रांची, 8 दिसंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर झारखंड में नक्सलियों और अतिवादी संगठनों के सफाए की रणनीति तैयार की गई है। राज्य के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने रविवार को ‘नई रणनीति’ को लेकर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ पश्चिमी सिंहभूम जिले के मुख्यालय चाईबासा में बैठक की।
बैठक के बाद डीजीपी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि पूरे देश से नक्सलियों का सफाया हो रहा है। ग्रामीण भी अब जागरूक हो गए हैं और नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई में पुलिस की मदद कर रहे हैं।
बैठक में पुलिस अफसरों को निर्देश दिया गया कि नक्सलियों के साथ-साथ उन्हें लॉजिस्टिक सपोर्ट प्रदान करने वालों को चिह्नित कर उनके खिलाफ कार्रवाई करें। राज्य में कुल 65 नक्सलियों और उग्रवादियों की पहचान कर उनके खिलाफ नए सिरे से इनाम की घोषणा की गई है।
बताया गया कि राज्य के 24 में से अब पांच जिले ही ऐसे हैं, जहां नक्सली सक्रिय हैं। राज्य में हाल में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव और इसके पहले लोकसभा चुनाव में पुलिस और सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के चुनाव बहिष्कार के ऐलान को पूरी तरह बेअसर कर दिया था। पहली बार ऐसे इलाकों में भी लोगों ने बेखौफ होकर मतदान किया, जहां नक्सलियों का एक फरमान अघोषित ‘कानून’ बन जाता था। राज्य में करीब तीन दशकों के बाद चुनाव में नक्सली हिंसा की एक भी घटना नहीं हुई।
डीजीपी ने बैठक में इसके लिए सुरक्षा बलों और पुलिस के अफसरों एवं जवानों को बधाई दी। वहीं, राज्य के जिन क्षेत्रों में नक्सली रह गए हैं, उनकी गतिविधियों का पता लगाने के लिए इंटेलिजेंस को और मजबूत करने एवं पूरी तैयारी के साथ उनके ठिकानों को ध्वस्त करने का निर्देश दिया गया।
पुलिस पोस्ट और कैंप की सुरक्षा के ऑडिट, फरार नक्सलियों की संपत्ति की कुर्की जब्ती, जमानत पर रिहा हुए नक्सलियों की गतिविधियों पर निगाह, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में संचार, पुल-पुलियों और सड़कों की स्थिति के बारे में भी बैठक में विस्तार से चर्चा हुई।
–आईएएनएस
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