नई दिल्ली, 9 अप्रैल (आईएएनएस)। चुनाव आयोग के कार्यालय के समक्ष धरना देने के दौरान आठ अप्रैल को हिरासत में लिए गए और बाद में रिहा टीएमसी के प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार रात भर मंदिर मार्ग पुलिस स्टेशन के पास विरोध प्रदर्शन किया।
पुलिस ने कहा, “हमने उन्हें कल ही छोड़ दिया था, लेकिन वो नहीं गए।”
निर्वाचन आयोग के सामने विरोध प्रदर्शन कर रहे टीएमसी के 10 नेताओं सहित एक सांसद को पुलिस ने हिरासत में ले लिया था।
राज्यसभा सांसद डोला सेन, सागरिका घोष, साकेत गोखले, डेरेक ओ’ब्रायन, मोहम्मद नदीमुल हक, पूर्व सांसद अर्पिता घोष और शांतनु सेन को हिरासत में लिया गया था।
चुनाव अधिकारियों से मुलाकात के बाद टीएमसी का 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल निर्वाचन आयोग के सामने धरने पर बैठ गया था। इसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया था।
चुनाव अधिकारियों से मुलाकात करने से पहले डोला सेन ने दावा किया कि पश्चिम बंगाल में सभी राजनीतिक सिद्धांतों को ताक पर रखते हुए चुनाव के समय केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है।
सेन ने आरोप लगाया,”आचार संहिता लागू होने के बावजूद भी केंद्र सरकार अपने सियासी हित साधने के मकसद से पश्चिम बंगाल में ईडी, सीबीआई और एनआईए की तैनाती कर रही है। हमारे कई कार्यकर्ताओं को एनआईए ने बेवजह गिरफ्तार कर लिया है।”
–आईएएनएस
एसएचके/सीबीटी