 परिवार इस समय रैन बसेरा में बसे हुए हैं।
मूल सागर में नगरीय सुधार न्यास (यूआईटी) द्वारा भूमि आवंटन के बाद अब बहुत जल्द ये प्रवासी नए स्थान पर जाकर झोपड़ी बनाएंगे।
नगर विकास न्यास के सचिव जगदीश आशिया ने बताया कि कलेक्टर टीना डाबी के आदेश पर पाक शरणार्थियों के लिए जगह चिन्हित कर सात दिन में वहीं बसाने के निर्देश दिए। उनकी देखरेख में पाक शरणार्थियों को साथ लेकर एक कमेटी का गठन किया गया। इसके बाद गांव में करीब 40 बीघा जमीन उनके लिए आरक्षित कर दी गई।
यूआईटी अधिकारी ने बताया कि करीब 40 बीघा जमीन पर 250 परिवारों को बसाने की योजना है। जिन लोगों को भारतीय नागरिकता मिली है, उन्हें यूआईटी लीज पर देगी। वहीं जिन लोगों को अभी तक नागरिकता नहीं मिली है, उनका रिकॉर्ड इसी जगह पर रखा जाएगा और उनकी नागरिकता के लिए प्रयास किए जाएंगे। नागरिकता मिलते ही उन्हें जमीन के पट्टे भी दे दिए जाएंगे। फिलहाल ये 50 परिवार नए स्थान पर अपना घर बना सकेंगे।
–आईएएनएस
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