रांची, 24 सितंबर (आईएएनएस)। झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य में पिछले नौ वर्षों से झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा (जेटेट) आयोजित न किए जाने पर गहरी नाराजगी जाहिर करते हुए राज्य के शिक्षा सचिव को तलब किया है।
अदालत ने उन्हें 25 सितंबर को अदालत में सशरीर हाजिर होने का निर्देश दिया है। जस्टिस आनंद सेन की बेंच ने रितेश महतो और अन्य 401 अभ्यर्थियों की ओर से दायर याचिका पर बुधवार को सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया।
प्रार्थियों की ओर से वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार और अधिवक्ता अपराजिता भारद्वाज ने अदालत को बताया कि लंबे समय से जेटेट परीक्षा नहीं होने से शिक्षक नियुक्ति में भाग लेने वाले अभ्यर्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस पर अदालत ने सरकार से जानकारी मांगी कि परीक्षा के लिए प्रक्रिया कब शुरू होगी और इतने लंबे समय से इसे क्यों लंबित रखा गया है?
शिक्षा सचिव को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर इन बिंदुओं पर स्थिति स्पष्ट करने को कहा गया है। झारखंड अलग राज्य बनने के 25 वर्षों में अब तक यह परीक्षा केवल दो बार आयोजित हुई है। पहली बार 2013 में 68 हजार और दूसरी बार 2016 में 53 हजार अभ्यर्थियों ने परीक्षा पास की थी। वर्ष 2024 में जेटेट परीक्षा के लिए विज्ञापन जारी किया गया था। जुलाई-अगस्त में इसके लिए आवेदन शुरू हुए थे और लगभग 3.65 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। हालांकि, जून 2025 में नियमावली में संशोधन का हवाला देकर यह विज्ञापन रद्द कर दिया गया।
राज्य शिक्षा विभाग द्वारा गठित कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर यह कदम उठाया गया। कहा गया कि नई नियमावली बनने के बाद राज्य सरकार के निर्देशानुसार परीक्षा की प्रक्रिया शुरू होगी। अभ्यर्थियों का कहना है कि नियमावली के नाम पर लंबे समय तक परीक्षा नहीं होने के कारण शिक्षक बनने की उम्र निकल गई है।
–आईएएनएस
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