नई दिल्ली, जून 12 (आईएएनएस)। तृणमूल कांग्रेस नेता साकेत गोखले ने केंद्र की मोदी सरकार पर कोविड वैक्सीनेशन का हवाला देते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं। टीएमसी नेता ने सोमवार को आरोप लगाया कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए वैक्सीन लगवाने वाले कई नागरिकों का डेटा लीक हो गया है। इसमें राजनीति और पत्रकारिता से जुड़ी नामीगिरामी हस्तियां शामिल हैं। इस मामले में केंद्र सरकार के रवैये पर भी टीएमसी नेता ने नाराजगी जताई है।
साकेत गोखले ने ट्वीट करते हुए लिखा कि बेहद चिंताजनक। मोदी सरकार में लोगों से जुड़े डेटा लीक हुए हैं। वैक्सीन लगवाने वाले सभी लोगों की पर्सनल जानकारियां लीक हो गई हैं। इसमें लोगों के मोबाइल, आधार और पासपोर्ट नंबर के अलावा वोटर आईडी, परिवार के लोगों की जानकारियां भी शामिल हैं।
टीएमसी नेता ने आरोप लगाया कि कई विपक्षी दलों के लोकसभा और राज्यसभा सांसदों की जानकारियां लीक हुई हैं। इसमें टीएमसी नेता डेरेक ओ ब्रायन, पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम, कांग्रेस नेता जयराम रमेश और केसी वेणुगोपाल, राज्यसभा के उप-सभापति हरिबंश नारायण सिंह, राज्यसभा सांसद सुष्मिता देव, अभिषेक मनु सिंघवी और संजय राउत जैसे नेताओं का नाम है। साकेत गोखले ने सीनियर जर्नलिस्ट्स राजदीप सरदेसाई, बरखा दत्त, धान्या राजेंद्रन, राहुल शिवशंकर की पर्सनल जानकारियां भी लीक होने के आरोप लगाए हैं।
टीएमसी नेता के मुताबिक कोविड वैक्सीन लगवाने वाले कमोबेश प्रत्येक भारतीय से जुड़ी जानकारियां लीक हुई हैं। एक तरफ मोदी सरकार दावे करती है कि मजबूत डाटा सुरक्षा को फॉलो किया जाता है, दूसरी तरफ लोगों की पसर्नल जानकारियां लीक हो गई हैं। क्यों केंद्र सरकार और गृह मंत्रालय इस मामले से अनभिज्ञ है? आखिर लोगों को डाटा लीक होने की जानकारी क्यों नहीं दी गई? मोदी सरकार ने भारतीयों की पसर्नल जानकारियों तक पहुंचने में किसे मदद दी है, जिसकी वजह से डाटा लीक हुआ है?
टीएमसी नेता ने कहा है कि ये पूरा मामला गंभीर और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है। इस गंभीर डाटा लीक के लिए केंद्रीय संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव जिम्मेदार हैं। उन्हें रेलवे के साथ ही इस मंत्रालय का कामकाज सौंपा गया है। कब तक पीएम मोदी अपने मंत्री की अक्षमता की अनदेखी करते रहेंगे?
–आईएएनएस
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