जमशेदपुर, 2 नवंबर (आईएएनएस)। पूर्वी सिंहभूम (जमशेदपुर) जिले में पिछले 36 घंटों के दौरान करंट लगने से दो हाथियों की मौत हो गई। इनकी मौत का कारण जंगलों में कम ऊंचाई पर झूलते बिजली के तार बने हैं। वन विभाग का कहना है कि बार-बार की शिकायत के बावजूद बिजली विभाग हाथियों के विचरण वाले इलाकों में बिजली के खंभों की ऊंचाई नहीं बढ़ा रहा है।
पूर्वी सिंहभूम के घाटशिला अनुमंडल अंतर्गत श्यामसुंदरपुर थाना क्षेत्र के मचाड़ी गांव के पास गुरुवार को एक हाथी ने करंट लगने से दम तोड़ दिया। इसके पहले मंगलवार की रात चाकुलिया वन क्षेत्र स्थित बडामारा पंचायत के ज्वालभांगा में एक खेत में एक मादा हाथी की मौत बिजली तार की चपेट में आ जाने से हो गई।
ग्रामीणों का कहना है कि दो दिनों तक मादा हाथी तड़पती रही, लेकिन वन विभाग ने सही समय पर उसका इलाज नहीं कराया। वन विभाग के आंकड़ों के अनुसार पिछले पांच सालों में करंट लगने से झारखंड में पिछले छह वर्षों में 20 से ज्यादा हाथियों की मौत हुई है।
खूंटी, पूर्वी सिंहभूम, पश्चिम सिंहभूम, गुमला, लोहरदगा, हजारीबाग सहित अन्य जिलों में बीते वर्षों में इस तरह की कई घटनाएं सामने आई हैं।
–आईएएनएस
एसएनसी/एबीएम
जमशेदपुर, 2 नवंबर (आईएएनएस)। पूर्वी सिंहभूम (जमशेदपुर) जिले में पिछले 36 घंटों के दौरान करंट लगने से दो हाथियों की मौत हो गई। इनकी मौत का कारण जंगलों में कम ऊंचाई पर झूलते बिजली के तार बने हैं। वन विभाग का कहना है कि बार-बार की शिकायत के बावजूद बिजली विभाग हाथियों के विचरण वाले इलाकों में बिजली के खंभों की ऊंचाई नहीं बढ़ा रहा है।
पूर्वी सिंहभूम के घाटशिला अनुमंडल अंतर्गत श्यामसुंदरपुर थाना क्षेत्र के मचाड़ी गांव के पास गुरुवार को एक हाथी ने करंट लगने से दम तोड़ दिया। इसके पहले मंगलवार की रात चाकुलिया वन क्षेत्र स्थित बडामारा पंचायत के ज्वालभांगा में एक खेत में एक मादा हाथी की मौत बिजली तार की चपेट में आ जाने से हो गई।
ग्रामीणों का कहना है कि दो दिनों तक मादा हाथी तड़पती रही, लेकिन वन विभाग ने सही समय पर उसका इलाज नहीं कराया। वन विभाग के आंकड़ों के अनुसार पिछले पांच सालों में करंट लगने से झारखंड में पिछले छह वर्षों में 20 से ज्यादा हाथियों की मौत हुई है।
खूंटी, पूर्वी सिंहभूम, पश्चिम सिंहभूम, गुमला, लोहरदगा, हजारीबाग सहित अन्य जिलों में बीते वर्षों में इस तरह की कई घटनाएं सामने आई हैं।
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