रांची, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)। रांची में 23 अगस्त को भाजयुमो की ‘युवा आक्रोश रैली’ के दौरान बवाल को लेकर पुलिस की ओर से दर्ज कराए गए केस में पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, केंद्रीय राज्य मंत्री संजय सेठ, पलामू के भाजपा सांसद बीडी राम सहित 21 भाजपा नेताओं को झारखंड हाईकोर्ट से राहत मिली है।
कोर्ट ने इनके खिलाफ पुलिस की ओर से किसी भी तरह की पीड़क कार्रवाई पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने का भी निर्देश दिया है।
रांची के मोरहाबादी मैदान में भाजपा और भारतीय जनता युवा मोर्चा ने झारखंड में बेरोजगारी, सरकारी नौकरी की परीक्षाओं में धांधली, रिजल्ट में देरी, अनुबंध कर्मियों के स्थायीकरण जैसे सवालों को लेकर युवा आक्रोश रैली का आयोजन किया था। इस दौरान जमकर बवाल हुआ था।
रैली के बाद पुलिस की लगाई बैरिकेडिंग को लांघकर सीएम आवास की ओर से बढ़ने की कोशिश कर रहे प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच जमकर संघर्ष हुआ था। दोनों पक्ष से कई लोग घायल हो गए थे।
इस मामले में रांची पुलिस ने लालपुर थाने में 51 भाजपा नेताओं के खिलाफ नामजद और 12 हजार अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी।
इन सभी पर साजिश के तहत पुलिस पर हमला करने, निषेधाज्ञा भंग करने और बिना इजाजत सीएम आवास की ओर मार्च करने का आरोप लगाया गया है। इस मामले में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, झारखंड विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी सहित 18 नेताओं पर किसी तरह की कार्रवाई पर हाईकोर्ट ने पहले ही रोक लगाई थी। अब, 21 अन्य नेताओं को भी राहत मिली है।
मंगलवार को कोर्ट से जिन नेताओं को राहत मिली है, उनमें रांची के विधायक और पूर्व मंत्री सीपी सिंह, भवनाथपुर के विधायक भानु प्रताप शाही, हटिया के विधायक नवीन जायसवाल, राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश, पूर्व सांसद गीता कोड़ा, पूर्व सीएम मधु कोड़ा, विधायक रामचंद्र चंद्रवंशी, नारायण दास एवं अन्य शामिल हैं।
–आईएएनएस
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