हजारीबाग, 11 जून (आईएएनएस)। झारखंड के हजारीबाग स्थित शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में स्थानीय भाजपा विधायक प्रदीप प्रसाद की ओर से मरीजों की मदद के लिए स्थापित ‘संजीवनी कुटीर’ नामक कार्यालय को बुधवार को प्रशासन ने क्रेन के जरिए बलपूर्वक हटा दिया।
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने इस ‘कुटीर’ को अस्पताल परिसर में अराजकता और नशेड़ियों का अड्डा करार देते हुए हटाने का आदेश दिया था। इस कार्रवाई को लेकर राज्य में आरोप-प्रत्यारोप की सियासत गर्म हो गई है। मंत्री ने जहां इसे उचित कानूनी कार्रवाई बताया है, वहीं भाजपा विधायक प्रदीप प्रसाद ने इसे मरीजों और उनके परिजनों के हितों पर हमला करार दिया है।
हजारीबाग सदर क्षेत्र के भाजपा विधायक प्रदीप प्रसाद ने मेडिकल कॉलेज अस्पताल के परिसर में ‘संजीवनी कुटीर’ नामक यह सहायता केंद्र 4 जनवरी को शुरू किया था। 24 घंटे कार्य करने वाले इस स्वास्थ्य केंद्र में स्वैच्छिक आधार पर कई युवा सेवा दे रहे थे।
विधायक का कहना है कि इस केंद्र पर तैनात स्वयंसेवक अस्पताल में आने वाले मरीजों और उनके परिजनों की सहायता करते थे। ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले मरीजों और उनके तीमारदारों को कई बार पता नहीं होता था कि उन्हें किस विभाग में और किस काउंटर पर जाना है। ऐसे में कागजी प्रक्रियाएं पूरी कराने से लेकर अस्पताल में कार्यरत विभिन्न विभागों में मरीजों का इलाज करवाने में स्वयंसेवक हमेशा खड़े रहते थे।
विधायक का दावा है कि पिछले छह महीने में इस केंद्र से करीब 6,000 से अधिक जरूरतमंदों को इलाज में मदद पहुंचाई गई थी, लेकिन मंत्री ने राजनीतिक दुर्भावना से ग्रस्त होकर इसे हटवा दिया है। दूसरी तरफ राज्य के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने इसे सरकारी अस्पताल में अतिक्रमण बताते हुए कहा था कि ‘संजीवनी कुटीर’ के नाम पर भाजपा विधायक राजनीति कर रहे हैं।
उन्होंने मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए कहा था कि इस कुटीर में भाजपा विधायक और सांसद ने अपनी बड़ी-बड़ी तस्वीरें लगा रखी हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी कहा कि उन्हें कई शिकायत मिली थीं कि रात में यहां अवांछित तत्वों और नशेड़ियों का अड्डा लगता है। ये लोग मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के कामकाज में बाधा पैदा कर रहे हैं। इसी कारण इसे हटाने का आदेश दिया।
–आईएएनएस
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