नई दिल्ली, 23 अप्रैल (आईएएनएस)। भारत में करीब 54 प्रतिशत कर्मचारी अगले पांच साल के भीतर अपनी भूमिकाओं में बड़े बदलाव की अपेक्षा करते हैं, जिनमें से 95 प्रतिशत ने इन परिवर्तनों को अपनाने की अपनी क्षमता पर विश्वास व्यक्त किया है।
ग्लोबल मैचिंग एंड हायरिंग प्लेटफॉर्म इनडीड के अनुसार, भारत प्रौद्योगिकी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के प्रति आशावाद को बढ़ावा देने में सबसे आगे है, जिसमें 75 प्रतिशत लोगों ने तकनीकी प्रगति की परिवर्तनकारी क्षमता में विश्वास व्यक्त किया है।
इनडीड इंडिया के बिक्री प्रमुख शशि कुमार ने कहा, “हमारे निष्कर्ष भारतीय कार्यबल के बीच परिवर्तन और विकास के लिए एक उल्लेखनीय तत्परता को रेखांकित करते हैं। परिवर्तन और निरंतर कौशल विकास पर भारत का सक्रिय रुख न केवल एक बेंचमार्क स्थापित कर रहा है, बल्कि अधिक इनोवेटिव और समावेशी कार्यस्थल की दिशा में एक वैश्विक आंदोलन को भी प्रेरित कर रहा है।”
रिपोर्ट में 30 नवंबर से 21 दिसंबर 2023 तक 11 देशों में 9,592 कर्मचारियों, 4,592 नियोक्ताओं/प्रबंधकों और 2,487 मानव संसाधन निर्णायकों का सर्वे किया गया।
इसके अलावा, रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि प्रौद्योगिकी और एआई के प्रति भारत का जुनून किसी भी अन्य देश जैसे जर्मनी में 41 प्रतिशत और कनाडा में 42 प्रतिशत से अधिक है।
लगभग 44 प्रतिशत का यह भी मानना है कि एआई जितनी नौकरियां खत्म करेगा उससे कहीं ज्यादा नौकरियां पैदा करेगा।
–आईएएनएस
एफजेड/एकेजे
नई दिल्ली, 23 अप्रैल (आईएएनएस)। भारत में करीब 54 प्रतिशत कर्मचारी अगले पांच साल के भीतर अपनी भूमिकाओं में बड़े बदलाव की अपेक्षा करते हैं, जिनमें से 95 प्रतिशत ने इन परिवर्तनों को अपनाने की अपनी क्षमता पर विश्वास व्यक्त किया है।
ग्लोबल मैचिंग एंड हायरिंग प्लेटफॉर्म इनडीड के अनुसार, भारत प्रौद्योगिकी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के प्रति आशावाद को बढ़ावा देने में सबसे आगे है, जिसमें 75 प्रतिशत लोगों ने तकनीकी प्रगति की परिवर्तनकारी क्षमता में विश्वास व्यक्त किया है।
इनडीड इंडिया के बिक्री प्रमुख शशि कुमार ने कहा, “हमारे निष्कर्ष भारतीय कार्यबल के बीच परिवर्तन और विकास के लिए एक उल्लेखनीय तत्परता को रेखांकित करते हैं। परिवर्तन और निरंतर कौशल विकास पर भारत का सक्रिय रुख न केवल एक बेंचमार्क स्थापित कर रहा है, बल्कि अधिक इनोवेटिव और समावेशी कार्यस्थल की दिशा में एक वैश्विक आंदोलन को भी प्रेरित कर रहा है।”
रिपोर्ट में 30 नवंबर से 21 दिसंबर 2023 तक 11 देशों में 9,592 कर्मचारियों, 4,592 नियोक्ताओं/प्रबंधकों और 2,487 मानव संसाधन निर्णायकों का सर्वे किया गया।
इसके अलावा, रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि प्रौद्योगिकी और एआई के प्रति भारत का जुनून किसी भी अन्य देश जैसे जर्मनी में 41 प्रतिशत और कनाडा में 42 प्रतिशत से अधिक है।
लगभग 44 प्रतिशत का यह भी मानना है कि एआई जितनी नौकरियां खत्म करेगा उससे कहीं ज्यादा नौकरियां पैदा करेगा।
–आईएएनएस
एफजेड/एकेजे