चेन्नई, 3 अप्रैल (आईएएनएस)। वैश्विक प्रौद्योगिकी कंपनी जोहो के सीईओ और सह-संस्थापक श्रीधर वेम्बु ने सोमवार को भविष्य के कार्यबल के संबंध में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के संभावित प्रभाव पर अपनी चिंता जताते हुए कहा कि एआई कई प्रोग्रामिंग नौकरियों के लिए एक गंभीर खतरा है।
वेम्बू ने चैटजीपीटी और अन्य संवादी एआई प्लेटफॉर्मो का उल्लेख करते हुए कहा कि वह पिछले 4-5 वर्षो से आंतरिक रूप से कह रहे हैं कि चैटजीपीटी, जीपीटी4 और अन्य एआई बनाए जा रहे हैं जो पहले कई प्रोग्रामरों की नौकरियों को प्रभावित करेंगे।
हालांकि एआई के सकारात्मक उपयोग हैं। उनका मानना है कि इस तकनीक की जटिलता और गहराई एक चिंता का विषय है।
वेम्बू ने हाल ही में अपने अकाउंट से ट्वीट किया था, जिसमें एआई द्वारा लाए जा सकने वाले आर्थिक परिणामों का उल्लेख किया गया था।
उन्होंने पोस्ट किया, मैं खुद तकनीक पर नहीं, बल्कि आर्थिक परिणामों पर ध्यान केंद्रित करूंगा। सबसे पहले, अगर एआई को सभी नौकरियों को खत्म करना है, तो इसका मतलब है कि एआई मानव श्रम के बिना हमारी जरूरत की सभी वस्तुओं और सेवाओं का उत्पादन करने में सक्षम है।
उन्होंने यहां एक प्रेस वार्ता के दौरान कहा, नौकरियां कहां से आएंगी? ऐसी दुनिया में जहां एआई ने सामान और सेवाएं मुफ्त कर दी हैं, बेहतर सवाल यह है कि इंसान क्या करेगा?
टेक अरबपति एलन मस्क और अन्य शीर्ष उद्यमियों और शोधकर्ताओं द्वारा कम से कम छह महीने के लिए एआई प्रयोगों को रोकने के खिलाफ की गई एक वैश्विक पहल का उल्लेख करते हुए जोहो के सीईओ ने कहा कि उन्होंने और दो अन्य उद्योग के नेताओं ने भी केंद्र सरकार को एक खुला पत्र लिखा था, जिसमें देश में एआई नीति की मांग की गई थी।
हालांकि, उन्होंने उद्योग के अन्य नेताओं के नामों का उल्लेख नहीं किया।
–आईएएनएस
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