रांची, 26 दिसंबर (आईएएनएस)। ओडिशा के राज्यपाल पद से इस्तीफा देने के बाद रघुवर दास गुरुवार को गृह राज्य झारखंड लौट आए। वह शुक्रवार को रांची में प्रदेश भाजपा कार्यालय जाकर एक बार फिर से पार्टी की सदस्यता लेंगे और राजनीति में सक्रिय होंगे। उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि राजनीति में उनकी आगे की भूमिका क्या होगी, यह भारतीय जनता पार्टी तय करेगी। वह कार्यकर्ता के रूप में खुद को धन्य समझते हैं।
रघुवर दास ने कहा कि जब उन्होंने 1980 में भाजपा की सदस्यता ली थी, तब भी उन्होंने पार्टी के सामने अपनी कोई अपेक्षा नहीं रखी थी और आज भी वह खुद को साधारण कार्यकर्ता ही मानते हैं।
उन्होंने कहा कि मुझ जैसे साधारण कार्यकर्ता को पार्टी ने बहुत कुछ दिया। यह सिर्फ भारतीय जनता पार्टी में ही संभव है। ओडिशा के राज्यपाल के तौर पर उन्होंने अपने 14 महीने के कार्यकाल का उल्लेख करते हुए कहा कि भगवान जगन्नाथ के आशीर्वाद से उन्हें ओडिशा की धरती और वहां के लोगों की सेवा करने का अवसर मिला और अब उन्हीं की इच्छा से मैं अपनी जन्मभूमि और कर्मभूमि पर लौट आया हूं।
दास ने कहा, “मैंने ओडिशा के राजभवन को जनता के लिए सर्वसुलभ बनाने की कोशिश की। राजभवन 24 घंटे जनता के लिए खुला रहा। मैं जनता का गवर्नर रहा। यही कारण है कि मुझे ओडिशा की जनता से मान-सम्मान मिला।”
खुद को मूल रूप से संगठन का आदमी बताते हुए रघुवर दास ने कहा, “बीच के काल में पार्टी नेतृत्व ने मुझे संवैधानिक पद पर जिम्मेवारी दी। मेरी अंतिम इच्छा है कि जब भी मैं परमात्मा के पास जाऊं, भाजपा का झंडा ओढ़कर जाऊं। मुझ जैसे छोटे कार्यकर्ता को पार्टी ने बड़ी जिम्मेवारी दी है। भाजपा ही एकमात्र ऐसी पार्टी है, जहां एक छोटा सा कार्यकर्ता शिखर तक जा सकता है।”
उन्होंने कहा, “भाजपा का हर कार्यकर्ता पार्टी का जनाधार जन-जन तक बढ़ाने और वंचित-शोषित और आदिवासी दलित के चेहरों पर मुस्कान लाने के लिए काम करता है। छोटी सी जिंदगी में मैंने बहुत कामयाबी पाई है। मेरी छोटी सी जिंदगी जनता और कार्यकर्ता के बीच और सुनहरी हो, यही कामना है। कार्यकर्ता का पद ऐसा है, जो छीन नहीं सकता। पार्टी मुझे जो भी जिम्मेवारी देगी, उसका निर्वहन करूंगा।”
इसके पहले रांची पहुंचने पर रघुवर दास का उनके समर्थकों ने जोरदार स्वागत किया।
–आईएएनएस
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