नई दिल्ली, 24 फरवरी (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को असम के दो दिवसीय दौरे पर गुवाहाटी पहुंचे। अपने इस दौरे के दौरान पीएम मोदी ने असम में चाय उद्योग के 200 साल पूरे होने पर आयोजित एक कार्यक्रम में शिरकत किया। इस अवसर पर चाय बागानों के मजदूरों और आदिवासियों ने पारंपरिक नृत्य का प्रदर्शन किया। पीएम मोदी ने इन कलाकारों का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि आपकी प्रस्तुति में चाय बागान की महक और सुंदरता है और चाय की खूबसूरती और महक को चायवाले से बेहतर कोई नहीं समझ सकता।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि हम देश भर में आदिवासी संग्रहालय बना रहे हैं। चाय बागानों में काम करने वाले मजदूरों का वेतन बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने कदम उठाए हैं। चाय बागानों में काम करने वालों में ज्यादातर मजदूर महिलाएं हैं। पीएम मोदी ने कहा कि चाय बागानों में काम करने वाली 1.50 लाख गर्भवती महिलाओं को आर्थिक मदद मिल रही है।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि मैं असम के काजीरंगा में रुकने वाला और दुनिया को उसकी जैव विविधता के बारे में बताने वाला पहला प्रधानमंत्री हूं। हमने कुछ ही महीने पहले असमिया को शास्त्रीय भाषा का दर्जा भी दिया है। असम के लोग अपनी भाषा के इस सम्मान का इंतजार दशकों से कर रहे थे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि चाय बागानों में 100 से अधिक मॉडल चाय बागान स्कूल पहले ही खोले जा चुके हैं और अब 100 और खोले जाएंगे।
इस दौरान पीएम मोदी ने असम के पारंपरिक झूमोइर नृत्य की तारीफ करते हुए कहा कि मुझे यकीन है कि झूमोइर के इस प्रदर्शन को देखकर पूरा भारत मंत्रमुग्ध हो जाएगा। उन्होंने कहा कि असम में आज एक अद्भुत माहौल है। ऊर्जा से भरा हुआ वातावरण है। उत्साह, उल्लास और उमंग से यह पूरा स्टेडियम गूंज रहा है। झूमोइर नृत्य के आप सभी कलाकारों की तैयारी हर ओर दिख रही है। इस शानदार तैयारी में चाय बागानों की खुशबू भी है और उनकी खूबसूरती भी है।
उन्होंने कहा कि 200 साल हो गए जब असम में चाय के बागान लगाए गए थे। अंग्रेजों ने मध्य भारत से लोगों को लाकर चाय की खेती के लिए बसाया था। वे अपने साथ अपनी संस्कृति और संस्कार लेकर आए और असम के अनुसार खुद को ढाल लिया।
पीएम मोदी ने अपने असम दौरे की कुछ तस्वीरों को एक्स पर पोस्ट कर लिखा, “झुमोइर बिनंदिनी का हर पल जादू जैसा था! यह एक ऐसा अनुभव था जिसने आत्मा को छू लिया। जैसा कि हम असम चाय के 200 साल पूरे होने का जश्न मना रहे हैं, यह कार्यक्रम इतिहास, संस्कृति और भावनाओं को खूबसूरती से जोड़ता है। चाय जनजातियों की संस्कृति, उनकी आत्मा और भूमि से उनका गहरा जुड़ाव – यह सब आज जीवंत हो गया। मैं इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले सभी कलाकारों की सराहना करता हूं। मैं असम की संस्कृति और परंपराओं को नमन करता हूं!”
इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी के असम पहुंचने पर प्रदेश के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा और उनके कैबिनेट के सहयोगियों और वरिष्ठ अधिकारियों ने गोपीनाथ बोरदोलोई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उनका स्वागत किया। सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने पीएम मोदी के स्वागत की तस्वीर को शेयर करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ”असम में दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का स्वागत करना सौभाग्य और सम्मान की बात है। प्रधानमंत्री का दृष्टिकोण हमें विकसित असम के निर्माण के लिए प्रेरित करता है।”
–आईएएनएस
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