रांची, 27 फरवरी (आईएएनएस)। झारखंड विधानसभा का बजट सत्र सोमवार से शुरू हो गया। सत्र राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन के अभिभाषण से शुरू हुआ। उन्होंने सरकार की उपलब्धियां गिनायीं और कहा कि राज्य सरकार ने लोक और तंत्र की परस्पर सहभागिता से सरकार के संचालन का विशिष्ट उदाहरण पेश किया है।
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की सार्थकता जनता का, जनता के लिए और जनता के द्वारा शासन में निहित है और हमारी सरकार ने इसे सही मायने में चरितार्थ करके दिखाया है। नीति-निर्माण से लेकर निर्णय लेने तक और निर्णयों के क्रियान्वयन से लेकर सरकारी योजनाओं की मॉनिटरिंग तक हर क्षेत्र में जनता की भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता गरीबों, वंचितों, शोषितों, आदिवासियों, दलितों, पिछड़े, अल्पसंख्यकों, बुजुर्गों, युवाओं, महिलाओं, मजदूरों और किसान का सर्वांगीण विकास है। झारखंड की अस्मिता, संस्कृति, भाषा और सभ्यता को बढ़ावा देते हुए विकास के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।
राज्यपाल ने कहा कि राज्य सरकार के दूरदर्शी और सशक्त निर्णयों की वजह से कोरोना की तीसरी लहर कहर नहीं बन पाई। सरकार ने जहां कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण के सभी संभव उपाय किये वहीं अर्थव्यवस्था को भी पटरी से नहीं उतरने दिया। सरकार ने जितना काम कोविड रोकथाम, कोविड अनुकूल व्यवहार और अस्पताल प्रबंधन के लिए किया उतना ही काम गरीबों की रोजी-रोटी, बच्चों की शिक्षा, युवाओं के रोजगार, विकास के काम और जन कल्याण की योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए भी किया।
कोरोना महामारी के काल मे जहां वर्ष 2020-21 में देश का आर्थिक विकास दर ऋणात्मक (-6.6) रहा वहीं झारखंड के विकास दर ऋणात्मक (-5.5) प्रतिशत रहा। वर्ष 2021-22 में आर्थिक विकास दर 8.2 प्रतिशत रहा है। कोरोना महामारी के काल मे झारखंड में प्रति व्यक्ति आय वर्ष 2020-21 में 70,071 रुपये थी जो 2021-22 में बढ़कर 78,660 रुपये हो गयी। यह आंकड़े इस बात के द्योतक हैं कि झारखंड विषम परिस्थितियों में भी अपने संकल्पबद्ध प्रयास से सफलता के नए आयामों को स्पर्श करने की क्षमता रखता है।
राज्यपाल ने कहा कि राज्य सरकार ने किसानों के हित में झारखंड कृषि ऋण माफी योजना शुरू की। इस योजना के तहत 4.5 लाख किसानों के बीच 1727 करोड़ रुपये का लोन माफ किया है। 22 जिले के 226 प्रखंडों को सूखाग्रस्त घोषित कर राहत कार्य शुरू किया गया है। मुख्यमंत्री सुखाड़ राहत योजना के अंतर्गत प्रति परिवार 3500 रुपये की दर से 13 लाख से अधिक किसानों को 461 करोड़ रुपये की राशि हस्तांतरित की है। किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से 6.30 लाख किसानों के बीच 3300 करोड़ रुपये ऋण वितरित किया गया है।
–आईएएनएस
एसएनसी/एसकेपी
रांची, 27 फरवरी (आईएएनएस)। झारखंड विधानसभा का बजट सत्र सोमवार से शुरू हो गया। सत्र राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन के अभिभाषण से शुरू हुआ। उन्होंने सरकार की उपलब्धियां गिनायीं और कहा कि राज्य सरकार ने लोक और तंत्र की परस्पर सहभागिता से सरकार के संचालन का विशिष्ट उदाहरण पेश किया है।
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की सार्थकता जनता का, जनता के लिए और जनता के द्वारा शासन में निहित है और हमारी सरकार ने इसे सही मायने में चरितार्थ करके दिखाया है। नीति-निर्माण से लेकर निर्णय लेने तक और निर्णयों के क्रियान्वयन से लेकर सरकारी योजनाओं की मॉनिटरिंग तक हर क्षेत्र में जनता की भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता गरीबों, वंचितों, शोषितों, आदिवासियों, दलितों, पिछड़े, अल्पसंख्यकों, बुजुर्गों, युवाओं, महिलाओं, मजदूरों और किसान का सर्वांगीण विकास है। झारखंड की अस्मिता, संस्कृति, भाषा और सभ्यता को बढ़ावा देते हुए विकास के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।
राज्यपाल ने कहा कि राज्य सरकार के दूरदर्शी और सशक्त निर्णयों की वजह से कोरोना की तीसरी लहर कहर नहीं बन पाई। सरकार ने जहां कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण के सभी संभव उपाय किये वहीं अर्थव्यवस्था को भी पटरी से नहीं उतरने दिया। सरकार ने जितना काम कोविड रोकथाम, कोविड अनुकूल व्यवहार और अस्पताल प्रबंधन के लिए किया उतना ही काम गरीबों की रोजी-रोटी, बच्चों की शिक्षा, युवाओं के रोजगार, विकास के काम और जन कल्याण की योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए भी किया।
कोरोना महामारी के काल मे जहां वर्ष 2020-21 में देश का आर्थिक विकास दर ऋणात्मक (-6.6) रहा वहीं झारखंड के विकास दर ऋणात्मक (-5.5) प्रतिशत रहा। वर्ष 2021-22 में आर्थिक विकास दर 8.2 प्रतिशत रहा है। कोरोना महामारी के काल मे झारखंड में प्रति व्यक्ति आय वर्ष 2020-21 में 70,071 रुपये थी जो 2021-22 में बढ़कर 78,660 रुपये हो गयी। यह आंकड़े इस बात के द्योतक हैं कि झारखंड विषम परिस्थितियों में भी अपने संकल्पबद्ध प्रयास से सफलता के नए आयामों को स्पर्श करने की क्षमता रखता है।
राज्यपाल ने कहा कि राज्य सरकार ने किसानों के हित में झारखंड कृषि ऋण माफी योजना शुरू की। इस योजना के तहत 4.5 लाख किसानों के बीच 1727 करोड़ रुपये का लोन माफ किया है। 22 जिले के 226 प्रखंडों को सूखाग्रस्त घोषित कर राहत कार्य शुरू किया गया है। मुख्यमंत्री सुखाड़ राहत योजना के अंतर्गत प्रति परिवार 3500 रुपये की दर से 13 लाख से अधिक किसानों को 461 करोड़ रुपये की राशि हस्तांतरित की है। किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से 6.30 लाख किसानों के बीच 3300 करोड़ रुपये ऋण वितरित किया गया है।
–आईएएनएस
एसएनसी/एसकेपी