रांची, 8 दिसंबर (आईएएनएस)। झारखंड की छठी विधानसभा का पहला सत्र 9 दिसंबर से शुरू हो रहा है। इसे लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
12 दिसंबर तक चलने वाले इस सत्र के पहले दो दिन के कार्यदिवस में नवनिर्वाचित विधायकों का शपथ ग्रहण होगा। इन्हें प्रोटेम स्पीकर स्टीफन मरांडी शपथ दिलाएंगे। दूसरे दिन 10 दिसंबर को विधायकों के शपथ ग्रहण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद विधानसभा के नए अध्यक्ष का चुनाव होगा।
11 दिसंबर को राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार का अभिभाषण होगा। इसके बाद सरकार की ओर से वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर चालू वित्तीय वर्ष के लिए द्वितीय अनुपूरक बजट पेश करेंगे। सत्र के अंतिम कार्यदिवस में 12 दिसंबर को राज्यपाल के अभिभाषण को लेकर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा और अनुपूरक बजट पर वाद-विवाद होगा।
झारखंड की छठी विधानसभा पिछली विधानसभाओं की तुलना में कई मायनों में अलग होगी। इस बार सदन में सदस्यों की संख्या 82 की बजाय 81 होगी। इसकी वजह यह है कि विधानसभा में 82वें विधायक के रूप में एंग्लो इंडियन समुदाय के किसी व्यक्ति को मनोनीत करने की संवैधानिक व्यवस्था अब समाप्त हो गई है। जनवरी, 2020 में संसद में पारित 126वें संविधान संशोधन के जरिए संसद और देश के 13 राज्यों की विधानसभाओं में एंग्लो इंडियन समुदाय के मनोनयन की व्यवस्था समाप्त कर दी गई थी।
यह पहली विधानसभा है, जब सत्ता पक्ष के सदस्यों की संख्या सदन की कुल संख्या की दो तिहाई होगी। इस बार सदन में 20 यानी करीब एक चौथाई विधायक ऐसे होंगे, जो पिछली विधानसभा का हिस्सा नहीं थे। विधानसभा में चार पार्टियों का एकल प्रतिनिधित्व होगा। जदयू, लोजपा (आर), आजसू पार्टी और जेएलकेम के एक-एक विधायक जीतकर सदन में पहुंचे हैं।
विधानसभा के पहले सत्र में नेता प्रतिपक्ष भी संभवतः नहीं होगा, क्योंकि प्रमुख विपक्षी पार्टी भाजपा ने विधायक दल के नेता का चुनाव नहीं किया है। विधानसभा की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस के विधायक भी बगैर नेता के सदन में दिखेंगे, क्योंकि पार्टी के विधायक दल के नेता का चुनाव नहीं हो पाया है।
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