रांची, 25 सितंबर (आईएएनएस)। झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य में शिक्षक पात्रता परीक्षा (जेटेट) का आयोजन कराए बगैर स्कूलों में सहायक आचार्यों (शिक्षकों) की नियुक्ति की प्रक्रिया पर रोक लगा दी है।
जस्टिस आनंद सेन की बेंच ने झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा के 402 अभ्यर्थियों की याचिका पर गुरुवार को सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया।
कोर्ट ने सुनवाई के दौरान उपस्थित हुए राज्य के शिक्षा सचिव को निर्देश दिया कि झारखंड एकेडमिक काउंसिल के माध्यम से मार्च 2026 तक झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा (जेटेट) आयोजित कराई जाए।
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि जब तक इस परीक्षा का परिणाम नहीं आता है, राज्य में सहायक आचार्यों के शेष पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया स्थगित रखी जाए। जिन अभ्यर्थियों की सहायक आचार्य के रूप में नियुक्ति हो चुकी है, वे इस आदेश से प्रभावित नहीं होंगे।
अदालत ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि जब तक झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा (जेटेट) नहीं होती, तब तक राज्य में शिक्षक नियुक्ति का कोई नया विज्ञापन जारी न किया जाए। कोर्ट ने पिछले नौ वर्षों से जेटेट आयोजित नहीं किए जाने पर गहरी नाराजगी जाहिर की।
प्रार्थियों की ओर से अधिवक्ता अपराजिता भारद्वाज और कुशल कुमार ने बहस की। उन्होंने अदालत को बताया कि लंबे समय से जेटेट नहीं होने से शिक्षक नियुक्ति में भाग लेने वाले अभ्यर्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वे नियुक्ति के अवसरों से वंचित हो रहे हैं।
झारखंड अलग राज्य बनने के 25 वर्षों में अब तक यह परीक्षा केवल दो बार आयोजित हुई है। पहली बार 2013 में 68 हजार और दूसरी बार 2016 में 53 हजार अभ्यर्थियों ने परीक्षा पास की थी। वर्ष 2024 में जेटेट के लिए विज्ञापन जारी किया गया था। जुलाई-अगस्त में इसके लिए आवेदन शुरू हुए थे और लगभग 3.65 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था।
हालांकि, जून 2025 में नियमावली में संशोधन का हवाला देकर विज्ञापन रद्द कर दिया गया। राज्य शिक्षा विभाग द्वारा गठित कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर यह कदम उठाया गया। कहा गया कि नई नियमावली बनने के बाद राज्य सरकार के निर्देशानुसार परीक्षा की प्रक्रिया शुरू होगी।
–आईएएनएस
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