रांची, 19 मई (आईएएनएस)। झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम (चाईबासा) जिले में माओवादी नक्सलियों द्वारा बिछाए गए आईईडी की चपेट में आकर दस साल के एक बालक की जान चली गई। घटना बृहस्पतिवार शाम साढ़े छह बजे की है। ग्रामीणों ने इसकी जानकारी शुक्रवार को पुलिस को दी। सूचना मिलने के बाद टोंटो पुलिस मौके पर पहुंची। गौरतलब है कि झारखंड पुलिस नक्सलियों के खिलाफ विभिन्न थाना क्षेत्रों में एंटी नक्सल अभियान चला रही है। इसे रोकने तथा पुलिस की गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए नक्सलियों ने जंगल में बारूदी सुरंगें लगा रखी हैं।
आईईडी ब्लास्ट में जिस बच्चे की मौत हुई है वह अपने अभिभावक के साथ जंगल से लकड़ी और पत्ता चुनने के लिए गया हुआ था। इसी क्रम में बच्चे का पैर आईईडी पर पड़ जाने से ब्लास्ट हो गया और घटना स्थल पर ही उसकी मौत हो गई।
एसपी आशुतोष शेखर ने बताया कि टोंटो थानान्तर्गत ग्राम रेंगड़ाहातु स्थित रोलाबरूपी जेंगागाढ़ा जंगल के पास एक प्रेशर आईईडी विस्फोट की घटना हुई है। जिस बालक की जान गई है, उसके पिता का नाम कुजरी कोड़ा है। वह ग्राम रेंगड़ाहातु टोला बंगलासाई का रहने वाला है। घटना की सूचना मिलते ही चाईबासा पुलिस मृत बालक को ग्रामीणों के सहयोग से घटनास्थल से निकालकर चाईबासा के सदर अपस्ताल ले गई। अभी मृतक के शव के पोस्टमार्टम के लिए आगे की कार्रवाई की जा रही है।
बता दें कि इस साल कोल्हान इलाके में माओवादियों के लगाए आईईडी बम की चपेट में आने से आठ लोगों की जान गई है। तीन महीनों में बारूदी सुरंग विस्फोट की तकरीबन एक दर्जन वारदात अंजाम दी गई है और इसकी चपेट में डेढ़ दर्जन से ज्यादा सुरक्षा बल के जवान घायल हुए हैं।
बीते 28 अप्रैल को गोइलकेरा थाना क्षेत्र के पाताहातू की एक एक निर्दोष महिला गांगी सुरीन की मौत बारूदी सुरंग विस्फोट के चलते हुई थी। झारखंड के गुमला स्थित चैनपुर और बिशुनपुर के जंगलों में भी डेढ़ महीने में कई आईईडी ब्लास्ट हुए हैं। हाल में आईईडी ब्लास्ट से एक ग्रामीण महेंद्र महतो का पैर उड़ गया था, इसके बाद से वह अपाहिज होकर बैठा है। वहीं, जंगल में नक्सलियों को खोजने गये दो पुलिस के जवान भी घायल हो चुके हैं। जंगल में भोजन की तलाश में जानेवाले दर्जनों पशु भी आईईडी की चपेट में आकर जान गंवा चुके हैं।
–आईएएनएस
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