चमोली, 6 अप्रैल (आईएएनएस)। जोशीमठ में दरार और भू धंसाव को लेकर दहशत अभी भी बरकरार है। इसके अलावा दरारें भी लगातार चौड़ी हो रही हैं। 22 अप्रैल से चारधाम यात्रा शुरू हो रही है। जहां 22अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलेंगे, तो वही 25 अप्रैल को केदारनाथ धाम के और 27 अप्रैल से बदरीनाथ धाम की यात्रा शुरू होगी। तो 20 मई से हेमकुंड साहिब की यात्रा भी शुरू होनी है।
ऐसे में यह यात्रा दरारग्रस्त जोशीमठ से होकर गुजरेगी। जिसे लेकर शासन प्रशासन की ओर से तमाम व्यवस्थाएं की जा रही हैं।दूसरी तरफ जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति का धरना प्रदर्शन जारी है। अब उन्होंने चक्का जाम करने की चेतावनी भी दी है। जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के चक्का जाम के ऐलान से शासन प्रशासन में हड़कंप मच गया है। समिति से जुड़े लोगों ने 27 अप्रैल तक स्थायी विस्थापन और पुनर्वास की मांग पूरी न होने पर चक्का जाम करने की चेतावनी दी है। साथ ही बदरीनाथ यात्रा को रोकने की बात कही है। इससे तीर्थ यात्रियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति से जुड़े लोगों ने प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर ऐलान किया है कि आगामी 27 अप्रैल से पहले अगर उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया, तो वो जोशीमठ में चक्का जाम करेंगे। आगामी 27 अप्रैल को भगवान बदरी विशाल के कपाट भी खुलने हैं। ऐसे में अगर जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति जोशीमठ में चक्का जाम करती है, तो यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के इस ऐलान के बाद प्रशासन के हाथ पांव फूल गए हैं। चारधाम यात्रा को सुगम और सरल बनाने के लिए जहां सरकार ने कमर कसी हुई है तो वहीं स्थायी विस्थापन और पुनर्वास की मांग को लेकर जोशीमठ तहसील में धरने पर बैठे लोगों का सब्र भी जवाब देने लगा है। जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष अतुल सती का कहना है उन्होंने प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर चेतावनी दी है कि अगर 27 अप्रैल तक जोशीमठ आपदा प्रभावितों की मांगों पर कार्रवाई नहीं की गई तो वो 27 अप्रैल को जोशीमठ में बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम कर देंगे।
–आईएएनएस
स्मिता/एएनएम