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झारखंड सरकार की नियोजन नीति पर दूसरे दिन भी विधानसभा में भाजपा का हंगामा

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March 14, 2023
in राष्ट्रीय
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झारखंड सरकार की नियोजन नीति पर दूसरे दिन भी विधानसभा में भाजपा का हंगामा
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रांची, 14 मार्च (आईएएनएस)। झारखंड सरकार की ओर से हाल में घोषित नियोजन नीति (रिक्रूटमेंट पॉलिसी) के विरोध में विधानसभा के अंदर और बाहर भाजपा के विधायकों का हंगामा मंगलवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। विधायकों के हंगामे के कारण सदन में प्रश्न काल नहीं चल सका। वे सदन का कार्य स्थगित कर इस मसले पर चर्चा कराने और मुख्यमंत्री से जवाब की मांग कर रहे थे।

मंगलवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने के पहले भाजपा विधायकों ने सदन के मुख्य द्वार पर 60-40 नाय चलतौ लिखा टी शर्ट पहनकर विधानसभा मुख्य द्वार पर प्रदर्शन किया और नारेबाजी की।

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भाजपा विधायकों ने कहा कि सरकार ने 60-40 के अनुपात वाली जो रिक्रूटमेंट पॉलिसी लाई है, उससे प्रदेश में तृतीय और चतुर्थ वर्ग की नौकरियों पर राज्य के बाहर के लोगों का दखल बढ़ जाएगा।

भाजपा विधायक मनीष जयसवाल ने कहा कि सरकार के पास न तो रोजगार देने की नीति है और ना ही नीयत। उन्होंने कहा कि सरकार पिछले दरवाजे से नियोजन नीति ला रही है। जब सत्र चल रहा है तो इस नीति को पहले सदन में लाना चाहिए था।

बाद में जब विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो भाजपा के विधायक वेल में आ गए। उन्होंने सदन में नारेबाजी की, मेज थपथपाया और तालियां बजाकर भी विरोध किया। स्पीकर बार बार आग्रह करते रहे कि प्रश्नकाल चलने दिया जाए, लेकिन भाजपा के विधायक उनकी बातों को अनसुनी कर हंगामा करते रहे।

स्पीकर ने कहा- रोज-रोज आपका हंगामा नहीं चलेगा। रोज प्रश्नकाल बाधित करना ठीक नहीं है। बार-बार की अपील के बाद भी जब हंगामा नहीं थमा तो स्पीकर ने 11.30 बजे सदन की कार्यवाही 12.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

12.30 बजे जब दोबारा सदन शुरू हुआ तो भाजपा के विधायकों ने सदन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन हाजिर हों का नारा लगाया।

हंगामे के बीच सदन में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लिया जा रहा था।

इसी बीच स्पीकर ने सदन को व्यवस्थित करने के लिए भाजपा विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा को बात रखने को कहा। नीलकंठ ने कहा कि सदन में दो तीन दिनों से व्यवधान हो रहा है। विपक्ष की भावना का आदर करते हुए सदन चले। विपक्ष ने एकमात्र विषय को सदन में रखा है। राज्य के शिक्षित बेरोजगार प्रताड़ित हो रहे हैं। सदन में सरकार बताए कि 1932 के खतियान पर आधारित नियोजन नीति का क्या हुआ। 2016 से पहले की जो नियोजन नीति सरकार लागू करने जा रही है वह क्या है? जो मामले विपक्ष उठा रहा है उसपर मुख्यमंत्री का जवाब दिलाया जाए।

–आईएएनएस

एसएनसी/एसकेपी

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रांची, 14 मार्च (आईएएनएस)। झारखंड सरकार की ओर से हाल में घोषित नियोजन नीति (रिक्रूटमेंट पॉलिसी) के विरोध में विधानसभा के अंदर और बाहर भाजपा के विधायकों का हंगामा मंगलवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। विधायकों के हंगामे के कारण सदन में प्रश्न काल नहीं चल सका। वे सदन का कार्य स्थगित कर इस मसले पर चर्चा कराने और मुख्यमंत्री से जवाब की मांग कर रहे थे।

मंगलवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने के पहले भाजपा विधायकों ने सदन के मुख्य द्वार पर 60-40 नाय चलतौ लिखा टी शर्ट पहनकर विधानसभा मुख्य द्वार पर प्रदर्शन किया और नारेबाजी की।

भाजपा विधायकों ने कहा कि सरकार ने 60-40 के अनुपात वाली जो रिक्रूटमेंट पॉलिसी लाई है, उससे प्रदेश में तृतीय और चतुर्थ वर्ग की नौकरियों पर राज्य के बाहर के लोगों का दखल बढ़ जाएगा।

भाजपा विधायक मनीष जयसवाल ने कहा कि सरकार के पास न तो रोजगार देने की नीति है और ना ही नीयत। उन्होंने कहा कि सरकार पिछले दरवाजे से नियोजन नीति ला रही है। जब सत्र चल रहा है तो इस नीति को पहले सदन में लाना चाहिए था।

बाद में जब विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो भाजपा के विधायक वेल में आ गए। उन्होंने सदन में नारेबाजी की, मेज थपथपाया और तालियां बजाकर भी विरोध किया। स्पीकर बार बार आग्रह करते रहे कि प्रश्नकाल चलने दिया जाए, लेकिन भाजपा के विधायक उनकी बातों को अनसुनी कर हंगामा करते रहे।

स्पीकर ने कहा- रोज-रोज आपका हंगामा नहीं चलेगा। रोज प्रश्नकाल बाधित करना ठीक नहीं है। बार-बार की अपील के बाद भी जब हंगामा नहीं थमा तो स्पीकर ने 11.30 बजे सदन की कार्यवाही 12.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

12.30 बजे जब दोबारा सदन शुरू हुआ तो भाजपा के विधायकों ने सदन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन हाजिर हों का नारा लगाया।

हंगामे के बीच सदन में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लिया जा रहा था।

इसी बीच स्पीकर ने सदन को व्यवस्थित करने के लिए भाजपा विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा को बात रखने को कहा। नीलकंठ ने कहा कि सदन में दो तीन दिनों से व्यवधान हो रहा है। विपक्ष की भावना का आदर करते हुए सदन चले। विपक्ष ने एकमात्र विषय को सदन में रखा है। राज्य के शिक्षित बेरोजगार प्रताड़ित हो रहे हैं। सदन में सरकार बताए कि 1932 के खतियान पर आधारित नियोजन नीति का क्या हुआ। 2016 से पहले की जो नियोजन नीति सरकार लागू करने जा रही है वह क्या है? जो मामले विपक्ष उठा रहा है उसपर मुख्यमंत्री का जवाब दिलाया जाए।

–आईएएनएस

एसएनसी/एसकेपी

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रांची, 14 मार्च (आईएएनएस)। झारखंड सरकार की ओर से हाल में घोषित नियोजन नीति (रिक्रूटमेंट पॉलिसी) के विरोध में विधानसभा के अंदर और बाहर भाजपा के विधायकों का हंगामा मंगलवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। विधायकों के हंगामे के कारण सदन में प्रश्न काल नहीं चल सका। वे सदन का कार्य स्थगित कर इस मसले पर चर्चा कराने और मुख्यमंत्री से जवाब की मांग कर रहे थे।

मंगलवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने के पहले भाजपा विधायकों ने सदन के मुख्य द्वार पर 60-40 नाय चलतौ लिखा टी शर्ट पहनकर विधानसभा मुख्य द्वार पर प्रदर्शन किया और नारेबाजी की।

भाजपा विधायकों ने कहा कि सरकार ने 60-40 के अनुपात वाली जो रिक्रूटमेंट पॉलिसी लाई है, उससे प्रदेश में तृतीय और चतुर्थ वर्ग की नौकरियों पर राज्य के बाहर के लोगों का दखल बढ़ जाएगा।

भाजपा विधायक मनीष जयसवाल ने कहा कि सरकार के पास न तो रोजगार देने की नीति है और ना ही नीयत। उन्होंने कहा कि सरकार पिछले दरवाजे से नियोजन नीति ला रही है। जब सत्र चल रहा है तो इस नीति को पहले सदन में लाना चाहिए था।

बाद में जब विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो भाजपा के विधायक वेल में आ गए। उन्होंने सदन में नारेबाजी की, मेज थपथपाया और तालियां बजाकर भी विरोध किया। स्पीकर बार बार आग्रह करते रहे कि प्रश्नकाल चलने दिया जाए, लेकिन भाजपा के विधायक उनकी बातों को अनसुनी कर हंगामा करते रहे।

स्पीकर ने कहा- रोज-रोज आपका हंगामा नहीं चलेगा। रोज प्रश्नकाल बाधित करना ठीक नहीं है। बार-बार की अपील के बाद भी जब हंगामा नहीं थमा तो स्पीकर ने 11.30 बजे सदन की कार्यवाही 12.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

12.30 बजे जब दोबारा सदन शुरू हुआ तो भाजपा के विधायकों ने सदन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन हाजिर हों का नारा लगाया।

हंगामे के बीच सदन में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लिया जा रहा था।

इसी बीच स्पीकर ने सदन को व्यवस्थित करने के लिए भाजपा विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा को बात रखने को कहा। नीलकंठ ने कहा कि सदन में दो तीन दिनों से व्यवधान हो रहा है। विपक्ष की भावना का आदर करते हुए सदन चले। विपक्ष ने एकमात्र विषय को सदन में रखा है। राज्य के शिक्षित बेरोजगार प्रताड़ित हो रहे हैं। सदन में सरकार बताए कि 1932 के खतियान पर आधारित नियोजन नीति का क्या हुआ। 2016 से पहले की जो नियोजन नीति सरकार लागू करने जा रही है वह क्या है? जो मामले विपक्ष उठा रहा है उसपर मुख्यमंत्री का जवाब दिलाया जाए।

–आईएएनएस

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मंगलवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने के पहले भाजपा विधायकों ने सदन के मुख्य द्वार पर 60-40 नाय चलतौ लिखा टी शर्ट पहनकर विधानसभा मुख्य द्वार पर प्रदर्शन किया और नारेबाजी की।

भाजपा विधायकों ने कहा कि सरकार ने 60-40 के अनुपात वाली जो रिक्रूटमेंट पॉलिसी लाई है, उससे प्रदेश में तृतीय और चतुर्थ वर्ग की नौकरियों पर राज्य के बाहर के लोगों का दखल बढ़ जाएगा।

भाजपा विधायक मनीष जयसवाल ने कहा कि सरकार के पास न तो रोजगार देने की नीति है और ना ही नीयत। उन्होंने कहा कि सरकार पिछले दरवाजे से नियोजन नीति ला रही है। जब सत्र चल रहा है तो इस नीति को पहले सदन में लाना चाहिए था।

बाद में जब विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो भाजपा के विधायक वेल में आ गए। उन्होंने सदन में नारेबाजी की, मेज थपथपाया और तालियां बजाकर भी विरोध किया। स्पीकर बार बार आग्रह करते रहे कि प्रश्नकाल चलने दिया जाए, लेकिन भाजपा के विधायक उनकी बातों को अनसुनी कर हंगामा करते रहे।

स्पीकर ने कहा- रोज-रोज आपका हंगामा नहीं चलेगा। रोज प्रश्नकाल बाधित करना ठीक नहीं है। बार-बार की अपील के बाद भी जब हंगामा नहीं थमा तो स्पीकर ने 11.30 बजे सदन की कार्यवाही 12.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

12.30 बजे जब दोबारा सदन शुरू हुआ तो भाजपा के विधायकों ने सदन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन हाजिर हों का नारा लगाया।

हंगामे के बीच सदन में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लिया जा रहा था।

इसी बीच स्पीकर ने सदन को व्यवस्थित करने के लिए भाजपा विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा को बात रखने को कहा। नीलकंठ ने कहा कि सदन में दो तीन दिनों से व्यवधान हो रहा है। विपक्ष की भावना का आदर करते हुए सदन चले। विपक्ष ने एकमात्र विषय को सदन में रखा है। राज्य के शिक्षित बेरोजगार प्रताड़ित हो रहे हैं। सदन में सरकार बताए कि 1932 के खतियान पर आधारित नियोजन नीति का क्या हुआ। 2016 से पहले की जो नियोजन नीति सरकार लागू करने जा रही है वह क्या है? जो मामले विपक्ष उठा रहा है उसपर मुख्यमंत्री का जवाब दिलाया जाए।

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मंगलवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने के पहले भाजपा विधायकों ने सदन के मुख्य द्वार पर 60-40 नाय चलतौ लिखा टी शर्ट पहनकर विधानसभा मुख्य द्वार पर प्रदर्शन किया और नारेबाजी की।

भाजपा विधायकों ने कहा कि सरकार ने 60-40 के अनुपात वाली जो रिक्रूटमेंट पॉलिसी लाई है, उससे प्रदेश में तृतीय और चतुर्थ वर्ग की नौकरियों पर राज्य के बाहर के लोगों का दखल बढ़ जाएगा।

भाजपा विधायक मनीष जयसवाल ने कहा कि सरकार के पास न तो रोजगार देने की नीति है और ना ही नीयत। उन्होंने कहा कि सरकार पिछले दरवाजे से नियोजन नीति ला रही है। जब सत्र चल रहा है तो इस नीति को पहले सदन में लाना चाहिए था।

बाद में जब विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो भाजपा के विधायक वेल में आ गए। उन्होंने सदन में नारेबाजी की, मेज थपथपाया और तालियां बजाकर भी विरोध किया। स्पीकर बार बार आग्रह करते रहे कि प्रश्नकाल चलने दिया जाए, लेकिन भाजपा के विधायक उनकी बातों को अनसुनी कर हंगामा करते रहे।

स्पीकर ने कहा- रोज-रोज आपका हंगामा नहीं चलेगा। रोज प्रश्नकाल बाधित करना ठीक नहीं है। बार-बार की अपील के बाद भी जब हंगामा नहीं थमा तो स्पीकर ने 11.30 बजे सदन की कार्यवाही 12.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

12.30 बजे जब दोबारा सदन शुरू हुआ तो भाजपा के विधायकों ने सदन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन हाजिर हों का नारा लगाया।

हंगामे के बीच सदन में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लिया जा रहा था।

इसी बीच स्पीकर ने सदन को व्यवस्थित करने के लिए भाजपा विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा को बात रखने को कहा। नीलकंठ ने कहा कि सदन में दो तीन दिनों से व्यवधान हो रहा है। विपक्ष की भावना का आदर करते हुए सदन चले। विपक्ष ने एकमात्र विषय को सदन में रखा है। राज्य के शिक्षित बेरोजगार प्रताड़ित हो रहे हैं। सदन में सरकार बताए कि 1932 के खतियान पर आधारित नियोजन नीति का क्या हुआ। 2016 से पहले की जो नियोजन नीति सरकार लागू करने जा रही है वह क्या है? जो मामले विपक्ष उठा रहा है उसपर मुख्यमंत्री का जवाब दिलाया जाए।

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मंगलवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने के पहले भाजपा विधायकों ने सदन के मुख्य द्वार पर 60-40 नाय चलतौ लिखा टी शर्ट पहनकर विधानसभा मुख्य द्वार पर प्रदर्शन किया और नारेबाजी की।

भाजपा विधायकों ने कहा कि सरकार ने 60-40 के अनुपात वाली जो रिक्रूटमेंट पॉलिसी लाई है, उससे प्रदेश में तृतीय और चतुर्थ वर्ग की नौकरियों पर राज्य के बाहर के लोगों का दखल बढ़ जाएगा।

भाजपा विधायक मनीष जयसवाल ने कहा कि सरकार के पास न तो रोजगार देने की नीति है और ना ही नीयत। उन्होंने कहा कि सरकार पिछले दरवाजे से नियोजन नीति ला रही है। जब सत्र चल रहा है तो इस नीति को पहले सदन में लाना चाहिए था।

बाद में जब विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो भाजपा के विधायक वेल में आ गए। उन्होंने सदन में नारेबाजी की, मेज थपथपाया और तालियां बजाकर भी विरोध किया। स्पीकर बार बार आग्रह करते रहे कि प्रश्नकाल चलने दिया जाए, लेकिन भाजपा के विधायक उनकी बातों को अनसुनी कर हंगामा करते रहे।

स्पीकर ने कहा- रोज-रोज आपका हंगामा नहीं चलेगा। रोज प्रश्नकाल बाधित करना ठीक नहीं है। बार-बार की अपील के बाद भी जब हंगामा नहीं थमा तो स्पीकर ने 11.30 बजे सदन की कार्यवाही 12.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

12.30 बजे जब दोबारा सदन शुरू हुआ तो भाजपा के विधायकों ने सदन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन हाजिर हों का नारा लगाया।

हंगामे के बीच सदन में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लिया जा रहा था।

इसी बीच स्पीकर ने सदन को व्यवस्थित करने के लिए भाजपा विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा को बात रखने को कहा। नीलकंठ ने कहा कि सदन में दो तीन दिनों से व्यवधान हो रहा है। विपक्ष की भावना का आदर करते हुए सदन चले। विपक्ष ने एकमात्र विषय को सदन में रखा है। राज्य के शिक्षित बेरोजगार प्रताड़ित हो रहे हैं। सदन में सरकार बताए कि 1932 के खतियान पर आधारित नियोजन नीति का क्या हुआ। 2016 से पहले की जो नियोजन नीति सरकार लागू करने जा रही है वह क्या है? जो मामले विपक्ष उठा रहा है उसपर मुख्यमंत्री का जवाब दिलाया जाए।

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मंगलवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने के पहले भाजपा विधायकों ने सदन के मुख्य द्वार पर 60-40 नाय चलतौ लिखा टी शर्ट पहनकर विधानसभा मुख्य द्वार पर प्रदर्शन किया और नारेबाजी की।

भाजपा विधायकों ने कहा कि सरकार ने 60-40 के अनुपात वाली जो रिक्रूटमेंट पॉलिसी लाई है, उससे प्रदेश में तृतीय और चतुर्थ वर्ग की नौकरियों पर राज्य के बाहर के लोगों का दखल बढ़ जाएगा।

भाजपा विधायक मनीष जयसवाल ने कहा कि सरकार के पास न तो रोजगार देने की नीति है और ना ही नीयत। उन्होंने कहा कि सरकार पिछले दरवाजे से नियोजन नीति ला रही है। जब सत्र चल रहा है तो इस नीति को पहले सदन में लाना चाहिए था।

बाद में जब विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो भाजपा के विधायक वेल में आ गए। उन्होंने सदन में नारेबाजी की, मेज थपथपाया और तालियां बजाकर भी विरोध किया। स्पीकर बार बार आग्रह करते रहे कि प्रश्नकाल चलने दिया जाए, लेकिन भाजपा के विधायक उनकी बातों को अनसुनी कर हंगामा करते रहे।

स्पीकर ने कहा- रोज-रोज आपका हंगामा नहीं चलेगा। रोज प्रश्नकाल बाधित करना ठीक नहीं है। बार-बार की अपील के बाद भी जब हंगामा नहीं थमा तो स्पीकर ने 11.30 बजे सदन की कार्यवाही 12.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

12.30 बजे जब दोबारा सदन शुरू हुआ तो भाजपा के विधायकों ने सदन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन हाजिर हों का नारा लगाया।

हंगामे के बीच सदन में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लिया जा रहा था।

इसी बीच स्पीकर ने सदन को व्यवस्थित करने के लिए भाजपा विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा को बात रखने को कहा। नीलकंठ ने कहा कि सदन में दो तीन दिनों से व्यवधान हो रहा है। विपक्ष की भावना का आदर करते हुए सदन चले। विपक्ष ने एकमात्र विषय को सदन में रखा है। राज्य के शिक्षित बेरोजगार प्रताड़ित हो रहे हैं। सदन में सरकार बताए कि 1932 के खतियान पर आधारित नियोजन नीति का क्या हुआ। 2016 से पहले की जो नियोजन नीति सरकार लागू करने जा रही है वह क्या है? जो मामले विपक्ष उठा रहा है उसपर मुख्यमंत्री का जवाब दिलाया जाए।

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मंगलवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने के पहले भाजपा विधायकों ने सदन के मुख्य द्वार पर 60-40 नाय चलतौ लिखा टी शर्ट पहनकर विधानसभा मुख्य द्वार पर प्रदर्शन किया और नारेबाजी की।

भाजपा विधायकों ने कहा कि सरकार ने 60-40 के अनुपात वाली जो रिक्रूटमेंट पॉलिसी लाई है, उससे प्रदेश में तृतीय और चतुर्थ वर्ग की नौकरियों पर राज्य के बाहर के लोगों का दखल बढ़ जाएगा।

भाजपा विधायक मनीष जयसवाल ने कहा कि सरकार के पास न तो रोजगार देने की नीति है और ना ही नीयत। उन्होंने कहा कि सरकार पिछले दरवाजे से नियोजन नीति ला रही है। जब सत्र चल रहा है तो इस नीति को पहले सदन में लाना चाहिए था।

बाद में जब विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो भाजपा के विधायक वेल में आ गए। उन्होंने सदन में नारेबाजी की, मेज थपथपाया और तालियां बजाकर भी विरोध किया। स्पीकर बार बार आग्रह करते रहे कि प्रश्नकाल चलने दिया जाए, लेकिन भाजपा के विधायक उनकी बातों को अनसुनी कर हंगामा करते रहे।

स्पीकर ने कहा- रोज-रोज आपका हंगामा नहीं चलेगा। रोज प्रश्नकाल बाधित करना ठीक नहीं है। बार-बार की अपील के बाद भी जब हंगामा नहीं थमा तो स्पीकर ने 11.30 बजे सदन की कार्यवाही 12.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

12.30 बजे जब दोबारा सदन शुरू हुआ तो भाजपा के विधायकों ने सदन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन हाजिर हों का नारा लगाया।

हंगामे के बीच सदन में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लिया जा रहा था।

इसी बीच स्पीकर ने सदन को व्यवस्थित करने के लिए भाजपा विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा को बात रखने को कहा। नीलकंठ ने कहा कि सदन में दो तीन दिनों से व्यवधान हो रहा है। विपक्ष की भावना का आदर करते हुए सदन चले। विपक्ष ने एकमात्र विषय को सदन में रखा है। राज्य के शिक्षित बेरोजगार प्रताड़ित हो रहे हैं। सदन में सरकार बताए कि 1932 के खतियान पर आधारित नियोजन नीति का क्या हुआ। 2016 से पहले की जो नियोजन नीति सरकार लागू करने जा रही है वह क्या है? जो मामले विपक्ष उठा रहा है उसपर मुख्यमंत्री का जवाब दिलाया जाए।

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मंगलवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने के पहले भाजपा विधायकों ने सदन के मुख्य द्वार पर 60-40 नाय चलतौ लिखा टी शर्ट पहनकर विधानसभा मुख्य द्वार पर प्रदर्शन किया और नारेबाजी की।

भाजपा विधायकों ने कहा कि सरकार ने 60-40 के अनुपात वाली जो रिक्रूटमेंट पॉलिसी लाई है, उससे प्रदेश में तृतीय और चतुर्थ वर्ग की नौकरियों पर राज्य के बाहर के लोगों का दखल बढ़ जाएगा।

भाजपा विधायक मनीष जयसवाल ने कहा कि सरकार के पास न तो रोजगार देने की नीति है और ना ही नीयत। उन्होंने कहा कि सरकार पिछले दरवाजे से नियोजन नीति ला रही है। जब सत्र चल रहा है तो इस नीति को पहले सदन में लाना चाहिए था।

बाद में जब विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो भाजपा के विधायक वेल में आ गए। उन्होंने सदन में नारेबाजी की, मेज थपथपाया और तालियां बजाकर भी विरोध किया। स्पीकर बार बार आग्रह करते रहे कि प्रश्नकाल चलने दिया जाए, लेकिन भाजपा के विधायक उनकी बातों को अनसुनी कर हंगामा करते रहे।

स्पीकर ने कहा- रोज-रोज आपका हंगामा नहीं चलेगा। रोज प्रश्नकाल बाधित करना ठीक नहीं है। बार-बार की अपील के बाद भी जब हंगामा नहीं थमा तो स्पीकर ने 11.30 बजे सदन की कार्यवाही 12.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

12.30 बजे जब दोबारा सदन शुरू हुआ तो भाजपा के विधायकों ने सदन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन हाजिर हों का नारा लगाया।

हंगामे के बीच सदन में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लिया जा रहा था।

इसी बीच स्पीकर ने सदन को व्यवस्थित करने के लिए भाजपा विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा को बात रखने को कहा। नीलकंठ ने कहा कि सदन में दो तीन दिनों से व्यवधान हो रहा है। विपक्ष की भावना का आदर करते हुए सदन चले। विपक्ष ने एकमात्र विषय को सदन में रखा है। राज्य के शिक्षित बेरोजगार प्रताड़ित हो रहे हैं। सदन में सरकार बताए कि 1932 के खतियान पर आधारित नियोजन नीति का क्या हुआ। 2016 से पहले की जो नियोजन नीति सरकार लागू करने जा रही है वह क्या है? जो मामले विपक्ष उठा रहा है उसपर मुख्यमंत्री का जवाब दिलाया जाए।

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रांची, 14 मार्च (आईएएनएस)। झारखंड सरकार की ओर से हाल में घोषित नियोजन नीति (रिक्रूटमेंट पॉलिसी) के विरोध में विधानसभा के अंदर और बाहर भाजपा के विधायकों का हंगामा मंगलवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। विधायकों के हंगामे के कारण सदन में प्रश्न काल नहीं चल सका। वे सदन का कार्य स्थगित कर इस मसले पर चर्चा कराने और मुख्यमंत्री से जवाब की मांग कर रहे थे।

मंगलवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने के पहले भाजपा विधायकों ने सदन के मुख्य द्वार पर 60-40 नाय चलतौ लिखा टी शर्ट पहनकर विधानसभा मुख्य द्वार पर प्रदर्शन किया और नारेबाजी की।

भाजपा विधायकों ने कहा कि सरकार ने 60-40 के अनुपात वाली जो रिक्रूटमेंट पॉलिसी लाई है, उससे प्रदेश में तृतीय और चतुर्थ वर्ग की नौकरियों पर राज्य के बाहर के लोगों का दखल बढ़ जाएगा।

भाजपा विधायक मनीष जयसवाल ने कहा कि सरकार के पास न तो रोजगार देने की नीति है और ना ही नीयत। उन्होंने कहा कि सरकार पिछले दरवाजे से नियोजन नीति ला रही है। जब सत्र चल रहा है तो इस नीति को पहले सदन में लाना चाहिए था।

बाद में जब विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो भाजपा के विधायक वेल में आ गए। उन्होंने सदन में नारेबाजी की, मेज थपथपाया और तालियां बजाकर भी विरोध किया। स्पीकर बार बार आग्रह करते रहे कि प्रश्नकाल चलने दिया जाए, लेकिन भाजपा के विधायक उनकी बातों को अनसुनी कर हंगामा करते रहे।

स्पीकर ने कहा- रोज-रोज आपका हंगामा नहीं चलेगा। रोज प्रश्नकाल बाधित करना ठीक नहीं है। बार-बार की अपील के बाद भी जब हंगामा नहीं थमा तो स्पीकर ने 11.30 बजे सदन की कार्यवाही 12.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

12.30 बजे जब दोबारा सदन शुरू हुआ तो भाजपा के विधायकों ने सदन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन हाजिर हों का नारा लगाया।

हंगामे के बीच सदन में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लिया जा रहा था।

इसी बीच स्पीकर ने सदन को व्यवस्थित करने के लिए भाजपा विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा को बात रखने को कहा। नीलकंठ ने कहा कि सदन में दो तीन दिनों से व्यवधान हो रहा है। विपक्ष की भावना का आदर करते हुए सदन चले। विपक्ष ने एकमात्र विषय को सदन में रखा है। राज्य के शिक्षित बेरोजगार प्रताड़ित हो रहे हैं। सदन में सरकार बताए कि 1932 के खतियान पर आधारित नियोजन नीति का क्या हुआ। 2016 से पहले की जो नियोजन नीति सरकार लागू करने जा रही है वह क्या है? जो मामले विपक्ष उठा रहा है उसपर मुख्यमंत्री का जवाब दिलाया जाए।

–आईएएनएस

एसएनसी/एसकेपी

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रांची, 14 मार्च (आईएएनएस)। झारखंड सरकार की ओर से हाल में घोषित नियोजन नीति (रिक्रूटमेंट पॉलिसी) के विरोध में विधानसभा के अंदर और बाहर भाजपा के विधायकों का हंगामा मंगलवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। विधायकों के हंगामे के कारण सदन में प्रश्न काल नहीं चल सका। वे सदन का कार्य स्थगित कर इस मसले पर चर्चा कराने और मुख्यमंत्री से जवाब की मांग कर रहे थे।

मंगलवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने के पहले भाजपा विधायकों ने सदन के मुख्य द्वार पर 60-40 नाय चलतौ लिखा टी शर्ट पहनकर विधानसभा मुख्य द्वार पर प्रदर्शन किया और नारेबाजी की।

भाजपा विधायकों ने कहा कि सरकार ने 60-40 के अनुपात वाली जो रिक्रूटमेंट पॉलिसी लाई है, उससे प्रदेश में तृतीय और चतुर्थ वर्ग की नौकरियों पर राज्य के बाहर के लोगों का दखल बढ़ जाएगा।

भाजपा विधायक मनीष जयसवाल ने कहा कि सरकार के पास न तो रोजगार देने की नीति है और ना ही नीयत। उन्होंने कहा कि सरकार पिछले दरवाजे से नियोजन नीति ला रही है। जब सत्र चल रहा है तो इस नीति को पहले सदन में लाना चाहिए था।

बाद में जब विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो भाजपा के विधायक वेल में आ गए। उन्होंने सदन में नारेबाजी की, मेज थपथपाया और तालियां बजाकर भी विरोध किया। स्पीकर बार बार आग्रह करते रहे कि प्रश्नकाल चलने दिया जाए, लेकिन भाजपा के विधायक उनकी बातों को अनसुनी कर हंगामा करते रहे।

स्पीकर ने कहा- रोज-रोज आपका हंगामा नहीं चलेगा। रोज प्रश्नकाल बाधित करना ठीक नहीं है। बार-बार की अपील के बाद भी जब हंगामा नहीं थमा तो स्पीकर ने 11.30 बजे सदन की कार्यवाही 12.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

12.30 बजे जब दोबारा सदन शुरू हुआ तो भाजपा के विधायकों ने सदन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन हाजिर हों का नारा लगाया।

हंगामे के बीच सदन में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लिया जा रहा था।

इसी बीच स्पीकर ने सदन को व्यवस्थित करने के लिए भाजपा विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा को बात रखने को कहा। नीलकंठ ने कहा कि सदन में दो तीन दिनों से व्यवधान हो रहा है। विपक्ष की भावना का आदर करते हुए सदन चले। विपक्ष ने एकमात्र विषय को सदन में रखा है। राज्य के शिक्षित बेरोजगार प्रताड़ित हो रहे हैं। सदन में सरकार बताए कि 1932 के खतियान पर आधारित नियोजन नीति का क्या हुआ। 2016 से पहले की जो नियोजन नीति सरकार लागू करने जा रही है वह क्या है? जो मामले विपक्ष उठा रहा है उसपर मुख्यमंत्री का जवाब दिलाया जाए।

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भाजपा विधायक मनीष जयसवाल ने कहा कि सरकार के पास न तो रोजगार देने की नीति है और ना ही नीयत। उन्होंने कहा कि सरकार पिछले दरवाजे से नियोजन नीति ला रही है। जब सत्र चल रहा है तो इस नीति को पहले सदन में लाना चाहिए था।

बाद में जब विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो भाजपा के विधायक वेल में आ गए। उन्होंने सदन में नारेबाजी की, मेज थपथपाया और तालियां बजाकर भी विरोध किया। स्पीकर बार बार आग्रह करते रहे कि प्रश्नकाल चलने दिया जाए, लेकिन भाजपा के विधायक उनकी बातों को अनसुनी कर हंगामा करते रहे।

स्पीकर ने कहा- रोज-रोज आपका हंगामा नहीं चलेगा। रोज प्रश्नकाल बाधित करना ठीक नहीं है। बार-बार की अपील के बाद भी जब हंगामा नहीं थमा तो स्पीकर ने 11.30 बजे सदन की कार्यवाही 12.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

12.30 बजे जब दोबारा सदन शुरू हुआ तो भाजपा के विधायकों ने सदन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन हाजिर हों का नारा लगाया।

हंगामे के बीच सदन में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लिया जा रहा था।

इसी बीच स्पीकर ने सदन को व्यवस्थित करने के लिए भाजपा विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा को बात रखने को कहा। नीलकंठ ने कहा कि सदन में दो तीन दिनों से व्यवधान हो रहा है। विपक्ष की भावना का आदर करते हुए सदन चले। विपक्ष ने एकमात्र विषय को सदन में रखा है। राज्य के शिक्षित बेरोजगार प्रताड़ित हो रहे हैं। सदन में सरकार बताए कि 1932 के खतियान पर आधारित नियोजन नीति का क्या हुआ। 2016 से पहले की जो नियोजन नीति सरकार लागू करने जा रही है वह क्या है? जो मामले विपक्ष उठा रहा है उसपर मुख्यमंत्री का जवाब दिलाया जाए।

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रांची, 14 मार्च (आईएएनएस)। झारखंड सरकार की ओर से हाल में घोषित नियोजन नीति (रिक्रूटमेंट पॉलिसी) के विरोध में विधानसभा के अंदर और बाहर भाजपा के विधायकों का हंगामा मंगलवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। विधायकों के हंगामे के कारण सदन में प्रश्न काल नहीं चल सका। वे सदन का कार्य स्थगित कर इस मसले पर चर्चा कराने और मुख्यमंत्री से जवाब की मांग कर रहे थे।

मंगलवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने के पहले भाजपा विधायकों ने सदन के मुख्य द्वार पर 60-40 नाय चलतौ लिखा टी शर्ट पहनकर विधानसभा मुख्य द्वार पर प्रदर्शन किया और नारेबाजी की।

भाजपा विधायकों ने कहा कि सरकार ने 60-40 के अनुपात वाली जो रिक्रूटमेंट पॉलिसी लाई है, उससे प्रदेश में तृतीय और चतुर्थ वर्ग की नौकरियों पर राज्य के बाहर के लोगों का दखल बढ़ जाएगा।

भाजपा विधायक मनीष जयसवाल ने कहा कि सरकार के पास न तो रोजगार देने की नीति है और ना ही नीयत। उन्होंने कहा कि सरकार पिछले दरवाजे से नियोजन नीति ला रही है। जब सत्र चल रहा है तो इस नीति को पहले सदन में लाना चाहिए था।

बाद में जब विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो भाजपा के विधायक वेल में आ गए। उन्होंने सदन में नारेबाजी की, मेज थपथपाया और तालियां बजाकर भी विरोध किया। स्पीकर बार बार आग्रह करते रहे कि प्रश्नकाल चलने दिया जाए, लेकिन भाजपा के विधायक उनकी बातों को अनसुनी कर हंगामा करते रहे।

स्पीकर ने कहा- रोज-रोज आपका हंगामा नहीं चलेगा। रोज प्रश्नकाल बाधित करना ठीक नहीं है। बार-बार की अपील के बाद भी जब हंगामा नहीं थमा तो स्पीकर ने 11.30 बजे सदन की कार्यवाही 12.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

12.30 बजे जब दोबारा सदन शुरू हुआ तो भाजपा के विधायकों ने सदन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन हाजिर हों का नारा लगाया।

हंगामे के बीच सदन में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लिया जा रहा था।

इसी बीच स्पीकर ने सदन को व्यवस्थित करने के लिए भाजपा विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा को बात रखने को कहा। नीलकंठ ने कहा कि सदन में दो तीन दिनों से व्यवधान हो रहा है। विपक्ष की भावना का आदर करते हुए सदन चले। विपक्ष ने एकमात्र विषय को सदन में रखा है। राज्य के शिक्षित बेरोजगार प्रताड़ित हो रहे हैं। सदन में सरकार बताए कि 1932 के खतियान पर आधारित नियोजन नीति का क्या हुआ। 2016 से पहले की जो नियोजन नीति सरकार लागू करने जा रही है वह क्या है? जो मामले विपक्ष उठा रहा है उसपर मुख्यमंत्री का जवाब दिलाया जाए।

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मंगलवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने के पहले भाजपा विधायकों ने सदन के मुख्य द्वार पर 60-40 नाय चलतौ लिखा टी शर्ट पहनकर विधानसभा मुख्य द्वार पर प्रदर्शन किया और नारेबाजी की।

भाजपा विधायकों ने कहा कि सरकार ने 60-40 के अनुपात वाली जो रिक्रूटमेंट पॉलिसी लाई है, उससे प्रदेश में तृतीय और चतुर्थ वर्ग की नौकरियों पर राज्य के बाहर के लोगों का दखल बढ़ जाएगा।

भाजपा विधायक मनीष जयसवाल ने कहा कि सरकार के पास न तो रोजगार देने की नीति है और ना ही नीयत। उन्होंने कहा कि सरकार पिछले दरवाजे से नियोजन नीति ला रही है। जब सत्र चल रहा है तो इस नीति को पहले सदन में लाना चाहिए था।

बाद में जब विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो भाजपा के विधायक वेल में आ गए। उन्होंने सदन में नारेबाजी की, मेज थपथपाया और तालियां बजाकर भी विरोध किया। स्पीकर बार बार आग्रह करते रहे कि प्रश्नकाल चलने दिया जाए, लेकिन भाजपा के विधायक उनकी बातों को अनसुनी कर हंगामा करते रहे।

स्पीकर ने कहा- रोज-रोज आपका हंगामा नहीं चलेगा। रोज प्रश्नकाल बाधित करना ठीक नहीं है। बार-बार की अपील के बाद भी जब हंगामा नहीं थमा तो स्पीकर ने 11.30 बजे सदन की कार्यवाही 12.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

12.30 बजे जब दोबारा सदन शुरू हुआ तो भाजपा के विधायकों ने सदन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन हाजिर हों का नारा लगाया।

हंगामे के बीच सदन में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लिया जा रहा था।

इसी बीच स्पीकर ने सदन को व्यवस्थित करने के लिए भाजपा विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा को बात रखने को कहा। नीलकंठ ने कहा कि सदन में दो तीन दिनों से व्यवधान हो रहा है। विपक्ष की भावना का आदर करते हुए सदन चले। विपक्ष ने एकमात्र विषय को सदन में रखा है। राज्य के शिक्षित बेरोजगार प्रताड़ित हो रहे हैं। सदन में सरकार बताए कि 1932 के खतियान पर आधारित नियोजन नीति का क्या हुआ। 2016 से पहले की जो नियोजन नीति सरकार लागू करने जा रही है वह क्या है? जो मामले विपक्ष उठा रहा है उसपर मुख्यमंत्री का जवाब दिलाया जाए।

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मंगलवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने के पहले भाजपा विधायकों ने सदन के मुख्य द्वार पर 60-40 नाय चलतौ लिखा टी शर्ट पहनकर विधानसभा मुख्य द्वार पर प्रदर्शन किया और नारेबाजी की।

भाजपा विधायकों ने कहा कि सरकार ने 60-40 के अनुपात वाली जो रिक्रूटमेंट पॉलिसी लाई है, उससे प्रदेश में तृतीय और चतुर्थ वर्ग की नौकरियों पर राज्य के बाहर के लोगों का दखल बढ़ जाएगा।

भाजपा विधायक मनीष जयसवाल ने कहा कि सरकार के पास न तो रोजगार देने की नीति है और ना ही नीयत। उन्होंने कहा कि सरकार पिछले दरवाजे से नियोजन नीति ला रही है। जब सत्र चल रहा है तो इस नीति को पहले सदन में लाना चाहिए था।

बाद में जब विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो भाजपा के विधायक वेल में आ गए। उन्होंने सदन में नारेबाजी की, मेज थपथपाया और तालियां बजाकर भी विरोध किया। स्पीकर बार बार आग्रह करते रहे कि प्रश्नकाल चलने दिया जाए, लेकिन भाजपा के विधायक उनकी बातों को अनसुनी कर हंगामा करते रहे।

स्पीकर ने कहा- रोज-रोज आपका हंगामा नहीं चलेगा। रोज प्रश्नकाल बाधित करना ठीक नहीं है। बार-बार की अपील के बाद भी जब हंगामा नहीं थमा तो स्पीकर ने 11.30 बजे सदन की कार्यवाही 12.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

12.30 बजे जब दोबारा सदन शुरू हुआ तो भाजपा के विधायकों ने सदन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन हाजिर हों का नारा लगाया।

हंगामे के बीच सदन में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लिया जा रहा था।

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मंगलवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने के पहले भाजपा विधायकों ने सदन के मुख्य द्वार पर 60-40 नाय चलतौ लिखा टी शर्ट पहनकर विधानसभा मुख्य द्वार पर प्रदर्शन किया और नारेबाजी की।

भाजपा विधायकों ने कहा कि सरकार ने 60-40 के अनुपात वाली जो रिक्रूटमेंट पॉलिसी लाई है, उससे प्रदेश में तृतीय और चतुर्थ वर्ग की नौकरियों पर राज्य के बाहर के लोगों का दखल बढ़ जाएगा।

भाजपा विधायक मनीष जयसवाल ने कहा कि सरकार के पास न तो रोजगार देने की नीति है और ना ही नीयत। उन्होंने कहा कि सरकार पिछले दरवाजे से नियोजन नीति ला रही है। जब सत्र चल रहा है तो इस नीति को पहले सदन में लाना चाहिए था।

बाद में जब विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो भाजपा के विधायक वेल में आ गए। उन्होंने सदन में नारेबाजी की, मेज थपथपाया और तालियां बजाकर भी विरोध किया। स्पीकर बार बार आग्रह करते रहे कि प्रश्नकाल चलने दिया जाए, लेकिन भाजपा के विधायक उनकी बातों को अनसुनी कर हंगामा करते रहे।

स्पीकर ने कहा- रोज-रोज आपका हंगामा नहीं चलेगा। रोज प्रश्नकाल बाधित करना ठीक नहीं है। बार-बार की अपील के बाद भी जब हंगामा नहीं थमा तो स्पीकर ने 11.30 बजे सदन की कार्यवाही 12.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

12.30 बजे जब दोबारा सदन शुरू हुआ तो भाजपा के विधायकों ने सदन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन हाजिर हों का नारा लगाया।

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