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झारखंड : कुछ सीटों पर बढ़े मुस्लिम वोटर, भाजपा पहुंची चुनाव आयोग

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July 24, 2024
in राष्ट्रीय
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झारखंड : कुछ सीटों पर बढ़े मुस्लिम वोटर, भाजपा पहुंची चुनाव आयोग
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रांची, 24 जुलाई (आईएएनएस)। झारखंड के संथाल परगना एवं अन्य इलाकों में बांग्लादेशी घुसपैठ की वजह से डेमोग्राफी में बदलाव और कई मतदान केंद्रों पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बड़ा मुद्दा बना लिया है।

पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी की अगुवाई में बुधवार को नई दिल्ली में भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त से मुलाकात कर उन्हें इस संबंध में एक ज्ञापन सौंपा और मतदाताओं की संख्या में अचानक से हुई भारी बढ़ोतरी की जांच कराने की मांग की।

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मरांडी ने कहा कि पार्टी ने चुनाव आयोग को 500 पृष्ठों की सर्वे रिपोर्ट सौंपी है, जिसके आंकड़े यह बताते हैं कि सैकड़ों बूथों पर अल्पसंख्यक समुदाय के मतदाताओं की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है और हिंदू बहुल मतदान बूथों पर मतदाताओं की संख्या में कमी हुई है। जिस तरह से मुस्लिम क्षेत्रों में मतदाताओं की संख्या में अप्रत्याशित रूप से वृद्धि हुई है, इसकी जांच होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि आशंका है कि फर्जी दस्तावेज के आधार पर मतदाता बनाए गए हैं। अमूमन पांच वर्षों में मतदाताओं की संख्या में 15 से 20 फीसदी तक वृद्धि होती है, मगर इस बार यह देखा गया है कि कुछ बूथों पर 136 प्रतिशत तक वृद्धि दर्ज हुई है।

भाजपा ने राज्य के 10 विधानसभा क्षेत्र में कराए गए सर्वे के आधार पर ऐसे मतदान केंद्रों की सूची सौंपी है, जहां मतदाताओं की संख्या बेहिसाब बढ़ी है।

रिपोर्ट में जिन विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या में वृद्धि का दावा किया गया है, उसमें राजमहल, बरहेट, पाकुड़, महेशपुर, जामताड़ा, मधुपुर, मझगांव, हटिया, बिशुनपुर और लोहरदगा शामिल हैं।

बताया गया है कि राजमहल के 168 नंबर बूथ पर मतदाताओं की संख्या 20 से 123.74 प्रतिशत तक बढ़ी है। बरहेट विधानसभा क्षेत्र में 114 नंबर मतदान केंद्र पर 57.72 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है। इसी तरह हटिया में बूथ नंबर 163 में 136.5 प्रतिशत, मधुपुर में बूथ नंबर 225 पर 117.62, जामताड़ा में बूथ नंबर 123 पर 68.8 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है।

चुनाव आयोग को सौंपे ज्ञापन में कहा गया है कि झारखंड के अति संवेदनशील बूथों पर जांच कराई जाए तो एक सोची-समझी योजना के तहत डेमोग्राफी बदलने का षड्यंत्र सामने आएगा। इसके पीछे की वजह विदेशी घुसपैठ है। इसमें राज्य सरकार की भी भूमिका है।

चुनाव आयोग से मुलाकात करने वाले प्रतिनिधिमंडल में झारखंड विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी, राज्यसभा सांसद आदित्य साहू, प्रदीप वर्मा और राजमहल विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक अनंत ओझा शामिल रहे।

–आईएएनएस

एसएनसी/एबीएम

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रांची, 24 जुलाई (आईएएनएस)। झारखंड के संथाल परगना एवं अन्य इलाकों में बांग्लादेशी घुसपैठ की वजह से डेमोग्राफी में बदलाव और कई मतदान केंद्रों पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बड़ा मुद्दा बना लिया है।

पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी की अगुवाई में बुधवार को नई दिल्ली में भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त से मुलाकात कर उन्हें इस संबंध में एक ज्ञापन सौंपा और मतदाताओं की संख्या में अचानक से हुई भारी बढ़ोतरी की जांच कराने की मांग की।

मरांडी ने कहा कि पार्टी ने चुनाव आयोग को 500 पृष्ठों की सर्वे रिपोर्ट सौंपी है, जिसके आंकड़े यह बताते हैं कि सैकड़ों बूथों पर अल्पसंख्यक समुदाय के मतदाताओं की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है और हिंदू बहुल मतदान बूथों पर मतदाताओं की संख्या में कमी हुई है। जिस तरह से मुस्लिम क्षेत्रों में मतदाताओं की संख्या में अप्रत्याशित रूप से वृद्धि हुई है, इसकी जांच होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि आशंका है कि फर्जी दस्तावेज के आधार पर मतदाता बनाए गए हैं। अमूमन पांच वर्षों में मतदाताओं की संख्या में 15 से 20 फीसदी तक वृद्धि होती है, मगर इस बार यह देखा गया है कि कुछ बूथों पर 136 प्रतिशत तक वृद्धि दर्ज हुई है।

भाजपा ने राज्य के 10 विधानसभा क्षेत्र में कराए गए सर्वे के आधार पर ऐसे मतदान केंद्रों की सूची सौंपी है, जहां मतदाताओं की संख्या बेहिसाब बढ़ी है।

रिपोर्ट में जिन विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या में वृद्धि का दावा किया गया है, उसमें राजमहल, बरहेट, पाकुड़, महेशपुर, जामताड़ा, मधुपुर, मझगांव, हटिया, बिशुनपुर और लोहरदगा शामिल हैं।

बताया गया है कि राजमहल के 168 नंबर बूथ पर मतदाताओं की संख्या 20 से 123.74 प्रतिशत तक बढ़ी है। बरहेट विधानसभा क्षेत्र में 114 नंबर मतदान केंद्र पर 57.72 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है। इसी तरह हटिया में बूथ नंबर 163 में 136.5 प्रतिशत, मधुपुर में बूथ नंबर 225 पर 117.62, जामताड़ा में बूथ नंबर 123 पर 68.8 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है।

चुनाव आयोग को सौंपे ज्ञापन में कहा गया है कि झारखंड के अति संवेदनशील बूथों पर जांच कराई जाए तो एक सोची-समझी योजना के तहत डेमोग्राफी बदलने का षड्यंत्र सामने आएगा। इसके पीछे की वजह विदेशी घुसपैठ है। इसमें राज्य सरकार की भी भूमिका है।

चुनाव आयोग से मुलाकात करने वाले प्रतिनिधिमंडल में झारखंड विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी, राज्यसभा सांसद आदित्य साहू, प्रदीप वर्मा और राजमहल विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक अनंत ओझा शामिल रहे।

–आईएएनएस

एसएनसी/एबीएम

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रांची, 24 जुलाई (आईएएनएस)। झारखंड के संथाल परगना एवं अन्य इलाकों में बांग्लादेशी घुसपैठ की वजह से डेमोग्राफी में बदलाव और कई मतदान केंद्रों पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बड़ा मुद्दा बना लिया है।

पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी की अगुवाई में बुधवार को नई दिल्ली में भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त से मुलाकात कर उन्हें इस संबंध में एक ज्ञापन सौंपा और मतदाताओं की संख्या में अचानक से हुई भारी बढ़ोतरी की जांच कराने की मांग की।

मरांडी ने कहा कि पार्टी ने चुनाव आयोग को 500 पृष्ठों की सर्वे रिपोर्ट सौंपी है, जिसके आंकड़े यह बताते हैं कि सैकड़ों बूथों पर अल्पसंख्यक समुदाय के मतदाताओं की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है और हिंदू बहुल मतदान बूथों पर मतदाताओं की संख्या में कमी हुई है। जिस तरह से मुस्लिम क्षेत्रों में मतदाताओं की संख्या में अप्रत्याशित रूप से वृद्धि हुई है, इसकी जांच होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि आशंका है कि फर्जी दस्तावेज के आधार पर मतदाता बनाए गए हैं। अमूमन पांच वर्षों में मतदाताओं की संख्या में 15 से 20 फीसदी तक वृद्धि होती है, मगर इस बार यह देखा गया है कि कुछ बूथों पर 136 प्रतिशत तक वृद्धि दर्ज हुई है।

भाजपा ने राज्य के 10 विधानसभा क्षेत्र में कराए गए सर्वे के आधार पर ऐसे मतदान केंद्रों की सूची सौंपी है, जहां मतदाताओं की संख्या बेहिसाब बढ़ी है।

रिपोर्ट में जिन विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या में वृद्धि का दावा किया गया है, उसमें राजमहल, बरहेट, पाकुड़, महेशपुर, जामताड़ा, मधुपुर, मझगांव, हटिया, बिशुनपुर और लोहरदगा शामिल हैं।

बताया गया है कि राजमहल के 168 नंबर बूथ पर मतदाताओं की संख्या 20 से 123.74 प्रतिशत तक बढ़ी है। बरहेट विधानसभा क्षेत्र में 114 नंबर मतदान केंद्र पर 57.72 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है। इसी तरह हटिया में बूथ नंबर 163 में 136.5 प्रतिशत, मधुपुर में बूथ नंबर 225 पर 117.62, जामताड़ा में बूथ नंबर 123 पर 68.8 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है।

चुनाव आयोग को सौंपे ज्ञापन में कहा गया है कि झारखंड के अति संवेदनशील बूथों पर जांच कराई जाए तो एक सोची-समझी योजना के तहत डेमोग्राफी बदलने का षड्यंत्र सामने आएगा। इसके पीछे की वजह विदेशी घुसपैठ है। इसमें राज्य सरकार की भी भूमिका है।

चुनाव आयोग से मुलाकात करने वाले प्रतिनिधिमंडल में झारखंड विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी, राज्यसभा सांसद आदित्य साहू, प्रदीप वर्मा और राजमहल विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक अनंत ओझा शामिल रहे।

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पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी की अगुवाई में बुधवार को नई दिल्ली में भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त से मुलाकात कर उन्हें इस संबंध में एक ज्ञापन सौंपा और मतदाताओं की संख्या में अचानक से हुई भारी बढ़ोतरी की जांच कराने की मांग की।

मरांडी ने कहा कि पार्टी ने चुनाव आयोग को 500 पृष्ठों की सर्वे रिपोर्ट सौंपी है, जिसके आंकड़े यह बताते हैं कि सैकड़ों बूथों पर अल्पसंख्यक समुदाय के मतदाताओं की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है और हिंदू बहुल मतदान बूथों पर मतदाताओं की संख्या में कमी हुई है। जिस तरह से मुस्लिम क्षेत्रों में मतदाताओं की संख्या में अप्रत्याशित रूप से वृद्धि हुई है, इसकी जांच होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि आशंका है कि फर्जी दस्तावेज के आधार पर मतदाता बनाए गए हैं। अमूमन पांच वर्षों में मतदाताओं की संख्या में 15 से 20 फीसदी तक वृद्धि होती है, मगर इस बार यह देखा गया है कि कुछ बूथों पर 136 प्रतिशत तक वृद्धि दर्ज हुई है।

भाजपा ने राज्य के 10 विधानसभा क्षेत्र में कराए गए सर्वे के आधार पर ऐसे मतदान केंद्रों की सूची सौंपी है, जहां मतदाताओं की संख्या बेहिसाब बढ़ी है।

रिपोर्ट में जिन विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या में वृद्धि का दावा किया गया है, उसमें राजमहल, बरहेट, पाकुड़, महेशपुर, जामताड़ा, मधुपुर, मझगांव, हटिया, बिशुनपुर और लोहरदगा शामिल हैं।

बताया गया है कि राजमहल के 168 नंबर बूथ पर मतदाताओं की संख्या 20 से 123.74 प्रतिशत तक बढ़ी है। बरहेट विधानसभा क्षेत्र में 114 नंबर मतदान केंद्र पर 57.72 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है। इसी तरह हटिया में बूथ नंबर 163 में 136.5 प्रतिशत, मधुपुर में बूथ नंबर 225 पर 117.62, जामताड़ा में बूथ नंबर 123 पर 68.8 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है।

चुनाव आयोग को सौंपे ज्ञापन में कहा गया है कि झारखंड के अति संवेदनशील बूथों पर जांच कराई जाए तो एक सोची-समझी योजना के तहत डेमोग्राफी बदलने का षड्यंत्र सामने आएगा। इसके पीछे की वजह विदेशी घुसपैठ है। इसमें राज्य सरकार की भी भूमिका है।

चुनाव आयोग से मुलाकात करने वाले प्रतिनिधिमंडल में झारखंड विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी, राज्यसभा सांसद आदित्य साहू, प्रदीप वर्मा और राजमहल विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक अनंत ओझा शामिल रहे।

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पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी की अगुवाई में बुधवार को नई दिल्ली में भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त से मुलाकात कर उन्हें इस संबंध में एक ज्ञापन सौंपा और मतदाताओं की संख्या में अचानक से हुई भारी बढ़ोतरी की जांच कराने की मांग की।

मरांडी ने कहा कि पार्टी ने चुनाव आयोग को 500 पृष्ठों की सर्वे रिपोर्ट सौंपी है, जिसके आंकड़े यह बताते हैं कि सैकड़ों बूथों पर अल्पसंख्यक समुदाय के मतदाताओं की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है और हिंदू बहुल मतदान बूथों पर मतदाताओं की संख्या में कमी हुई है। जिस तरह से मुस्लिम क्षेत्रों में मतदाताओं की संख्या में अप्रत्याशित रूप से वृद्धि हुई है, इसकी जांच होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि आशंका है कि फर्जी दस्तावेज के आधार पर मतदाता बनाए गए हैं। अमूमन पांच वर्षों में मतदाताओं की संख्या में 15 से 20 फीसदी तक वृद्धि होती है, मगर इस बार यह देखा गया है कि कुछ बूथों पर 136 प्रतिशत तक वृद्धि दर्ज हुई है।

भाजपा ने राज्य के 10 विधानसभा क्षेत्र में कराए गए सर्वे के आधार पर ऐसे मतदान केंद्रों की सूची सौंपी है, जहां मतदाताओं की संख्या बेहिसाब बढ़ी है।

रिपोर्ट में जिन विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या में वृद्धि का दावा किया गया है, उसमें राजमहल, बरहेट, पाकुड़, महेशपुर, जामताड़ा, मधुपुर, मझगांव, हटिया, बिशुनपुर और लोहरदगा शामिल हैं।

बताया गया है कि राजमहल के 168 नंबर बूथ पर मतदाताओं की संख्या 20 से 123.74 प्रतिशत तक बढ़ी है। बरहेट विधानसभा क्षेत्र में 114 नंबर मतदान केंद्र पर 57.72 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है। इसी तरह हटिया में बूथ नंबर 163 में 136.5 प्रतिशत, मधुपुर में बूथ नंबर 225 पर 117.62, जामताड़ा में बूथ नंबर 123 पर 68.8 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है।

चुनाव आयोग को सौंपे ज्ञापन में कहा गया है कि झारखंड के अति संवेदनशील बूथों पर जांच कराई जाए तो एक सोची-समझी योजना के तहत डेमोग्राफी बदलने का षड्यंत्र सामने आएगा। इसके पीछे की वजह विदेशी घुसपैठ है। इसमें राज्य सरकार की भी भूमिका है।

चुनाव आयोग से मुलाकात करने वाले प्रतिनिधिमंडल में झारखंड विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी, राज्यसभा सांसद आदित्य साहू, प्रदीप वर्मा और राजमहल विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक अनंत ओझा शामिल रहे।

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पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी की अगुवाई में बुधवार को नई दिल्ली में भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त से मुलाकात कर उन्हें इस संबंध में एक ज्ञापन सौंपा और मतदाताओं की संख्या में अचानक से हुई भारी बढ़ोतरी की जांच कराने की मांग की।

मरांडी ने कहा कि पार्टी ने चुनाव आयोग को 500 पृष्ठों की सर्वे रिपोर्ट सौंपी है, जिसके आंकड़े यह बताते हैं कि सैकड़ों बूथों पर अल्पसंख्यक समुदाय के मतदाताओं की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है और हिंदू बहुल मतदान बूथों पर मतदाताओं की संख्या में कमी हुई है। जिस तरह से मुस्लिम क्षेत्रों में मतदाताओं की संख्या में अप्रत्याशित रूप से वृद्धि हुई है, इसकी जांच होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि आशंका है कि फर्जी दस्तावेज के आधार पर मतदाता बनाए गए हैं। अमूमन पांच वर्षों में मतदाताओं की संख्या में 15 से 20 फीसदी तक वृद्धि होती है, मगर इस बार यह देखा गया है कि कुछ बूथों पर 136 प्रतिशत तक वृद्धि दर्ज हुई है।

भाजपा ने राज्य के 10 विधानसभा क्षेत्र में कराए गए सर्वे के आधार पर ऐसे मतदान केंद्रों की सूची सौंपी है, जहां मतदाताओं की संख्या बेहिसाब बढ़ी है।

रिपोर्ट में जिन विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या में वृद्धि का दावा किया गया है, उसमें राजमहल, बरहेट, पाकुड़, महेशपुर, जामताड़ा, मधुपुर, मझगांव, हटिया, बिशुनपुर और लोहरदगा शामिल हैं।

बताया गया है कि राजमहल के 168 नंबर बूथ पर मतदाताओं की संख्या 20 से 123.74 प्रतिशत तक बढ़ी है। बरहेट विधानसभा क्षेत्र में 114 नंबर मतदान केंद्र पर 57.72 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है। इसी तरह हटिया में बूथ नंबर 163 में 136.5 प्रतिशत, मधुपुर में बूथ नंबर 225 पर 117.62, जामताड़ा में बूथ नंबर 123 पर 68.8 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है।

चुनाव आयोग को सौंपे ज्ञापन में कहा गया है कि झारखंड के अति संवेदनशील बूथों पर जांच कराई जाए तो एक सोची-समझी योजना के तहत डेमोग्राफी बदलने का षड्यंत्र सामने आएगा। इसके पीछे की वजह विदेशी घुसपैठ है। इसमें राज्य सरकार की भी भूमिका है।

चुनाव आयोग से मुलाकात करने वाले प्रतिनिधिमंडल में झारखंड विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी, राज्यसभा सांसद आदित्य साहू, प्रदीप वर्मा और राजमहल विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक अनंत ओझा शामिल रहे।

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पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी की अगुवाई में बुधवार को नई दिल्ली में भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त से मुलाकात कर उन्हें इस संबंध में एक ज्ञापन सौंपा और मतदाताओं की संख्या में अचानक से हुई भारी बढ़ोतरी की जांच कराने की मांग की।

मरांडी ने कहा कि पार्टी ने चुनाव आयोग को 500 पृष्ठों की सर्वे रिपोर्ट सौंपी है, जिसके आंकड़े यह बताते हैं कि सैकड़ों बूथों पर अल्पसंख्यक समुदाय के मतदाताओं की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है और हिंदू बहुल मतदान बूथों पर मतदाताओं की संख्या में कमी हुई है। जिस तरह से मुस्लिम क्षेत्रों में मतदाताओं की संख्या में अप्रत्याशित रूप से वृद्धि हुई है, इसकी जांच होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि आशंका है कि फर्जी दस्तावेज के आधार पर मतदाता बनाए गए हैं। अमूमन पांच वर्षों में मतदाताओं की संख्या में 15 से 20 फीसदी तक वृद्धि होती है, मगर इस बार यह देखा गया है कि कुछ बूथों पर 136 प्रतिशत तक वृद्धि दर्ज हुई है।

भाजपा ने राज्य के 10 विधानसभा क्षेत्र में कराए गए सर्वे के आधार पर ऐसे मतदान केंद्रों की सूची सौंपी है, जहां मतदाताओं की संख्या बेहिसाब बढ़ी है।

रिपोर्ट में जिन विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या में वृद्धि का दावा किया गया है, उसमें राजमहल, बरहेट, पाकुड़, महेशपुर, जामताड़ा, मधुपुर, मझगांव, हटिया, बिशुनपुर और लोहरदगा शामिल हैं।

बताया गया है कि राजमहल के 168 नंबर बूथ पर मतदाताओं की संख्या 20 से 123.74 प्रतिशत तक बढ़ी है। बरहेट विधानसभा क्षेत्र में 114 नंबर मतदान केंद्र पर 57.72 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है। इसी तरह हटिया में बूथ नंबर 163 में 136.5 प्रतिशत, मधुपुर में बूथ नंबर 225 पर 117.62, जामताड़ा में बूथ नंबर 123 पर 68.8 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है।

चुनाव आयोग को सौंपे ज्ञापन में कहा गया है कि झारखंड के अति संवेदनशील बूथों पर जांच कराई जाए तो एक सोची-समझी योजना के तहत डेमोग्राफी बदलने का षड्यंत्र सामने आएगा। इसके पीछे की वजह विदेशी घुसपैठ है। इसमें राज्य सरकार की भी भूमिका है।

चुनाव आयोग से मुलाकात करने वाले प्रतिनिधिमंडल में झारखंड विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी, राज्यसभा सांसद आदित्य साहू, प्रदीप वर्मा और राजमहल विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक अनंत ओझा शामिल रहे।

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पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी की अगुवाई में बुधवार को नई दिल्ली में भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त से मुलाकात कर उन्हें इस संबंध में एक ज्ञापन सौंपा और मतदाताओं की संख्या में अचानक से हुई भारी बढ़ोतरी की जांच कराने की मांग की।

मरांडी ने कहा कि पार्टी ने चुनाव आयोग को 500 पृष्ठों की सर्वे रिपोर्ट सौंपी है, जिसके आंकड़े यह बताते हैं कि सैकड़ों बूथों पर अल्पसंख्यक समुदाय के मतदाताओं की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है और हिंदू बहुल मतदान बूथों पर मतदाताओं की संख्या में कमी हुई है। जिस तरह से मुस्लिम क्षेत्रों में मतदाताओं की संख्या में अप्रत्याशित रूप से वृद्धि हुई है, इसकी जांच होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि आशंका है कि फर्जी दस्तावेज के आधार पर मतदाता बनाए गए हैं। अमूमन पांच वर्षों में मतदाताओं की संख्या में 15 से 20 फीसदी तक वृद्धि होती है, मगर इस बार यह देखा गया है कि कुछ बूथों पर 136 प्रतिशत तक वृद्धि दर्ज हुई है।

भाजपा ने राज्य के 10 विधानसभा क्षेत्र में कराए गए सर्वे के आधार पर ऐसे मतदान केंद्रों की सूची सौंपी है, जहां मतदाताओं की संख्या बेहिसाब बढ़ी है।

रिपोर्ट में जिन विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या में वृद्धि का दावा किया गया है, उसमें राजमहल, बरहेट, पाकुड़, महेशपुर, जामताड़ा, मधुपुर, मझगांव, हटिया, बिशुनपुर और लोहरदगा शामिल हैं।

बताया गया है कि राजमहल के 168 नंबर बूथ पर मतदाताओं की संख्या 20 से 123.74 प्रतिशत तक बढ़ी है। बरहेट विधानसभा क्षेत्र में 114 नंबर मतदान केंद्र पर 57.72 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है। इसी तरह हटिया में बूथ नंबर 163 में 136.5 प्रतिशत, मधुपुर में बूथ नंबर 225 पर 117.62, जामताड़ा में बूथ नंबर 123 पर 68.8 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है।

चुनाव आयोग को सौंपे ज्ञापन में कहा गया है कि झारखंड के अति संवेदनशील बूथों पर जांच कराई जाए तो एक सोची-समझी योजना के तहत डेमोग्राफी बदलने का षड्यंत्र सामने आएगा। इसके पीछे की वजह विदेशी घुसपैठ है। इसमें राज्य सरकार की भी भूमिका है।

चुनाव आयोग से मुलाकात करने वाले प्रतिनिधिमंडल में झारखंड विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी, राज्यसभा सांसद आदित्य साहू, प्रदीप वर्मा और राजमहल विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक अनंत ओझा शामिल रहे।

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एसएनसी/एबीएम

रांची, 24 जुलाई (आईएएनएस)। झारखंड के संथाल परगना एवं अन्य इलाकों में बांग्लादेशी घुसपैठ की वजह से डेमोग्राफी में बदलाव और कई मतदान केंद्रों पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बड़ा मुद्दा बना लिया है।

पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी की अगुवाई में बुधवार को नई दिल्ली में भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त से मुलाकात कर उन्हें इस संबंध में एक ज्ञापन सौंपा और मतदाताओं की संख्या में अचानक से हुई भारी बढ़ोतरी की जांच कराने की मांग की।

मरांडी ने कहा कि पार्टी ने चुनाव आयोग को 500 पृष्ठों की सर्वे रिपोर्ट सौंपी है, जिसके आंकड़े यह बताते हैं कि सैकड़ों बूथों पर अल्पसंख्यक समुदाय के मतदाताओं की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है और हिंदू बहुल मतदान बूथों पर मतदाताओं की संख्या में कमी हुई है। जिस तरह से मुस्लिम क्षेत्रों में मतदाताओं की संख्या में अप्रत्याशित रूप से वृद्धि हुई है, इसकी जांच होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि आशंका है कि फर्जी दस्तावेज के आधार पर मतदाता बनाए गए हैं। अमूमन पांच वर्षों में मतदाताओं की संख्या में 15 से 20 फीसदी तक वृद्धि होती है, मगर इस बार यह देखा गया है कि कुछ बूथों पर 136 प्रतिशत तक वृद्धि दर्ज हुई है।

भाजपा ने राज्य के 10 विधानसभा क्षेत्र में कराए गए सर्वे के आधार पर ऐसे मतदान केंद्रों की सूची सौंपी है, जहां मतदाताओं की संख्या बेहिसाब बढ़ी है।

रिपोर्ट में जिन विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या में वृद्धि का दावा किया गया है, उसमें राजमहल, बरहेट, पाकुड़, महेशपुर, जामताड़ा, मधुपुर, मझगांव, हटिया, बिशुनपुर और लोहरदगा शामिल हैं।

बताया गया है कि राजमहल के 168 नंबर बूथ पर मतदाताओं की संख्या 20 से 123.74 प्रतिशत तक बढ़ी है। बरहेट विधानसभा क्षेत्र में 114 नंबर मतदान केंद्र पर 57.72 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है। इसी तरह हटिया में बूथ नंबर 163 में 136.5 प्रतिशत, मधुपुर में बूथ नंबर 225 पर 117.62, जामताड़ा में बूथ नंबर 123 पर 68.8 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है।

चुनाव आयोग को सौंपे ज्ञापन में कहा गया है कि झारखंड के अति संवेदनशील बूथों पर जांच कराई जाए तो एक सोची-समझी योजना के तहत डेमोग्राफी बदलने का षड्यंत्र सामने आएगा। इसके पीछे की वजह विदेशी घुसपैठ है। इसमें राज्य सरकार की भी भूमिका है।

चुनाव आयोग से मुलाकात करने वाले प्रतिनिधिमंडल में झारखंड विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी, राज्यसभा सांसद आदित्य साहू, प्रदीप वर्मा और राजमहल विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक अनंत ओझा शामिल रहे।

–आईएएनएस

एसएनसी/एबीएम

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रांची, 24 जुलाई (आईएएनएस)। झारखंड के संथाल परगना एवं अन्य इलाकों में बांग्लादेशी घुसपैठ की वजह से डेमोग्राफी में बदलाव और कई मतदान केंद्रों पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बड़ा मुद्दा बना लिया है।

पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी की अगुवाई में बुधवार को नई दिल्ली में भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त से मुलाकात कर उन्हें इस संबंध में एक ज्ञापन सौंपा और मतदाताओं की संख्या में अचानक से हुई भारी बढ़ोतरी की जांच कराने की मांग की।

मरांडी ने कहा कि पार्टी ने चुनाव आयोग को 500 पृष्ठों की सर्वे रिपोर्ट सौंपी है, जिसके आंकड़े यह बताते हैं कि सैकड़ों बूथों पर अल्पसंख्यक समुदाय के मतदाताओं की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है और हिंदू बहुल मतदान बूथों पर मतदाताओं की संख्या में कमी हुई है। जिस तरह से मुस्लिम क्षेत्रों में मतदाताओं की संख्या में अप्रत्याशित रूप से वृद्धि हुई है, इसकी जांच होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि आशंका है कि फर्जी दस्तावेज के आधार पर मतदाता बनाए गए हैं। अमूमन पांच वर्षों में मतदाताओं की संख्या में 15 से 20 फीसदी तक वृद्धि होती है, मगर इस बार यह देखा गया है कि कुछ बूथों पर 136 प्रतिशत तक वृद्धि दर्ज हुई है।

भाजपा ने राज्य के 10 विधानसभा क्षेत्र में कराए गए सर्वे के आधार पर ऐसे मतदान केंद्रों की सूची सौंपी है, जहां मतदाताओं की संख्या बेहिसाब बढ़ी है।

रिपोर्ट में जिन विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या में वृद्धि का दावा किया गया है, उसमें राजमहल, बरहेट, पाकुड़, महेशपुर, जामताड़ा, मधुपुर, मझगांव, हटिया, बिशुनपुर और लोहरदगा शामिल हैं।

बताया गया है कि राजमहल के 168 नंबर बूथ पर मतदाताओं की संख्या 20 से 123.74 प्रतिशत तक बढ़ी है। बरहेट विधानसभा क्षेत्र में 114 नंबर मतदान केंद्र पर 57.72 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है। इसी तरह हटिया में बूथ नंबर 163 में 136.5 प्रतिशत, मधुपुर में बूथ नंबर 225 पर 117.62, जामताड़ा में बूथ नंबर 123 पर 68.8 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है।

चुनाव आयोग को सौंपे ज्ञापन में कहा गया है कि झारखंड के अति संवेदनशील बूथों पर जांच कराई जाए तो एक सोची-समझी योजना के तहत डेमोग्राफी बदलने का षड्यंत्र सामने आएगा। इसके पीछे की वजह विदेशी घुसपैठ है। इसमें राज्य सरकार की भी भूमिका है।

चुनाव आयोग से मुलाकात करने वाले प्रतिनिधिमंडल में झारखंड विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी, राज्यसभा सांसद आदित्य साहू, प्रदीप वर्मा और राजमहल विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक अनंत ओझा शामिल रहे।

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पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी की अगुवाई में बुधवार को नई दिल्ली में भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त से मुलाकात कर उन्हें इस संबंध में एक ज्ञापन सौंपा और मतदाताओं की संख्या में अचानक से हुई भारी बढ़ोतरी की जांच कराने की मांग की।

मरांडी ने कहा कि पार्टी ने चुनाव आयोग को 500 पृष्ठों की सर्वे रिपोर्ट सौंपी है, जिसके आंकड़े यह बताते हैं कि सैकड़ों बूथों पर अल्पसंख्यक समुदाय के मतदाताओं की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है और हिंदू बहुल मतदान बूथों पर मतदाताओं की संख्या में कमी हुई है। जिस तरह से मुस्लिम क्षेत्रों में मतदाताओं की संख्या में अप्रत्याशित रूप से वृद्धि हुई है, इसकी जांच होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि आशंका है कि फर्जी दस्तावेज के आधार पर मतदाता बनाए गए हैं। अमूमन पांच वर्षों में मतदाताओं की संख्या में 15 से 20 फीसदी तक वृद्धि होती है, मगर इस बार यह देखा गया है कि कुछ बूथों पर 136 प्रतिशत तक वृद्धि दर्ज हुई है।

भाजपा ने राज्य के 10 विधानसभा क्षेत्र में कराए गए सर्वे के आधार पर ऐसे मतदान केंद्रों की सूची सौंपी है, जहां मतदाताओं की संख्या बेहिसाब बढ़ी है।

रिपोर्ट में जिन विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या में वृद्धि का दावा किया गया है, उसमें राजमहल, बरहेट, पाकुड़, महेशपुर, जामताड़ा, मधुपुर, मझगांव, हटिया, बिशुनपुर और लोहरदगा शामिल हैं।

बताया गया है कि राजमहल के 168 नंबर बूथ पर मतदाताओं की संख्या 20 से 123.74 प्रतिशत तक बढ़ी है। बरहेट विधानसभा क्षेत्र में 114 नंबर मतदान केंद्र पर 57.72 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है। इसी तरह हटिया में बूथ नंबर 163 में 136.5 प्रतिशत, मधुपुर में बूथ नंबर 225 पर 117.62, जामताड़ा में बूथ नंबर 123 पर 68.8 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है।

चुनाव आयोग को सौंपे ज्ञापन में कहा गया है कि झारखंड के अति संवेदनशील बूथों पर जांच कराई जाए तो एक सोची-समझी योजना के तहत डेमोग्राफी बदलने का षड्यंत्र सामने आएगा। इसके पीछे की वजह विदेशी घुसपैठ है। इसमें राज्य सरकार की भी भूमिका है।

चुनाव आयोग से मुलाकात करने वाले प्रतिनिधिमंडल में झारखंड विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी, राज्यसभा सांसद आदित्य साहू, प्रदीप वर्मा और राजमहल विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक अनंत ओझा शामिल रहे।

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पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी की अगुवाई में बुधवार को नई दिल्ली में भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त से मुलाकात कर उन्हें इस संबंध में एक ज्ञापन सौंपा और मतदाताओं की संख्या में अचानक से हुई भारी बढ़ोतरी की जांच कराने की मांग की।

मरांडी ने कहा कि पार्टी ने चुनाव आयोग को 500 पृष्ठों की सर्वे रिपोर्ट सौंपी है, जिसके आंकड़े यह बताते हैं कि सैकड़ों बूथों पर अल्पसंख्यक समुदाय के मतदाताओं की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है और हिंदू बहुल मतदान बूथों पर मतदाताओं की संख्या में कमी हुई है। जिस तरह से मुस्लिम क्षेत्रों में मतदाताओं की संख्या में अप्रत्याशित रूप से वृद्धि हुई है, इसकी जांच होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि आशंका है कि फर्जी दस्तावेज के आधार पर मतदाता बनाए गए हैं। अमूमन पांच वर्षों में मतदाताओं की संख्या में 15 से 20 फीसदी तक वृद्धि होती है, मगर इस बार यह देखा गया है कि कुछ बूथों पर 136 प्रतिशत तक वृद्धि दर्ज हुई है।

भाजपा ने राज्य के 10 विधानसभा क्षेत्र में कराए गए सर्वे के आधार पर ऐसे मतदान केंद्रों की सूची सौंपी है, जहां मतदाताओं की संख्या बेहिसाब बढ़ी है।

रिपोर्ट में जिन विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या में वृद्धि का दावा किया गया है, उसमें राजमहल, बरहेट, पाकुड़, महेशपुर, जामताड़ा, मधुपुर, मझगांव, हटिया, बिशुनपुर और लोहरदगा शामिल हैं।

बताया गया है कि राजमहल के 168 नंबर बूथ पर मतदाताओं की संख्या 20 से 123.74 प्रतिशत तक बढ़ी है। बरहेट विधानसभा क्षेत्र में 114 नंबर मतदान केंद्र पर 57.72 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है। इसी तरह हटिया में बूथ नंबर 163 में 136.5 प्रतिशत, मधुपुर में बूथ नंबर 225 पर 117.62, जामताड़ा में बूथ नंबर 123 पर 68.8 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है।

चुनाव आयोग को सौंपे ज्ञापन में कहा गया है कि झारखंड के अति संवेदनशील बूथों पर जांच कराई जाए तो एक सोची-समझी योजना के तहत डेमोग्राफी बदलने का षड्यंत्र सामने आएगा। इसके पीछे की वजह विदेशी घुसपैठ है। इसमें राज्य सरकार की भी भूमिका है।

चुनाव आयोग से मुलाकात करने वाले प्रतिनिधिमंडल में झारखंड विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी, राज्यसभा सांसद आदित्य साहू, प्रदीप वर्मा और राजमहल विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक अनंत ओझा शामिल रहे।

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पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी की अगुवाई में बुधवार को नई दिल्ली में भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त से मुलाकात कर उन्हें इस संबंध में एक ज्ञापन सौंपा और मतदाताओं की संख्या में अचानक से हुई भारी बढ़ोतरी की जांच कराने की मांग की।

मरांडी ने कहा कि पार्टी ने चुनाव आयोग को 500 पृष्ठों की सर्वे रिपोर्ट सौंपी है, जिसके आंकड़े यह बताते हैं कि सैकड़ों बूथों पर अल्पसंख्यक समुदाय के मतदाताओं की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है और हिंदू बहुल मतदान बूथों पर मतदाताओं की संख्या में कमी हुई है। जिस तरह से मुस्लिम क्षेत्रों में मतदाताओं की संख्या में अप्रत्याशित रूप से वृद्धि हुई है, इसकी जांच होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि आशंका है कि फर्जी दस्तावेज के आधार पर मतदाता बनाए गए हैं। अमूमन पांच वर्षों में मतदाताओं की संख्या में 15 से 20 फीसदी तक वृद्धि होती है, मगर इस बार यह देखा गया है कि कुछ बूथों पर 136 प्रतिशत तक वृद्धि दर्ज हुई है।

भाजपा ने राज्य के 10 विधानसभा क्षेत्र में कराए गए सर्वे के आधार पर ऐसे मतदान केंद्रों की सूची सौंपी है, जहां मतदाताओं की संख्या बेहिसाब बढ़ी है।

रिपोर्ट में जिन विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या में वृद्धि का दावा किया गया है, उसमें राजमहल, बरहेट, पाकुड़, महेशपुर, जामताड़ा, मधुपुर, मझगांव, हटिया, बिशुनपुर और लोहरदगा शामिल हैं।

बताया गया है कि राजमहल के 168 नंबर बूथ पर मतदाताओं की संख्या 20 से 123.74 प्रतिशत तक बढ़ी है। बरहेट विधानसभा क्षेत्र में 114 नंबर मतदान केंद्र पर 57.72 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है। इसी तरह हटिया में बूथ नंबर 163 में 136.5 प्रतिशत, मधुपुर में बूथ नंबर 225 पर 117.62, जामताड़ा में बूथ नंबर 123 पर 68.8 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है।

चुनाव आयोग को सौंपे ज्ञापन में कहा गया है कि झारखंड के अति संवेदनशील बूथों पर जांच कराई जाए तो एक सोची-समझी योजना के तहत डेमोग्राफी बदलने का षड्यंत्र सामने आएगा। इसके पीछे की वजह विदेशी घुसपैठ है। इसमें राज्य सरकार की भी भूमिका है।

चुनाव आयोग से मुलाकात करने वाले प्रतिनिधिमंडल में झारखंड विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी, राज्यसभा सांसद आदित्य साहू, प्रदीप वर्मा और राजमहल विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक अनंत ओझा शामिल रहे।

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पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी की अगुवाई में बुधवार को नई दिल्ली में भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त से मुलाकात कर उन्हें इस संबंध में एक ज्ञापन सौंपा और मतदाताओं की संख्या में अचानक से हुई भारी बढ़ोतरी की जांच कराने की मांग की।

मरांडी ने कहा कि पार्टी ने चुनाव आयोग को 500 पृष्ठों की सर्वे रिपोर्ट सौंपी है, जिसके आंकड़े यह बताते हैं कि सैकड़ों बूथों पर अल्पसंख्यक समुदाय के मतदाताओं की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है और हिंदू बहुल मतदान बूथों पर मतदाताओं की संख्या में कमी हुई है। जिस तरह से मुस्लिम क्षेत्रों में मतदाताओं की संख्या में अप्रत्याशित रूप से वृद्धि हुई है, इसकी जांच होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि आशंका है कि फर्जी दस्तावेज के आधार पर मतदाता बनाए गए हैं। अमूमन पांच वर्षों में मतदाताओं की संख्या में 15 से 20 फीसदी तक वृद्धि होती है, मगर इस बार यह देखा गया है कि कुछ बूथों पर 136 प्रतिशत तक वृद्धि दर्ज हुई है।

भाजपा ने राज्य के 10 विधानसभा क्षेत्र में कराए गए सर्वे के आधार पर ऐसे मतदान केंद्रों की सूची सौंपी है, जहां मतदाताओं की संख्या बेहिसाब बढ़ी है।

रिपोर्ट में जिन विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या में वृद्धि का दावा किया गया है, उसमें राजमहल, बरहेट, पाकुड़, महेशपुर, जामताड़ा, मधुपुर, मझगांव, हटिया, बिशुनपुर और लोहरदगा शामिल हैं।

बताया गया है कि राजमहल के 168 नंबर बूथ पर मतदाताओं की संख्या 20 से 123.74 प्रतिशत तक बढ़ी है। बरहेट विधानसभा क्षेत्र में 114 नंबर मतदान केंद्र पर 57.72 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है। इसी तरह हटिया में बूथ नंबर 163 में 136.5 प्रतिशत, मधुपुर में बूथ नंबर 225 पर 117.62, जामताड़ा में बूथ नंबर 123 पर 68.8 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है।

चुनाव आयोग को सौंपे ज्ञापन में कहा गया है कि झारखंड के अति संवेदनशील बूथों पर जांच कराई जाए तो एक सोची-समझी योजना के तहत डेमोग्राफी बदलने का षड्यंत्र सामने आएगा। इसके पीछे की वजह विदेशी घुसपैठ है। इसमें राज्य सरकार की भी भूमिका है।

चुनाव आयोग से मुलाकात करने वाले प्रतिनिधिमंडल में झारखंड विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी, राज्यसभा सांसद आदित्य साहू, प्रदीप वर्मा और राजमहल विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक अनंत ओझा शामिल रहे।

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पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी की अगुवाई में बुधवार को नई दिल्ली में भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त से मुलाकात कर उन्हें इस संबंध में एक ज्ञापन सौंपा और मतदाताओं की संख्या में अचानक से हुई भारी बढ़ोतरी की जांच कराने की मांग की।

मरांडी ने कहा कि पार्टी ने चुनाव आयोग को 500 पृष्ठों की सर्वे रिपोर्ट सौंपी है, जिसके आंकड़े यह बताते हैं कि सैकड़ों बूथों पर अल्पसंख्यक समुदाय के मतदाताओं की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है और हिंदू बहुल मतदान बूथों पर मतदाताओं की संख्या में कमी हुई है। जिस तरह से मुस्लिम क्षेत्रों में मतदाताओं की संख्या में अप्रत्याशित रूप से वृद्धि हुई है, इसकी जांच होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि आशंका है कि फर्जी दस्तावेज के आधार पर मतदाता बनाए गए हैं। अमूमन पांच वर्षों में मतदाताओं की संख्या में 15 से 20 फीसदी तक वृद्धि होती है, मगर इस बार यह देखा गया है कि कुछ बूथों पर 136 प्रतिशत तक वृद्धि दर्ज हुई है।

भाजपा ने राज्य के 10 विधानसभा क्षेत्र में कराए गए सर्वे के आधार पर ऐसे मतदान केंद्रों की सूची सौंपी है, जहां मतदाताओं की संख्या बेहिसाब बढ़ी है।

रिपोर्ट में जिन विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या में वृद्धि का दावा किया गया है, उसमें राजमहल, बरहेट, पाकुड़, महेशपुर, जामताड़ा, मधुपुर, मझगांव, हटिया, बिशुनपुर और लोहरदगा शामिल हैं।

बताया गया है कि राजमहल के 168 नंबर बूथ पर मतदाताओं की संख्या 20 से 123.74 प्रतिशत तक बढ़ी है। बरहेट विधानसभा क्षेत्र में 114 नंबर मतदान केंद्र पर 57.72 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है। इसी तरह हटिया में बूथ नंबर 163 में 136.5 प्रतिशत, मधुपुर में बूथ नंबर 225 पर 117.62, जामताड़ा में बूथ नंबर 123 पर 68.8 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है।

चुनाव आयोग को सौंपे ज्ञापन में कहा गया है कि झारखंड के अति संवेदनशील बूथों पर जांच कराई जाए तो एक सोची-समझी योजना के तहत डेमोग्राफी बदलने का षड्यंत्र सामने आएगा। इसके पीछे की वजह विदेशी घुसपैठ है। इसमें राज्य सरकार की भी भूमिका है।

चुनाव आयोग से मुलाकात करने वाले प्रतिनिधिमंडल में झारखंड विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी, राज्यसभा सांसद आदित्य साहू, प्रदीप वर्मा और राजमहल विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक अनंत ओझा शामिल रहे।

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पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी की अगुवाई में बुधवार को नई दिल्ली में भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त से मुलाकात कर उन्हें इस संबंध में एक ज्ञापन सौंपा और मतदाताओं की संख्या में अचानक से हुई भारी बढ़ोतरी की जांच कराने की मांग की।

मरांडी ने कहा कि पार्टी ने चुनाव आयोग को 500 पृष्ठों की सर्वे रिपोर्ट सौंपी है, जिसके आंकड़े यह बताते हैं कि सैकड़ों बूथों पर अल्पसंख्यक समुदाय के मतदाताओं की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है और हिंदू बहुल मतदान बूथों पर मतदाताओं की संख्या में कमी हुई है। जिस तरह से मुस्लिम क्षेत्रों में मतदाताओं की संख्या में अप्रत्याशित रूप से वृद्धि हुई है, इसकी जांच होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि आशंका है कि फर्जी दस्तावेज के आधार पर मतदाता बनाए गए हैं। अमूमन पांच वर्षों में मतदाताओं की संख्या में 15 से 20 फीसदी तक वृद्धि होती है, मगर इस बार यह देखा गया है कि कुछ बूथों पर 136 प्रतिशत तक वृद्धि दर्ज हुई है।

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