नई दिल्ली, 22 अक्टूबर (आईएएनएस)। भाजपा की राष्ट्रीय प्रवक्ता शाजिया इल्मी ने मंगलवार को आईएएनएस से खास बातचीत की। इस दौरान इन्होंने भोपाल में मंदिरों से लाउडस्पीकर हटाने और दिल्ली में संविदा से हटाए गए कर्मचारियों को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी।
मध्य प्रदेश के भोपाल में ध्वनि प्रदूषण को देखते हुए मंदिरों से लाउडस्पीकर हटाने के आदेश को लेकर शाजिया इल्मी ने कहा कि मैं देश के संविधान पर यकीन करती हूं। जो भी कानून कहता है, उसका पालन सबको करना चाहिए। कानून कभी किसी मंदिर और मस्जिद में भेदभाव नहीं करता है। ऐसे में जो कानून है, वो सबके लिए समान होना चाहिए, चाहे वो मस्जिद हो या मंदिर।
उन्होंने कहा कि इसको एक मजहबी समस्या के तौर पर देखने और संवेदनशील होने के बजाय इसके कानूनी पहलू को देखना चाहिए। लोगों के लिए क्या जरूरी है, इसको ध्यान में रखकर मिलजुल कर इसका समाधान निकालना चाहिए। इसके ध्रुवीकरण का मुद्दा नहीं बनाना चाहिए।
दिल्ली में संविदा पर काम कर रहे कर्मचारियों को उपराज्यपाल ने हटाने का फैसला किया है। इसको लेकर शाजिया इल्मी ने कहा कि कर्मचारियों के होने का क्या औचित्य था? इनको किस आधार पर लाया गया था? वो सिर्फ सिफारिश पर थे, उनको पैसे दिए जा रहे थे, जो सरकार दे रही थी। शाजिया इल्मी ने सवाल उठाते हुए कहा कि उन कर्मचारियों को किस आधार पर चुना गया था? लोगों के टैक्स के पैसे का गलत तरीके से इस्तेमाल किया जा रहा था।
दिल्ली में प्रदूषण को लेकर ‘आप’ नेताओं की तरफ से पड़ोसी राज्यों पर आरोप लगाने से सवाल पर उन्होंने कहा दिल्ली सरकार का काम एक-दूसरे पर आरोप लगाने का है। वो काम को नहीं करना चाहते। दिल्ली सरकार में पर्यावरण मंत्रालय किसके पास है, यह विभाग को किसको दिया गया है? दिल्ली का परिवहन विभाग किसके पास है, इस विभाग का मंत्री कौन है? ये दोनों विभाग आम आदमी पार्टी के पास है, लेकिन वो किसी और पर आरोप लगा रहे हैं।
–आईएएनएस
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